कानपुर । आज विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान 2020 के अंतर्गत पी पी एन इंटर कॉलेज कानपुर में संचारी रोग के जागरूक किए जाने हेतु बैठक का आयोजन किया गया। पी पी एन इंटर कॉलेज कानपुर के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने बच्चों को बीमारियों से बचाव,पर्यावरणीय व्यक्तिगत,स्वास्थ्य संबंधी संदेश,विशेषकर सुरक्षित पीने का पानी,शौचालय का प्रयोग,पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोना,क्लोरिनेशन डेमो,खुले में शौच के नुकसान के बारे में विस्तार से बताया।संचारी रोग के नोडल शिक्षक राकेश कुमार कटियार ने दिमागी बुखार के बारे में बताया। जीव विज्ञान शिक्षक शरद कुमार ने बताया कि नए कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकरण चीन एवं अन्य 24 देशों में पाए गए हैं।यह बीमारी एक मनुष्य दूसरे मनुष्य में फैलती है।इसके रोकथाम के लिए भारत सरकार ने महत्वपूर्ण सावधानियां बतायी हैं। इसके बारे में बताया कि खांसते अथवा छीकते पर समय अपने मुख को रुमाल से ढके।नाक,कान या मुख को छूने से पहले एवं बाद में हाथों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह से धोएं।खाना खाने से पहले व बाहर से आने पर हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं।अधिक मात्रा में तरल पदार्थ तथा पौष्टिक आहार का सेवन करें।यदि रोगी को खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी है तो उसे मान्यता प्राप्त चिकित्सक से ही उपचार कराएं।इस मौके पर विद्यालय में सूर्य नारायण, बलराम,सुरेंद्र मोहन श्रीवास्तव ,सुनील कुमार,डॉ वरुण मेहता,सुनील कुमार पटेल,सुनील कुमार दिवाकर,लाल बहादुर,प्रदीप शुक्ला,हरेंद्र कुमार यादव व शरद सविता उपस्थित रहे ।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस पर स्वास्थ्य शिवर का हुआ आयोजन
कानपुर । आज दिनांक 6 मार्च को राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस के रूप में पूरे देश मे मनाया जाता है । इसी उपलक्ष्य में आज बेकनगंज अकादमी में बच्चों के लिए दन्त स्वास्थ्य शिवर का आयोजन किया गया । जिसमे कानपुर के वरिष्ठ दन्त चिकित्सक डॉ.हिलाल अशरफ जी मुख्य चिकित्सक के रूप में उपस्थित रहे । इस कार्यक्रम की अद्यक्षता डॉ. ज़ीशान अंसारी एवं संयोजन फौज बेग एवं शकील अहमद द्वारा किया जाएगा । सभी बच्चो को डॉक्टरों द्वारा दंत स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां जैसे दांतों को दिन में कम से कम दो बार फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करना, नियमित रूप से अपने मुंह की जांच करना,साथ ही उन्हें चॉकलेट एवं चीनी वाले स्नैक्स न खाने की सलाह दी गई । साथ ही बच्चों को टूथ ब्रश और टूथ पेस्ट भी वित्रित किया गया । इस मौके पर अबुल हसन,डॉ.वक़ार उल इस्लाम, फ़ैज़ बेग,डॉ ज़ीशान अंसारी,आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कोरोना से बचाव व अग्नि सुरक्षा का दिया प्रशिक्षण
