कानपुर । गहोई वैश्य महिला मंडल का डांडिया एवं गरबा रास गहोई भवन साकेत नगर कानपुर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें गहोई समाज की सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया । डांडिया में हुई प्रतिस्पर्धा में जजों द्वारा बड़ी बारीकी से निर्णय लिए गए। जिसमें गरबा डांस में मधु घुरा को प्रथम एवं आरती नीखरा को द्वितीय पुरस्कार दिया गया।ड्रेस प्रतिस्पर्धा में शिल्पी घुरा को प्रथम स्थान मिला तथा बच्चों के डांस में मुस्कान सेठ को प्रथम और आयुषी नीखरा को द्वितीय पुरस्कार मिला ।बच्चों की ड्रेस प्रतिस्पर्धा में प्रियांशी घुरा को प्रथम स्थान मिला ।कार्यक्रम के बाद स्वलपाहार एवम खाने–पीने की व्यवसथाऐं भी समाज के सदस्यों के लिए थीं।कार्यक्रम संयोजक पुष्पा कुचिया, रश्मि सुहाने ,आशा घुरा, इंद्रा लहरिया, निधि गेडा,श्वेता नीखरा ,चेतना बिस्वारी, आरती नीखरा, शालिनी सिपोल्या समेत सैकड़ों की तादाद में गहोई समाज की महिलाएं उपस्तिथ रहीं।
बच्चों के लिए मैजिक शो का हुआ आयोजन
कानपुर । आज शहर के समाजसेवी रतीश त्रिवेदी की अध्यक्षता में नरूला गेस्ट हाउस में बच्चो के लिए मेजिक शो का आयोजन किया गया। शो की जानकारी देते हुए रितेश त्रिवेदी ने बताया कि जादू देख बच्चों का मन जीत लिया सौ रुपये के नोट को 500 में 500 के नोट को 2000 पलक झपकते ऐसे बदल दिया मानो 2000 का ही नोट हो बच्चों में उत्साह तो उस समय बढ़ गया। जब जादूगर ने नन्हे उस्ताद तानुष के हाथों से कबूतर उड़ा दिया वही कबूतर नन्हें तानुष की हैट के नीचे निकला तो उपस्थि बच्चों व उनके परिजन अपने हाथों को ताली बजाने से रोक न सकें।ये कार्यक्रम आज नरूला गेस्ट हाउस जी0टी0 रोड में तानुष के कार्यक्रम में आयोजित किया गया सब से मिल कर जादूगर की प्रसंशा की । इस अवसर पर श्रीमती मीना त्रिवेदी, स्मति शेष लक्ष्मीकान्त त्रिवेदी श्रीमती दिव्यानी त्रिवेदी, रतीश त्रिवेदी ,राहुल त्रिवेदी ,रिचा त्रिवेदी, गौरव त्रिवेदी, शिवानी त्रिवेदी आदि लोग उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार की लापरवाही से 5 लाख छात्र/छात्रा स्कालरशीप से वंचित हुए : कांग्रेस
शाह मोहम्मद
कानपुर । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व सदस्य इखलाक अहमद डेविड की अध्यक्षता मे एक बैठक चमनगंज मे हुई जिसमें प्री मैट्रिक स्कालरशीप की स्कूलों/विद्यालयों को अग्रसारित करने की तिथि बढ़ाने व कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की स्कालरशीप स्कीम दोबारा शुरु करने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से की।
वक्ताओं ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही छात्र/छात्रा की वज़ीफ़ा प्री मैट्रिक स्कीम मे कक्षा 9-10 मे 32 लाख से अधिक छात्र/छात्राओं ने वज़ीफ़ा के लिए रजिस्ट्रेशन किया था जिसमेँ त्रुटियों के बाद लगभग 24 लाख से अधिक छात्र/छात्राओं का फाइनल प्रिंट जमा हुआ। जिसे स्कूलों/विद्यालयों को उन फार्मो को अग्रसारित करना था जिसकी अंतिम तिथि 12 अक्टूबर, 2018 थी लेकिन विद्यालयों/शिक्षा विभाग की लापरवाही व स्कालरशीप वेबसाइट सर्वर धीमा होने व ठीक से न चलने की वजह से लगभग 5 लाख से अधिक छात्र/छात्रा की स्कालरशीप अग्रसारित होने की प्रक्रिया पूर्ण नही हो सकी। जिसका खामियाज़ा छात्र/छात्रा व उनके परिवारों को भुगतना पड़ेगा। स्कूल/विद्यालय अपनी गल्ती को छुपाने के लिए अलग-अलग बहाने बनाकर उल्टा छात्र/छात्रा को व आनलाइन प्रक्रिया को इसका ज़िम्मेदार बता अपना पल्ला झाड़ रहे है।
