भन्नाना पुरवा में व्यापारी की हत्या
रियाज़ खान रिज़वी
कानपुर । शहर के चमन गंज थाना क्षेत्र के भन्नाना पुरवा में अज्ञात बदमाशो ने कारखाने में घुस कर कारोबारी की हत्या कर फि
घटना को अंजाम देकर हत्यारे बड़ी आसानी से फरार हो गए । वही घटना की सूचना पा कर मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की वही फॉरेन्सिक टीम भी मौके पर साक्ष्य संकलन के लिए पहुंची आपको बता दें कि किदवई नगर के रहने वाले विमल गुप्ता का चमनगंज के भन्नानापुरवा में प्लास्टिक का कारोबार है शनिवार रात वह कारखाना बन्द कर घर के लिए निकलने वाले थे तभी वहां पहले से घाट लगाए बदमाशों ने उनकी ह्त्या कर दी
। सूचना पा कर मौके पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस व्यापारी को लेकर हैलट अस्पताल पहुंची जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया मृतक के रिश्तेदारों ने किसी भी प्रकार की रंजिश से इनकार किया उन का आरोप है कि लूट के इरादे से ही विमल की हत्या गोली मार कर की गयी हैं क्योंकि कारखाने से तकादे का रुपया व उन के गले की सोने की चेन व मोबाइल सब गायब है वही क्षेत्रीय लोगो से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लाइट नही आ रही थी जिस कारण अंधेरा था गोली चलने की आवाज़ नही सुनाई दी बस कुछ चिल्लाने एवं कुछ लोगो के भागने की आवाज़ सुनाई दी अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई नही दिया वहीं पुलिस मृतक के रिश्तेदारों की तहरीर पर मामला दर्ज करने की बात कह रही है तथा हत्या किन हथियारों से की गई है ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मालूम होगा हत्या किन कारण से की गई है की जांच सभी बिन्दुओं पर की जा रही है वहीं
इस घटना से व्यापसरियों में रोष है उन का आरोप है कि योगी सरकार में व्यापारी सुरक्षित नही हैं
पुलिस का कारनामा नही लिखी सिपाही की F. I. R.
कानपुर । मार खाने के बाद खुद पीड़ित पुलिसकर्मी एफआईआर के लिए भटक रहा. ३३ साल की नौकरी के बाद फूट फूट कर रोया सिपाही, बोला “दे दूंगा इस्तीफ़ा”. अपने ही साथी की पुलिस नहीं लिख रही एफआईआर
आपने आज तक देखा होगा की आम आदमी थाने के चक्कर लगता रह जाता है लेकिन पुलिस उसकी मदद नहीं करती. आज आपको कानपुर पुलिस का दूसरा घिनौना चेहरा दिखाते है. एक पुलिस वाले को कुछ नशेबाज़ मारते है और जब वो थाने जाता है तो उसकी एफआईआर नहीं लिखी जाती. 33 साल की नौकरी के बाद फूट फूट कर रोया सिपाही.
डायल १०० की गाडी में तैनात सिपाही अहमद हक़ की ड्यूटी त्यौहार के मौके पर राम लीला ग्राउंड के पास लगी थी. इतवार देर रात कुछ अज्ञात नशेबाज़ आपस में लड़ने लगे और जब अहमद बीच बचाव करने पहुंचे तो नशेबाजों ने उनको पीट दिया. बुरी तरह मार खाये अहमद को मूलगंज थाना इंचार्ज कोतवाली ले गए लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने खुद अपने ही साथी की तहरीर लेने से मना कर दिया और सीमा विवाद की बात करने लगे. ३३ साल की नौकरी के बाद अपने ही साथियों की ऐसी बेरुखी से अहमद पूरी तरह टूट गए और रोते हुए इस्तीफ़ा तक देने की बात कही. कानपुर में कानून व्यवस्था तो पूरी तरह धवस्त हो ही चुकी है लेकिन जिस शहर में पीड़ित पुलिस कर्मी की कोई नहीं सुनता वहां आम आदमी की बिसात ही क्या है
रेहान की हत्या में जय प्रताप बाइज़्ज़त बरी
कानपूर । गूगल की चैटिंग रिकार्ड की गवाही से एक साल सत्ताईस दिन बाद बेगुनाह बीटेक इंजीनियर को अदालत ने मासूम की ह्त्या से किया बरी , जेल भेजने वाले पुलिस अधिकारिओ पर कार्यवाही को डीजीपी को आदेश ,युवक के पिता एयरफोर्स अधिकारी है ,घूसखोरी की शिकायत से नाराज दरोगा ने किया था कारनामा