कानपुर । एम के यू लिमिटेड हेलमेट यूनिट में आपदा प्रबंधन के मुख्य प्रशिक्षक लखन शुक्ला ने कोरोना से बचाव एवं अग्नि सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया सुभारम्भ सुमित खंडेलवाल डारेक्टर ने किया । कोरोना की पहचान जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं । अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है इसके लक्षण इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार,जुकाम,सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं । यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है । यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था । इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है बचाव हेतु हाथों को साबुन से धोना चाहिए । अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें । जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें अंडे और मांस के सेवन से बचें जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें शुक्ला ने बताया अग्नि सुरक्षा के उपकरण लगा लेना ही महत्वपूर्ण नहीं है । अपितु उसकी जानकारी होना भी आवश्य्क है उसके चलने का तरीका सबको आना चाहिये शुक्ल ने बताया आग ऑक्सीजन ईंधन तथा उचित ताप के मिलने पर ही लगती है । इन तीन तत्व में किसी एक को कम या हटा दे तो आग पर काबू पाया जा सकता है साफ सफाई का सुरक्षा से गहरा सम्बन्ध है। जितनी बेहतर सफाई होगी हम उतना सुरक्षित होगे।
62 वर्ष के मरीज का प्रत्यारोपित किया गया सबसे छोटा पेसमेकर
कानपुर । नगर में एक 62 वर्षीय ह्रदय के मरीज को दुनिया का सबसे छोटा पैसमेकर प्रत्यारोपित किया गया जो विटामिन कैप्सूल के आकार का है और यह प्रत्यारोपण रीजेन्सी अस्पतला के डाक्टरो द्वारा किया गया। इस छोटे से मेडट्रोनिक्स माइक्रा टीपीएस पेसमेकर की खोज ह्रदय की गति को संतुलित करने के लिए की गयी है। यह प्रत्यारोपण डाक्टरो द्वारा महज तीस मिनट में सफलतापूर्वक किया गया।
रीजेन्सी हास्पिटल के डा0 अभिनित गुप्ता ने बताया कि मरीज के ऊपरी एक तरफ की लिम्ब नस ब्लाक हो गयी थी, जिसमें लीड वाले पेसमेकर की लीड डालने की जगह नही हेाती, क्योंकि एक तरफ डायलिसस होती है तो दूसरी तरफ की लिम्ब नस ब्लाक होती है और यह 2 ग्राम का पेसमेकर मरीज के लिए सबसे सुरक्षित एवं अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें लीड वाले पेसमेकर से सम्बन्धित संक्रमण और अन्य प्रकार की जटिलताओं का खतरा कम रहता है। डा0 हर्ष ने बताया पेसमेकर टेक्नालाॅजी के क्षेत्र में यह अत्याधुनिक नवीनतम खोज है और कानपुर में यह पहला आपरेशन है। डा0 निर्भय कुमार ने कहा क्रोनिक किडनी डिसीज के मरीजोें में समान्यता पेसमेकर इतने कामयाब नही होते। यह नयी डिवाइस ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। यह प्रत्यारोपण रीजेन्सी अस्पताल के लिए बडी उपलब्धि है और अनुभवी कुशल चिकित्सकों का भी इस प्रत्यारोपण मे अर्पूव योगदान रहा।
छावनी बोर्ड की उदासीनता का हाल-दो गायो को लील चुका गंदगी का काल
मो0 नदीम सिद्दीकी
कानपुर 03 नवंबर 2018
