कानपुर । टिम्बर उद्योग व्यापार मण्डल के प्रादेशिक महामन्त्री सरदार गुरूजिंदर सिंह ने प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन मेल कर उत्तर प्रदेश के बांस,बल्ली व लकड़ी के किसानो को भी मंडी शुल्क से निजात दिलाने की माँग की । विगत ५ जून २०२० को भारत सरकार द्वारा अध्यादेश (मंडी शुल्क) जारी हुआ । जिससे देश के किसानो को अब ए एम पी एस की परिथि के बाहर मंडी शुल्क से अवमुक्त किया गया है । चूँकि अध्यादेश में कृषि उत्पादन गल्ला,तिलहन आदि को रखा गया है । बाँस,बल्ली व लकड़ी के किसानो को इससे राहत मिलेगी या नही इसमें भ्रम की स्थिति हो गयी है । टिम्बर उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश महामंत्री गुरूजिंदर सिंह ने आज संगठन के विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों से फ़ोन पर बैठक की । निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन मेल कर प्रदेश के बाँस,बल्ली व टिम्बर उपज की पैदावार करने वाले किसानो को भी मंडी शुल्क से निजात मिलनी चाहिए ।मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन मेल कर मंडी शुल्क समाप्त करने की माँग टिम्बर उद्योग व्यापार मण्डल ने की । प्रांतीय बैठक में कोषाध्यक्ष अतुल ओमर ,उपाध्यक्ष अनुरंजन त्रिपाठी,प्रवीण कुमार दीक्षित,अत्तहरूद्दीन,ज़िलाध्यक्ष हापुड़ संजीव गोयल,शौकत अली,सर्वेश गोयल,ज़िलाध्यक्ष इटावा सलाऊदीन,ज़िलाध्यक्ष हाथरस ललितेश गुप्ता,सतीश सिंह ,अवधेश कुमार गुप्ता,सहीर अली,मनोज गुप्ता,शमशुल् खान,अरविंद गुप्ता आदि प्रमुख रूप से रहे ।
समाज को किसी का नाम तय करने का हक़ नहीं – रुद्रांशी
वाड्मय पत्रिका के फ़ेसबुक लाइव पर समाज के ज़रूरी पर वंचित वर्गों पर चर्चा और भावी समाधान की दिशा में व्याख्यान माला का आयोजन किया जा रहा है । इस शृंखला में थर्ड जेण्डर समुदाय की दशा और दिशा पर व्यापक चिंतन-मनन किया जा रहा है । इसी शृंखला में आज अजमेर ,राजस्थान से रुद्रांशी भट्टाचार्य पाठकों और शोधार्थियों से रूबरू हुईं। रुद्रांशी ने इस कार्यक्रम में अपने जीवनानुभवों को विस्तार और बेबाक़ी से बताया । वह बार-बार समाज के दोमुँहेपन पर चोट करती रही साथ ही जीवन जीने का और पूरे सम्मान के साथ जीने का अधिकार सभी को है , पुरज़ोर तरीक़े से कहती रही ।
रुद्रांशी अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहती हैं कि बच्चों को यह नहीं पता होता कि कौन क्या है इसलिए पहली दूसरी कक्षा तक कुछ भी असहज नहीं लगा मगर तीसरी चौथी कक्षा तक आते-आते वे बच्चे ही मुझे चिड़ाने लगे थे। यहाँ समाज की समझ दाखिल हो जाती है जो कि शरीर को स्त्री या पुरुष के रूप में देखने की आकांक्षी रहती है । बचपन के इसी मोड़ पर उसके साथ लैंगिक उत्पीड़न की घटना भी घटती है । वह बताती हैं कि इस समाज में न तो बच्चे सुरक्षित हैं,न ही स्त्री और न ही थर्ड जेण्डर। यह समाज उन्हें मीठा, छक्का, हिजड़ा जाने क्या-क्या कहकर उनका उपहास उड़ाता है और यही कारण है कि परिवार पर भी एक सामाजिक दबाव बन जाता है जिससे वे ऐसे बच्चों को त्याग देते हैं ।
