कानपुर । कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए रोटरी क्लब ऑफ कानपुर सूर्या के द्वारा एलएलआर हॉस्पिटल और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी व प्रमुख अधीक्षक डॉ ऋचा गिरी की मौजूदगी में विभिन्न प्रकार की कोरोना से बचाव और सुरक्षा की सामग्री दान की है! पी पी किट ,मास्क,शील्ड फेस कवर
एक ऑटोमेटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसिंग मशीन हैंड सैनिटाइजर, हैंड वॉश की बोतल,डिसइन्फेक्शन केमिकल इस अवसर पर रोटेरियन संजीव गुप्ता ने बताया कि हमारा क्लब निरंतर गरीबों की मदद के लिए पुनीत कार्य करता रहता है और मानवता की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहता है ।
सुधीर गर्ग व ओपी डालमिया ने बताया कि हमारा क्लब समाज के हित के लिए और इस कोरोना काल में गरीबों की मदद और फूड पैकेट/खाद्य पदार्थ का वितरण करता रहता है व अस्पताल के लिए आगे भी यथासंभव मदद करेगा अवसर पर रोटरी सूर्या द्वारा इस पहल पर प्रिंसिपल प्रोफेसर आरती लालचंदानी ने क्लब के सदस्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की व इस महान कार्य में इस महामारी से लड़ाई में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया ।
प्रमुख अधीक्षक व वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर प्रोफेसर रिचा गिरि ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्ग वर्गों को इस महामारी में सरकार का और डॉक्टरों का साथ जरूरी है
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल और अधीक्षक व डॉ0सौरभ अग्रवाल,डॉ0 कुणाल सहाय,डॉ0 शालिनी मोहन,डॉ0अपूर्व अग्रवाल,डॉक्टर सीमा निगम,डॉ0नीलिमा वर्मा इत्यादि लोग भी मौजूद थे ।
सपा अल्पसंख्यक सभा ने मास्क वितरण किया
कानपुर । कोविड-19 महामारी के चलते समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के नगर अध्यक्ष जावेद जमील द्वारा इस आपदा से बचाव हेतु रिक्शा चालक दो पहिया वाहन चालक चार पहिया वाहन चालक राहगीरों को शिक्षक पार्क चौराहे पर मास्क का वितरण किया । लोगो को इस बीमारी से बचाव हेतु जागरूक भी किया गया । जावेद जमील ने कहा की समाजवादी अल्पसंख्यक सभा लॉक डाउन में गरीब असहाय की मदद करती आ रही है लेकिन इस बीमारी से केवल एक ही इलाज है सोशल डिस्टेंसिंग हाथों को बार बार धोएं, साफ सफाई रखें मास्क लगाएं ।
इस मौके पर मुख्य रूप से कुलदीप यादव नगर प्रवक्ता,मिंटू यादव उपाध्यक्ष, चौबे बाबा,मो0 फैसल, सत्यम गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे ।
हम तो इंसान है,समाज किन्नर समझता है – संजना
वाङ्गमय पत्रिका एवं विकास प्रकाशन कानपुर के तत्वावधान में चल रहे, ट्रांसजेंडर व्याख्यानमाला के चौथे दिन ट्रांस समुदाय से आने वाली संजना सिंह राजपूत ने कार्यक्रम “मेरी कहानी मेरी जबानी” के अंतर्गत ‘मेरी कहानी और जेंडर समानता’ विषय पर वाङ्गमय पत्रिका के पेज के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को बचपन से लेकर जवानी तक जो दर्द झेलना पड़ता है, वह बहुत ही असहनीय होता है। जब किसी घर में कोई बच्चा पैदा होता है तो परिवार और समाज के लोग उसके सेक्स अंग को देखकर ही तय कर देते हैं कि वह लड़का है या लड़की। जबकि हमारे मामले में ऐसा सम्भव नहीं हो सकता। संजना ने एमक्स धनन्जय की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि हमारा शरीर एक पुरुष का होता है और आत्मा एक औरत की। किन्नर या ट्रांसजेंडर इन्हीं को कहते हैं। ईश्वर हमें दो तत्वों से नवाज़ता है अर्थात स्त्री और पुरुष लेकिन समाज इसे समझ नहीं पाता है। लोग हमारी अंतरात्मा की आवाज को सुनते ही नहीं, हमारी भावना को समझते ही नहीं। मेरे घरवालों ने भी मेरा लालन-पालन एक लड़के की तरह ही किया था।
