उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) कानपुर में बेहद तेज़ रफ़्तार के साथ मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण को अंजाम दे रहा है। आईआईटी से मोतीझील के बीच बन रहे 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए यूपी मेट्रो के इंजीनियरों की टीम दिन-रात प्रयासरत है। यूपी मेट्रो की टीम ने असाधारण कार्य-कुशलता का परिचय देते हुए लगभग ढाई महीने (79 दिन) के समय में 106 डबल टी-गर्डर्स का परिनिर्माण (इरेक्शन) पूरा कर लिया है। बता दें कि यूपी मेट्रो द्वारा कानपुर में उपरिगामी मेट्रो स्टेशनों का कॉनकोर्स (पहला तल) तैयार करने के लिए डबल टी-गर्डर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि भारत में पहली बार है। कानपुर मेट्रो परियोजना के प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत 25 जुलाई, 2020 की रात को आईआईटी मेट्रो स्टेशन से डबल टी-गर्डर्स के परिनिर्माण की शुरुआत हुई थी।
आईआईटी मेट्रो स्टेशन के सभी 50 डबल टी-गर्डर्स का इरेक्शन पूरा हो चुका है और हाल में, कल्याणपुर और एसपीएम मेट्रो स्टेशनों पर रोज़ रात में डबल टी-गर्डर्स का इरेक्शन किया जा रहा है। कल्याणपुर मेट्रो स्टेशन पर 36 और एसपीएम मेट्रो स्टेशन पर 20 डबल टी-गर्डर्स रखे जा चुके हैं, जबकि इन दोनों ही स्टेशनों के कॉनकोर्स का आधार तैयार करने के लिए 52-52 डबल टी-गर्डर्स रखे जाने हैं।
मेट्रो इंजीनियरों के बेजोड़ समय-प्रबंधन से मिल रही है निर्माण को रफ़्तार
कल्याणपुर मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स के लिए आधे डबल टी-गर्डर्स के इरेक्शन के बाद यूपी मेट्रो के इंजीनियरों ने एसपीएम मेट्रो स्टेशन पर डबल टी-गर्डर्स का इरेक्शन शुरू कर दिया। मेट्रो इंजीनियरों ने ऐसा एक ख़ास रणनीति के तहत किया। समय के अधिकतम इस्तेमाल के पहलू को ध्यान में रखते हुए, मेट्रो इंजीनियरों की यह कोशिश रहती है कि सिविल निर्माण के अंतर्गत विभिन्न कामों के लिए निर्धारित कॉन्ट्रैक्टर की अलग-अलग टीमें लगातार काम पर रहें और किसी स्थान विशेष पर काम की वजह से कॉन्ट्रैक्टर के किसी एक दल को खाली न बैठना पड़े ।
डबल टी-गर्डर्स के परिनिर्माण का शतक पूरा होने पर यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री कुमार केशव ने मेट्रो इंजीनियरों की रणनीति की प्रशंसा करते हुए कहा, “उपलब्ध समय का भरपूर इस्तेमाल हमारी रणनीति का सबसे अहम हिस्सा है और इसके बल पर ही हम कानपुर में मेट्रो परियोजना का काम समय पर पूरा करेंगे । मुझे ख़ुशी है कि पिछले काफ़ी समय से हमने अपनी लय और मेट्रो के काम की रफ़्तार को बरकरार रखा है। आईआईटी से मोतीझील के बीच तैयार हो रहे प्रयॉरिटी कॉरिडोर के काम को समय पर पूरा करना हमारी प्रतिबद्धता है और उसी के फलस्वरूप हम अपने लक्ष्य की ओर इस रफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहे हैं ।”
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