वर्तमान समाज में संविधान की मान्य अवधारणाओं को देखें तो हम पाते हैं कि शिक्षा और ससम्मान के साथ जीने का अधिकार सभी को प्राप्त है फिर आख़िर क्यों यह वर्ग शिक्षा से वंचित है ।
रुद्रांशी का काग़ज़ों में नाम रुद्रांश सिंह राठौड़ है वह चाहती है कि उसका नाम और उसकी देह दोनों ही परिवर्तित हो जाए परन्तु सर्जरी के लिए और इन प्रयासों के लिए अभी उसे एक लम्बी लड़ाई लड़नी है । रुद्रांशी एम ए अंग्रेज़ी साहित्य से पढ़ाई कर रही है और वो एक प्रोफेसर बनना चाहती है । वह अपनी लेखनी से उन आँसुओं को भी आवाज़ देती रहती हैं जिन्हें वे बचपन से अकेले बहाती आई है ।
साहसी रुद्रांशी बताती हैं कि समाज के किसी का नाम तय करने का कोई हक़ नहीं है और यदि वे यह कहते हैं कि हिजड़ा वर्ग मनमानी हरकतें करता है , भौंडे प्रदर्शन करता है तो उसका ज़िम्मेदार भी यह समाज ही है । समाज को ज़्यादा कुछ नहीं करना है बस अपनी मानसिकता बदलनी है पर अफ़सोस कि सदियों से वह यह नहीं कर पाया है ।
रूद्रांशी मानोबी बंदोपाध्याय, लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी जी जैसे प्रेरक व्यक्तित्वों को अपना आदर्श मानती है तथी साथ ही हर तरह जूझकर भी प्रोफेसर बनने का ख़्वाब रखती है । वह समर्थ बनना चाहती है ताकि इस वर्ग की बेहतरी के लिए प्रयास कर सके ।
इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत अपनी कविता “उसकी रूह जनानी थी” का भी पाठ किया । यह संवाद काफ़ी रोचक और मार्मिक रहा जिसमें यह संदेश दिया गया कि जेण्डर देह सापेक्ष नहीं वरन् सामाजिक रुग्ण मानसिकता का परिचायक है ।
इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम शोधकार्यकर्ता,आचार्य, सहायक आचार्य और गणमान्य लोग लाइव थे । इस अवसर पर डॉ फ़ीरोज़,डाॅ. शगुफ्ता,डाॅ.कामिल,डाॅ.आसिफ,मुनवर, महेन्द्र भीष्म,राकेश शंकर,डाॅ.लता,डाॅ.अफरोज,डॉ विमलेश, नियाज़ अहमद,अकरम,मनीष,दीपांकर,कामिनी,इमरान,राशिद, रिंकी,गिरिजा भारती,अनुराग,अनवर खान,केशव बाजपेयी, रोशनी आदि ने लाइव शो देखा ।
इस संवाद में अनेक शोधार्थियों,प्रवक्ताओं और लेखकों ने भी अपने विचार और प्रश्न रखे ।
आज 80 वें दिन भी जारी है हयात की रसोई
कानपुर । आज एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी ने प्रति दिन की भांति आज 80 वें दिन भी चल रहा है।
किचन के संचालक हयात ज़फर हाशमी ने बताया कि जौहर एसोसिएशन ने संकल्प लिया था कि जब तक जरूरतमंद लोग रहेगें तब तक इंसानियत का किचन खाना देता रहेगा इसी संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से आज 80 वें दिन तक बिना नागा किचन चल रहा है।
अब बहुत से लोगों का काम शुरू हो गया है काफी लोगों ने जौहर एसोसिएशन की सेवाओं को धन्यवाद देते हुए खाना बन्द कर दिया है अब आज से 220 लोगो का ही खाना तय्यार हो रहा है। जो डिप्टी पड़ाव, कोपरगंज तलव्वामंडी, जरीब चौकी, कोकाकोला चौराहा, बजरिया, बकरमंडी, कब्रिस्तान आदि क्षेत्रों में वितरण किया जाएगा ।
