कानपुर । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में विधायक सुरेन्द्र मैथानी एवं संगठन के पदाधिकारियों ने विभिन्न विद्यालयों में जाकर कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचाव के लिए जागरुकता अभियान चलाते हुए सेमिनार आयोजित किए ।
सेमिनार को संबोधित करते हुए विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने शिक्षकों को इस जनजागरण अभियान की प्रमुख कड़ी बताया।उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के माध्यम से बच्चों और उनके माता पिता और समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक तीसरी लहर से बचाव के उपाय पहुंचाए जा सकते हैं।शिक्षक नेता शैलेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि संगठन इस अभियान को जोर शोर से चलाएगा और इसके तहत ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे शिक्षक शिक्षिकाएं रोज जागरण अभियान के तहत बच्चो और उनके माता पिता को संदेश दें। सभी ने दिवंगत शिक्षकों व समाज के व्यक्तियों के प्रति संवेदना भी व्यक्त किया गया।
इस अभियान में सेमिनार सरस्वती बालिका विजय नगर, जी0 जी 0आई सी विजय नगर,राम लला इन्टर कॉलेज रावतपुर में आयोजित किए गए ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शैलेन्द्र द्विवेदी, बृज भूषण मिश्र,रमेश चंद्र पांडेय,राहुल कुमार मिश्रा, शैलेन्द्र अवस्थी, मधुर, अलका, आनंद दीक्षित, गिरजा शंकर समेत सौ से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया ।
नवजात शिशुओं पर कोविड की तीसरी लहर पर प्रेस कान्फ्रेंस का हुआ आयोजन
कानपुर । भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा नवजात शिशुओं पर कोविड की तीसरी लहर पर एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। रेनबो मेडिकल सेन्टर, विष्णुपुरी में किया गया । प्रेस कान्फ्रेंस का संचालन अध्यक्ष डॉ० अम्बरीश गुप्ता, डॉ० विवेक सक्सेना, डॉ० यशवन्त राव, डॉ० जे०जे० तांबे, डॉ० अनुराग भारती, डॉ० साहनी सेठी ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा० अम्बरीष गुप्ता ने मीडियाकर्मियों का जोर-शोर से स्वागत किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार कोविड की तीसरी लहर पर बाल रोग विशेषज्ञ ट्रेनिंग दे रही है एवं आई०सी०यू०. पी०आई०सी०यू० पर विशेष जोर दे रही है । हमारी संस्था का प्रयास यह है कि नान बाल रोग विशेषज्ञ, नर्सिंग स्टाफ को बच्चों की संघन चिकित्सा के लिए ट्रेनिंग देगें। उन्होंने बताया कि हमारी संस्था 12 जुलाई, 2021 से 17 जुलाई, 2021 तक जूम मीटिंग द्वारा बाल रोग विशेषज्ञों को ट्रेनिंग दी जायेगी। इससे बच्चों को कोविड से बचाया जाए एवं उनको अच्छी चिकित्सा मुहैया कराया जाए एवं उनको मृत्यु से बचाया जा सके। हमारी संस्था का यही प्रयास है।सचिव डॉ० जे०जे० तांबे ने कोविड से विभिन्न जानकारियाँ दी।
जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के तहत सैकड़ों पौधे लगाये गये
कानपुर । हरे वृक्षों, पौधों की हिफाज़त और अधिकाधिक वृक्षारोपण कर मानवता और समस्त प्राणियों को लाभ पहंुचाने के लिये जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा नगर अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां के संरक्षण और महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी की निगरानी में प्रदेश के औद्योगिक नगर कानपुर में चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों, मुहल्लों, पार्काैं और सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में पौधे लगाये गये, जिससे शहर के अवाम में पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा हुई ।
