
कानपुर । ‘सट्टा’ ये एक शब्द जिस के सुनने से जहां सट्टा संचालको की आँखें खुल जाती हैं वहीं इस शब्द से (सट्टा) खेलने से बबर्बाद हुए लोगो की आखों में आंसू आ जाते हैं । इस सट्टे से न जाने कितने परिवार बर्बाद हो गए न जाने कितनों ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली । सट्टे के फैले मकड़जाल में अपना शहर भी अर्से से फसा हुआ है । इस मकड़जाल से निकालने वाला कोई नही बल्कि जिन की जवाबदेही है वो भी संचालको पर अपना वामहस्त रख कर इस मे गौते खा रहे हैं । सट्टे में कोई बड़ा दंड नही है इसलिए सट्टा संचालक बड़े बेख़ौफ़ हो कर इस गन्दगी को समाज मे फैलारहे हैं जब आला अधिकारियों के संज्ञान में आता है तो ये सट्टा संचालक अपने ही गुर्गों की बलि दे कर सम्बंधित थानेदार का गुडवर्क करा देते हैं उस के बाद ये थानेदार फिर गंधारी बन जाते हैं ऐसे ही गंधारी बने हैं शहर के वर्तमान थाना प्रभारी फीलखाना । सूत्रों के अनुसार थाना फीलखाना के अंतर्गत पटकापुर में इस समय सट्टा को ले कर बड़ा रोमांच चल रहा है । इस क्षेत्र का पुराना दिग्गज सट्टा संचालक प्रीतम सिंह उर्फ डैनी जो उस क्षेत्र का अपने बन्दों मुख्तार उर्फ बेटी निवासी तकिया पटका पुर अद्दा और पट्टू दोनों रामनारायण निवासी फ़ैज़ी पटकापुर निवासी अशोक फीलखाना क्षेत्र निवासी से पटकापुर, रामनारायण बाजार, बिरहाना रोड,कमला टॉवर,सिरकी मोहाल,इटावा बाजार आदि क्षेत्रों का सट्टा ये लोग मैन खेयवार प्रीतम सिंग उर्फ डैनी को देते थे । डैनी लगभग 4 साल से सम्बंधित थाने से गठजोड़ किये इन क्षेत्रों में सट्टे का साम्राज्य बना कर बेख़ौफ़ सट्टा खिलवा रहा था की अभी कुछ समय पहले फिल्मी अंदाज़ में चमनगंज का सूफियान डैनी के फैले सट्टे के साम्राज्य को भेदने का कार्य किया जिस कारण डैनी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है । सूफियान ने पटकापुर में लगने वाला सट्टा खुद समेटने लगा इस के लिए उस ने डैनी के छत्रछाया में सट्टा उठाने वाले मुख्तार उर्फ़ बेटी ,अद्दा,फ़ैज़ी को ज्यादा कमीशन का लालच दे करतोड़ लिया और सारा सट्टा अपने तरफ समेट लिया सूफियान अशोक को नही तोड़ पाया । प्रीतम सिंह उर्फ डैनी को अपना साम्राज्य टूटता दिखा तो उस ने अपने साथियों पर दबाव बनाने के लिए अपने ही कुछ लड़कों को अपने चहेतों सिपाहियों से थाने में बैठावा कर फिर उन को छुड़वाने का एहसान लाद कर और अपने दूसरे गुर्गों को ये संदेश दिया कि खाकी से तुम सब को सिर्फ डैनी ही बचा सकता है । उधर सूफियान को पूरा पटकापुर क्षेत्र मिल गया और अपने जरायम की किताब में एक अध्याय और जोड़ लिया लेकिन सट्टा खेलने वाले बंद जुबान से बयान कर रहे हैं कि य कभी भी बड़ी घटना हो सकती है । इस वर्चस्व की लड़ाई कभी साम्प्रदायिक लडाई भी ले सकती है । क्योंकि सूफियान ने डैनी के गुर्गों में अपने सम्प्रदाय के लोग ही तोड़ पाया है । अगर मातहतों ने जानबूझ कर भी अपनी आँखें बंद रखीं तो आने वाला समय क्या दिखाता है ये समय के गर्भ में है । लेकिन हमारे पास अभी इस क्षेत्र का और जरायम की जानकारी है अब की देखिए पटकापुर के एक हाते में कौन खिला रहा हैं जुआ ?
जब इस संबंध में एसीपी कोतवाली से बात हुई तो उन्होंने इस तरह के चल रहे सट्टे से अनभिज्ञता जताते हुए कहा पता करता हू अगर ऐसा कुछ है तो उन लोगो पर कार्यवाही की जाएगी ।