संजना ने अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम सब पैदा तो इंसान ही होते हैं। कौन लड़का है? कौन लड़की? या फिर कौन किन्नर? यह पहचान तो हमें समाज देता है। मैं जब घर से बाहर निकलना शुरू की तो सबसे पहले समाज ने ही मुझ पर कमेंट कर मेरे स्वरूप को चिन्हित किया। लोग मेरी चाल-ढाल को देख मुझे हिजड़ा/किन्नर आदि कहने लगे। तब पहली बार मुझे भी लगा कि शायद मैं किन्नर ही हूँ ।
उन्होंने अपने घर छोड़ने के सवाल पर कहा कि मेरे मामले में तो शायद परिवार मुझे अपने साथ रखना चाहता था किंतु समाज के रूढ़िवादी विचारों के चलते मेरे परिवार और मुझे दोनों को झुकना पड़ा। अंततः मुझे भी अपना घर त्यागना पड़ा। किसी भी परिवार के लिए अपने ट्रान्स बच्चे को स्वीकार्य कर पाना एक बड़ी चुनौती होती है। परिवार समाज के चलते ही ऐसे बच्चों को स्वीकार्य नहीं कर पाता। संजना ने भारी मन के साथ सामाजिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कभी-कभी मुझे लगता है कि आखिर ऐसा कौन सा पाप हमने किया है कि हमें अपना घर,परिवार, समाज सब छोड़ना पड़ता है। सही मायने में देखा जाए तो हमारी हालत एससी-एसटी से बदतर है। किन्नर समुदाय यदि आज अपनी अलग दुनिया बनाए हुए है तो उसका जिम्मेदार समाज ही है।
संजना की पहचान आज एक सफल इंसान की है। वह मध्य प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पीए के रूप में कार्यरत हैं। संजना मध्यप्रदेश राज्य की ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की ब्रांड एम्बेसडर भी हैं। उन्होंने अपनी सफलता के पीछे की कहानी के पीछे के राज को स्पष्ट करते हुए कहा कि मुझे परिवार और समाज से जो तकलीफ मिली मैंने उसे हमेशा पॉजिटिव ही लिया है। मेरी हमेशा कोशिश रही है कि मैं खुद को कर्म के माध्यम से सिद्ध करूँ।
उन्होंने अपने वक्तव्य के अंत में किन्नरों की सामाजिक स्थिति की विडंबना पर बात रखते हुए कहा कि हम लोगों के साथ ठीक वैसा ही होता है जैसे हम सभी सत्संग में जाते हैं, साधु-संतों को पूजते हैं, आदर-सत्कार करते हैं लेकिन हमी में से यदि किसी का बेटा साधू-महात्मा बन जाए तो वह दुखी हो जाता है। उसी तरह हमें भी लोग अपने मांगलिक कार्यक्रमों में शामिल करता है, दुआ-आशीष लेता है लेकिन उन्हीं के घर कोई ट्रान्स बच्चा पैदा हो जाए तो वह उसे अभिशाप समझने लगते हैं ।
इसके साथ ही संजना ने सरकार से महिला आयोग की तरह राष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसजेंडर आयोग बनाने की भी बात की है। आज के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शोधार्थी, प्रोफेसर, लेखक आदि बुद्धिजीवी वर्ग जुड़ा रहा ।
इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम शोधकार्यकर्ता, आचार्य, सहायक आचार्य और गणमान्य लोग लाइव थे।
महीनों बाद श्रधालु मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारा मे प्रवेश कर सकेंगे
● होंगे नियम सख्ती से लागू
शावेज़ आलम✍✍
● सोशल डिस्टेंस मास्क के साथ ही मिलेगा प्रवेश
