
छोटी सी बिटिया ने फैलाया कई शहरों में अपनी आवाज का जादू
लखनऊ जोकि नवाबों के रहने वालों के शहरों के नाम से जाना जाता है वही लखनऊ जैसे बड़े शहर में 13 वर्ष की आयु की बिटिया के गुणगान पूरे शहर में फैले हुए हैं उसके गले की आवाज के मधुर आवाज ने आज लखनऊ शहर ही नहीं कई शहरों में धूम मचा दी है मात्र 13 साल की आयु में *शिफत कौर* नाम की बिटिया ने धूम मचा कर रखी है उसके गले की आवाज जैसे स्वयं सरस्वती का निवास हो गया हो उसकी आवाज का गुणगान आज हर शहर में कई बड़े बड़े कार्यक्रमों में लोगों में छा गया है *शिफत कौर* की माता *गुरमीत कौर* जोकि लखनऊ शहर से प्रकाशित न्यूज़ पेपर की संपादक हैं और पिता *परमजीत सिंह* जो कि न्यूज़ पेपर के प्रधान संपादक हैं जो कि लखनऊ से प्रकाशित होता है 8 वर्ष की आयु में जब बिटिया *शिफत कौर* को गुनगुनाते और गाते सुना और उसने 8 वर्ष की आयु में अपनी स्कूल में कार्यक्रम के दौरान फर्स्ट प्राइस जीता तभी से दोनों माता पिता ने बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए पूरा सहयोग किया, *शिफत कौर* अपने स्कूल के टाइम और स्कूल के वर्क को पूरा करके अपने खेलने के समय को उसने अपने सिंगिंग करने में अपने समय को वितरित किया, *शिफत कौर* के माता पिता जी का सोचना है कि मेरी दो बेटी हैं मैं अपनी बेटियों को लड़कों से भी आगे बढ़ाना चाहता हूं जिससे कि यह संदेश पूरे भारत में जाए की बेटी बेटों से कम नहीं होती है इसलिए वीडियो के किसी भी कार्य में हुनर में आगे बढ़ने के लिए मां-बाप को किसी भी प्रकार की बच्चों में रुकावट नहीं करनी चाहिए बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए, बच्चे ने अपनी पढ़ाई में कोई रुकावट ना आए उसके लिए बच्चे ने अपने खेलने के समय को अपने हुनर में काम में लाया और अपने हुनर को बढ़ाने के लिए सिंगिंग सीखने के लिए किसी भी स्कूल का सहारा नहीं लिया, *शिफत कौर* के गुरु स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव जी थे जिन्होंने बच्चे को एक ही झलक में बच्चे की यह घोषणा कर दी थी इस बच्चे के गले में खुद सरस्वती बैठी हैं कुछ समय बच्चे के साथ रहकर उसको शिक्षा प्रदान करने के बाद उनका देहांत हो गया फिर बच्चे ने अपनी मेहनत से आगे बढ़ते बढ़ते अपने गुरु की दिशा निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ती रहे और उनके गुरु स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव के बेटे विश्वास श्रीवास्तव ने आगे की शिक्षा में जो सहयोग हो सकता है वह आज भी कर रहा है और आगे का मार्गदर्शन भी समय- पर करता रहता है जिनका *शिफत कौर* आज भी धन्यवाद करती हैं शिफत कौर ने लखनऊ ही नहीं कई शहरों में अपना नाम रोशन किया है शिफत कौर का कहना है कि मैं आगे चलकर के बहुत बड़ी गायिका बनना चाहती हूं और अपने माता-पिता का और अपने गुरु का नाम रोशन करना चाहती हूं
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