मो अनीस
कानपुर । मई के महीने की चिलचिलाती धूप एवं विकट गर्मी झेल रहे कानपुर के बेगमपुरवा वार्ड नo 102 की जनता ने केस्को के विरोध प्रदर्शन किया । मामला कुछ इस तरह का है कि शहर में भूमिगत लाइन डाली जा रही है इसी कड़ी में 102 वार्ड बेगम पुरवा में भी कार्य चल रहा है । कार्य अभी पूरा भी नही हुआ है फिर भी आज बाबूपुरवा सबस्टेशन के कर्मचारियों ने पुरानी लाइन बंद कर दी तथा तार उतारने का कार्य चालू कर दिया जिस का क्षेत्रीय पार्षद के साथ वहां के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया इन लोगों का कहना था कि घरो में बिजली मीटर लगने के लिए प्रार्थना दिया है आवेदन कर देने के बावजूद अभी तक घरो में मीटर नही लगे हैं तथा अभी भूमिगत कार्य भी नही पूरा हुआ है सड़क पर खुले तार पड़े हुए हैं जो जान का खतरा बने हुए है तथा किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं । इस बाबत जब पार्षद इरफान से बात की तो उन्होंने बताया कि अधिशाषी अभियंता एस के सिंह से बात की उन से कहा कि आप को पहले सूचना देनी चाहिए थी आवेदन के बावजूद अभी क्षेत्र में 50% कनेक्शन भी नही हुए तथा बिना सूचना के सुबह से लाइट नही है जिस कारण नई बस्ती (मलिन बस्ती) कुछ लोगों को कालरा है बिना पूर्व सूचना के कारण पूरा क्षेत्र के निवासियों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो उन्होंने तानाशाही अंदाज़ में कहा कि लखनऊ से आदेश है मै कुछ नही कर सकता केस्को अभियंता इन कमियों को दूर न कर के क्षेत्रीय लोगों को परेशान कर रहे हैं वही पार्षद ने ये आरोप भी लगाया कि प्रधान मंत्री के सहेज हर घर मिलेगी सौभग्य बिजली योजना में भी सिंह जी ने कोई आवेदन नही लिए सिर्फ आश्वासन देते रहे अब कह रहे है कि योजना बंद हो गई है पार्षद मो,इरफान के साथ महिलाओं ने केस्को के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाए ओर विरोध प्रदर्शन किया ।
हिन्दु युवा वाहिनी के गुन्डो को गिरफ्तार करो
कानपुर – कल अलीगढ़ मे जो वाक्या पेश आया उसके खिलाफ आज दादा मियां चौराहे पर संस्था मुस्लिम वैल्फेयर ऐसोसिएशन द्वारा एक विरोध प्रदशन किया गया जिसमे संस्था के लोगो ने यूपी सरकार मुर्दाबाद, अलीगढ़ पुलिस मुर्दाबाद, हिन्दु युवा वाहिनी मुर्दाबाद के नारे लगायेI संस्था के सह-अध्यछ मुहम्मद वासिक़ बेग बरकाती ने कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मे जो वाक्या हुआ है उसकी हम सख्त मज़म्मत करते है और अपने शदीद ग़मो गुस्से का इज़हार करते है और इस बात की दावत ए फिक्र देते है की हिन्दुस्तान में अब तालीमी इदारे भी फिरकापरस्त और फासिद ताकतो की ज़द में आ चुके है हमारी यूनिवर्सिटी के दाखिली निज़ाम मे भी दख्लअंदाज़ी होना शुरु हो रही है क़ौम के बावकार कायदीन की तौहीन और उनसे गुस्ताखी की जा रही है हम सब मुत्तहिद हो जायें और खुद को इल्मी और माशी तौर पर मज़बूत करे और मुल्क को तोड़ने वाली मुल्क की अमनो शान्ति को मन्फी तौर से मुतासिर करने वाली ताकतो का मुकाबला करे हमको संजीदा और सेकुलर बिराद्रान ए वतन से भी अपील करना चाहिये के इन साम्प्रदायिक और फसादी ताकतो के हौसलो को जितना हो सके पस्त करने के लिये धर्मनिरपेक्ष बलों का साथ दे
बरकाती ने आगे कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 10 -15 सालो में खुली हुई दर्सगाह का नाम नहीं है के सस्ते और लफन्गे राजनेता इसको सियासत का निशाना बना लेंगे ये मादरी इल्मी हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब का एक रोशन निशान है ये हिंदुस्तानी मुसलमानो की इल्मी कयादत का मरकज़ है जाहिल, कमज़र्फ और बे’इमान लोग इतनी अासानी से सर सैयद अहमद खां के रोशन किये हुये इस चिराग़ को बुझा ना पायेंगे अज़ीज़ो ये वक्त अाज़माइश का है हम सबको फहमो तकब्बुर के साथ अपनी शिनाख्त को कायम रखना है इंशाअल्लाह हक ही को फतह होगी क्यूकी बातिल तो अाता ही जाने को हैI इसके बाद उपस्थित लोगो ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ज़िंदाबाद के नारे लगायेI