वक्ताओं ने कहा कि कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की स्कालरशीप स्कीम बिना किसी कारणवश 2013-14 मे बंद कर दी स्कालरशीप मिलने से अभिभावकों का कुछ बोझ कम होता, छात्र/छात्रा मे उत्साह बढ़ता। वज़ीफ़ा मे विद्यालयों द्वारा भी छात्र/छात्राओं को समय से व अधूरी जानकारी मिलने से वो स्कालरशीप योजना का आवेदन समय से नही कर पाते अप्रैल, जुलाई-अगस्त तक तो विद्यालयों मे प्रवेश प्रक्रिया चलती रही छात्र/छात्राओं को स्कालरशीप का आवेदन करने मे समय कम मिला हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट 9-11 के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी चल रही थी जिस वजह से प्री मैट्रिक स्कालरशीप स्कीम मे फार्मो को अग्रसारित करने की तिथि समाप्त हो गयी इंटरनेट का सर्वर धीमा होने की वजह स्कूलों/विद्यालयों की परेशानी बढ़ गयी अग्रसारित की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर थी निकल गयी जिससे लगभग 5 लाख छात्र/छात्रा वज़ीफ़ा योजना का आवेदन करने के बावजूद लाभ से वंचित रह जाएगे तिथि को बढ़ाया जाए।
श्री डेविड ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से प्री मैट्रिक स्कालरशीप की स्कूलों/विद्यालयों को अग्रसारित करने की तिथि बढ़ाने, कक्षा 1 से 8 तक की स्कालरशीप स्कीम दोबारा शुरु करने व लापरवाह स्कूलों/विद्यालयों को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करने की मांग की।
बैठक मे *इखलाक अहमद डेविड, फहद अब्बासी, विशाल शर्मा, मोहम्मद रफीक, शफाअत हुसैन, मुकेश पाण्डेय, आदित्य चौबे, अशरफ बाबू, एजाज़ रशीद, अब्बास अंसारी, विनय सोनकर, अब्दुल जब्बार, संजय शाह, जावेद अब्बासी, तौफीक रेनू* आदि थे।
टिकट चेकरो को बिना टिकट यात्री दिखते है अवैध सामग्री बेचते लोग नही
मो0 नदीम की रिपोर्ट
कानपुर । रेलवे विभाग जहां रोज़ाना हजारो यात्रियों का आवागमन होता है यात्रियों की सुरक्षा के लिए जी0 आर0 पी0 व आर0 पी0 एफ0 के जवान 24 घण्टे मुस्तैद रहते है वही दूसरी ओर T C यानि टिकट चेकरो की पूरी टीम बिना टिकट यात्रियों की धड़पकड में लगी रहती है उसके बाद भी कोई बाहरी व्यक्ति प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री के साथ डटा मिले तो इसे रेलवे सुरक्षा में सेंध ही कहेंगे
कानपुर-सेंट्रल स्टेशन अवैध सामग्री बेचने का अड्डा बना हुआ है जिस पर लगाम लगना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है सिगरेट मसाला आदि कई तरह की सामग्री की बिक्री करते दर्जनों लोग प्लेटफार्म पर दिखाई दे जाएंगे इनकी बेख़ौफी देखकर ऐसा लगता है जैसे रेलवे विभाग इन पर खुलकर मेहेरबान है प्लेटफार्मो पर सबसे ज्यादा तादाद T C टिकट चेकरो की होती है जिनका काम ट्रेन के आते ही बिना टिकट चल रहे यात्रियों की धड़पकड़ की होती है जो भी यात्री बिना टिकट या बिना प्लेटफार्म टिकट के पाया जाता है तो उस पर T C द्वारा तत्काल जुर्माना लगाया जाता है आश्चर्य तब होता है जब प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है अभी तक किसी भी T C ने इन पर कोई नियमित कार्यवाही नही की है जबकि नियमानुसार कोई भी व्यक्ति संदिग्ध दिखे तो उससे टिकट या प्लेटफार्म टिकट की मांग करे टिकट ना मिलने पर जुर्माना या फिर रेलवे पुलिस को सूचित करें परन्तु ऐसा अभी तक कोई T C करता दिखा तो नही है अगर ऐसा होता तो प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री की बिक्री करते लोग टिकट चेकरो की पारखी नजर से बच ना पाते इससे तो यही लगता है कि कही ना कही टिकट चेकरो का भी संरक्षण अवैध कार्य करने वाले लोगो को मिल रहा है तभी वो बिना किसी के डरे स्टेशन पर अपनी जड़ें फैलाए हुए है वही दूसरी ओर आर0 पी0 एफ0 व जी0 आर0 पी0 पुलिस का कहना है अगर कोई अवैध कार्य की बिक्री करता पाया जाता है या कोई शिकायत करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है सोचने वाली बात तो ये है टिकट चेकरो को बिना टिकट के यात्री तो नजर आ जाते है परंतु रेलवे सुरक्षा में सेंध लगाकर प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री की बिक्री कर रहे लोग नजर नही आते है ये बात हलक से उतर नही पा रही है
