कानपुर । तदर्थ प्रधानाचार्य को नियमित किया जाए तथा प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति द्वारा ही भरा जाए व अल्पसंख्यक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य को प्रधानाचार्य का वेतन दिया जाए। उक्त उदगार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री हरिशचंद्र दीक्षित ने एक विज्ञप्ति में दी है। विज्ञप्ति में बताया गया कि वरिष्ठ प्रवक्ता एवं वरिष्ठतम सहायक अध्यापक वर्षों से तदर्थ रूप से प्रधानाचार्य के पद का दायित्व संभाल रहे हैं। तथा अधिनियमित व्यवस्था के अनुसार प्रधानाचार्य का वेतन भी प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश शासन ने प्रधानाचार्य का पद तदर्थ आधार पर भरे जाने का निर्णय लेकर एक अच्छी शुरुआत तो की है परंतु तदर्थ पदोन्नति को मौलिक रूप से किए जाने का प्रावधान न करना अपमानजनक है। उत्तर प्रदेश शासन ने तदर्थ प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापकों को विनियमित करने की कार्यवाही के प्रारंभिक सोपान में जनपदों से तदर्थ प्रधानाचार्यो की सूची पूरे विवरण के साथ संकलित की जिसका निस्तारण अतिशीघ्र कराने की आवश्यकता है। पत्रावली शासन के न्याय विभाग में लंबित है। अल्पसंख्यक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्यो को प्रधानाचार्य वेतन क्रम दिया जाए उक्त के संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ आगामी 15 जून 2020 को माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय उपमुख्यमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित करेगा तथा तदर्थ प्रधानाचार्य अपने अपने स्तर से भी ज्ञापन प्रेषित करेंगे।
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