मुख्य रूप से वासिक बेग बरकाती, अयाज़ काज़ी, शाहरूख खान, युसूफ कादरी, सलमान बेग, अदनान अहमद, अब्दुल, अरबाज़, अज़ीज़ अहमद चिश्ती, वामिक बेग, रईस, रूमान आदि लोग मौजूद रहै I
अपहरण कांड का वांछित अपराधी रेलबाजार पुलिस की गिरफ्त में
मो0 नदीम व निजामुद्दीन
*कानपुर 02 मई 2018*
रातो रात अमीर बनने के सपने को पूरा करने के लिए दिनदहाड़े सनसनीखेज अपहरण की वारदात को अंजाम दे छू मंतर हुआ वांछित आया रेलबाजार पुलिस की गिरफ्त में चार अभियुक्तो को पहले ही जेल भेजा जा चुका है
हाल ही में थाना नजीराबाद स्थित जेके टेम्पल के पास नहरिया रोड पर ई रिक्शा से स्कूल जाते समय दिन दहाड़े छात्र नन्दू का अपहरण कर लिया गया था नंदू को छोड़ने के एवज में 5 करोड़ की मांग की गई थी घटना की सूचना पुलिस को होते ही एस पी साउथ ने तत्काल एक्शन में आते हुए सभी थाने के फोर्स व बार्डर के सभी थानों को चैकिंग तलाशी अभियान में लगा दिया था साथ ही अपहरणकर्ताओं के आने जाने वाले सभी सम्बन्धित मार्गो पर चौकसी बढ़ा दी गई थी पुलिस की तेज सरगर्मी देखकर अपहरणकर्ताओं के हाथ पैर फूल गए आनन फानन उन लोगो ने छात्र नन्दू को बस में बैठाकर वहां से भाग खड़े हुए थे छात्र नंदू की सुरक्षित घर वापसी के बाद एस पी साउथ द्वारा गठित टीम ने नंदू की निशान देही पर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था उक्त घटना में शामिल फरार सोनू उर्फ मामा की खोज में तेजी लाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 25000 हजार का इनाम घोषित कर दिया था
पुलिस अधीक्षक (पूर्वी)अनुराग आर्य के मार्गदर्शनीय पथ पर चलकर थाना रेलबाजार अंतर्गत टाटमिल चौराहे पर प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार रघुवंशी पुलिस बल के साथ तलाशी अभियान के दौरान सोनू उर्फ मामा निवासी मनीपुर को तमंचा व एक ज़िंदा कारतूस सहित गिरफ्तार किया पूछताछ में पता चला हाल ही में हुए छात्र अपहरणकांड में वांछित है सोनू उर्फ मामा ने बताया रवि शर्मा व विक्की यादव छात्र नन्दू के पिता के सामने वाले घर मे रहकर NEET की तैयारी कर रहे थे रवि शर्मा के अमीर बनने के सपने लंबे खर्च व महंगे शौक के चलते विक्की के साथ मिलकर नन्दू के अपहरण का प्लान बनाया था रवि के मुताबिक नन्दू के पिता एक मोटी आसामी है उनके 20 से 25 हॉस्टल चलते है पाँच छै करोड़ तो आसानी से मिल ही जाएंगे फुलप्रूफ प्लानिंग के तहत घटना को अंजाम भी दे दिया गया लेकिन कहते है झूठ के पैर ज्यादा लम्बे नही होते है सारे मंसूबो पर पानी फेरते हुए पुलिस के मजबूत शिकंजे ने आखिर उन्हें दबोच ही लिया
गिरफ्तार करने वाली टीम का नाम
*थाना रेल बाज़ार* श्री मनोज कुमार रघुवंशी प्रभारी निरीक्षक वरिष्ठ उप निरीक्षक अब्दुल कलाम उप निरीक्षक अतुल कुमार सिंह उप निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह उप निरीक्षक रवि शंकर पांडे उप निरीक्षक राजेश कुमार सिंह उप निरीक्षक अनूप कुमार हमराही विपिन कुमार कांस्टेबल परवेज खान कांस्टेबल सुशील कुमार सिंह आदि
कानपुर से लाखों का माल पार कर नटवरलाल मेरठ में बाँसमण्डी प्रभारी के हत्थे चढ़ा
(मो0 नदीम) व निजामुद्दीन*
*कानपुर 30 अप्रैल 2018*
हमारे देश मे नटवर लालों की कोई कमी नही है लोगो को विश्वास में लेकर बड़ी ही चतुराई से ठगी करके निकल जाना इनके लिए कोई बड़ी बात नही है लुभावने वादों का पिटारा लेकर घूम रहे ठगों का शिकार अक्सर भोले भाले लोग ही होते है कुछ नटवरलाल ठग तो इतने शातिर होते है कि वो अपने ताम झाम के साथ ठगी की दुकान तक खोल देते है फिर मौका लगते ही लाखो करोड़ो का माल पर कर ऐसे गायब हो जाते है जैसे वो मिस्टर इंडिया हो
ऐसा ही एक मामला सामने आया है थाना अनवर गंज अंतर्गत हमराज काम्प्लेक्स में शिफा फैशन रेडीमेड गारमेंट्स के नाम से मोहसिन दानिश व चार अन्य ने मिलकर लगभग दो माह पूर्व व्यापार शुरू किया था हमराज के थोक विक्रेताओं से माल लेकर व्यापार की शुरुवात करने वाले मोहसिन दानिश ने विक्रेताओं को विश्वास में लेने के लिए शुरूआती दौर में माल का भुगतान करने लगे लेकिन माह बीतते ही अपना रंग दिखाते हुए विक्रेताओं का माल लेकर डम्प करने लगे देखते ही देखते ही विक्रेताओं का नब्बे नब्बे लाख का माल उधारी चढ़ गया था व्यापारी जब तक जागते उससे पहले ही मोहसिन दानिश अपने साथियों के साथ रातो रात नब्बे लाख का माल पार करके चम्पत हो गए इस बारे में जब व्यापारियों को पता चला तो उनमे काफी रोष व्याप्त था