टिकट चेकरो को बिना टिकट यात्री दिखते है अवैध सामग्री बेचते लोग नही
मो0 नदीम की रिपोर्ट
कानपुर । रेलवे विभाग जहां रोज़ाना हजारो यात्रियों का आवागमन होता है यात्रियों की सुरक्षा के लिए जी0 आर0 पी0 व आर0 पी0 एफ0 के जवान 24 घण्टे मुस्तैद रहते है वही दूसरी ओर T C यानि टिकट चेकरो की पूरी टीम बिना टिकट यात्रियों की धड़पकड में लगी रहती है उसके बाद भी कोई बाहरी व्यक्ति प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री के साथ डटा मिले तो इसे रेलवे सुरक्षा में सेंध ही कहेंगे
कानपुर-सेंट्रल स्टेशन अवैध सामग्री बेचने का अड्डा बना हुआ है जिस पर लगाम लगना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है सिगरेट मसाला आदि कई तरह की सामग्री की बिक्री करते दर्जनों लोग प्लेटफार्म पर दिखाई दे जाएंगे इनकी बेख़ौफी देखकर ऐसा लगता है जैसे रेलवे विभाग इन पर खुलकर मेहेरबान है प्लेटफार्मो पर सबसे ज्यादा तादाद T C टिकट चेकरो की होती है जिनका काम ट्रेन के आते ही बिना टिकट चल रहे यात्रियों की धड़पकड़ की होती है जो भी यात्री बिना टिकट या बिना प्लेटफार्म टिकट के पाया जाता है तो उस पर T C द्वारा तत्काल जुर्माना लगाया जाता है आश्चर्य तब होता है जब प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है अभी तक किसी भी T C ने इन पर कोई नियमित कार्यवाही नही की है जबकि नियमानुसार कोई भी व्यक्ति संदिग्ध दिखे तो उससे टिकट या प्लेटफार्म टिकट की मांग करे टिकट ना मिलने पर जुर्माना या फिर रेलवे पुलिस को सूचित करें परन्तु ऐसा अभी तक कोई T C करता दिखा तो नही है अगर ऐसा होता तो प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री की बिक्री करते लोग टिकट चेकरो की पारखी नजर से बच ना पाते इससे तो यही लगता है कि कही ना कही टिकट चेकरो का भी संरक्षण अवैध कार्य करने वाले लोगो को मिल रहा है तभी वो बिना किसी के डरे स्टेशन पर अपनी जड़ें फैलाए हुए है वही दूसरी ओर आर0 पी0 एफ0 व जी0 आर0 पी0 पुलिस का कहना है अगर कोई अवैध कार्य की बिक्री करता पाया जाता है या कोई शिकायत करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाती है सोचने वाली बात तो ये है टिकट चेकरो को बिना टिकट के यात्री तो नजर आ जाते है परंतु रेलवे सुरक्षा में सेंध लगाकर प्लेटफार्म पर अवैध सामग्री की बिक्री कर रहे लोग नजर नही आते है ये बात हलक से उतर नही पा रही है
मिसाइल मैन डॉ अब्दुल कलाम जन्म दिवसविशेष
15 अक्तूबर/जन्म-दिवस
मिसाइल मैन डा. अब्दुल कलाम
क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि उस युवक के मन पर क्या बीती होगी, जो वायुसेना में विमान चालक बनने की न जाने कितनी सुखद आशाएं लेकर देहरादून गया था; पर परिणामों की सूची में उसका नाम नवें क्रमांक पर था, जबकि चयन केवल आठ का ही होना था। कल्पना करने से पूर्व हिसाब किताब में यह भी जोड़ लें कि मछुआरे परिवार के उस युवक ने नौका चलाकर और समाचारपत्र बांटकर जैसे-तैसे अपनी शिक्षा पूरी की थी।
देहरादून आते समय केवल अपनी ही नहीं, तो अपने माता-पिता और बड़े भाई की आकांक्षाओं का मानसिक बोझ भी उस पर था, जिन्होंने अपनी अनेक आवश्यकताएं ताक पर रखकर उसे पढ़ाया था; पर उसके सपने धूल में मिल गये। निराशा के इन क्षणों में वह जा पहुंचा ऋषिकेश, जहां जगतकल्याणी मां गंगा की पवित्रता, पूज्य स्वामी शिवानन्द के सान्निध्य और श्रीमद्भगवद्गीता के सन्देश ने उसेे नये सिरे से कर्मपथ पर अग्रसर किया। उस समय किसे मालूम था कि नियति ने उसके साथ मजाक नहीं किया, अपितु उसके भाग्योदय के द्वार स्वयं अपने हाथों से खोल दिये हैं।
