आज़म महमूद/शाह
इमाम हुसैन से मोहब्बत यानि बुराई से दूर रहना है शोहदाए कर्बला अशरा के अंतर्गत चमनगंज में मनाया गया जलसा
कानपुर : हज़रते सैयदना इमामे हुसैन इब्ने अली दिन और दीन की बुनियाद हैं। बेशक आपसे मोहब्बत अल्लाह और उसके रसूल से सच्ची मोहब्बत है। और मोहब्बते इलाही का बदला जन्नत है। आपसे असल मोहब्बत बुराइयों से दूर रहना है उक्त विचार ऑल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के तत्वाधान में शोहदाए कर्बला अशरा का पांचवें प्रोग्राम को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के शहर अध्यक्ष हजरत मौलाना मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही ने कनीज़ फातिमा अमीनुल कुरान चमनगंज में व्यक्त किये।
श्री मिस्बाही ने कहां कि कर्बला का इतिहास पूरी दुनिया को यह बात बता चुका है की हमेशा सच्चाई की जीत होती है और असत्य हमेशा परास्त होता है हजरत इमामे हुसैन ने अपने नाना हजरत मोहम्मद मुस्तफा (सल्ल) के दिन की हिफाजत के लिये जानो माल तनो धन सब कुछ कुर्बान कर दिया, परंतु नाना के दीन में मामूली बराबर भी किसी तरह का कोई बदलाव ना होने दिया। हजरत इमाम हुसैन के पुख्ता इरादे ने यजीदी सपना को चकनाचूर कर दिया। इसके किसी इरादे में कामयाब ना होने दिया। श्री मिस्बाही ने कहा मोहर्रम का महीना दुनिया-ए-इस्लाम के लिए अमन व हेतराम का महीना है। इस्लाम से पहले मोहर्रम की दसवीं तारीख (योमे आशूरा) ईद है। पैग़ंबरे इस्लाम ने यौमे आशूरा (मोहर्रम की दस तारीख) के एहतराम का हुक्म दिया है। अफसोस की बात है कि मोहर्रम का चांद निकलते ही मुसलमान इस्लामी तहजीब पर (परंपरा) से दूर होकर ढोल, ताशे गाने बाजे और ना जाने कैसी कैसी बुरी बिदअतो में लग जाते हैं। एक बार भी उसे ख्याल तक नहीं आता कि इमामे हुसैन इन बुरी चीजों गाने बजाने आदि को मिटाने और अच्छाइयां कायम रखने के लिए तन-धन कुर्बान कर दिया। इमाम हुसैन एक सच्चे पक्के अल्लहा और रसूल को राजी करने वाले बंदे में से एक थे। जिन्होंने रात रात भर जाग कर इबादत की है।आप ने 25 पैदल हज किया है। बेशक आप की ज़िंदगी दुनिया के लिए नमूना है। आप के बताए हुवे रास्ते पर चल कर इंसान जरूर कामयाब हो सकता है।
हजरत मौलाना गुलाम नबी हसन मिस्बाही ने कहा कि हजरते हुसैन की शहादत रहती दुनिया तक के लिए मिसाल है। आप का रास्ता जन्नत का रास्ता है ।आपसे मुंह मोड़ना अल्लाह और रसूल से रिश्ता तोड़ना है इससे पूर्व जलसे की शुरुआत हाफिज मो. कलीम अंसारी ने की और बारगाहे रिसालत में माजूर कानपुरी, रशीद मोहाली, जीमल अहमद, हाजी मो. साबिर ने नात शरीफ का नजराना पेश किया। जलसे में मुख्य रूप से ऑल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मो. शाह आजम बरकाती, सिराज अनवर मो. सुल्तान, मो. नसीम, मो. फहीम अल्फा, मो. फैजान, मो. हाशिम मो. शमीम, अता वारिस, मो. साहिल, मो. मुदस्सिर, हाजी रिजवान आदि लोग मौजूद रहे।
Leave a Reply