नगर महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के सम्बन्ध में बात करते हुए पत्रकारों से कहा कि वृक्षारोपण जमीअत उलमा की बराबर मुहिम रही है, वर्षों से पूरे देश में समय-समय पर इस तरह के अभियान चलाये जाते रहे हैं। शहर कानपुर में भी बड़े स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाये जा चुके हैं, लेकिन जिस तरह की ज़रूरत है उस तरह अभी जागरूकता नहीं आयी है । अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वृक्षों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है और इसको सद्क़ा ए जारिया कहा है। हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगायें और जहां वृक्ष मौजूद हैं उनकी हिफाज़त का इंतेज़ाम करें । इस तरह से सैंकड़ों पौधे जो इस मुहिम के दौरान लगाये गये वह भविष्य में वृक्ष का रूप धारण करने लग जायेंगे, यह मानवता की बेहतरीन सेवा होगी। मौलाना ने कहा कि शहर कानपुर के अलावा आस-पास के जिलों उन्नाव, हरदोई, फरूखाबाद, क़न्नौज, फतेहपुर, बांदा आदि से भी व्क्षारोपण अभियान के तहत पौधे लगाने की खबरें प्राप्त हुईं हैं। मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लेकर लोगों को जागरूक करने वाले मौलाना मुहम्मद अनीस खां क़ासमी, क़ाज़ी ए शरीअत मौलाना मुहम्मद इनामुल्लाह क़ासमी, मौलाना अंसार अहमद जामई, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मुहम्मद फारूक, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, मौलाना मुहम्मद फरीदुद्दीन क़ासमी, क़ारी मुहम्मद ग़ज़ाली खां, मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी, मौलाना मुहम्मद शुऐब मुबीन मजाज़िरी, हाफिज़ शारिक, मौलाना अमीर हमज़ा, मौलाना शरफे आलम साक़िबी, मौलाना मुहम्मद जावेद क़ासमी, मौलाना असग़र हक़्क़ानी, मौलाना अयाज़ साकिबी, मुफ्ती हारून क़ासमी, क़ारी मुहम्मद हुजैफ़ा नक्शबंदी, क़ारी बदरुज्ज़मां कुरैशी, का़री मुहम्मद तौफीक़ महमूदी, मौलाना मुहम्मद अनस क़ासमी, सादिक़ अमीनी, ऐजाजुल हसन, शारिक़ नवाब समेत तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया ।
वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाना समय की आवश्यकता: मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी
कानपुर । जमीअत उलमा कानपुर द्वारा नगर अध्यक्ष डा0 हलीमुल्लाह खां के संरक्षण और महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी की निगरानी में चलाए जा रहे वृक्षारोपण अभियान के तहत मदरसा फैजुल उलूम ऊंचा टीला जाजमऊ में पौधे लगाये ।
मदरसा फै़जुल उलूम ऊंचा टीला जाजमऊ में वृक्षारोपण करते हुए मदरसे के उस्ताद मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी ने कहा कि शहर कानपुर में पर्यावरण की स्वच्छता के उद्देश्य से वृक्षारोपण अभियान को सफल करने के लिये लोगों को सच्चे दिल , ईमानदारी और दानिशमंदी(बुद्धिमत्ता) से काम लेने की ज़रूरत है। यक़ीनन यह एक बड़ा अभियान है जिसका फायदा के केवल इंसानों को नहीं बल्कि प्रत्येक प्राणी को होगा।
पौधरोपण के अवसर पर मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी के साथ क़ारी बदरूज्ज़मां कुरैशी, मौलाना मुहम्मद शुऐब मुबीन मज़ाहिरी, मुफ्ती मुहम्मद हारून क़ासमी, क़ारी मुहम्मद तौफीक़ महमूदी, मौलवी मुहम्मद शुऐब महमूदी, इंसाफ आलम, मुहम्मद यूसुफ, वहीदुज्ज़मां के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।
एक्टिव वेलफेयर सोसायटी ने पौधे लगा कर हरियाली मुहिम का किया आगाज़