इस मौके पर जौहर एसोसिएशन की 2 टीमें निकली जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी, हाफिज़ मोहम्मद फैसल जाफरी, अजीज़ अहमद चिश्ती, मोहम्मद इलियास गोपी, एहतेशाम बरकाती, मोहम्मद फैसल आदि थे ।
कुलदीप यादव को अखिल भारतीय यादव महासभा का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया गया
कानपुर । अखिल भारतीय यादव महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता बने कुलदीप यादव अखिल भारतीय यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जगदेव सिंह यादव पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने कुलदीप यादव को अखिल भारतीय यादव महासभा का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है यादव कानपुर परिक्षेत्र से शिक्षक एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके हैं तथा आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री हैं तथा समाजवादी पार्टी कानपुर महानगर संगठन में प्रवक्ता पद के दायित्व का निर्वहन कर रहे है प्रदेश अध्यक्ष जगदेव यादव ने बताया कि कुलदीप यादव शिक्षा से जुड़े योग्य व्यक्ति हैं जिसके अनुरूप उनको प्रदेश प्रवक्ता के पद से नवाजा गया है उम्मीद करते हैं कि यादव समाज के उत्थान के लिए कार्य करेंगे कुलदीप यादव ने कहा कि यादव महासभा ने जो मुझे महती जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन पूरे मनोयोग से करूंगा हमसे जितना भी बन पड़ेगा यादव समाज के उत्थान के लिए कार्य करता रहूंगा यादव की नियुक्ति पर समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष अब्दुल मोइन खान वरुण मिश्रा,अरविंद यादव सुनील यादव संतोष यादव सुनील बाजपेई आशु खान अशोक त्रिपाठी संजय सिंह शशि बाजपेई चंद्रभान कटिहार रमाकांत कटिहार जगजीत कौर अजय श्रीवास्तव महेश बाबू जितेंद्र सिंह आदि तमाम लोगों ने हर्ष व्यक्त किया तथा उन्हें शुभकामनाएं दी ।
पत्रकार हफीज़ अहमद खान सम्मानित किये गये
कानपुर । एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी की अगुवाई में प्रेमनगर स्थित एसोसिएशन के कार्यालय में क़ोरोना योद्धा प्रशस्ति पत्र से पत्रकार हफीज़ अहमद खान को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी ने बताया कि कोरोना की जंग में जहां स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों का योगदान है वहीं पत्रकारिता जगत का भी अहम रोल रहा है इस महामारी में हाॅट स्पाट क्षेत्रों की समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचानें मे पत्रकार हफीज़ अहमद खान ने अपनी की परवाह किये बगैर हर छोटी बड़ी खबर को कवरेज करने का काम किया है।
आज जौहर एसोसिएशन इनको माला पहनाकर एंव प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर रही है।