15 अक्तूबर, 1931 को धनुष्कोटि (रामेश्वरम्, तमिलनाडु) मंे जन्मा अबुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम नामक वह युवक भविष्य में ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रख्यात हुआ। उनकी उपलब्धियों को देखकर अनेक विकसित और सम्पन्न देशों ने उन्हें मनचाहे वेतन पर अपने यहां बुलाना चाहा; पर उन्होंने देश में रहकर ही काम करने का व्रत लिया था। चार दशक तक उन्होंने ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ तथा ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ में विभिन्न पदों पर काम किया। यही डा. कलाम 2002 ई. में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और अपनी सादगी के कारण ‘जनता के राष्ट्रपति’ कहलाये।
डा. कलाम की सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी आडम्बरों से दूर रहे। वे जहां भी जातेे, वहां छात्रों से अवश्य मिलते थे। वे उन्हें कुछ निरक्षरों को पढ़ाने तथा देशभक्त नागरिक बनने की शपथ दिलाते थे। उनकी आंखों में अपने घर, परिवार, जाति या प्रान्त की नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश की उन्नति का सपना पलता था। वे 2020 ई. तक भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की सूची में स्थान दिलाना चाहते थे। साहसी डा. कलाम ने युद्धक विमानों से लेकर खतरनाक पनडुब्बी तक में सैनिकों के साथ यात्रा की।
मुसलमान होते हुए भी वे सब धर्मों का आदर करते थे। वे अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर गये, तो श्रवण बेलगोला में भगवान बाहुबलि के महामस्तकाभिषेक समारोह में भी शामिल हुए। उनकी आस्था कुरान के साथ गीता पर भी थी तथा वे प्रतिदिन उसका पाठ करते थे। उनके राष्ट्रपति काल में जब भी उनके परिजन दिल्ली आये, तब उनके भोजन, आवास, भ्रमण आदि का व्यय उन्होंने अपनी जेब से किया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में होने वाली ‘इफ्तार पार्टी’ को बंदकर उस पैसे से भोजन सामग्री अनाथालयों में भिजवाई। उनके नेतृत्व में भारत ने पृथ्वी, अग्नि, आकाश जैसे प्रक्षेपास्त्रों का सफल परीक्षण किया, जिससे सेना की मारक क्षमता बढ़ी। भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने का श्रेय भी डा. कलाम को ही है। शासन ने उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।
आजीवन अविवाहित रहे डा. कलाम अत्यधिक परिश्रमी और अनुशासन प्रेमी थे। वे कुछ वर्ष रक्षामंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी रहे। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद भी वे विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों से बात करते रहते थे। वे चाहते थे कि लोग उन्हें एक अध्यापक के रूप में याद रखें। 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में छात्रों के बीच बोलते समय अचानक हुए भीषण हृदयाघात से उनका निधन हुआ। 30 जुलाई को उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वर में ही दफनाया गया। उन्नत भारत के स्वप्नद्रष्टा, ऋषि वैज्ञानिक डा. कलाम द्वारा लिखित पुस्तकें युवकों को सदा प्रेरणा देती रहेंगी।
………………………………………….इस प्रकार के भावपूर्ण संदेश एकत्रित एवं लेखक के भेजने वाले महावीर प्रसाद जी सिंघल मौ 9897230196
मतदाताओं बढ़ाओ अभियान की हकीकत जानने निलकली एम.एम.एसोशिएशन
आज़म महमूद