एक युवक बीते बुधवार रात को जेल से रिहा होता ,अपनी माँ से गले मिलता फिर दूसरे दिन गुरूवार को अपने वकील के साथ कानपूर डीआईजी आफिस में पत्रकारों को आपबीती बताता है ,गूगल की रिपोर्ट जिसमे युवक को पांच बजे से ग्यारह बजे तक ऑनलाइन दिखाया गया है
देश के जिन युवाओ को प्रधानमत्री मोदी देश का भविष्य बता कर सारी दुनिया में डंका पीटते है उनके जिंदगी के साथ हमारी पुलिस कैसे कैसे खेल खेलती है इसकी हकीकत कानपूर की एडीजे अदालत ने उजागर कर दी है अदालत ने एक साल सत्ताईस दिन बाद उस बीटेक इंजीनियर को एक मासूम की ह्त्या में बाइज्जत बरी कर दिया जिसको कोई सबूत न होते हुए भी एक दारोगा ने इसलिए कातिल बना दिया था क्योकि उसके पिता ने इस दारोगा के घुस माँगने की शिकायत डीएम से कर दी थी ,हैरानी यह है की युवक भी किसी ऐसे वैसे घर का लड़का नहीं था बल्कि उसके पिता एयरफोर्स दिल्ली में वारंट आफिसर है अदालत ने लड़के की बेगुनाही में गूगल की चैटिंग के उस रिकार्ड को सही माना जिसमे यह साबित होता था की बच्चे के मर्डर के समय लड़का आन लाइन एनीमेशन कर रहा था ,
वह युवा बीटेक इंजिनियर जय प्रताप सिंह (20) जिसे कानपूर पुलिस ने मासूम रेहान का हत्यारा बना कर जेल भेजा था रेहान की बीस अगस्त दो हजार सोलह को घर के पास गला काटकर ह्त्या की गई थी इसके बाद पुरे कानपूर में कई दिनों तक हंगामा चला था पुलिस ने रेहान की ह्त्या में पूछताछ के बहाने छब्बीस अगस्त को जयप्रताप को घर से बुलाया था फिर तीस अगस्त को उसी को कातिल बनाकर जेल भेज दिया था जबकि जय प्रताप यह चीख चीख कर गुहार लगाता रहा था की मैंने बच्चे को देखा तक नहीं तो क़त्ल कैसे करूंगा ,रिहा होने के बाद भी जय प्रताप का कहना है की मै बरी तो हो गया लेकिन मुझे अभी पूरा न्याय नहीं मिला है क्योकि मुझे जेल भेजने वाले अभी बहार है ,
जयप्रताप को जेल भेजने में भी पुलिस की घूसखोरी वाली बदनामी की कहानी का आधार बना था जयप्रताप के पिता भगवान् सिंह ने अपने अपने इलाके के दरोगा एके सिंह के खिलाफ पचास हजार की घुस माँगने की शिकायत कानपूर डीएम से दो हजार चौदह में की थी उनका अपने किरायेदार से विवाद चल रहा था इसी की जांच दरोगा कर रहा था डीएम के आदेश पर जब दरोगा की विजेलेन्स जांच हुई तो वह नाराज हो गया जयप्रताप के वकील का कहना है इसी नाराजगी ने एके सिंह ने जयप्रताप को बेगुनाह कातिल बना दिया जबकि शाम छै बजे जब रेहान का क़त्ल हुआ था उस समय वो गूगल पर आन लाइन था , वह सीधा साधा लड़का था मोहल्ले के सभी लोगो ने उसे बेगुनाह बताया था पुलिस ने जिन गवाहों को गवाह बनाया था उन सबने अदालत में जयप्रताप के फेवर में बयान दिया। हैरानी तो यह है जल्दबाजी केस की जांच करने वाली पुलिस ने जयप्रताप के पास से एक तमंचा बरामद दिखाकर यह साबित किया था की बच्चे की गर्दन तमंचे से काटी गई है
नागेंद्र सिंह गौतम जयप्रताप के वकील से जब इस सम्बंध में बात की तो उन्होंने बताया कि जिस समय घटना थी उस समय वह ऑनलाइन एनीमेशन कर रहा था हमने अदालत में यह रिपोर्ट लगाईं जिसे अदालत ने संज्ञान लिया जयप्रताप के पिता ने एक दरोगा एके सिंह के खिलाफ डीएम से शिकायत पचास की थी की वह पचास हजार की घुस मांग रहा है इसी से नाराज होकर उसने जयप्रताप को फसा दिया
जयप्रताप के परिजनों ने उसकी रिहाई के लिए हाइ कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाईं थी दो हजार सोलह में उन्होंने यूपी के सीएम से लेकर हर अधिकारी को अपनी फ़रियाद सुनाई थी हाइ कोर्ट से उन्होंने नार्कोटेस्ट कराने की की थी आखिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह केस रोजाना सूना गया जयप्रताप के वकीलों का यह भी दावा है की अदालत ने केस से जुड़े सभी पुलिस अधिकारिओ पर कार्यवाही के लिए डीजीपी को आदेश दिया है
उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्यवाहीया हमेशा से विवादों में रही है लेकिन जयप्रताप के मामले में गौर करने वाली बात यह थी की उसके घरवाले शुरू से ही अधिकारियो से उसकी बेगुनाही के सबूत उनको दिखा रहे थे गुहार लगा रहे थे लेकिन किसी अधिकारी ने गौर तक नहीं किया सबसे अजीब बात यह थी की रेहान के घरवालों ने भी उसकी ह्त्या में जय प्रताप पर कोई शक नहीं जताया था न उनकी उससे कोई दुश्मनी थी फिर भी एक लड़के की जिंदगी कानपूर पुलिस ने बर्बाद कर दी जहाँ पुलिस की इस हिला हवाली से एक युवा का भविष्य चौपट कर दिया वहीं दुसरी ओर उस मासूम रेहान की आत्मा एवं परिवार वाले इंसाफ को तरस रहे हैं उस मासूम का हत्यारा आज भी खुले आम घूम रहा है कानून के लंबे हाथ होने के बावजूद उस मासूम का हत्यारा कानून के लंबे हाथ से बहुत दूर है दोनों परिवारों को इंसाफ कैसे मिले गा ?
दिन,दहाड़े मुखबिर की हत्या
रियाज़ खान रज़वी
कानपुर । शहर में दिन दहाड़े भरे बाजार पुलिस के मुखबिर की ताबड़ तोड़ गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी | भरे बाजार फायरिंग की आवाज सुनकर लोग दहशत में आ गए जिसका फायदा उठाकर हत्यारे मौके से फरार हो गए | हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और हत्यारो की तलाश में जुट गयी |
चकेरी थाना क्षेत्र के लाल बँगला इलाके में कैबनेट मंत्री सतीश महाना के घर से कुछ ही दूरी पर बृजेश पाल नामक युवक पर तीन लोगो ने ताबड़ तोड़ फायरिंग कर दी | बृजेश को करीब पांच गोली लगी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी | ह्त्या करने के बाद हत्यारे बड़े आराम से फरार हो गए | दिन दहाड़े ह्त्या होने की सूचना पर हजारो लोगो का हजूम घटना स्थल पर जमा हो गया | दिन दहाड़े ह्त्या की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाँच पड़ताल करने के बाद शव को पोस्टमार्टम भिजवाया | मृतक बृजेश पाल लाल बँगला में ही प्राची टेलीकॉम के नाम से दूकान किये हुए था और वह काफी समय से पुलिस का मुखबर बना हुआ था | घटनास्थल पर पहुंचे एसपी अनुराग आर्या ने बताया कि बृजेश पाल नामक युवक की गोली मारकर ह्त्या की गयी है कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले है उसके आधार पर अपराधियों की तलाश की जा रही है |
हालाँकि पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों के तलाश करने की बात कह रही है लेकिन जो सीसीटीवी फुटेज मिले है उसमे कही भी अपराधियों की तस्वीर दिखाई नहीं दे रही है | अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी की दिन दहाड़े हत्या करने वाले अपराधियों पकड़ पाती है या फिर वो अपराधी इसी तरह खुलेआम सडको पर कत्लेआम करते रहेंगे |
ग्वालटोली,चकेरी व अनवरगंज पुलिस ने किया गुड वर्क
शाह मोo/ओमर
कानपुर । कानपुर के थाना ग्वालटोली पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध युवक को रोक उसकी बाईक की चेकिंग की तो पता चला कि बाईक चोरी की है | पुलिस युवक को हिरासत में लेकर थाने आई और पूँछतांछ की तो युवक के पास से दो चोरी की बाइकें और बरामद हुई |
थाना ग्वालटोली पुलिस ने वाहनों की चेकिंग के दौरान शातिर वाहन चोर हनी टिलवानी उर्फ़ हिमांशु को गिरफ्तार कर 3 चोरी की बाइकें बरामद की | अभियुक्त हनी पर पहले भी दो मुक़दमे वाहन चोरी के दर्ज है | शहर की अलग अलग तीन थाना क्षेत्रो में अभियुक्त के खिलाफ पाँच मामले दर्ज है | पुलिस अभियुक्त हनी को जेल भेजने की तैयारी कर रही है |
चकेरी थाना प्रभारी निरक्षक ,उप निरीक्षक अमरेंद्र बहादुर सिंह ने आज वाहन चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पे रामादेवी ओवर बिरिज़ के नीचे किनारे श्री पूर्ण सिंग के मकान के सामने चौपहिया,दो पहिया वाहन शातिर चोर शौरभ जयस्वाल पुत्र राजेश चन्द्र निवासी 137/1लूकर गंज जनपद इलाहाबाद को गिरफ्तार कर के उस से दो पहिया 3 एवं चार पहिया एक बरामदगी किया इस का दूसरा साथी अशोक शर्मा पुत्र चिनकू शर्मा निवासी फतेहपुर भाग गया