इस अवसर पर हयात ज़फर हाशमी, हाफिज़ मोहम्मद फैसल जाफरी, मोहम्मद इलियास गोपी, जावेद मोहम्मद खान, मोहम्मद आमिर आदि थे
प्रशासन कम से कम 20-से 30लोगों को चर्च में आने की इजाजत दे:पादरी जितेंद्र
● पास्टर्स एसोसिएशन की एक विशेष बैठक
कानपुर । पास्टर्स एसोसिएशन की एक विशेष बैठक पास्टर्स एसोसिएशन के कार्यालय 13- ब्लॉक गोविंद नगर चर्च में हुई जिसमें शासन व प्रशासन के द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जो निर्णय लिया गया था जिसमें उसके विषय में विचार विमर्श करने के लिए शहर के सभी प्रमुख चर्चों के पादरी इस बैठक में सम्मिलित हुए उन्होंने आपस में बातचीत कर इस बात का निर्णय लिया कि हम लोग अपने चर्चों को खोलने के लिए शासन प्रशासन के द्वारा जारी गाइडलाइन को मानेंगे व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे लेकिन प्रशासन ने जो चर्चों में केवल 5 लोगों की आने की जो अनुमति दी है वह पर्याप्त नहीं है क्योंकि हमारे चर्च प्रत्येक रविवार को एक समय पर होते हैं जिसमें आराधको की भीड़ एक साथ आती है इसलिए हमें प्रशासन कम से कम 20 -से 30लोगों के आने की इजाजत दे हम आराधना अलग-अलग समय पर 20 -20 लोगों के समूह में मिलकर कर लेंगे और जो व्यवस्था प्रशासन के द्वारा करने के लिए कही गई है उसका भी पालन करेंगे इस सभा में सभी पादरी गण अपने मुंह पर मास्क लगाए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उपस्थित थे सभा के अंत में सभी ने मिलकर प्रभु यीशु मसीह से प्रार्थना की कि परमेश्वर इस कोरोना महामारी को पूरे विश्व से हमारे देश से और हमारे शहर से खत्म करें और इस महामारी में जो लोग इस से लड़ रहे हैं चाहे वह पुलिस प्रशासन के अधिकारी हो चाहे चिकित्सा से जुड़े हुए लोग हो चाहे सफाई कर्मचारी हो परमेश्वर सभी को सुरक्षित रखें और बचाएं। अंत में महासचिव पादरी जितेंद्र सिंह ने प्रमुख उपस्थित पादरियों में सभी का धन्यवाद दिया वह सभी को शासन द्वारा व प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए अपील की। प्रमुख उपस्थित पादरियों में पादरी जॉनसन डीएस पादरी जितेंद्र सिंह पादरी संजय राज सिंह,अजीत एनसन,संजय ऑल विन, राजकुमार,साजू एलियास,हनन्या पानी,अनिल गिलबर्ट,आर के नायर,आशीष परिहार,रविंद्र सिंह,रवि कुमार,प्रदीप राव, राकेश मैसी,साजू इलियास,एबी सिंह,हरि सिंह,पादरी आर के नायर,सैमुअल कुमार,किशनलाल इत्यादि प्रमुख पादरी उपस्थित थे।
ऐसी तुच्छ मानसिकता वाली महिला को आयरन लेडी नहीं प्वायज़न लेडी कहना चाहिए-मौलाना मतीनुल हक़ उसामा
कानपुर । जिस पत्रकार ने तमाम खतरों को मोल लेकर अपने कैमरे से डाक्टर आरती लाल चंदानी के अन्दर भरे नफरत के ज़हर को जग जा़हिर किया उसके खिलाफ संगीन धाराओं में बाक़ायदा एफआईआर दर्ज हो गई लेकिन मुल्क भर में बहुत से लोगों के द्वारा लगातार एक हफ्ते से एफआईआर दर्ज करने के लिये दी गई तहरीरों के बावजूद फैलाने वाली डाक्टर के खिलाफ एक अदद प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज ना करना प्रशासन का दोहरे रवैये को प्रदर्शित कर रहा है । इन विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी क़ाज़ी ए शहर कानपुर ने व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी प्वायज़न लेडी डाक्टर आरती लाल चंदानी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि हमारी लड़ाई उस गंदी विचारधारा और ज़हरीली मानसिकता के विरूद्ध है जिस मानसिकता के सागर में डूबकर डा.आरती लाल चंदानी ने देश के 30 करोड़ मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मौलाना ने डा.चंदानी से सवाल किया कि उन्होंने आखिर किस चीज़ की माफी मांगी है देश के मुसलमानों को ‘आतंकवादी’ कहने की, एक जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हो चुके मरीजों को पिंजरे में बंद करके काल कोठरी और जंगलों में फेंक देने की, उनका इलाज ना करने की, उन पर इतना रूपया बर्बाद ना करने की सलाह देने की ? मौलाना उसामा क़ासमी ने प्रशासन के द्वारा अपनाये गये खराब रवैये पर सख्त नाराज़गी को व्यक्त करते हुए कि जहां हमारे देश के इतिहास में पहली बार किसी संक्रामक रोग के कारण इतना लम्बा और दुश्वारतरीन(बेहद कठिन) लाकडाउन किया गया वहीं इसी के साथ साथ यह भी इतिहास का हिस्सा बनेगा कि उच्च पद पर आसीन एक महिला डाक्टर ने वर्ग विशेष से सम्बन्ध रखने वाले मरीज़ों को आतंकवादी क़रार देते हुए उन्हें जंगल में फेंकने और काल कोठरी में डालने की घिनावनी बात कही। जिसे सुनकर कोई भी इंसाफपसंद(न्यायप्रिय) नागरिक अच्छा नहीं कह सकता लेकिन इसके बावजूद कानपुर शहर में बहुत से लोगों के द्वारा नफरत के वायरस के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करने के लिये तहरीरें दी र्गइं लेकिन उनकी तहरीरें नहीं ली र्गइं, लोग आला अधिकारियों के पास इस उम्मीद से गये कि थाना स्तर से नहीं तो एस.पी. और कलेक्टर के स्तर से न्याय मिलेगा और उनका मुक़दमा दर्ज किया जायेगा लेकिन यहंा पर अधिकारियों ने भी अपने ओहदे(पद) की शक्तियों का ग़लत इस्तेमाल करते हुए नफरत फैलाकर हमारे देश की एकता और भाईचारे को नुक़्सान पहंुचाने वाली डाक्टर चंदानी जिसको जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिये था उसकी और ज़्यादा हौसला अफज़ाई करते हुए अलग से सुरक्षा मुहैया कराई, उसकी घिनावनी हरकत के बारे में मालूम होने के बावजूद उसकी सिफारिश करने वालों को अपने घर पर बुलाकर चाये पिलाई और यहीं पर नहीं रुके बल्कि तमाम खतरों को मोल लेकर नफरत फैलाने वाली डाक्टर का वीडियो जारी करने वाले पत्रकार के विरूद्ध संगीन धाराओं एफआईआर दर्ज करके मुसलमानों की भावनाओं का सरआम मज़ाक़ उड़ाया। आखिर इस तरह से नफरत फैलाने वाली डा.चंदानी की पुश्तपनाही और उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज ना करके प्रशासन देश के 30 करोड़ मुसलमानों और राष्ट्रीय एकता व भाईचारे के अलम्बरदार करोड़ों हिन्दुओं को क्या पैग़ाम देना चाहती है ?