कानपुर । एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी ने पदाधिकारियों के साथ मतदाता बढाओ अभियान की हकीकत जानने पोलिंग बूथों पर निरिक्षण किया।
कई बूथों पर बीएलओ नदारत जिलाधिकारी से शिकायत की।
जौहर एसोसिएशन लगाएगी शिविर।
कैन्ट विधानसभा क्षेत्र देख रहे एसीएम-2 का कहना है कि कच्ची बस्ती के 6 बूथों पर 6% नाम अधिक चढ़ें है जबकि 20 प्रतिशत युवाओं के नाम नदारत, आज तक नही हुई 62% से अधिक वोटिंग जौहर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी ने जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को कराया अवगत।
हाशमी ने बताया कैन्ट विधानसभा के बूथों पर आज जौहर एसोसिएशन की टीम के पदाधिकारियों के साथ पहुंचें बाबूपुरवा, बेगमपुरवा, मुन्शीपुरवा, अजीतगंज, ट्रांसपोर्ट नगर के बूथों पर हकीकत जानी, साथ ही जौहर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने घर घर जाकर लोगों को मतदाता बनने के लिए जागरूक किया सड़कों पर लोगों को रोक रोक कर दिया फार्म-6 देकर नए मतदाता बनाने पर दिया ज़ोर इस मौके नगर अध्यक्ष रईस अन्सारी राजू, असद सफी, सैय्यद शाबान, फहद जावेद, शहाबुद्दीन, आरिफ मिन्टू, नियाज़ उस्मानी, नईम शेरु, हाजी रियासत आदि थे।
वोटर जागरूकता रैली निकाल मुस्लिम नौजवानों से वोटर बनकर अपने अधिकार को पहचाने का संदेश दिया
शाह मोहम्मद
कानपुर । मोहम्मदी यूथ ग्रुप ने वोटर जागरुकता रैली निकाल मुस्लिम नौजवानों से वोटर बनकर अपने अधिकार को पहचाने का पैगाम दिया। मोहम्मदी यूथ ग्रुप की जागरुकता रैली का नेतृत्व ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड कर रहे थे जिसमें उलेमा ए कराम व समाजसेवी संगठन के लोग शामिल हुये।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के पदाधिकारी ज़ोहर की नमाज़ के बाद गुलाब घोसी मस्जिद के पास जमा हो रहे थे जिसमेँ उलेमा ए कराम समाजसेवी संगठन के लोग भी वोटर जागरुकता रैली मे शामिल होने लगे। रैली गुलाब घोसी मस्जिद से निकली जो मोहम्मद अली पार्क, शफीयाबाद मस्जिद, अजमेरी चौराहा, गरीब नवाज़ मस्जिद, सर सैय्यद लाईब्रेरी, डा० बेरी चौराहा, कंघी मोहाल, कर्नलगंज व शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाको का भ्रमण करके लोगो को बूथ पर पहुंचकर अपना व अपने परिवार का नाम वोटर लिस्ट मे चेक करने, 18 साल के हो चुके नौजवानों से अपना फार्म नं० 06 भरकर जमा करने की बात करने के साथ-साथ अपने अधिकार को पहचाने की बात कर रहे थे। वोटरो को जागरुक करने के लिए रैली मे शामिल लोग हाथों मे तख्तियां थी जिसमें *वोटर बनने के लिए चले बूथ की ओर, अपने व अपने परिवार का नाम वोटर लिस्ट मे चेक करें, आओं चले बूथ की ओर, 18 साल के नौजवान अपना वोट बनवाने के लिए फार्म भरें, अपने अधिकार को पहचाने वोटर बने, कुछ वक्त निकालकर बूथ पर पहुंचे* आदि स्लोगन लिखे थे।
ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि चुनाव आयुक्त ने आने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व सितम्बर 2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक प्रोग्राम चला रखा है जिसमे हर बूथ पर बूथ लेवल आफिसर को ज़िम्मेदारी दी गयी है कि 01 जनवरी 2018 को जिसकी उम्र 18 साल की हो गयी है वह वोटर बनने के लिए फार्म नं० 06, वोटर लिस्ट मे अगर नाम दो जगह है बूथ मे वार्ड मे या विधानसभा मे तो अपना नाम ज़रुर कटवा ले नाम एक बूथ मे ही होना चाहिए इसके लिए फार्म नं० 07, मतदाता सूची मे गल्ती को ठीक कराने और लिस्ट मे फोटो को शामिल कराने के लिए फार्म नं० 08 भरें, एक ही विधानसभा क्षेत्र मे पोलिंग बूथ बदलने के लिए फार्म नं० 8-ए भरने के निर्देश दिये लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि सितंबर से चल रहे प्रोग्राम मे अभी तक वोटर बनने के लिए बहुत ही कम लोग बूथ पर जा रहे है हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि लोगों को जागरुक करें नौजवान वोटर अपने मुल्क का मुस्तकबिल सवार सकें और भारत को मज़बूत लोकतांत्रिक देशोँ की पहचान दुनियां मे कायम रहे।
