ध्रुव ओमर
कानपुर । जब रक्षक ही भक्षक बन जाये ,धरती के भगवान ही हैवान बन जाये तो ऐसी स्थिति में उन से उम्मीद लगाए लोगो का क्या होगा ?
किसी समय समाज सेवा के लिए डॉक्टर बनने के पेशे को बदनाम करने वाले लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पुरानी कहावत “बदनाम हों गए तो क्या नाम न होगा” को सटीक चरितार्थ कर रहे हैं और इस अस्पताल का नाम शहर और प्रदेश में रौशन कर रहे हैं ।
जूनियर डॉक्टरों की दबंगई से पूरा शहर अवगत है। इन की दबंगई को अस्पताल के आला अधिकारी भी नही रोक पा रहे हैं। इन की क्रूरता इतनी बढ़ चुकी है कि ये मरीजो व तीमारदारों के अलावा 100 पुलिस के सिपाहियों एवं क्षेत्रीय पुलिस थाने पे भी हमला करने से नही हिचकिचाते। ऐसे ही एक हमले में क्षेत्रीय थाने के अंदर एक सिपाही का हाथ तोड़ने का रिकार्ड भी इन जूनियर डॉक्टरों के ऊपर दर्ज है।
हमने बचपने में पढ़ा और अब देखा कि एकता से ही किसी बड़े कार्य को कराया जा सकता है लेकिन जब ये एकता किसी अच्छे कार्य के विपरीत कार्य करने लगे तो वो भयावह स्थिति का अंदाज़ा नही लगा सकते (विधायक और जूनियर डॉक्टर की लड़ाई में बेगुनाह मरीज़ों की मौत तो याद ही होगी)
जूनियर डॉक्टरों द्वारा बीमार मरीज़ और परेशान तीमारदार की छोटी छोटी बातों को अपना ईगो बना कर उन से लड़ना मारपीट करना, फिर हड़ताल पे चले जाना, ऐसा करना अपने पेशे से बेईमानी करना है।
इस अस्पताल के न जाने ऐसे कितने किस्से शहर का नाम रोशन कर रहे है और यहां आने वाले मरीजो में भय पैदा कर रहे है। इसी कड़ी में परसो एक महिला तीमारदार को जूनियर डॉक्टरों ने अपनी अभद्रता का निशाना बनाया। उस महिला का क्षेत्रीय थाने में प्रार्थना पत्र देने पे डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाना उस के बाद वहां मौजूद मरीज़ों ,और तीमारदारों के साथ अमानीय व्यवहार तथा कुछ जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपने सीनियर डॉक्टरों एवं अस्पताल के आला अधिकारियों की बात न माना एवं उन से अभद्रता करना ये एक सोचनीय विषय है
हर घटना के बाद अस्पताल प्रसाशन एक जांच टीम गठित करती है लेकिन उस का कोई हल नही निकलता इस घटना में भी यही होगा।
उन तीमारदारों से पूछो जो अपने मरीज़ को बचाने की उम्मीद से अस्पताल लाये थे लेकिन वो हड़ताल की भेंट चढ़ गए। किसी एक कि गलतीं की सज़ा किस किस को मिलेगी ऐसी स्थिति में जूनियर डॉक्टरों की एकता को सही कहा जायेगा ?
ऐसी एकता जूनियर डॉक्टर अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
ऐसी एकता मेडिकल लाइन में फैली भ्र्ष्टाचार के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
हैलट अस्पताल में वर्तमान समय मे कोई मरीज़ या उस का तीमारदार जूनियर डॉक्टर को छोड़िए, अस्पताल के चतुर्थ क्षेणी के कर्मचारी से अभद्रता नही कर सकते क्योंकि इन का आतंक जगजाहिर है।
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