● सेनेटाईज के साथ इन्फ्रारेड थर्मामीटर से चेकिंग अनिवार्य-
आर.के.चतुर्वेदी
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कानपुर । प्रदेश सरकार के आदेश के उपरांत .ड़ी आई जी अनन्त देव के निर्देशन मे कानपुर के समस्त मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च. तथा होटल रेस्टोरेंट गेस्ट हाउस माल्स खोलने से पूर्व क्षेत्राधिकारी कैंट कानपुर नगर रामकृष्ण चतुर्वेदी ने सभी थाना प्रभारियों व चौकी प्रभारियों व एल आई यू अफसरों के साथ सोशल डिस्टेंस के साथ आवश्यक गोष्ठी आहूत की । बैठक मे क्षेत्राधिकारी कैंट ने सख्त लहजे मे कहा कोरोना आपदा हमें फैलने से रोकना है इसलिए सोशल डिस्टेंस व सतर्कता जरूरी है जिसे आप को हर हाल मे पालन कराना होगा ।
अभिसूचना संकलन अधिकारी संजीव दीक्षित ने कहा कई एरिया मे पुलिस की गाड़ी के निकल जाने के बाद लोग फिर सड़क पर इकठ्ठा हो जाते इसके लिए विशेष जागरूकता जरूरी ।
सभी इंस्पेक्टर चौकी इंचार्ज ने संपूर्ण लाक डाउन खुलने के बाद की स्तिथि पर अपने आचार विचार साझा किए । इस मौके पर मुख्य रूप से इंस्पेक्टर आदेश चन्द्र दधीबल तिवारी,आर के गुप्ता,संजीव दीक्षित,मकबूल अहमद,प्रदीप मिश्रा,अतिन त्रिपाठी,राजकुमार रावत,विजय कुमार शुक्ला, अनिल कुमार त्रिपाठी,बी पी रस्तोगी आदि लोग मौजूद थे ।
शारीरिक बनाबट नहीं आत्मा की संवेदना समझे आखिर हम भी इंसान है- सिमरन सिंह
थर्ड जेंडर व्याख्यानमाला के अंतर्गत’ ट्रांसजेंडर भ्रांतियां और हकीकत ‘इस विषय पर’ सिमरन सिंह का व्याख्यान महत्वपूर्ण रहा । व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान उसका अपना जीवन होता है विषम परिस्थितियों में ही व्यक्ति अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्षरत होता है और किसी भी व्यक्ति की सही पहचान उसके बाहरी रूप, रंग ,आकृति,के आधार पर नहीं की जा सकती और नहीं विशेष पहचान भाषा प्रदेश ,संप्रदाय आदि तालो मैं बंद कर तय होती है । चिंतन के खुले आकाश में खड़ा व्यक्ति जो नजरिया और सोच रखता है वही उसकी स्वतंत्र पहचान हो सकती है । ऐसी ही अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करने वाली ट्रांसजेंडर सिमरन सिंह ने जन्मदिन 6 जून के दिन अपने व्यक्तिगत जीवन की कठिनाइयों से हमें रूबरू कराया. किन्नरों के विषय में समाज में जो भ्रांतियां हैं उसकी सच्चाई क्या है इसका खुलासा करते हुए अपने श्रोताओं के समक्ष अपने वक्तव्य की प्रस्तुति दी मृत्यु के उपरांत किन्नर शरीर को चप्पलों से मारना अथवा अंतिम विधी के लिए ले जाते समय खड़े रख कर ले जाना ऐसा कुछ भी समाज में नहीं होता है । यहां तक की मृत्यु के पश्चात किन्नर की अंतिम इच्छा को ध्यान में रखते हुए क्रिया कर्म किया जाता है सिमरन जी का मानना था कि मिर्च मसाला लगाकर स्वार्थी लोग अपनी बातें पुस्तकों की लोकप्रियता अथवा समाचार बच्चों की शोभा बढ़ाने के लिए गलत भ्रांतियां फैला देते हैं । लेखक को सोच समझकर लेखन करना चाहिए क्योंकि लेखन स्थाई हो जाता है उनका मानना था कि ताली बजाना अथवा ताली पीटना आवश्यक नहीं है आपकी बातों में वजन होना चाहिए जिसे समाज सुन सके आपने किन्नरों की दुर्दशा के लिए उस परिवार को जिम्मेदार बताया जिस परिवार में किन्नर बच्चे का जन्म होता है सर्वप्रथम वह मां जो अपने बच्चे को अपने गर्भ में पालती है वही मां अपने किन्नर बच्चे से अपनी पहचान को छुपाना