एक ओर देश के प्रधानमंत्री पूरे देश मे स्वच्छ भारत अभियान के तहत सम्पूर्ण रूप से स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए विभागीय अधिकारियो से लेकर आमजन मानस से सहयोग की अपील कर रहे है वही दूसरी ओर छावनी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को लेकर बोर्ड।अधिकारी व सभासद पूर्ण रूप से उदासीनता बरतने में कोई कसर नही छोड़ रहे है
बताना चाहेंगे छावनी बोर्ड अंतर्गत मीरपुर छावनी वार्ड नं0 2 स्थित कमेला पर लगभग कुछ माह पूर्व एक कूड़ेघर का निर्माण किया गया था कूड़ेघर का उद्देश्य था कि आसपास के इलाको का कूड़ा यहां इकट्ठा किया जाएगा जिसे बाद में बोर्ड कर्मचारियों द्वारा उठवाया जाएगा परन्तु आठ माह बीत जाने के बाद अभी तक कोई भी बोर्ड कर्मचारी नजर नही आया है उल्टा पीपल्स या पाथे नामक कम्पनी के कर्मचारी ये कहकर गाड़ियों में भरकर कूड़ा फेक जाते थे कि इकट्ठा होने के बाद बड़ी गाड़ियों से कूड़ा उठवाया जाएगा कूड़ा डम्प होने की वजह से क्षेत्र में गंदगी फैलने लगी है जिससे लोगो को स्वास्थ्य सम्बन्धी शिकायतो का सामना करना पड़ रहा था मामले की गम्भीरता को देखते हुए लोगो ने क्षेत्रीय सभासद चोखे लाल को समस्या से अवगत कराया चोखे लाल ने साफ शब्दों में कह दिया कि यहां का वोट नही है हम कुछ नही कर सकते है इस पर लोगो ने कहा वोट नही है तो क्या हुआ हम इंसान नही है क्या हम इस देश के नागरिक नही है गन्दगी से सभी वोटर भी परेशान है ये सुनकर चोखे लाल बगले झागते हुए वहां से खिसक लिए गन्दगी की चपेट में आकर आसपास का वातावरण दिन प्रतिदिन दूषित हो रहा है जिसके कारण लोगो को कई तरह की बीमारियों से भी जुझना पड़ रहा है बदलते मौसम में डॉक्टरों के यहां लम्बी कतारे इस ओर इशारा करती है बोर्ड अधिकारी ऐसी कोई तैयारियां नही करते है जिससे गंदगी से पैदा होने वाली बीमारियों से निपटा जा सके
*कूड़े की चपेट में आकर दो गायो की हुई थी मौत*
जब से कुड़ेघर का निर्माण हुआ है तब से लोगो की परेशानियां कम होती नही दिख रही है कूड़ा ना उठने की वजह से पूरे क्षेत्र में फैला रहता है जिससे आसपास के लोगो को बदबू के मारे सास लेना भी दूभर सा हो गया है इसलिए लोगो ने कूड़े से निजात पाने के लिए कई बार कूड़े को जलाया भी है परन्तु इसके बावजूद कूड़े से लोगो को निजात नही मिल रही है अक्सर भोजन की तलाश में यहां पर जानवरो का झुंड मौजूद रहता है कुछ माह पूर्व सड़ा गला भोजन व कूड़ा खाकर दो गायो की मौत भी हो चुकी है इसकी जानकारी बोर्ड सफाई अधीक्षक प्रवीन गुप्ता को दी गई थी तो उनका कहना था कि उनकी जानकारी में ये कूड़ाघर नही है ना हि किसी ने उनको जानकारी दी है उनको ये भी बताया गया कि कूड़े की चपेट में आकर दो गायो की मौत भी हो चुकी है उसके बाद भी अभी तक सफाई अधीक्षक ने कोई कार्यवाही नही की है अब अधिकारी ही उदासीनता की चादर ओढ़ लेंगे तो कर्मचारियों का क्या हाल होगा
बहरहाल मामला कुछ भी हो अगर जल्द ही बोर्ड अधिकारी उदासीनता की ओढ़ी हुई चादर उतारकर नही फेकेंगे तो आज गन्दगी की चपेट में जानवर आए है कल इंसान भी आ सकते है इसका ज़िम्मेदार कौन होगा ये बताने की जरूरत नही
वार्ड 36 की जनता है परेशान, आखिर कब होगा समस्या का निदान
मो० अनीस/ अकबर अली
कानपुर । आज 2 अक्टूबर जिसे हम गाँधी जयन्ती के रूप में मनाते हैं।