उक्त मामले को लेकर व्यापारियों ने थाना अनवर गंज में मुकदमा पंजिकृत कराया इतनी बड़ी ठगी की घटना को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अनवर गंज से एक पुलिस टीम गठित की पुलिस अधीक्षक पूर्वी व क्षेत्राधिकारी के मार्ग दर्शन से गठित टीम की बागडोर संभाले बासमण्डी चौकी प्रभारी मो0 अतीफ ने बेहद ही कुशलता का परिचय देते हुए गैर जनपद मेरठ से अथक परिश्रम के उपरांत उक्त मुकदमे में नामित अभियुक्त माल सहित गिरफ्तार किया माल बरामदगी से प्रसन्न व्यापारियों ने मो0 अतीफ व टीम की भूरि भूरि प्रशंसा की साथ ही समूचे पुलिस विभाग को बधाई दी घटना के शीर्घ हुए खुलासे व पूर्ण बरामदगी होने पर पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरुस्कृत करने की घोषणा की है
पुलिस की मामले को लेकर गम्भीरता सक्रियता से इतने बड़े ठगी के मामले का खुलासा इस बात का सबूत है कि अगर पुलिस अपने पर आए तो मजाल है कोई अपराधी वारदात करने के बाद बच जाए इस प्रकरण से जनता के बीच पुलिस की एक अच्छी छवि निकलकर सामने आई है
ये देखो रेलवे विभाग का हाल-महाप्रबन्धक की आहट से बदल गई चाल
upकानपुर 15 अप्रैल 2018 (मो0 नदीम)
अतिथि देवोभवःअर्थात अतिथि ईश्वर का रूप होता है उसके आहट मात्र से ही घर का पूरा वातावरण ही बदल जाता है जैसे घर के पर्दे चादर का बदल जाना गोलू मोलू को शिष्टाचार की सीख देना अतिथि से कैसे व्यवहार करना है ये सब परिवार के सभी सदस्यों को बारीकी से सिखाया जाता है इन सभी शिष्टाचारों से अगर कोई परिवार अनभिज्ञ हो और अचानक उसके द्वारे कोई अतिथि पधारे तो सोचिए क्या होता होगा उसकी तो कलई खुल जाती होगी यही हाल आजकल सरकारी विभागों में भी देखने को मिल रहा है अगर किसी उच्चाधिकारी के आने की भनक विभाग को लगती है तो विभागीय अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक खुद को गंगा जल से ज्यादा स्वच्छ व शुद्ध कर लेते है जैसे कभी अशुद्धता के निकट गए ही ना हो
देश के सबसे अव्वल में शुमार कानपुर सेंट्रल रेलवे में कल रेल महाप्रबन्धक एम सी चौहान के आने की आहट मात्र से ही रेलवे में हड़कम्प सा मच गया देखते ही देखते रेलवे परिसर में सफाई कमियों की लाइन लग गई अवैध वेंडरों से लेकर खोमचे ठेले व फल वालो को बाहर का रास्ता दिखाती जी0आर0पी0 व आर पी एफ एक साथ नजर आई टीसी भी पूरी ईमानदारी से अपना काम करते नजर आए उच्चाधिकारी के सामने अपने कॉलर खड़ा करने के लिए रेलवे विभाग यही पर नही रुका देखते ही देखते रेलवे के आसपास खोमचे ठेले मसाला चाय वालो की दुकानों को पल भर में ही लाठी की नोक पर मिस्टर इंडिया कर दिया गया जो चंद घण्टे पहले रेलवे पुलिस की सरपरस्ती की बदौलत 24 घण्टे रोशन रहती थी वहां वीरानी छा गई थी रेलवे के आस पास का माहौल देखकर लग ही नही रहा था कि ये वही सेंट्रल है जहां कुछ घण्टे पहले अतिक्रमण की वजह से बच बचकर निकलता पड़ता था उच्चाधिकारी के आने से हड़बड़ाया रेलवे विभाग अगर इसी तरह से गम्भीरता पूर्वक अपने कार्यो अंजाम देने लगे तो किसी भी अधिकारी को शायद ही किसी विभाग का दौरा करना पड़े लेकिन किसी ने सही कहा है पल भर की हरियाली उसके बाद फिर वही रात काली अब देखना ये है क्या रेलवे विभाग फिर उसी पुराने ढर्रे पर आ जाएगा या अवैध वेंडर से लेकर अतिक्रमण पर लगाम लगाएगा
*क्या कहना है रेलवे के अवैध ठेकेदारों का*
रेलवे परिसर के बाहर इकट्ठा हुए अवैध ठेकेदारों ने हमे बताया कि अक्सर बिन बुलाए मेहमान की तरह से अधिकारी के आ जाने के कारण बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता है हमने भी अनजान बनते हुए पूछा कितना नुकसान हो जाता है उसने बताया कि छोटे से छोटे ठेकेदार का लगभग 20 हजार रु0 हमने पूछा इतना नुकसान क्यो उसने बताया कि रेलवे में तकरीबन 25 ठेकेदार कार्य करवाते है प्रत्येक ठेकेदार के अधीन 15 से बीस वेंडर है प्रत्येक वेंडर को 400 रु0 रोज़ाना देने पड़ते है साथ में खाना पीना भी देना पड़ता है इसके अलावा रेलवे खर्च अलग से काम हो या ना हो हमने पूछा जब इतना खर्च निकाल देते हो तो तुम लोगो को क्या बचता होगा तो इस पर उसने बताया छोटे मोटे ठेकेदारों को सारे खर्चे निकालकर पाँच छै हजार रु0 रोज़ाना बच जाते है जब हमने उससे रेलवे खर्च के बारे पूछा कि वो किसे देते हो तो वो ठेकेदार बगले झाग़ता हुआ नौ दो ग्यारह हो गया ये बताने की जरूरत नही है रेलवे का खर्च किसकी झोली से होता हुआ किसकी गोद मे गिरता है
