कानपुर । हरिद्वार से पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस बीते शनिवार शाम दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली के पास हुए इस हादसे में ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गई जिसके कारण लगभग 50 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 90 अन्य घायल हो गए. हादसे के कारण का अभी तक पता नहीं चल सका है. हालांकि स्थानीय लोगों की माने तो यह हादसा मानवीय चूक की वजह से हुआ है.
हादसे में जिन लोगों के घर को नुकसान पहुंचा है (स्थानीय)उन लोगो से से बातचीत के दौरान मालूम हुआ की रेल ट्रैक पर पिछले 2 दिनों से काम चल रहा था. स्थानीय लोगों को इस बात की आशंका भी है कि उत्कल एक्सप्रेस के ड्राइवर को इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी. आगे बताया कि उत्कल एक्सप्रेस से कुछ ही देर पहले 2 ट्रेनें इस ट्रैक से होकर गुजरी थी. जिसकी स्पीड काफी कम थी. उन्होंने बताया कि जब उत्कल एक्सप्रेस यहां से गुजरी तब ट्रेन की स्पीड कम नहीं हुई. हालांकि रेलवे की तरफ से अब तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है कि हादसा किस वजय से हुआ
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्रेन हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि वह खुद हालात पर नजर रखे हुए हैं और किसी तरह की चूक का पता चलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रभु ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को 3.5 लाख रुपये का मुआवजा और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये, जबकि मामूली तौर पर घायलों को 25,000 रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया.
कई ट्वीट कर प्रभु ने यह भी कहा कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य (यातायात) से कहा गया है कि वे राहत और बचाव अभियान की निगरानी करें. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों और दो खोजी कुत्तों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है. मेडिकल वैन भी घटनास्थल के लिए भेजे गए हैं. एनडीआरएफ की एक टीम में 45 जवान होते हैं.
मुजफ्फरनगर के अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है. इस कंट्रोल रूम के फोन नंबर हैं – 0131-2436918, 0131-2436103 और 0131-2436564. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि रेल मंत्रालय एवं राज्य सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद मुहैया कराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय की ओर से हालात की करीबी तौर पर निगरानी की जा रही है.
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