प्रोग्राम मे इखलाक अहमद डेविड, मौलाना अब्दुल रज्ज़ाक, हाफिज़ मोहम्मद कफील, मोहम्मद अनीस, सैय्यद अरशद, मोहम्मद इस्लाम खान, मोहम्मद शादाब, हाजी इश्तियाक निज़मी, इस्लाम खाँ आज़ाद, महबूब आलम खाँ, असद सिद्दीकी, एजाज़ रशीद, मोहम्मद मुफीद, मोहम्मद शरीफ, माबूद खान, मोहम्मद इरफान अशरफी, मुर्तजा अली अंसारी, अब्दुल जब्बार, मोहम्मद रशीद, अतीक गुड्डू, मोहम्मद इरफान हाशमी, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद शकील, आज़म महमूद, शाह आलम, मोहम्मद रफीक, इमरान खान, मोहम्मद हफीज़, जावेद अहमद, अबरार अहमद, तौफीक रेनू, मोहम्मद अयाज़, शारिक वारसी मुख्य थे।
डी एम के आदेश ताक पर रख रेलबाजार में घटिया पदार्थो से लैस सॉस (चटनी) का धड़ल्ले से हो रहा उत्पादन
मो0 नदीम की रिपोर्ट
कानपुर 12 अक्टूबर 2018
खाद्य पदार्थो में मिलावट एक ऐसा जहर है जो मानव जाति की मशीनरी को आहिस्ता आहिस्ता खोखला कर रहा है जिसका हमे अहसास भी नही हो रहा है आज 60 परसेंट से भी ज्यादा खाद्य पदार्थो में मिलावट का बीज बोया जा रहा है सबसे ज्यादा खान पान की वस्तुओं में घटिया क्वालिटी के पदार्थो के उपयोग के मामले सामने आ रहे है जिसमे प्रमुख रूप से घटिया सामग्री व केमिकल द्वारा बनाई गई नकली सॉस (चटनी) है जिसे लोग बड़े ही चाव से चटखारे लेकर भोजन व फास्टफूड के साथ उपयोग करते है लोगो को ये पता ही नही है जिस घटिया क्वालिटी की सॉस (चटनी) का वो उपयोग कर रहे है वो उनके बॉडी पार्ट्स के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है कई बार लोग जागरूक नागरिक का फर्ज निभाते हुए इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाते है परन्तु काले कारोबार की रोकथाम व जाँच महज एक छलावे के सिवा कुछ भी नही है
सूत्रों के अनुसार रेल बाजार स्थित मकान न0 163 कमल नारायण होमगार्ड इंस्पेक्टर के घर के सामने दिव्यांशी एन्ड कम्पनी नाम से घटिया सॉस (चटनी) की बनाने की फैक्ट्री खुली हुई है जहा रोज़ाना हजारो की तादाद में सॉस (चटनी) को बोतलों में भरकर गत्तों में पैक करके जिले की सैकड़ो दुकानों में लोडर द्वारा चोरी छुपे पहुचाया जाता है ये सारा गोरखधन्धा ग्रह स्वामी मनोज बाजपेयी की देखरेख में कई वर्षों से हो रहा है सॉस (चटनी) की गुणवत्ता की बात की जाए तो इसमें आलू ,सड़े टमाटर सड़े कद्दू सेलखड़ी विनेगर एवं रंग के अलावा मिठास लाने के लिए सिकरींन आदि का प्रयोग किया जाता हैं सभी पदार्थो को कई दिनों तक केमिकल में सड़ाया जाता है उसके बाद उसे साइट्रिक नामक केमिकल के जरिए साफ किया जाता है तैयार होने के बाद इन्हें शीशियों में पैक करके आसपास के थोक दुकानदारों को पहुचाया जाता है दुकानदार उसे 30 से 35 र0 प्रत्येक शीशी के हिसाब से फुटकर ग्राहकों को बेचता है सस्ती होने की वजह से इसकी बिक्री जोरो पर होती है ठेले खुमचे व छोटे बड़े रेस्तरां भी इसका इस्तेमाल जोरो पर कर रहे है वही नामचीन कंपनियों की सॉस (चटनी) अच्छी क्वालिटी के टमाटर शुद्ध मसालों के साथ।खांड का प्रयोग करके बनती है बाजार में इनकी कीमत 90 से 95 रु0 होती है यानि कि घटिया क्वालिटी की सॉस (चटनी) से 60 रु0 ब्रांडेड कम्पनी की कीमत ज्यादा है अब यही से गुणवत्ता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि।इतने ज्यादा फर्क से तैयार घटिया सॉस (चटनी) में प्रयोग होने वाले घातक पदार्थ स्वास्थ्य के लिए कितने हानिकारक होंगे इसका अनुमान भी लगाना मुश्किल होगा
