अमित कश्यप
कानपुर । समय के साथ बदलते हिंदुस्तान में लोगों की मानसिकता भी बदलती जा रही है । जहां लोग जल्द से जल्द अमीर बनने के लियें कई अनैतिक कार्य करने से भी नहीं चूक रहे और शायद इन कार्यों में हमारा शासन प्रशासन भी अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर रहा है ।
हम बात कर रहे है एक ऎसे व्यवसाय की जो हाल के कुछ दिनों में बहुत तेजी से बढ़ा है । अमूमन तो होटल दूर दराज से आये लोगों के लियें सर छुपाने क़ा एक ठिकाना होता है जहां आप कुछ पैसे क़ा भुगतान कर सर छुपा सकते है । लेकिन आज इन होटलों क़ा उपयोग अमानवीय कामों के लियें किया जा रहा है । आज इन होटलों में प्रेमी प्रेमिका अपनी हवस मिटाने क़ा कुकृत्य कर रहे है जिसके लियें होटल वाले कुछ घंटों क़ा 1000से लेकर कर 2000हजार रूपये चार्ज करते है। अब इन होटलों की परिभाषा ही बदल गयी है जहां देखो जिस शहर में देखो लगभग होटलों क़ा उपयोग ऎसे ही कामों के लियें किया जाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य में एक ऎसा ही शहर है कानपुर जो इन दिनों इन सब कामो के लियें पायदान दर पायदान चढ़ता जा रहा है । कानपुर स्थित घंटाघर रेलवे स्टेशन के इर्द गिर्द आज ऎसे सैकड़ों होटल है पाये जाते है जहां रोजाना सैकड़ों की तादात में प्रेमी प्रेमिका आस पास के गांवों से आते है और अपनी हवस की आग बुझाने के लियें इन होटलों क़ा इस्तेमाल करते है जिसके लियें 1000 से 2000 रूपये तक सुविधा शुल्क लिया जाता है । आप इसी से अंदाजा लगा सकते है की जहां आज से कुछ सालों पहले सुतरखाने क्षेत्र में कुछ गिने चुने होटल हुआ करते थें वहीं आज पैसे की हवस के चलते कई लोगों ने गली कूचों में अपने घरों कों होटल क़ा रूप दे दिया । गत दो सालों में इन होटलों की संख्या बेतहाशा बढ़ गयी और बढ़ती ही जा रही है । इन होटलों में हो रहे अमानवीय काम से क्षेत्र के लोगो कों काफी समस्या हो रही है ऎसा नही है कि क्षेत्र के लोगों ने इसके खिलाफ आवाज नही उठाई।जब भी कोई आवाज़ उठाई गई, इन होटलों के कारोबार में रसूखदारों क़ा हाथ होने के कारण लोगों की आवाज दबा दी जाती है और जो आवाज दबती नही उसे हमेशा के लियें शांत कर दिया जाता है । क्षेत्र में एक ऎसा ही परिवार है जो पिछले 2016से इन होटलों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है नाम न छापने की शर्त पर परिवार के मुखिया ने बताया की उन्होंने चौकी से लेकर राष्ट्रपति तक़ शिकायत की पर आजतक कोई कार्यवाही नही हुई। कार्यवाही के नाम पर प्रशासन ने उल्टा परिवार के मुखिया के ऊपर 156/3क़ा मुकदमा दर्ज करा दिया । इस परिवार कों निरंतर जान से मारने की धमकी मिल रही है और ये दबाव बनाया जा रहा है की वह अपना मकान बेच कर कहीं और चले जाये इसी के चलते जब परिवार ने अपने घर पर सुरक्षा की दृष्टि से कई बार कैमरे लगवाये तो होटल संचालक उनका कैमरा तोड़ देते है या कैमरे क़ा तार काट देते है। होटल संचालक ऎसा इस लियें करते है क्योंकि कैमरे में उनके होटल में आने जाने वाले जोड़ों की पूरी कवरेज होती है जिससे उनके खिलाफ सबूत इकठ्ठा हो सकते है । ऎसा नही है कि इन होटलों में जोड़े अपनी मर्जी से ही आते है कभी कभी कुछ अराजक लोग जबरन लड़कियों कों लाते है फिर इन्हीं होटलों क़ा सहारा लेकर कर उसके साथ जबरजस्ती की जाती है । एक ऎसी घटना आज से तकरीबन डेढ़ साल पहले हुई थी जिसमें रामदेवी से एक लड़की कों बेहोशी की हालत में चार पांच लोग लाये थें और उसके साथ कुछ गलत किया गया था जिसकी चर्चा क्षेत्र में हुई थी पर उस मामले कों क्षेत्रीय पुलिस द्वारा दबा दिया गया था ।
तड़के सुबह से ही यहां होटलों में स्कूल की नाबालिग छात्रायें भी अपने प्रेमियों के साथ आती जाती आसानी से देखी जा सकती है । क्षेत्र के लोग ये सारा तमाशा बेबस देखते रहते है और उन के मन मे ये सवाल उठते रहते है कि आखिर कबतक़ ये सब चलता रहेगा ?कब तक़ शासन यूं ही मूक दर्शक बना ये अमानवीय काम होने देगा? ये समाज के ठेकेदार कब तक सब जानकर भी अनजान बने रहेंगे ? कब ऑन लाइन शिकायतों पर कार्यवाही होगी या सरकार द्वारा बनाई ये ऑन लाइन सुविधायें महज एक छलावा मात्र है? सरकारी निर्देशों के अनुसार हर होटल संचालक कों ये निर्देश दिये गये है की होटल में ठहरने वाले हर व्यक्ति क़ा पहचान पत्र जमा करवाना अनिवार्य है पर पैसों के लालच में कई होटल संचालक ऎसा नही करते ऎसी स्थिति में इन होटलों में कई अराजक तत्व या आतंकवादी भी आसानी से घुस सकते है जो देश की सुरक्षा के लियें घातक हो सकता है । 15 अगस्त आने वाली है । सुरक्षा के नाम पर एक दिन खानापूर्ति की जायेगी उस के बाद फिर वही काम वही जाम