आखिर मनाएं भी क्यों न वो राष्ट्र पिता हैं हमारे।
आज के दिन पुर देश मे चारों दिशाओं में गाँधी को नमन करने की फिजायें बानी हुईं हैं। हर्षोल्लास से गांधी जी क जन्म दिवस मनाया जाता है।
आपको बताते चलें कि आज गाँधी जी का 150 वाँ जन्म दिवस है, परन्तु आज भी गाँधी जी हमारे जीवन मे अपने उच्च विचारों व अपने आदर्शों में साथ उपस्थित हैं, जिससे हम देशवासियों में खुशी वयाप्त रहती है ।
गाँधी जी ने अपने पूरे जीवनकाल को देश के लिए समर्पित कर दिया ,मानो ये देश उनका अपना एक परिवार है और इस परिवार की रक्षा और सुरक्षा बनाये रखना चाहते थे, इस कारण उन्हें राष्ट्र पिता कहा जाता है।
गाँधी जी ने अपने जीवनकाल में अपने देश भारत की अखंडता व भाईचारा बनाये रखने के लिए अनेको नेक आंदोलन चलाये जो इस देश की जनता की भलाई के लिये ही थे, और यदि उनकी बनाई नीतियों का पालन होता रहा तो जन्म जन्मान्तर तक भविष्य में कभी कोई परेशानी जनता के सामने नहीं आएगी।इसी बात को मद्दे नज़र रखते हुए उनके द्वारा चलाये गए आन्दोलनों में से सिर्फ एक का वर्णन करता हूँ, जो उस समय भी उपयोगी था और आज भी उपयोगी है और भविष्य में भी रहेगा।।
स्वच्छ भारत आंदोलन मैं इसी आंदोलन की बात कर रहा हूँ
दस दशकों से भी अधिक पुराना ये आंदोलन आज भी चल रहा है।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के उन के द्वारा एक बार फिर ये अभिया चलाया गया जी आज का सत्र 2018 ,में ये आंदोलन काफी अच्छी तरह से फल फूल रहा है पूरे देश मे सफाई अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा चुका है और हर समय पर चलाया जाता रहता है। झाड़ू तो यहाँ सभासद से लेकर राष्ट्रपति तक स्वयं अपने हाथों से लगाते हैं।
अब आप ही बताएं कि जिस देश में राज्य मंत्री यहां तक पूरा मन्त्रिमण्डल झाड़ू अपने हाथों में लेकर कर *स्वछ भारत अभियान* चलाए, तो मजाल है कि भारत का एक भी कोना गंदा रह जाए ?
होंना तो ऐसा ही चाहिए था परन्तु हुआ कुछ इसका उल्टा होता भी कैसे न कागज़ी नियमों में और हकीकत की ज़िंदगी मे जमीन आसमान का फर्क जो है।
आज सफाई अभियान की सच्चाई किसी भी नागरिक से छुपी नहीं है , देश के ये हालात हैं कि महामारी फैली हुई है, देश के कोने कोने में गंदगी, कूड़ा,सीवर भराव सभी कुछ तो मौजूद है।
मैं अपनी क़लम से पूरे देश मे फैली गन्दगी का विस्तार पूर्वक एक एक जगह का वर्णन तो नहीं कर सकता परंतु एक वाक्य में पूरे देश का दर्द बयां करता हूँ कि हर सरकारी अस्पतालों में रोज़ मरीजों की संख्या में लगातार व्रद्धि हो रही है,और देश में महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है।
इसी श्रंखला में मैं आपको बाबू पुरवा के मोहल्ला अजीत गंज वार्ड 36 की दशा का चित्र सहित वर्णन करता हूँ । पूरे बाबूपुरवा क्षेत्र में सीवर भराव इस कदर वयाप्त है की हर गली, मोहल्ला,घर सीवर के पानी से भरा हुआ है।
लोगों के घरों के किचन के अंदर पानी पहुंचा हुआ है। लोगों का खाना पीना दूभर है।
इस समस्या में डूबे लोगों का हाल कुछ इस तरह है जैसे स्वछ भारत मे नहीं बल्कि किसी नाले में जीवन बिता रहे हैं?