बहरहाल अगर जल्द ही रेलवे प्रशासन ने कुकरमुत्तों की तरह से फैल रहे अवैध वेंडर व अतिक्रमण पर लगाम ना लगाई तो जिस तरह से सड़को पर हो रहे अतिक्रमण से लोगो का चलना दूभर हो गया है आने वाले वक्त में वही हाल रेल यात्रियों का भी होगा
आज उर्सला में होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन के जन्म दिन को होम्योपैथी दिवसदिवस के रूप में मनाया गया
*आज उर्सला में होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन के जन्म दिन को होम्योपैथी दिवसदिवस के रूप में मनाया गया*
कानपुर:-आज उर्सला अस्पताल में होम्योपैथी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सीनियर डाक्टर’ डाक्टर विजय पाल यादव ने जानकारी दी की आज से 263वर्ष पहले होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन का जन्म 1755 को जर्मनी में हुआ था। आज उनके जन्मदिन को होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। होम्योपैथी के विषय में जानकारी देते हुए डाक्टर विजय पाल यादव ने बताया होम्योपैथी चिकित्सा जगत की बहुत पुरानी पद्धति है और बड़ी से बड़ी असाध्य बीमारी का इलाज होम्योपैथी में सम्भव है.सन 1790 में जब डाक्टर हैनीमैन साहब होम्योपैथी की किताब मटेरिया मेडिका को इंग्लिश से जर्मन भाषा में रूपांतरित कर रहे थे तब होम्योपैथी पद्धति का आविष्कार हुआ। होम्योपैथी के जनक का कहना था होम्योपैथी बीमारी को नहीं बल्कि मनुष्य को स्वस्थ रखने का काम करती है। आज की भाग दौड़ भरी कार्यशैली में होम्योपैथी चिकित्सा हर व्यक्ति के लिये सेक्योर पद्धति है। इस अवसर पर उर्सला अस्पताल की महिला डाक्टर सुनीता यादव ने महिलाओं के लिये होम्योपैथी सरल चिकित्सा प्रणाली है। उर्सला अस्पताल में रोजाना 150से 250मरीज देखें जाते है और सभी के लिये सारी दवाइयां निशुल्क उपलब्ध है।
सिस्टम की भेंट चढ़ता महिलाओं का सम्मान
मो. शोएब/अकबर
कानपुर । महिलाओं के सम्मान में,…… मैदान मे, बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ ये स्लोगन सुनने और लगाने में अच्छे लगते हैं । ये स्लोगन सिर्फ बेईमानी हैं बीते फरवरी माह के मुकाबले मार्च माह में जिस तरह से महिला उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं वो युवतियों के लिये अच्छे संकेत नही हैं तथा शहर के आला अधिकारियों के लिए ये एक चिंता का विषय है। अगर इस ओर ध्यान नही दिया गया तो और भी भयावह स्तिथि हो सकती है । शहर में तो महिला उत्पीड़न के बहुत मामले हैं लेकिन दो मामले एक ही थाने (कल्याण पुर)ऐसे हुए जो आत्मा को झकझोर देने वाले हुए पहला एक मजदूर की माँ अपने बेटे की लाश (संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत) सड़क पे रख के विरोध प्रदर्शन कर रही थी उस को तत्कालीन थाना अध्यक्ष उस बूढ़ी मां का पीछे से गिरेबाँ पकड़ कर बीच सड़क पे खींचते हुए ले गए थे जिस का फोटो और वीडियो सोशल मीडिया के वायलर हुआ था महिलाओं की दुहाई देने वाले तथा मातहत अधिकारी अगर उस घटना को महिला सम्मान की दृष्टि से देख कर सख्त कार्यवाही की होती तो शायद उसी थाने में ऐष्वर्य वाली ह्रदयविदारक घटना ना होती