क़ाजी ए शहर मौलाना उसामा क़ासमी ने बताया कि हमारे जमीअत उलमा के कार्यकर्ता और लीगल सेल की टीम बराबर एक हफ्ते से एफआईआर दर्ज कराने की तमाम कोशिशें कर रही हैं लेकिन कहीं भी एफआईआर दर्ज करना तो दूर की बात तहरीर तक नहीं ली जा रही है। क़ाज़ी ए शहर ने कहा कि नफरत के खात्मे की इस लड़ाई में भले ही हमें स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ही क्यों ना जाना पड़े लेकिन हम हर हाले में डा.आरती लाल चंदानी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराकर रहेंगे । मौलाना ने कहा कि ऐसी तुच्छ मानसिकता वाली महिला को आयरन लेडी नहीं प्वायज़न लेडी कहना चाहिए ।
SC,ST और महिलाओं की तरह ट्रांसजेंडर को भी मिले राजनैतिक आरक्षण – कंचन सेंदरे
भारत मे आरक्षण पर लगातार बहस हो रही है सबके विचार भिन्न-भिन्न है, सबका दृष्टिकोण अलग अलग है सब अपने अपने हिसाब से एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करते है लेकिन संविधान में आरक्षण का प्रावधान है उसका लाभ लगातार उन समाज को मिल रहा है । जिसके वह लायक भी है आज भी उनकी सामाजिक और राजनैतिक स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई अनेक राजनैतिक संघटनो ने इस संदर्भ में काफी बहस भी की कि किसी भी प्रकार से दलितों,पिछडो को मिलने वाला आरक्षण खत्म हो जाये जिसके कारण वर्तमान सरकार ने सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया जिसके कारण बहुत लोगो को लाभ भी पहुंच रहा है जबकि वो सामाजिक,धार्मिक और राजनैतिक तौर पर पिछड़े नहीं है लेकिन वोट बैंक की पॉलिटिक्स के कारण भारत सरकार ने इस मुद्दे को भुनाने का प्रयत्न किया।
वर्तमान परिस्थितियों में अगर देखा जाए तो हम देखते है कि ट्रांसजेंडर सामाजिक और राजनैतिक तौर पर सबसे ज्यादा पिछड़े हुए है ना ही उनको शिक्षा में कोई स्थान है ना ही किसी सरकारी या गैर सरकारी नोकरी में कुछ आरक्षण मिलता है बल्कि उनको समाज बड़ी हेय दृष्टि से देखता है अजीब अजीब नामो से पुकारा जाता है, बचपन मे ही उनके परिवार द्वारा उनको छोड़ दिया जाता है उनको कोई देखने वाला नहीं था ऐसी स्थिति में उनको जीवन को यथाचित गुज़र करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है किशोरावस्था में परिवार द्वारा त्यागने की पीढ़ा को समझा जा सकता है । दूसरी तरह जेण्डर के कारण समाज भी उनको नकार देता है जिसके दर्द को वो ही भलीभांति समझते है जो इन दिक्कतों का सामना करते है ।
कंचन सेंदरे ने अपने जीवन की दुःखद कहानी को शेयर करते हुए कहा कि जब परिवार ने मुझे किशोरावस्था में त्यागा था तब बड़ी मुश्किलों से मुझे जीवन गुज़ारना पड़ा इधर उधर ठोकरे खाई, किन्नर समाज ने मुझे जीने का अधिकार दिया । मैंने अपने समाज की लड़ाई को लड़ने के लिए लड़को की तरह शिक्षा ग्रहण की किसी को यह एहसास नहीं होने दिया कि मैं ट्रांसजेंडर हूं बल्कि मेहनत से पढ़ाई करके मैंने समाज के सामाजिक कार्यो को तवज्जो दी विधानसभा का चुनाव लड़ा जीत हासिल नहीं कर सकी लेकिन लोगो के दिलो को जीता निर्दलीय लड़ने के बाद मैं तीसरे स्थान पर रही जबकि लोगो ने मुझे सपोर्ट भी किया और पैसा भी दिया ।
वर्तमान स्थिति के अनुसार अगर ट्रांसजेंडर को विकास करना है तो राजनीति में आना है समाज से खुद को जोड़ना होगा जिससे हम समाज के और स्वयं के अधिकार ग्रहण कर सके
जिनमें इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम शोधकार्यकर्ता, आचार्य, सहायक आचार्य और गणमान्य लोग लाइव थे। इस अवसर पर डॉ शमा, डाॅ. विजेन्द्र,डाॅ. शमीम, डाॅ. एक.के. पाण्डेय, डाॅ. शगुफ्ता नियाज़,डाॅ. कामिल, डाॅ. आसिफ, मुनवर,डाॅ.लता,डाॅ.अफरोज,अकरम हुसैन, मनीष, दीपांकर, कामिनी,इमरान, राशिद, रिंकी, साफिया, गिरिजा भारती, अनुराग, अनवर खान, केशव बाजपेयी, रोशनी आदि ने लाइव शो देखा ।
