कानपुर । हज़रत सय्यद मखदूम अशरफ सिमनानी 1313 ई.सिमनान में पैदा हुए आप ने कुरान करीम अपने हाथों से लिखा और उसका तर्जुमा फारसी में किया आप उर्दू के पहले अदीब हैं उर्दू नसर की पहली किताब “इखलाको तसव्वुफ़” आप ही ने लिखी आप ने 31 किताबें लिखी दस साल तक आप सिमनान के बादशाह रहे आप के दौर में पूरे सिम्नान में इन्साफ होता था । आप ने लोगों की इस्लाह के लिए तख़्त व् ताज को ठोकर मार कर हिन्दुस्तान चले आये और यहाँ के लोगों को पूरी ज़िन्दगी इंसानियत,मानवता,भाईचारे का पाठ पढ़ाया 1429ई.किछौछा में इन्तिकाल हुआ वहीँ आप का मज़ार हिन्दू,मुस्लिम,सिख, इसाई सभी की आस्था का केंद्र है इन विचारों को कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी ने मदरसा जामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना के संजीदा हाल में सरकारी निर्देशों के अनुसार आल इंडिया ग़रीब नवाज़ कौन्सिल के तत्वाधान में आयोजित जश्ने मखदूम अशरफ़ में व्यक्त किये । इस से पूर्व प्रोग्राम का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से हाफिज मिन्हाजुद्दीन क़ादरी शहरी जनरल सेक्रेटरी ने किया युसूफ रज़ा ने नात पढ़ी संचालन हाफिज नियाज़ ने किया सलातो सलाम और करोना से निजात और मुल्क की तरक्की व खुशहाली की दुआओं के साथ जलसा ख़त्म हुआ तबर्रुक बांटा गया इस अवसर पर प्रमुख रूप से मो.शफीक़,मो.हनीफ,हाजी मो.सुलेमान,हाजी अब्दुल हमीद,मौलाना आज़ाद अशरफ़ी,मो.कासिम अशरफी,सुब्बा अली,मौलाना अफज़ल हुसैन,हाफिज हशमतुल्लाह आदि उपस्थित रहे ।
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