ऐश्वर्या वो एक होनहार छात्रा थी। अभी उस ने इस कठोर दुनिया को 24 साल ही देखा था वोअपने मां बाप की दुलारी…वो अपना और अपने बाप का नाम रोशन करना चाहती थी उस ने कंप्यूटर इंजीनियर बनने का सपना देखा था । अपने सपने को साकार करने के लिए वो तेजी से आगे भी बढ़ रही थी, लेकिन अचानक उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए। क्योंकि उस के साथ के ही सहपाठी की ओझी हरकतों ने उस का ने जीना दूभर कर दिया..उस ने उन लड़कों को सबक सीखाने के लिए आवाज़ उठाई उस की आवाज़ उठाने में उस के प्यारे पापा उस के साथ थे जो उस को हौसला दे रहे थे । हर कदम पर उसने अपनी आवाज उठाई,अपनी तकलीफ बताई जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों को उनकी ड्यूटी याद दिलाई अफसोस ज़िम्मेदार पद पर बैठी एक महिला ने भी उस का दर्द नही समझा लेकिन उसे क्या पता था कि वह जिसे आवाज़ दे रही है वो मातहत लोग सोए हुए हैं वो खाली आवाज़ से नही उठते और बिल्कुल वैसा ही हुआ । क्योंकि वो नादान लड़की नही जानती की आवाज़ बिना सुविधा शुल्क,बिना खादी या कोई एप्रोच के ऊपर तक पहुँचने के बजाय उस के घर तक सीमित रह जायेगी ।और उस की आवाज़ घर की चार दीवारी में ही रह गई और चली गई दुनिया को अलविदा कह कर। उस ने आत्म हत्या नही की बल्कि लोकतंत्र,सिस्टम की हत्या हुई है
बताते चले की मृतका ऐश्वर्या शर्मा पुत्री डा० दिनेश शर्मा निवासी आदर्श नगर कानपुर यूनिवर्सिटी की बीसीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी| लड़की के ही क्लास मे पढ़ने वाला अनिकेत दीक्षित और बीसीए तृतीय वर्ष का अनिकेत पांडे मृतिका से काफ़ी समय से उससे दोस्ती करने का दबाव बना रहे थे और विरोध करने पर उसका पीछा करते हुए उसपर अश्लील फब्ब्तिया करते थे जिससे तंग आकर लड़की ने घर मे आत्महत्या कर ली|
पीड़ित परिवार के अनुसार बीते फ़रवरी माह की 6 तारीख को यूनिवर्सिटी के दो छात्र अनिकेत दीक्षित और अनिकेत पांडे के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस मे भी शिकायत दर्ज कराई थी| लेकिन यूनिवर्सिटी की एचओडी ममता तिवारी ने लड़की के उपर ही दबाव बनाया और उसको दोषी लड़को के साथ सस्पेन्ड करने की धमकी दी जिससे ऐश्वर्या बुरी तरह से डर गयी थी| यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ ही चौकी इंचार्ज ने भी ऐश्वर्या के उपर दोषी लड़को के साथ समझौता करने का दबाव बनाया तथा उस के पापा से ज़बरदस्ती समझौता लिखा लिया जिससे से उस की इंसाफ की आखरी उम्मीद भी टूट गई और बीते 2 अप्रैल को आत्महत्या का रास्ता चुन लिया|
उक्त मामले में शासन स्तर पर भी कार्यवाही को ले कर भारी दबाव था जिस कारण पुलिस ने बीसीए विभागाध्यक्ष डॉ ममता तिवारी,विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज अजय मिश्रा एवं आरोपी अनिकेत दीक्षित तीनों को गिरफ्तार कर लिया कोर्ट ने इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया फरार आरोपी अनिकेत पांडेय पर दस हज़ार ₹ का इनाम घोषित किया गया । इसी मामले में पूर्व विवेचक व कल्याण पुर इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है । तथा शहर में कैंडिल मार्च, शौक सभा का दौर चालू है
हर बड़ी घटना के बाद सरकारी जन तंत्र कुछ समय के लिए जाग उठता है ऐसा ही कुछ इस ह्रदयविदारक घटना के बाद होता नजर आ रहा है एसएसपी ने इस मामले की जांच कल्याण पुर से बिठूर थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय को ट्रांसफर कर दी है । तथा पूरे मामले में पुलिस की भूमिका की जांच सीओ कर्नलगंज मनोज गुप्ता को सौपी है ।छात्राओं के उत्पीड़न और समस्याओं को सुनने के लिए ऐश्वर्या के नाम से एक कमेटी के गठन के लिए कुलपति ने सहमति दी है तथा कैंपस में महिला पुलिस की तैनाती का भी आश्वासन मिला है ये सब कितना सही साबित होते है ये समय के गर्भ में है
स्वच्छ भारत अभियान अवैध बस्ती पर नही देता कोई ध्यान
मो0 नदीम
पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत का जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए खुद ही झाड़ू उठाकर लोगो को जागरूक करने की ठान ली थी मोदी जी की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए यूपी के सीएम योगी ने सत्ता संभालते ही सरकारी विभागों को साफ सफाई को लेकर सख्त आदेश दिए थे साथ ही आस पास के लोगो से अपील की थी वो अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखे योगी जी के आदेश के चलते सरकारी अफसरान ने खलबली मच गई थी विभागीय अधिकारी भी झाड़ू उठाने पर मजबूर हो गए थे समय बीता धीरे धीरे सभी विभाग उसी पुराने ढर्रे पर आ गए लोगो के हो हल्ला करने के बाद ही सफाई कर्मचारी जागते थे मलिन बस्तियों की सफाई भी ना के बराबर होती थी अगर कोई सफाई के लिए जोर देता था तो विभागीय अधिकारी व क्षेत्रीय पार्षद ये कहकर टाल देते थे हमारे पास अनारक्षित बस्ती का कोटा नही है इसलिए हम वहां सफाई नही करा सकते है