हुसैनी लंगर कर्बला के 72 शहीदों की निस्बत से चला – खानकाहे हुसैनी
कानपुर । खानकाहे हुसैनी में विलादते हज़रत इमाम हुसैन से हुसैनी लंगर 3 शाबान से बदस्तूर जारी हुसैनी लंगर का आज समापन हुआ। हुसैनी लंगर से गरीबों, मज़दूरो, बेसहारों की मदद इंसानियत-मानवता को जिन्दा रखने व लोगो में खिदमते खल्क के जज़्बे के पैगाम को आम किया जा रहा है। हुसैनी लंगर के आज 72 दिन कर्बला के 72 शहीदों की निस्बत से पूरे होने के बाद उनका ज़िक्र कर दुआ के बाद आज समापन किया गया। लाकडाउन में गरीबों-मज़दूरो को खाना खिलाया व प्यासों को पानी पिलाया गया इस्लाम में इंसानियत के कामों मे हिस्सा लेने को सबसे बड़ा सवाब कहा गया है व खिदमते खल्क के कामों में मज़हब ढूंढने को गलत कहा गया। खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने बताया कि लाकडाउन के बीच विलादत ए इमाम हुसैन से हुसैनी लंगर 3 शाबान से खानकाहे हुसैनी मे लंगर तैयार किया जाता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लंगर का वितरण गरीब मज़दूर भूखों को खानकाहे हुसैनी से किया जाता उसके बाद खानकाहे हुसैनी से जुड़े लोग कर्नलगंज, नई सड़क, मूलगंज, चमनगंज, ग्वालटोली, इलाको के मज़दूरो,बेसहारों भूखों को भोजन वितरण कर इंसानियत-मानवता की सेवा कर रहे है । आज 72 वां दिन मे अभी तक 18000 मज़दूरो, बेसहारों भूखो को खाना खिलाया गया है लंगर वितरण विलादते इमाम हुसैन, विसाल खातूने जन्नत, विलादते इमाम हसन व शहादत मौला अली के बीच भोजन अलग-अलग व्यंजनों व मिठास के साथ वितरण किया गया है। दुआ मे खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने अल्लाह की बारगाह अपने हबीब मौला अली हसन हुसैन कर्बला के 72 शहीदों के सदके में हमारे मुल्क सूबे शहर में खुशहाली अमन कायम रहने व जानलेवा वबा से निजात की दुआ की ।
हुसैनी लंगर वितरण में खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, हाजी गौस रब्बानी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, परवेज़ आलम वारसी, शमशुद्दीन फारुकी, मुबारक अली बकाई, मुबश्शीर निज़ामी, मोहम्मद हबीब वारसी, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद जावेद नईमुद्दीन फारुकी, मोहम्मद वसीम कादरी, शारिक सूफी आदि लोग रहे ।
आदर्श लोक दल ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
कानपुर । आदर्श लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष जाकिर अली उस्मानी ने 4 सूत्री मांगों को लेकर अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा । उस्मानी ने कहा कि रुको केंद्र व प्रदेश सरकार 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दे अथवा मिल मालिकों द्वारा तीन-तीन माह का वेतन प्रवासी मजदूर को दिलाया जाए राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा था उनकी जांच करा कर राशन कार्ड बनाए जाएं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के अनुसार आपजिकृत, मजदूरों टेंपो चालकों की रिक्शा चालकों सहित अन्य कामगारों मजदूरों नगर निगम जिला पंचायत कार्यालयों से ₹1000 मासिक सहायता राशि 3 माह तक उपरोक्त लोगों को मिलेगा दैनिक मजदूर की श्रेणी में आते हैं कानपुर सही उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों ने फॉर्म भरा था परंतु अधिकांश लोगों को अभी तक सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई मई का बिजली बिल पूरे प्रदेश भर में स्थगित किया जाए माफ किया जाए। ज्ञापन के दौरान शाकिर अली उस्मानी प्रदीप यादव मनोज बाल्मीकि आदि लोग रहे।
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