थाना अनवरगंज में पुलिस अधीक्षक पूर्वी व क्षेत्रिय अनवरगंज के नेतृत्व में आज सुबह डिप्टी पड़ाव मूलगंज चौराहे से एक इनामी व शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया जिस ने अपना नाम रिज़वान उर्फ लँगड़ा उर्फ खालिद पुत्र नबी आलम निवासी 89/196 सोहन लाल का हाता थाना अनवरगंज उपयुक्त गिरफ्तार अभियुक्त पुलिस महानिरीक्षक कानपुर रेंज द्वारा 10000 ₹ व पुलिस उप महानिरीक्षक /वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 5000 का इनाम घोषित किया गया था गिरफ्तार अभियुक्त से एक अदद देशी तमंचा मय दो अदद जिंदा कारतूस 15 बोर एक अदद चेन पीली धातु व 12000 हज़ार₹ बरामद हुऐ
विस्फोटक डिवाइस मिलने से मचा हड़कंप, ATS ने संभाली कमान
यूपी एटीएस ने राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर से एक ज्वलनशील विस्फोटक बरामद किया है. बरामद विस्फोटक यहां रहने वाले एक युवक के घर के बाहर से मिला है. पुलिस और एटीएस मामले की जांच कर रही है.
ज्वलनशील विस्फोटक इंदिरा नगर निवासी निशांत वर्मा के नाम पर भेजा गया था. निशांत शुक्रवार को जब घर वापस लौटा तो उसने पैकेट खोला. निशांत के मकान मालिक ने उससे जब इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसने कोई सामान नहीं मंगवाया है.
निशांत ने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने जांच में पाया कि पैकेट में रखे उपकरण में जैली और कम शक्ति का विस्फोटक मिला हुआ है. जिसके बाद इंदिरा नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने एटीएस को भी मामले की सूचना दी.
पूछताछ में पता चला कि 15 दिन पहले इस पैकेट को घर के दरवाजे के बाहर कोई अनजान शख्स रखकर गया था. फिलहाल एटीएस ने बरामद उपकरण को जांच के लिए लैब भिजवाया है.
चार करोड़ रुपये के नए नोट बरामद, हिरासत में इंजीनियर और ठेकेदार
बंगलुरु में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान चार करोड़ रुपये के नए नोट बरामद किए हैं. एक इंजीनियर और ठेकेदार के पास से बरामद किए गए नोटों के इस जखीरे में सबसे ज्यादा 2000 रुपये के नए नोट हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और बंगलुरु पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को एक इंजीनियर और ठेकेदार के यहां छापा मारा तो दंग रह गए. वहां से बड़ी संख्या में 2000, 500 और 100 रुपये के नोट के साथ सोने के बिस्किट और बड़ी संख्या में आईडी कार्ड बरामद हुए हैं. इनमें 2000 रुपये के नए नोट की संख्या ज्यादा है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि छापे के दौरान करीब चार करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं. यह अब तक बरामद की गई रकम में सबसे ज्यादा है. वहां से बड़ी संख्या में आईडी कार्ड बरामद हुए हैं. इससे पता चलता है कि इनका इस्तेमाल कालेधन को सफेद करने में किया जा रहा होगा. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
बताते चलें कि इससे पहले दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर छापा मारकर पुलिस ने 27 लाख रुपये के 2000 रुपये के नए नोटों की खेप बरामद की थी. इस रैकेट में तीन लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने एक बड़े उद्योगपति की बेटी को भी पकड़ लिया था. इनके नाम अजीत पाल सिंह, राजेंद्र सिंह और राजू हैं.
बताया गया कि तीनों लोग संजय मलिक नामक उद्योगपति के लिए काम करते थे. ये पैसा उन्हें मुंबई के अब्दु मुन्नई ने दिया था. पुलिस को शक है कि अब्दु मुन्नई आगे बैंक के लोगों से मिलकर पुराने नोटों को नए करने के खेल में लगा है. पीतमपुरा का रहने वाला संजय मलिक नकली दवाएं बनाने के आरोप में जेल जा चुका है.
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