चाहती है जिस तरह से एक सामान्य बच्चे को विरासत में मां पिता की संपत्ति घर, नाम मिलता है किन्नरों को यह उम्मीद भी नहीं रखना चाहिए इस तरह का माहौल समाज ने बना दिया है । इसके बाद भी लोग उम्मीद करते हैं कि हम समाज के साथ अच्छा व्यवहार करें अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहती हैं मेरे माता-पिता ने मुझे घर से निकाल बाहर कर दिया तीन बार आत्महत्या करने का प्रयास किया परिवार के नजदीकी लोगों के द्वारा यौन शोषण की प्रताड़ना को सहा किसी ने मेरे पक्ष में आवाज नहीं उठाई दूर से देखने वालों ने सिर्फ बेचारा कहा लेकिन अपनाया नहीं जब क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है तो समाज हमसे सभ्यता की उम्मीद रखता है । सिमरन जी ने कर्म की महत्ता को स्थापित करते हुए भी अपनी बात रखी किन्नरों की दुआ का मतलब पैसे देकर दुआ खरीद लेना नहीं होता आप उनसे सही रिश्ते बनाए वे मानती हैं कि वह दया का पात्र नहीं बनना चाहती और नहीं किन्नर सहानुभूति से जीना चाहते हैं उनके साथ गलत व्यवहार ना हो और उन्हें बदनाम नहीं किया जाए हम सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुए सक्षम बनना चाहते हैं किंतु सर्वप्रथम समाज को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा हर ट्रांसजेंडर का दैहिक शोषण अपने आप में शर्मनाक बात है । उनके जीवन की पीड़ा को और अधिक गहरा करने वाला कृत्य समाज उनके साथ करता है उसके पश्चात उम्मीद रखी जाती है इस कृत्य को वह बयान न करें और चुपचाप सहते रहे ऐसे ही उनके जीवन के अनुभव को उन्होंने साझा किया नई समाज के साथ चलने वाली सिमरन जी डेरे में नहीं रहती अकेले रहती हैं किंतु अपने एकाकी जीवन को समाज के साथ जोड़कर सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी जागरूकता वंदनीय है इस वैश्विक संकट के समय एनजीओ के माध्यम से उन्होंने अनाज वितरण का कार्य किया जिसकी सराहना मुंबई और पुणे के समाज ने खुलकर की इस बात की उन्हें प्रसन्नता है लेकिन मैं थोड़ा दुखी तब हो जाती है जब lockdown के समय घर के लोगों ने उनकी खैरियत जानने की कोशिश तक नहीं की. उनका मानना है कि समाज के समक्ष नहीं किंतु फोन पर बात करने से क्या घर की मर्यादा कम हो जाती है परिवार के लोग समाज के डर से हमारा बहिष्कार करते हैं हमारा ही परिवार जब हमें अलग मान चुका है तो समाज हमें कैसे नजदीक लाएगा पैसों की जरूरत पड़ने पर पैसा लेने में हमारे परिवार के लोग नहीं कतराते चाे सिमरन सिंह का मानना था कि ट्रांसजेंडर को दोहरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर ना करें परिवार के लोग जबरन उनकी शादी तो करवा देते हैं किंतु ऐसे व्यवहार से कई किन्नर कि जिंदगी और अधिक मुश्किलोंसे घिर जाती है. उनका मानना है जो समाज स्वयं बदलने की स्थिति में नहीं है वह दूसरों में बदलाव कैसे लाएगा अतः बदलाव के क्रम में सबसे पहले व्यक्तिवादी मनोवृत्ति बाधक है अतः परिस्थितियों से भागो नहीं जागो और बदलो सिमरन सिंह साहित्यकारों लेखकों और पत्रकारों से अपील करती है सहानुभूति के साथ किताबों में उन्हें नहीं उकेरा जाए .लोकप्रियता के लिए किन्नरों का इस्तेमाल न हो वे अपने किन्नर जीवन से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं और संपूर्ण किन्नर समुदाय की व्यवस्थाओं को समाज के समक्ष रख उन्होंने बेबाकी से अपनी बात का प्रस्तुतीकरण किया ।
इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम शोधकार्यकर्ता,आचार्य, सहायक आचार्य और गणमान्य लोग लाइव थे । इस अवसर पर डॉ शमा,डाॅ. रेनू,डाॅ.विजेन्द्र,प्रोफसर विशाला,डाॅ. शमीम,डाॅ.एक.के. पाण्डेय,डाॅ. शगुफ्ता,डाॅ.कामिल,डाॅ. आसिफ,मुनवर,प्रोफसर सीमा सगीर,डाॅ.लता,डाॅ.अफरोज, डाॅ.शाहिद,नियाज़ अहमद,सहसंपादक अकरम हुसैन,सदफ इश्तियाक,कुसुम सबलानिया,मनीष,दीपांकर,कामिनी,इमरान, राशिद,रिंकी,साफिया,गिरिजा भारती,अनुराग,अनवर खान, केशव बाजपेयी,रोशनी आदि ने लाइव शो देखा ।
एक्सप्रेस रोड व्यापार मण्डल ने मास्क,सेनिटाइजर का वितरण किया
आज़म महमूद
कानपुर । आज एक्सप्रेस रोड व्यापार मण्डल द्वारा बाज़ारों में आने वाले व्यापारियों रेहड़ी पट्टी वालों और गरीब मजदूरों को मास्क एवं हैंड सेनिटाइजर का वितरण किया गया अध्यक्ष रोशन गुप्ता ने बताया की लॉक डाउन शुरू होने के कुछ दिनों तक तो सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का पालन सख्ती से लोगो के द्वारा किया गया लेकिन अब अनलॉक शुरू होते ही लोग बिल्कुल बेधड़क हो कर बगैर सुरक्षा के सड़कों पर घूम रहे हैं । जिससे स्तिथि खराब होने का खतरा हो सकता हैं महामंत्री इखलाक मिर्जा आने जाने वाले राहगीरों व व्यापारियों से निवेदन किया की मास्क लगा और उचित दूरी बना कर खड़े हों कोषाध्यक्ष अनुराग साहू, उपाध्यक्ष सचिन त्रिवेदी, मंत्री विशाल जायसवाल, श्याम गुप्ता, विशाल चौरसिया, इमरान प्यारे, विवेक गुप्ता आदि मौजूद रहे ।
ओम जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष शिव देवी अग्रहरि (सीमा) द्वारा किया गया विश्व पर्यावरण दिवस में वृक्षारोपण
कानपुर । वृक्षारोपण किया गया वृक्ष लगाओ धरती बचाओ को लाल बांग्ला, पोखरपुर में तिकोनिया पार्क में वृक्ष लगाओ धरती बचाओ का संकल्प लिया ओम जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष शिव देवी अग्रहरि( सीमा) ने बताया की जिसे अपने लिए वृक्षों की छांव शीतलता चाहिए वह एक या दो वृक्ष अवश्य लगाएं उन्होंने बताया कि वृक्ष है तो वर्षा है तो जल है तो मानव है हम सभी एक दूसरे के पूरक हैं अतः हम वृक्षारोपण और उसके संरक्षण के लिए प्रति जागरूक रहें एक वृक्ष से ही अधिक महान परोपकारी कोई भी नहीं हो सकता है क्योंकि फल ना होने पर उपरांत भी वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं अभी वर्षा की ऋतु है इसलिए हम सभी को वृक्ष लगाने चाहिए 121 पौधों का लक्ष्य किया गया उन्होंने बताया कि हमारे कार्यक्रम पहले भी इसी तरह हो चुके हैं और आगे भी वृक्षा रोपण का कार्यक्रम हमारा जारी रहेगा उन्होंने कहा कि हमारी कानपुर की सभी संस्थाओं से यह अनुरोध है कि पूरे शहर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम जगह-जगह करते रहना चाहिए हम लोग एकजुट होकर के कार्यक्रम करना चाहिए कार्यक्रम में मौजूद रहे ओम जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष शिव देवीअग्रहरि (सीमा) पारुल अग्रहरि,धर्मेन्द्र गुप्ता,गीता शर्मा,सरोज अग्रवाल,शिवम,विपिन, सुनील आदि लोग उपस्थित रहे ।
विश्व पर्यावरण दिवस पर चंद्रशेखर आजाद जन कल्याण सीमित ने किया वृक्षारोपण