बताना चाहेंगे वार्ड नं0 2 के अंतर्गत मीरपुर छावनी कमेला अनारक्षित बस्ती में दो हजार से भी ज्यादा लोग पच्चीस साल से गंदगी के बीच निवास कर रहे है और अपने जीवन को कोस रहे है लोगो का कहना है पिछले पच्चीस साल से हमे किसी भी सरकार की तरफ से कोई भी सुविधाए नही मिली है बस्ती में एक भी नाली का साधन ना होने की वजह से घरों का कूड़ा व गन्दा पानी बस्ती के बीच के मैदान में ही फेका जाता है जो गन्दगी के चलते अब कूड़ा अड्डे का तालाब बन चुका है गन्दगी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि आने जाने वालों को उल्टियां तक हो जाती है तो सोचिए वहां पर रहने वाले किस तरह से अपनी ज़िंदगी गुजारते होंगे बस्ती में हैजा कालरा टाइफाइड,व मलेरिया होना कोई बड़ी बात नही है अक्सर इन बीमारियों की चपेट में आकर लोग मौत को गले लगा लेते है लोगो का आरोप है जब भी चुनाव आते है तो तमाम नेता अपने वादों का पिटारा लेकर तो आते है लेकिन जीतने के बाद कोई भी नेता अपनी शक्ल भी दिखाने बस्ती में नही आता है हाल ही कांग्रेस की सीट से विधायक बने सोहैल अंसारी से भी बस्ती वासियो ने गुहार लगाई थी उन्होंने भी अपने कदम खींच लिए उनका कहना है अपने क्षेत्र के पार्षद से बाद करो जब लोगो ने वार्ड नं0 2 के पार्षद चोखे लाल से बात की तो उन्होंने भी दो टूक सा जवाब देते हुए कहा कि ये बस्ती अवैध है यहां का विकास करा पाना मेरे बस में नही है बहरहाल मामला कुछ भी हो पार्षद और विधायक की उदासीनता की वजह से बस्ती में फैली गंदगी को छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने संज्ञान में ना लिया तो गंदगी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को पूरे क्षेत्र में पैर पसारने में ज्यादा वक़्त नही लगेगा जिसका खामियाजा गन्दगी से जूझ रहे बस्ती वासियो को ही भुगतना पड़ेगा
*त्रिवेणी नगर पर छावनी बोर्ड की कृपा बरसे-अवैध बस्ती विकास को तरसे*
छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाली त्रिवेणी नगर कालोनी का फ्री होल्ड ना होने की वजह से छावनी बोर्ड ने उसे अवैध करार दिया है अवैध होने के बावजूद त्रिवेणी नगर को वो सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है जो सरकार की तरफ से लागू की गई है छावनी बोर्ड की तरफ से नोटिस भेजने के बावजूद अभी तक किसी ने भी इस मामले को गम्भीरता से नही लिया है कारण पूर्व विधायक का संरक्षण व क्षेत्रीय सभासद का त्रिवेणी नगर में ही निवास करना है शायद इसी वजह से छावनी बोर्ड आँखे मूंदकर त्रिवेणी नगर पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए हुए है पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी वार्डो में कूड़ा रखने के लिए डसबिन बाटी जा रही है प्रत्येक घर को एक डसबिन दी जा रही है जब कि अवैध कालोनी त्रिवेणी नगर को दो डसबिन दी गई है एक में गीला कूड़ा दूसरी में सुखा कूड़ा रखने के लिए इसके अलावा सुबह होते ही समय पर पहुचकर सफाई कर्मी अपना काम निपटा देते है वही दूसरी तरफ कमेला अवैध बस्ती जहां डसबिन मिलना दूर की बात है कोई भी सफाई कर्मी झाड़ू तक लगाने नही आता है लोग खुद से ही नाली व कूड़ा साफ करने पर मजबूर है आखिर ये भेद भाव क्यो किया जा रहा है ये समझ के परे है जबकि दोनो ही अवैध है इससे तो साफ जाहिर होता है कि मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान को छावनी बोर्ड पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है ईश्वर भरोसे जीवन व्यतीत कर रहे कमेला निवासियों को लेकर अगर छावनी बोर्ड ना जागा तो स्वच्छ भारत अभियान की चमक में अवैध बस्तियो की बदतर हालत चांद पर लगे ग्रहण की तरह नजर आएगी
छावनी बोर्ड चेयरमैन की मेहरबानी-झुग्गीवासियों को नही मिल रहा पानी”
मो0 नदीम