क्षेत्रीय लोगों में एक ओर महामारी का डर है तो वहीं दूसरी ओर पार्षद की बेपरवाही से आक्रोश है। जबकि जोन 3 के सभी अधिकारियों को न जाने कितनी बार अवगत कराया जा चुका है फिर भी समस्या का निदान नहीं हो सका ।
– फैसल अंसारी,मुबीन अहमद,बेबी,मुख्तार,गफ्फार,जलीस,आफताब
आदि लोगों ने अपनी समस्या को सामने रख के निदान की गुहार लगाई।।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत परमट घाट पे आला अधिकारियों का निरीक्षण
कानपुर । स्वच्छ भारत अभियान के तहत महापौर प्रमिला पाण्डेय, मण्डलायुक्त श्री सुभाष शर्मा , जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त नें स्वच्छ भारत अभियान के तहत परमट घाट का निरीक्षण कर सफाई किया
।
निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त ने घाट पर अवैध तरीके से कब्जेदारों के चेतावनी देते हुए कहा कि जो अतिक्रमण किया है उसे अपनी स्वेक्षा से हटा लें तथा घाट के आस पास किसी भी प्रकार का निर्माण न कराये यदि निर्माण होता मिला तो कार्यवाही करते हुए निर्माण हटा दिया जायेगा । उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए सभी को आगे आना होगा । आज गन्दगी में कानपुर प्रथम स्थान पर है इस हेतु सभी नागरिक जागरूक होकर स्वच्छता का ध्यान रखते हुए सफाई अभियान में अपना सहयोग करें अपने घर , मोहल्ले तथा शहर को स्वच्छ बनाने में अपनी भूमिका निभाएं , शहर हमारा है देश हमारा है अपने शहर को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे । परमट मन्दिर के दुकानदारों को समझाते हुए कहा कि जो भी दुकाने लगाए सामान अंदर ही रखे किसी भी स्थिति में बाहर गन्दगी न फैलाए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने नगर वासियो से अपील करते हुए कहा कि सभी को इस महा अभियान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हुए अपने आस पास गन्दगी को साफ करना है तथा ऐसा जागरूकता अभियान चलाए जिससे लोग गन्दगी फैलाने वालों को रोकें और स्वयं भी गन्दगी न फैलाए।
इस अवसर पर नगर निगम के जोनल अधिकारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
नाले की सिल्ट का खेल, नगर निगम हुई फेल
Akbar
कानपुर । कभी कभी तो ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम मानो पूरे क्षेत्र को शमशान बनाना चाहते हैं।।
आप सोच रहे होंगे कि मैं क्या कह रहा हूँ, मगर आँकड़े तो कुछ ऐसी ही दर्द भरी दास्तां बयाँ करते हैं , और ये दास्तां काफी लंबे अर्शे से चली आ रही है, अफसोस तो ये है कि न तो कभी किसी अधिकारी ने इस बात की खबर ली न तो किसी ने भी अपने पद का सदुपयोग करते हुए इस समस्या का निवारण करने की सोची, रही सही कसर पार्षद पूरी कर देते हैं क्षेत्र से सौतेला व्यवहार अपनाकर।
वर्षा ऋतु आते ही जहाँ चारो ओर हरियाली छा जाती है , फूल खिल के वातावरण को सुगन्धित बनाते हैं और पर्यावरण को सुदुर्ड़ बनाते है वहीं इसके विपरीत दिशा में चलने वाले नगर निगम अधिकारी और क्षेत्र के मुखिया पार्षद गन्दगी , सीवर भराव , कूड़े कचड़े की सड़न से होने वाली अनेक जानलेवा बीमारियों का तांडव मचा के रख देते हैं।