कानपुर । आज कानपुर 5 जून। चंद्रशेखर आजाद जन कल्याण सीमित के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में गोल चौराहा स्थित ”चंद्रशेखर आजाद वाटिका” में बृहत वृक्षारोपण कर अनेक फूलों वाले पेड़ सीमित के अध्यक्ष श्री सर्वेश कुमार पाण्डेय ‘निन्नी’ के संयोजकत्व में पदाधिकारियों द्वारा लगाये गये। तत्पशचात वाटिका में आयोजित पर्यावरण सुरक्षा संगोष्ठी में बोलते हुए समाज सेवी अध्यक्ष श्री सर्वेश कुमार पाण्डेय ‘निन्नी’ ने कहा कि जीवन के सुखमय स्वास्थ्य के लिए तथा पर्यावरण के संरक्षण एवं पूर्ण सुरक्षा के लिए सभी लोगों को कम से कम एक पेड़ तो अवश्य लगाना चाहिए ।
कार्यक्रम में उपाध्यक्ष श्री राकेन्द्र मोहन तिवारी,पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस जिला ग्रामीण श्री श्याम देव सिंह, श्री दीनानाथ द्विवेदी, अमित अवस्थी,अश्निल प्रजापति आदि थे ।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई के लिए कांग्रेस ने शुरु किया सेवा सत्याग्रह
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर कानपुर महानगर कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान मे निम्न कार्यक्रम आयोजित होगे
कानपुर । उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई के लिए सेवा सत्याग्रह शुरु करेगी। इस महाअभियान की थीम- सेवा की होगी विजय, हम सबमें लल्लू अजय है। कांग्रेस का सिपाही- मजदूरों का भाई के नारे के साथ पूरे सूबे में कांग्रेसजन 25 लाख जरुरतमंदो को भोजन वितरित करेंगे ।
20 मई से हमारे नेता श्री अजय कुमार लल्लू जिला कारावास में है। उनका सिर्फ इतना सा दोष है कि वे देश निर्माता गरीब-मजदूर बहन-भाईयो की मदद करना चाहते थे। गरीब-मजदूर विरोधी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्हे जेल में डाल दिया। लेकिन भाजपा सरकार हमारे सेवा कार्य को नहीं रोक सकती है ।
सेवा सत्याग्रह के दौरान सूबे के हर जिले मे कांग्रेस पार्टी अजय लल्लू की महारसोई संचालित करेंगी और 25 लाख जरुरतमंद लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भोजन वितरित करेंगी ।
हमारे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को सेवा और जरुरतमंद लोगो की मदद करने के कारण गरीब विरोधी सरकार ने जेल मे डाला है, लेकिन अंत में सेवा और सत्य की जीत होगी। इसलिए हमारे इस सेवा सत्याग्रह की थीम‘ सेवा की होगी विजय, हम सबमें लल्लू अजय‘ रखी है। हमारी पार्टी का हर एक कार्यकर्ता, नेता गरीबों-जरुरतमंदों की मदद कर रहा है और हम सब अजय कुमार लल्लू है। जेल की सलाखें और फर्जी मुकदमें हमारे सेवा कार्य को नही रोक पाऐंगे ।
लल्लू के नेतृत्व मे पूरे प्रदेश में 90 लाख से अधिक लोगो को खाना खिलाया गया। 10 लाख से अधिक लोगो की प्रदेश से बाहर मदद की गई। कानपुर महानगर सहित 22 जिलों मे हमने अपने कार्यालयों को साझीं रसोईघरों में तब्दील कर दिया। हाइवे पर चल रहे लोगों के लिए स्टाॅल्स लगवाए। यह सब हमारे नेता श्री अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व मे हुआ। एक वंचित समाज से आने वाले हमारे नेता का सेवा कार्य योगी आदित्यनाथ की आंखों में चुभ रहा है इसलिए इस कायर सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया है ।
बिजली की समस्याओं को लेकर केस्को एमडी के माध्यम से ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन सौंपा
लॉक डाउन में गरीबों के बिजली के बिल हो माफ:विधायक अमिताभ बाजपेई
