कानपुर । पुलिस महकमें में सुधार के लाख दावे किए जाए लेकिन कोई न कोई पुलिस कर्मी ख़ाकी को बार-बार दागदार कर देता है । ताज़ा मामला शहर के फीलखाना थाने का है । जहाँ चौकी इंचार्ज निशा यादव पर आरोप लगा है कि उन्होंने सपा पार्षद के साथ साठ-गांठ करके पीड़ित को डकैती में जेल भेजने की धमकी देकर जबरन दुकान पर कब्जा करवा दिया बल्कि पीड़ित हाई कोर्ट का स्टे दिखाता रहा, लेकिन पुलिस ने पीड़ित की एक भी न सुनी और अब पीड़ित इंसाफ़ के लिए पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों की परिक्रमा करता घूम रहा है । अशोक नगर स्थित कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर फीलखाना थाना क्षेत्र के मनीराम बगिया इलाके में रहने वाले राहुल जैन ने बताया कि उनके पुस्तैनी मकान संख्या 32/89 मनीराम बगिया पर विवाद चल हर है । मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और इस पूरे मकान पर हाईकोर्ट की ओर स्टे मिला है । यानि की न तो कोई सम्पति क्रय हो सकती और न ही कोई सम्पति विक्रय हो सकती है । लेकिन बीते एक जून को फीलखाना की चौकी इंचार्ज निशा यादव ने उनके मकान पर पहुंचकर जमकर अभद्रता की और विवादित दुकान जिस पर हाईकोर्ट से यथास्थिति बना रखने का निर्देश है उसपर दूसरे पक्ष आंनद वर्मा को जबरन दुकान पर कब्जा करवा दिया, पीडित पक्ष ने बताया कि जब मामला हाईकोर्ट में चल रहा है तो पुलिस उसपर कैसे हस्तक्षेप कर सकती है । इसपर चौकी इंचार्ज ने काफी गलत शब्द प्रयोग करते हुए थाना पहुंचने की धमकी दी । राहुल जैन ने बताया कि थाना पहुंचकर चौकी इंचार्ज ने धमकी देते हुए कहा कि एसीपी कोतवाली ने उसपर डकैती का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है जल्दी दुकान की चाभी लाओ नही तो जेल भेज देंगे, वहीं दूसरा पक्ष आनंद वर्मा है वह थाने के बाहर काफी संख्या में अराजकतत्वों और सपा पार्षद को बुला रखा था। पुलिस ने जबरन दुकान की चाभी लेकर आनंद वर्मा को कब्जा करवा दिया। राहुल जैन का आरोप है कि चौकी इंचार्ज निशा यादव ने न्यायालय की अवेहलना की है। स्टे के आदेश के बाद भी स्वयं को जज कहते हुए जबरन दुकान की चाभी दूसरे पक्ष को सौंप दी । वहीं इस संबंध में जब एसीपी कोतवाली को बताया गया तो उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की ।
राहुल जैन ने बताया कि पत्नी कोरोना पाजिटिव है और एक महीने से मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती है । उसके लंग्स 88 प्रतिशत डमैज है और काफी गंभीर स्थिति में है । राहुल ने पत्नी के भर्ती होने की जानकारी भी दी उसके बाद भी पुलिस उसे प्रताडित करती रही । हाईकोर्ट स्टे के आदेश ऊपर हैं अफसर, राहुल जैन ने कहा कि जब उक्त दुकान पर हाईकोर्ट ने स्टे दे रखा है तो अफसर कैसे उसे किसी को सौंप सकते हैं । हाईकोर्ट के आदेश के ऊपर हैं यह अफसर जो अपनी मनमानी कर रहे हैं । आनंद वर्मा को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने किया है डिबार राहुल जैन ने बताया कि अधिवक्ता आनंद वर्मा क्षेत्र में गलत गतिविधियां चला रहा था । जिसकी शिकायत के बाद बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने आनंद वर्मा को 5 साल के लिए डिबार घोषित कर दिया है ।
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