एक ओर तो सरकार स्वच्छ भारत अभियान के कसीदे पढ़ती रहती है वहीं दूसरी ओर नगर निगम इनकी पोल खोलती रहती है और इस अभियान को बनावटी (मात्र कागज़ी) साबित करके रख देती है।
बाबू पुरवा क्षेत्र का हाल कुछ इस तरह है की मानो काल ने भयंकर महामारी का विक्राल रुप धारण करके के पूरे बाबू पुरवा को इतिहास बन जाएगा
क्योंकि हर मोहल्ले की गलियों में सीवर का बदबूदार पानी भरा हुआ है जिससे क्षेत्र में तमाम तरह की बीमारियों का कहर व्याप्त है, लोंगो को उल्टी ,दस्त बीमारी ने अपनी जकड़ में ले लिया है।
ऊपर से यहां के कर्मचारियों ने अपनी हठधर्मी के कारण पूरे क्षेत्र की गलियों को नाले में बदल रक्खा है। और क्षेत्रीय नागरिकों से वसूली (समाधान शुल्क)मांगा जाता है।वार्ड 80 में रहने वाले हाजी कमर जी ने जब कर्मचारियों से सफाई की बात करी तो उनसे सफाई के नाम पे कर्मचारियों द्वारा 300 रुपये की मांग करी गई।
हद तो तब हो गयी जब सीवर लाइन के सफाई नायक राजू ने स्वमं वार्ड 80 वाली गली की सफाई के लिए बांस की दो खपच्ची भेंट चढ़ाने को कहा।
वार्ड 36 में रहने में मिठाई की दुकान चलाने वाले इक़बाल से 100 रुपये सफाई के नाम पर मांगे गए।
जलभराव से क्षेत्रीय जनता त्रस्त है समस्या समाधान हेतु जोन में कोई नहीं सुनता।
वार्ड नम्बर 100,80 ,36 इसकी गिरफ्त में हैं।
वार्ड 100 में स्कॉलर पब्लिक स्कूल के सामने पूरी गली में सीवर भराव कई कई दिनों तक रहता है।
वार्ड 80 रहीम नगर में गली हमेशा सीवर के पानी से फुल रहती है।
वार्ड 36 में शगुन गेस्ट हाउस के सामने की गली में अक्सर पानी भरा रहता है , और कूड़ा पड़ा रहता है जो उठने का नाम ही नहीं लेता । तथा अजीत गंज सक्सेज स्कूल के बगल में जब्बार की गली में आये दिन पानी भरा रहता है, जिससे यहाँ के लोगों का जीवन काफी प्रभावित है लोगों का घर से निकलना ही बहुत बड़ी जहमत है इसी कारण बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है,और बीमारियों व महामारी को तो बिल्कुल भी अनदेखा किया ही नहीं जा सकता।
जब हम ने वार्ड 36 के पार्षद अशोक पाल जी से इस विषय मे बात की तो अशोक जी कोई संतोषजनक उत्तर न देते हुए बात को दूसरी दिशा में ले जा के बोले की सुना है विधायक जी गली ऊंची करवा रहे हैं जब गली ऊंची हो जाएगी तो समस्या खत्म ही जाएगी, फिर उनको उसी विषय मे लाते हुए जब पूछा कि गली जब बनेगी तब बनेगी तो क्या जब तक लोगों की समस्या का कोई हल नहीं निकाला जायेगा, तो उन्होंने बताया कि वो अपने स्तर से साफ सफाई करवा देते हैं।”
पर सच्चाई तो ये है कर्मचारी सिर्फ खपच्ची चला के चले जाते हैं और गली फिर से जलमग्न हो जाती है।
सार्वजनिक स्थानों पे खुले आम सिगरेट पीते लोग,नियमो को उड़ा रहे सिगरेट के धुंए की तरह
ध्रुव
ओमर
सिगरेट या बीड़ी का धुआं किसी धर्म और राज्य को नहीं पहचानता, किसी रिजर्वेशन या राजनीतिक झुकावों को नहीं जानता। उसका सबके लिए एक ही मेसेज है और वह है “मौत”।
मुख्य रूप से तो ऊंची सोसायटी में अपना स्थान बनाने के लिए लोगों में यह गलत अवधारणा बनी हुई है कि धूम्रपान एक अच्छा माध्यम है। रईस लोगों के बीच में अगर कोई धूम्रपान न करे तो उसे मज़ाक का पात्र बनाया जाता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान करते हैं।