*कार्यवाही होने के बाद भी नही बन्द हुआ घटिया सॉस (चटनी) का गोरखधंधा*
मेरा नाम मनोज बाजपेई है अगर किसी ने मेरे कारोबार में टांग अड़ाई तो मैंने उसे फर्जी मुकदमो में जेल की हवा खिलाई जी हां हम बात कर रहे है घटिया मिलावटी खाद्य पदार्थो से तैयार सॉस (चटनी) के संचालक मनोज बाजपेयी की जिसकी दबंगई से पूरा क्षेत्र त्रस्त है जब से क्षेत्र में।मनोज ने सॉस (चटनी) की फैक्ट्री लगाई है तब से आये रोज क्षेत्र वासियों को धमकी भरे स्वर सुनने को मिलते रहते है कारण सॉस (चटनी) से होने वाली गन्दगी युक्त कूड़े को क्षेत्र में ही पड़ा रहने देना जिसे आवारा जानवर पूरे क्षेत्र में फैला देते है जिससे पूरे क्षेत्र में गन्दगी बदबू फैली रहती है जब तक काम छोटा था तो लोगो ने बर्दाश्त किया लेकिन जब काम बड़े पैमाने पर होने लगा तो और ज्यादा गन्दगी होने लगी जो लोगो के बर्दाश्त के बाहर हो गई सभी।क्षेत्रवासियों ने मिलकर संचालक मनोज से कहा जब से तुमने सॉस की फैक्ट्री लगाई तब से सभी के घर मे कोई ना कोई बीमार पड़ रहा है तुम्हारी फैक्ट्री से जो झागनुमा केमिकल नालियों में बह रहा है उसकी चपेट में आते ही।हम लोगो को खासी और छीके आने लगती है आखिर ऐसा क्या मिलाते हो सॉस (चटनी) में इतना सुनते मनोज ने क्षेत्र वासियो को भद्दी भद्दी गालिया देते हुए वहां से जाने को कहा दोबारा आवाज उठाने पर फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दी उसके बाद से मनोज के खिलाफ कोई भी।आवाज उठाने की हिम्मत ना।जुटा सका उसके बाद से मनोज का घटिया सॉस (चटनी) का धंधा दिन दूना रात चौगुना तरक्की करने लगा देखते ही देखते कई लोडर मनोज के दरवाजे खड़ी हो गई रोज़ाना बीसियों लोडरो में माल सप्लाई होने लगा आस पास के जिलो में भी माल की खपत होने लगी रिहायशी इलाका इंडस्ट्रीयल एरिया में तब्दील सा प्रतीत होने लगा तो कुछ सभ्य व जागरूक नागरिको ने इसकी शिकायत डी0 एम0 कार्यालय में की लोगो ने बताया कि शिकायत के बाद खाद्य विभाग की टीम आई थी मनोज के सॉस (चटनी) का नमूना ले गई कुछ दिनो के लिए काम भी बंद रहा परन्तु कुछ दिन बाद फिर वही पुराने ढर्रे जैसी स्थिति हो गई अब उसने महिलाओं को काम पर रख लिया है जिससे कोई फैक्ट्री में ना घुस सके घर के आस पास कैमरे भी लगा लिए है जिससे उसे क्षेत्रवासियों व आने जाने वालों की गतिविधियों की जानकारी हो सके सूत्रों की माने तो खाद्य विभाग की टीम सॉस (चटनी) का नमूना लेकर गई थी वो नमूना फेल होने पर मनोज पर फ़ूड एक्ट के तहत मुकदमा लिखा गया था जिसके कारण हाल ही में मनोज के खिलाफ़ वारंट भी इशू हुआ था इतना सब होने बाद भी सॉस (चटनी) संचालक मनोज की दबंगई का आलम ये है कि अभी भी बेधड़क होकर धड़ल्ले से सॉस (चटनी) का उत्पादन जोरो से कर रहा है मजे की बात तो ये है पूरी जानकारी होने के बाद भी खाद्य विभाग खामोशी की चादर लपेटे पड़ा है जबकि डी0 एम0 विश्वास पंत का आदेश है मिलावट खोरो के खिलाफ तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए परन्तु खाद्य विभाग है कि त्योहारो।को छोड़कर किसी और मामले में जागने को तैयार ही नही है शायद इसी कारण मिलावट खोरो के हौसले बुलंद है इससे तो यही लगता है ये सारा प्रोपागंडा खाद्य विभाग की दरिया दिली की वजह से फैला हुआ है जिसके कारण रोज़ाना सैकड़ो लोग घटिया मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन करके घातक बीमारियों की चपेट में आ रहे है
पत्रकारों को वसूली कर रहे टिकट चेकरो ने फर्जी मुकदमे में फसाने की दी धमकी
मो0 नदीम
(कानपुर) 11 अक्टूबर 2018