कानपुर । आर्य नगर विधायक अमिताभ बाजपेई ने बिगड़ती बिजली की समस्याओं को लेकर केस्को महाप्रबंधक से मुलाकात कर ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन सौंपा! विधायक ने अवगत कराया कि 22 मार्च से चल रहे लगातार लॉकडाउन के कारण बिजली के बिलों को जमा करने में बहुत दिक्कते आ रही हैं। और जनता लगातार मांग कर रही है कि उनको बिजली के बिल से छूट प्रदान करी जाये। हम लोग यह समझते हैं कि पूरा बिल छोड़ना सम्भवतः सरकार के लिए सम्भव नहीं होगा परन्तु फिर भी हम लोग आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते है कि जिन ज्वलंत समस्याओं से जनता जूझ रही हैं उनका निदान तुरंत किया जाये ।
हम सरकार से यह मांग करते है कि पूरे जनमानस का 200 यूनिट प्रतिमाह (3 महीने का) तक बिजली का बिल माफ किया जाये।जिससे जो गरीब उपभोक्ता है जिसका उपयोग 200 यूनिट से कम का है। उसको पूर्ण राहत मिल जायेगी। जो थोड़ा उसके ऊपर का मध्यम वर्गीय उपभोक्ता है उसको भी 200 यूनिट का बिल माफ होने से कुछ न कुछ बिजली के बिल में राहत मिलेगी और इस कमरतोड़ मंहगाई और लॉकडाउन के दौरान उपजी हुई समस्याओं से निपटने में वो सक्षम हो सकेगा इसके लिए सरकार 200 यूनिट तक क घरेलू मीटर का बिजली का बिल पूर्णतया माफ करने पर बिचार करें। जो बिल 3 महीने के एक साथ आ रहे है उसमें स्लैब की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है । कोई 100 यूनिट के नीचे वाले का रेट अलग है, 100 यूनिट से ऊपर वाले का रेट अलग है उससे आगे जैसे-जैसे यूनिट बढ़ती है वैसे बिजली का रेट बढ़ जाता है । जो क्यूमिलैटिव बिल बना है उसमें ज्यादा दर का बिल बनाया जा रहा है जो कि स्लैब के अनुसार ही होना चाहिए इसलिए हमारी यह मांग है कि जिस औसत से पहले बिल उपभोक्ता का बनता था उसी औसत से आगे भी बने। जो प्रतिष्ठान जिनमें कमर्शियल मीटर लगे हुए हैं। दुकाने हो, उधोग हो, जो लगातार लॉकडाउन में बंद है । 2 महीने तक उनमें फिक्स चार्ज तत्काल माफ किया जाये। डिसकनेक्शन में इस समय रियायत दी जाये चूंकि लॉकडाउन के कारण लोगों के व्यापार, काम, धंधे, नौकरी में बहुत दिक्कत आई है। लोग आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे है इसलिए किसी का भी डिसकनेक्शन ना किया जाये यदि डिसकनेक्शन हो भी जाये तो उसको बगैर अतिरिक्त चार्ज लिये जोड़ा जाये।जो प्रोविजनल बिल मार्च माह के बने थे व उपभोक्ताओं ने जमा कर दिये थे वो नये बिल में एडजस्ट होकर नहीं आ रहा है। उपभोक्ता को सबस्टेशन जाकर यह भी कराना पड़ रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। गर्मी में इस समय फाल्टस की संख्या अधिक है, इसका भी प्रभावी उपाय किया जाये।काफी शिकायत अनाप-शनाप बढ़े बिल बनने की आ रही है। केस्को के अधिकारी समझाते हैं की घर पर रहने के कारण लोगों ने ज्यादा बिजली उपयोग करी है पर कोई दुकान जो बंद रही है उनका भी बिल बढ़ कर आया है।
क्या दिक्कत है आपके बिलिंग सिस्टम में इसकी भी जांच करी जाये ।
उम्मीद है कि इन समस्याओं की ओर आप ध्यान देगें जनता की जो भीड़ लग रही है सबस्टेशनों पर बिल जमा करने के लिए या बिल ठीक कराने के लिए इसको नियंत्रित करने के लिए ऐसा उपाय करेगें ताकि लोगों को इस भीषण गर्मी में काम धंधे की परेशानियों को छोड़ करके लाईन न लगानी पड़े और उपभोक्ता का सम्मान उसी प्रकार से जैसे की हर संस्था यह देखती है हमारा ग्राहक हमारा देवता है उसी भावना के साथ केस्को भी अपने उपभोक्ताओं का सम्मान करें ।
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