कानपुर । इसे देश की विडम्बना कहा जाए या गरीब भोली भाली जनता की बदक़िस्मती जब भी जनता किसी नेता को ये सोचकर अपने प्रतिनिधित्व की बागडोर थमाती है कि अब यही हमारी नय्या को पार कराएंगे इनसे अच्छा अब हमें कोई भी माझी मिल ही नही सकता है लेकिन होता उल्टा है नय्या का चलना तो दूर यहां डूबने के आसार तक सामने आने लगे है जिसका जीता जागता सबूत है बीजेपी सरकार सूबे के मुखिया माननीय आदित्यनाथ योगी ने सत्ता सम्भालते ही एक शिगूफा छोड़ा था सबका साथ सबका विकास लेकिन इस विकास रूपी गंगा में डुबकी लगाते गरीब झोपड़पट्टी वासियो का सिवाए सत्यानाश के कुछ भी होता नही दिख रहा है
बताना चाहेंगे छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाली लाल डिग्गी झुग्गीवासियों को पिछले पांच दिन से जल देवता ने दर्शन देने बन्द कर दिए है जिसकी वजह से पूरे क्षेत्र पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है महिलाओं और बच्चों को दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है जिसके कारण क्षेत्रवासियो में काफी रोष व्याप्त है जल संकट का कारण पता करने पर लोगो ने बताया कि छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखन ओमर ने हमारे पूरे क्षेत्र की पाइप लाइन काटकर सप्लाई शांति नगर में कर दी है क्योंकि पहले सभी झुग्गीवासी पुरानी लाइन से पानी लेते थे ज्यादा कनेक्शन हो जाने के कारण पुरानी लाइन में प्रेशर की कमी होने लगी थी जिसके कारण लोगो ने लखन ओमर के क्षेत्र में बिछाई गई नई लाइन में कनेक्शन ले लिए थे जो शांति नगर के वासियो को काफी अखर रही थी लखन ओमर के छावनी बोर्ड में रसूख के चलते ही हमारी लाइन काटी गई है जिसकी वजह से हमे पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है लोगो का ये भी कहना है समय समय पर छावनी बोर्ड की तरफ से झुग्गी ढहाने की भी धमकी दी जाती है अगर हमारी झुग्गी तोड़ दी जाती है तो हम गरीब कहा जाएंगे अगर तोड़ना ही था तो बस्ती को आबाद क्यो होने दिया क्या हम गरीब इस देश के नागरिक नही है हमे जीने का हक नही है क्या हम विकास के पथ नही आते है क्यो हमे चुनाव के दौरान गले लगाया जाता है आखिर हम गरीबो के साथ ही ये सौतेला व्यवहार क्यो ये ऐसे दिल को झंझोड़ने वाले सवाल है जिसका जवाब शायद योगी सरकार भी ना दे पाए लेकिन सबका साथ सबका विकास का जो नारा योगी सरकार लगा रही उस पर वो कितनी खरी उतर पा रही है ये तो प्रदेश के गरीब झुग्गीवासी ही बता सकते है
*क्या कहना है चेयरमैन लखन लाल ओमर का*
पिछले पाँच दिन से पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे लालडिग्गी झुग्गीवासियों के कष्ट से रूबरू होने के बाद जब हमने छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखनलाल ओमर से बात की तो उनका कहना है कि पानी की लाइन को कही और शिफ्ट किया जा रहा है जिसकी वजह से लोगो को पानी की भारी किल्लत हो रही है जिसको कनेक्शन चाहिए तो छावनी बोर्ड में सम्पर्क कर सकता है वैसे तो पूरी बस्ती में अवैध कनेक्शन है चैयरमैन की बातो से लगता है जनता के उनके ऊपर लगाए गए आरोपो में कुछ तो सत्यता है एक कटु सत्य ये भी है अगर सही से जांच की जाए तो छावनी बोर्ड के आठो वार्डो में आधे से ज्यादा कनेक्शन अवैध कनेक्शन पाए जाएंगे फिर झुग्गीवासियों पर ही क्यो कूटनीति
बहरहाल मामला कुछ भी हो अगर जल्द ही लाल डिग्गी झुग्गीवासियों पर पानी को लेकर जो संकट के बादल मंडरा रहे है उसका समाधान छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने ना निकाला तो सबका साथ सबका विकास मात्र शिगूफा ही बनकर रह जाएगा
नशे की आग में सुलगता युवा
ध्रुव ओमर
कानपुर । बदलते परिवेश में ,व्यापार की प्रतिस्पर्धा में जहाँ नगरवासियों को लाभ होता है वही कुछ व्यापारी इस प्रतिस्पर्धा का गलत फायदा उठाते है । वर्तमान समय मे शहर में नशाखोरी का मकड़ जाल फैलता जा रहा है नशे का व्यापार करने वाले युवाओं को नशे का लती बनाने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे हैं । नशे की तपिश में जहां कानपुर का युवा सुलग (बर्बाद हो) रहा है, । शहर की हर गली के नुक्कड़ में नशे की दुकान सज रही है और समाज का हर तबका खुलेआम इस का शिकार हो कर अपने भविष्य को डुबो रहा है। वहीं शहर की पुलिस गन्धारी बनी हुई है
