कानपुर । कोरोना काल में कमरतोड़ महंगाई और टमाटर, आलू,प्याज़,हरी सब्जी,दाल आदि जैसी सब्ज़ियों व खाद्य सामग्री की आसमान छूती कीमतों ने आम जनमानस विशेषकर छोटे व्यापारियों को रोने को मजबूर कर दिया है और सरकार प्रभावी कदम नहीं उठा रही । जिसके विरोध में आज सपा व्यापार सभा के सदस्यों ने सभी सब्ज़ियों व दालों की बढ़ती कीमतों से परेशान होकर फूलबाग सब्ज़ी मंडी में टमाटर, प्याज़,आलू देवता को फूल,नरियल, रोली चढ़ाकर आरती उतारी और महंगाई से राहत देने की प्रार्थना कर सरकार की संवेदनहीनता को उजागर किया । इस मौके पर सपा व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि सरकार ने थाली बजवा कर थाली से अब निवाला तक छीन लिया है।सरकार हर मुद्दे की तरह इस मुद्दे पर भी गंभीर नहीं है । आलू 40 रुपये,टमाटर 80 रुपये,शिमलामिर्च 100 रुपये, तरोई भिंडी 40 रुपये,प्याज़ 30 रुपये बिक रहा है जिसकी वजह से आम आदमी की थाली खाली होने लगी है । दाल की कीमत 100 से ज़्यादा हो गई है । मोदी योगी राज में बिजली,पेट्रोल,डीज़ल की कीमतों ने अब तक मारा,नोटबंदी, जीएसटी,एफडीआई,ऑनलाइन व्यापार ने मारा पर हम सब व्यापारी टमाटर,आलू,प्याज़,शिमला मिर्च,दाल देवता समेत सभी सब्ज़ी देवताओं से अपील करते हैं की हे सब्ज़ी देवता आप मत मारो कम से कम घर में हम सब व्यापारी और दुकानदार अपने परिवार और अपना पेट तो भर पाएं । कोरोना महामारी के बाद मंदी में कमाई न के बराबर और अगर सब्ज़ी दाल देवता भी रूठ गए तो निवाला नहीं जाएगा।आसमान छूते सब्ज़ियों के दामों से आम जनता की थैली और थाली दोनों पर मार पड़ी है । भाजपा सरकार की ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ योजना की नाकामी साफ़ दिख रही है । सपा नेता संजय बिस्वारी ने कहा की बेलगाम दामों ने सस्ती थाली का अर्थशास्त्रीय-जुमला समझाने वालों की थोथी समझ की पोल खोल दी है । महंगाई ने ‘थालीनॉमिक्स’ की थाली में ही छेद कर दिया है । व्यापारी नेता जितेंद्र जायसवाल ने भाजपा सरकार से योजनाबद्ध तरीके से सब्ज़ियों के दामों को नियंत्रित करने की मांग की। योगी सरकार को केंद्र सरकार से सब्ज़ियां सब्सिडी पे लेकर जनता में बिकवाना चाहिए और ऐसे में कोइ मुनाफ़ाख़ोरी न हो इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए ।सभी ने आरती गाकर प्याज़ देवता से प्रसन्न होने की प्रार्थना की और साथ में घण्टी भी बजाई।अभिमन्यु गुप्ता,संजय बिस्वारी ,जितेन्द्र जायसवाल,शेषनाथ यादव,शेषनाथ यादव, आज़ाद खान,अविनाश गुप्ता,रचित पाठक आदि थे।
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