सरकारी विभाग के कर्मचारी अगर ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यो का निर्वाहन करे तो देश को कभी भी आर्थिक संकट से नही जूझना पड़े लेकिन रिश्वत खोरी की जड़े इतनी गहरी है अगर कोई काटने की कोशिश करता है तो उसे फर्जी मुकदमे में फसा दिया जाता है या फिर डरा धमकाकर पीछे हटने पर मजबूर कर दिया जाता है
बताना चाहेंगे सेंट्रल रेलवे (T C) टिकट चेकरो के आतंक का पर्याय बना हुआ है आने जाने वाले यात्रियों को जबरन रोककर टिकट चेकिंग के नाम पर घण्टो परेशान किया जा रहा है ट्रेन के आते ही बीसियों टिकट चेकर डिब्बे में घुसकर यात्रियों से नोकझोक करते देखे जा सकते है दबंग टी सी महिलाओ को भी नही बख्शते है उनसे भी अभद्रता पर उतारू हो जाते है जल टिकट में हेर फेर देखते ही पैसो की मांग करते है अगर कोई बिना टिकट यात्री पकड़ा जाता है तो उससे वसूली करने में जरा भी परहेज नही करते है रोज़ाना सैकड़ो यात्री बिना टिकट पकड़े जाते है कार्यवाही के नाम पर ना तो उन पर जुर्माना होता है ना ही उनकी रसीद काटी जाती है एक मोटी रकम लेकर उन्हें छोड़ दिया जाता है अगर कोई यात्री रकम देंने में असमर्थता जताता है तो उसे जेल भेजने की धमकी दी जाती है जिससे डरकर यात्री अपने जेबे ढीली करने में ही अपनी भलाई समझते है वसूली हुई रकम को सभी टिकट चेकर मिलकर बन्दर बाट कर लेते है चर्चाओं द्वारा ये भी पता चला है कि सारा गोरखधंधा उच्चाधिकारियों की कृपा दृष्टि का ही नतीजा है रोज़ाना लाखो रुपए राजस्व के इसी तरह से बन्दर बाट किए जाएंगे तो रेलवे विभाग के होने वाले घाटे की भरपाई होना शायद ही कभी सम्भव हो
आज सेट्रल रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों को टिकट चेकरो द्वारा यात्रियों से वसूली की कवरेज करना भारी पड़ गया आनद विहार ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकते ही टिकट चेकरो की टीम यात्रियों से बिना टिकट पाए जाने पर नोक झोंक कर रही थी ये देख कवरेज कर रहै पत्रकार महोदय ने उनकी फोटो खींच ली ये देखकर चेकर महोदय पत्रकार पर कार्य मे बाधा डालने का आरोप लगाते हुए आगे बढ़ गए इसके बाद कवरेज कर रहे पत्रकार ने देखा की एक टी सी यात्री को पकड़कर डरा धमकाकर पैसे ऐंठ रहा है ये देखकर पत्रकार महोदय ने उसको अपने कमरे में कैद कर लिया इतना करते देख उस टी सी ने पचासों टिकट चेकरो को इकट्ठा कर पत्रकार को घेर लिया
और उसका मोबाइल छीन लिया और लगा गरियाने पत्रकार को तुम होते कौन हो हमारी फोटो निकालने वाले तुम्हारे जैसे कितने रोज आते जाते है हम लोग यहां कुछ भी कर रहे है वो सब अपने मातहतों के कहने पर कर रहे है पत्रकार ने कहा कि क्या आपके अधिकारी आप लोगो से वसूली करवाते है इतना सुनते ही सारे टी सी उग्र होकर पत्रकार से अभद्रता करने लगे साथ ही फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दी जाने लगी टिकट चेकरो ने छीने हुए मोबाइल से सारी फोटुएं डिलीट कर दी जो उनके द्वारा की गई वसूली का सबूत था टिकट चेकरो की घेरा बन्दी में फंसे पत्रकारों ने वहां से निकलने में ही भलाई समझी टिकट चेकरो की गुंडई देखकर तो लगता है उन्हें खुलकर अवैध वसूली करने की छूट दी गई है टिकट चेकरो के हिसाब से स्टेशन पर मसाला सिगरेट और भी कई सामानों की बिक्री कर रहे अवैध वेंडर जी0 आर0 पी0 का नतीजा है सारे अवैध काम जी आर पी करवाती है तभी वो भी उन पर हाथ डालने से कतराते है ये तो वही बात हुई चोर चोर मौसेरे भाई तुम हमरी छुपाओ हम तुमरी छुपाई
बहरहाल मामला कुछ भी हो समाज को दिशा देने वाले पत्रकारों का पतन इसी तरह किया जाता रहेगा फर्जी मामलो में फसाने की धमकी दी जाती रहेगी तो वो दिन दूर नहीं जब लोग पत्रकारिता के पेशे में आने के नाम से भी गुरेज करेंगे
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