शहर में कई बाजारों में खुले आम परचून की दुकानों सहित पान की गुमटियो में छोटे छोटे पैकेट में ब्रांडेड भांग एवं चरस भर के पीने वाला कागज़ खूबसूरत पैकिंग में गोगो के नाम से बिक रहा है। सिगरेट-पान की दुकान चला रहे दुकानदार खुद ही केमिस्ट बनकर भांग के गोले को आयुर्वेदिक दवा बताकर बेचने का गोरखधंधा चला रहे हैं। जनपद की अधिकतर पान और परचून की दुकानों पर ओके, आनन्द, महादेव का गोला, विजया, मुनक्का आदि ब्रांड के नाम से आकर्षित करने वाली चमकीली पैकिंग में भांग का गोला व चरस भरने के लिए खाली सिगरेट बेची जा रही है। पैकेट के ऊपर लिखित में इसे आयुर्वेदिक दवा बताया गया है।
इसी प्रकार शहर के हुक्का बारों में हुक्के में फ्लेवर की जगह चरस और तम्बाकू का सेवन कराया जा रहा है जिन में से कुछ हुक्का बार आला अधिकारियों के कार्यालय की नाक के नीचे गोरख धंधा चला रहे हैं
हमारे एक सवांददाता ने जब ग्राहक बनकर किदवई नगर चौराहा स्तिथ पान की दुकान पर जाकर जब भांग का गोला मांगा तो दुकानदार ने एक मशहूर ब्रांड का पैकेट पकड़ाते हुए कहा कि पैकेट के अंदर पर्याप्त मात्रा में गोले में पूरा नशा है। एक बार इसे खाना शुरू कर दिया तो हर बार इसी ब्रांड के भांग के गोले की डिमांड करोगे। इसी तरह कानपुर के कमला टावर, घंटाघर, कलेक्टरगंज, नयागंज, हरबंसमोहाल, तिलियना, चटाई मोहाल, एक्सप्रेस रोड, बादशाही नाका, सुटरगंज , रेल बाजार सहित जिले के अन्य इलाकों में पान सिगरेट की खुली दुकानों पर भी भांग का गोला अलग अलग ब्रांड के नाम से दो,दो ₹ में बिक रहा है इसी तरह जब हमारे सवांददाता ने चरस भर के पीने वाला कागज़ एक पान की दुकान से खरीदा तो वो एक आकर्षक पैक में दस₹ का मिला उस कागज़ के साथ पैकेट में एक प्लास्टिक का पाइप भी है जिस को उस मे लगा के पीने से हाथों में किसी तरह की बदबू नही आती इस का ₹ शहर की दुकानों में अलग अलग है
भांग का नशा करने वाले एक युवक ने बताया कि उसने भांग का एक गोला खाने से शुरूआत की थी। इसके बाद धीरे-धीरे वो भांग की लत का शिकार हो गया और नशे की डोज बढ़ाता रहा। अब वो दिन में भांग के कई गोले खा लेता है। घर के आस पास ही पान सिगरेट की दुकान पर असानी से मिल जाने वाले भांग के गोले के चलते कम उम्र के युवाओं में इसके नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में भी भांग की बिक्री तेजी से हो रही है।
समाज तथा राष्ट्र के निर्माण में किशोर वर्ग तथा नौनिहालों का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है, प्रशासनिक लापरवाही के कारण छोटी सी उम्र से ही नशा की लत में पड़ जाने से उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है। जिससे वे राष्ट्र निर्माण के वाहक न रहकर विध्वंस और अव्यवस्था के प्रतीक बन रहे हैं। जनपद में इन दिनों किशोरों की कौन कहे छोटे-छोटे बच्चे में भी नशे की लत चिंता का विषय बनती जा रही है। छोटे-छोटे ये बच्चे भी मादक पदार्थों के आदी होते जा रहे हैं। विद्यालयों के सामने खुली पान-चाय की दुकानों पर विद्यार्थियों की भीड़ इसी का मुख्य कारण है कि वहां आसानी से चरस,गांजा भांग उपलब्ध है । चरस, गांजा, भांग आदि नशीली वस्तुएं जहां इसे खुले आम बढ़ावा दे रही है वही प्रशासनिक अमला इस बात को लेकर उदासीन बना हुआ है।
जब इस सम्बंध में आबकारी अधिकारी अभिमन्यु प्रताप सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ये हमारे विभाग का मामला नहीं है । ये औषधि विभाग से लाइसेंस ले कर दवा के रूप में बेचा जा रहा है
उक्त सम्बन्ध में सवांददाता एस पी क्राइम से मिला तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए एसएसपी से मिलने को कहा
प्रसाशनिक अमला की उदासीनता का ही उदाहरण है कि शहर में रोज चरस,गांजा,अफीम बड़ी तादाद में पकड़ी जा रही है शहर की पुलिस इस को अपना गुड वर्क मान कर खुद ही अपनी पीठ थपथपा लेती है इस ओर ध्यान नही देती की शहर में इतनी तादाद में नशा क्यों आ रहा है और इसे शहर में कौन मंगा रहा है