आज के युवा / छात्र अक्सर फिल्मों में नायक को जब धूम्रपान करते हुए देखते हैं तब उसकी नक़ल करते हैं। किन्तु दुर्भाग्यवश इस गलत आदत को “स्टेटस सिंबल” मानकर अक्सर नवयुवक अपनाते हैं और दूसरों के सामने दिखाते हैं। धूम्रपान दरअसल एक लत है जिससे जब तक व्यक्ति दूर रहता है तब तक तो वह ठीक रहता है लेकिन एक बार यदि इसे प्रारम्भ कर दिया जाए तो इंसान को इस नशे में मज़ा आने लगता है तथा वो इस आदत को छोड़ नही पाते
सिगरेट तम्बाकू से होने वाले नुकसान को देखते हुए हर साल 31 मई को “सिगरेट तम्बाकू निषेध दिवस” सरकार द्वारा मनाया जाता है। साल के इसी दिन सम्बंधित अधिकारी,कार्यालय से निकल कर खानापूर्ति कर लेते हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध है। इस बाबत शहर के सरकारी विभागों में बड़े-बड़े पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं, लेकिन यह महज शो-पीस साबित हो रहे हैं। लोग सरेआम सिगरेट-बीड़ी पीते रहते हैं। ऐसे लोगों की शिकायत कहां और किससे की जाए जैसी जानकारी पोस्टर से नदारद है।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं करने की कड़ी में कचहरी परिसर को भी धूम्रपान रहित क्षेत्र घोषित किया गया है। लेकिन वहां भी खुले आम सिगरेट ,तम्बाकू पी व बेची जा रही है।
इसके रोक थाम प्रचार-प्रसार के लिए भारी भरकम बजट भी पास होता है।कहीं-कहीं दीवारों पर चेतावनी के तौर पर बैनर,पोस्टर भी लगाए गए हैं। अब ये बैनर भी मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं, क्योंकि धूम्रपान रहित क्षेत्र संबंधी लगाए गए बैनरों पर न तो अधिकारियों के नाम है और ना ही कोई संपर्क सूत्र। ऐसे में धूम्रपान करने वालों की शिकायत भी नहीं की जा सकती है।
अधिकारियों का भी इस ओर नजरअंदाज करने वाला ही नजरिया है। सार्वजनिक स्थानों, स्कूल,कॉलेज के आस पास सिगरेट तम्बाकू बेचना जुल्म है लेकिन इस के विपरीत यहां खुले आम बेची व पी जा रही है । हलीम कॉलेज जो इंटर और डिग्री कॉलेज दोनों ही है कॉलेज के हर दस कदम पे सिगरेट ,तम्बाकू की दुकानें सजी हुई हैं । शहर के हर स्कूल कॉलेज के आस पास यही हाल है । सब से बुरा हाल गर्ल्स कॉलेज के पास होता है । कॉलेज छूटते समय कुछ रोमियो टाइप के युवा इन दुकानों पे खड़े होने के बहाने सिगरेट का धुआं छोड़ते हुए आसानी से देखे जा सकते है। कानपुर कचहरी में आने वाले फरियादी खुलेआम धूम्रपान करते नजर आते हैं। अगर इनसे जुर्माना ही वसूला जाए तो प्रशासन को अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त हो सकता है। गौरतलब है कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते पकड़े जाने पर 200 रुपए का जुर्माना है। सवाल खड़ा होता है कि आखिर धूम्रपान को लेकर दी जाने वाली इस तरह की चेतावनी का क्या फायदा, जिसमें शिकायकर्ता खुद अधिकारियों से संपर्क न कर सके।
तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों की बिक्री को कम करने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं उनमें यह भी शामिल है कि दुकानदारों द्वारा बोर्ड लगाकर चेतावनी दी जाना चाहिए कि धूम्रपान सेहत के लिए खतरनाक है लेकिन इसका पालन कही नही किया जा रहा है। 18 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को इनकी बिक्री नहीं की जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। हैरत की बात यह है कि कई दुकानों पर सामग्री बेचने वाले ही नाबालिग हैं। दुकानदार खुद भी स्वीकार कर रहे हैं कि स्कूल के कई बच्चे यहां आकर सिगरेट खरीदते हैं। सबकुछ आंखों के सामने है लेकिन न ही प्रशासन, न स्वास्थ्य विभाग और न ही पुलिस किसी कार्रवाई के लिए कदम उठाते हैं। कई बार दुकानों से गुटखा, पाउच और सिगरेट जब्त कर दुकानदार पर कार्रवाई होती रही है लेकिन बीते काफी समयसे अब कार्यवाही नही की जा रही है इसके कारण हर तीसरे घर के पास व हर स्कूल कालेज सार्वजनिक स्थानों के पास दुकाने सजाई जा रही है और नियमो/आदेशों को सिगरेट के धुएं की तरह उड़ाया जा रहा है ।
“अभी हमने दो तीन रोज़ पहले काशीराम हॉस्पिटल में छापा मारा था वहाँ 550 रुपये का चालान काटा दो तीन लोगों का।
खालसा इंटर कॉलेज के आस पास निरीक्षण किया वहां पर सिगरेट मसाले की कोई दुकान नहीं पाई गई।
जहाँ पर दुकाने हैं उसके लिए हम लोग कार्य कर रहे हैं डी.एम. सर से मीटिंग करके उनसे इस बारे में बात करेंगे कि वो कार्यवाही करवायें।
यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करता पाया जाए तो टोल फ्री नम्बर 1800-110-456 पर सूचित किया जा सकता है।
प्रचार प्रसार भी हम लोग कर रहे है प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे बुधवार को हमारी टीम छापेमारी करती है और लोगों को जागरूक भी करती है।”
निधि अग्रवाल
जनपद सलाहकार
नो टेबोको सेल
आज उर्सला में होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन के जन्म दिन को होम्योपैथी दिवसदिवस के रूप में मनाया गया
*आज उर्सला में होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन के जन्म दिन को होम्योपैथी दिवसदिवस के रूप में मनाया गया*
कानपुर:-आज उर्सला अस्पताल में होम्योपैथी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सीनियर डाक्टर’ डाक्टर विजय पाल यादव ने जानकारी दी की आज से 263वर्ष पहले होम्योपैथी के जनक डाक्टर हैनीमैन का जन्म 1755 को जर्मनी में हुआ था। आज उनके जन्मदिन को होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। होम्योपैथी के विषय में जानकारी देते हुए डाक्टर विजय पाल यादव ने बताया होम्योपैथी चिकित्सा जगत की बहुत पुरानी पद्धति है और बड़ी से बड़ी असाध्य बीमारी का इलाज होम्योपैथी में सम्भव है.सन 1790 में जब डाक्टर हैनीमैन साहब होम्योपैथी की किताब मटेरिया मेडिका को इंग्लिश से जर्मन भाषा में रूपांतरित कर रहे थे तब होम्योपैथी पद्धति का आविष्कार हुआ। होम्योपैथी के जनक का कहना था होम्योपैथी बीमारी को नहीं बल्कि मनुष्य को स्वस्थ रखने का काम करती है। आज की भाग दौड़ भरी कार्यशैली में होम्योपैथी चिकित्सा हर व्यक्ति के लिये सेक्योर पद्धति है। इस अवसर पर उर्सला अस्पताल की महिला डाक्टर सुनीता यादव ने महिलाओं के लिये होम्योपैथी सरल चिकित्सा प्रणाली है। उर्सला अस्पताल में रोजाना 150से 250मरीज देखें जाते है और सभी के लिये सारी दवाइयां निशुल्क उपलब्ध है।