कानपुर । एक्टिव वेलफेयर सोसायटी ने आज दरजनों पौधे लगा कर हरियाली मुहिम का आगाज़ कर दिया है । हरबंश मोहाल थाना में पहला पौध रोपण करते हुुुए एक्टिव वेलफेयर सोसायटी ने ये सनदेेेश दिया कि दरख़्त इंसानों के लिए एक अनमोल तोहफा हैं जो न सिर्फ हमें आक्सीजन देते हैं बल्कि पर्दूषण को भी ख़त्म करते है जिस की वजह से हमे किस्म किस्म की जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं । खुली हवा,साफ़ वातावरण इंसानों के लिए बहुत ज़रूरी है लाक डाउन में फिजा साफ़ हो चुकी थी मगर अनलाक वन से पर्दूषण बढ़ने लगा मुकम्मल अनलाक होते ही फिजा फिर से आलूदा हो जाएगी इस लिए ज़रूरी है कि हम पेड़ पौधे लगा कर वातावरण को साफ सुथरा और खुशगवार बनाएं तबरेज़ खान ने पौध रोपण की अहमियत व ज़रुरत को बताते हुए कहा कि पेड़ लगाना सदक़ा-ए-जरिया है पैगम्बर-ए-इस्लाम ने फलदार और सायादार दरख्त काटने से मना फ़रमाया है उन्होंने तेज़ी से गिरते हुए वाटर लेबल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वाटर लेबल तेज़ी से कम हो रहा है पेड़ वाटर लेबल को कंट्रोल करता है इस लिए हर आदमी अपनी ज़िन्दगी में एक पेड़ ज़रूर लगाये और आस पास के पेड़ पौधों की देख भाल करे shakeel khan ने अपील की कि हर घर का ज़िम्मेदार छोटे छोटे बच्चों की सेहत,सफाई,सलामती का ख़ास ख़याल रखे ताकि कोरोना की तीसरी लहर को नाकाम बनाया जा सके लिहाज़ा कोरोना से बचाव के लिए सरकारी गाइड लाइन पर अमल करें ताकि कोरोना से लड़ने में हर हाल में कामयाब हों कोरोना के खात्मे की दुआ कराई और लोगो से कहा खूब सदक़ा करें कि सदक़ा बलाओं को ख़तम करता है और इस से गरीबों का भी भला है ।
जमीअत उलमा ने वृक्षारोपण कार्यक्रम का किया आयोजन
कानपुर । जमीअत उलमा शहर कानपुर की कार्यकारिणी बैठक में तय कार्यक्रम के अनुसार हरे वृक्षों , पौधों की सुरक्षा और ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाकर पूरी इंसानियत समेत हर जानदार को फायदा पहंचाने और लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये जमीअत उलमा कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां ने वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ जमीअत बिल्डिंग रजबी रोड में पौधे लगाकर किया। संक्रमण के इस दौर में सभी लोगों ने आक्सीजन के महत्व को समझा है और यह प्रकृति के तरफ से दिये गये वृक्ष जैसे अनमोल नेमत ही मुफ्त आक्सीजन पैदा करके हमारे जीवन के लिये महत्वपूर्ण सामान फराहम करते हैं। उन्होंने कहा कि वृक्षों की कटाई और कमी से पर्यावरण में प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे भी बढ़ते ही जा रहे हैं। जिसके नतीजे में भूजल स्तर में कमी हो रही है और पीने के साफ पानी की बढ़ती कमी के कारण पूरी इंसानियत को खतरा है। इसलिय इसकी सख्त ज़रूरत है कि तमाम इंसानों में वृक्षों की जरूरत और महत्व के सम्बन्ध में जागरूकता पैदा किया जाये और उनको आने वाले खतरों से आगाह किया जाये। वृक्षारोपण के दौरान डा0 हलीमुल्लाह खां के साथ मौलाना अयाज़ साकिबी, मौलाना मुहम्मद जावेद क़ासमी, मुहम्मद आदिल, इशरत अली आदि मौजूद थे।
मेट्रो रेल परियोजना एवं छतरपुर जिले के बक्सवाहा में हीरा खनन के लिए लिए पेड़ों को काटे जाने का किया विरोध
कानपुर । प्रकृती रक्षति रक्षिता:यह सर्वमान्य सिद्धांत है कि यदि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो वह हमारी रक्षा करेगी मनुष्य एवं प्रकृति का सम्मान अत्यंत गहरा और चिर कालिक है । मनुष्य स्वयं प्रकृति का एक अंश है,जिन तत्वों से प्रकृति का जन्म हुआ वे सभी तत्व मनुष्य के निर्माण में भी सहायक है प्रकृति ने जीव के लिए स्थल,जल और वायु के रूप में एक विस्तृत आवरण निर्मित किया है जिसे हम ‘पर्यावरण’ की संज्ञा देते हैं परंतु आज प्रकृति प्रदत जीवनदायिनी वायु, भूमि और जल प्रदूषण के कारण जीवन घातक बन रहे हैं । प्रकृति को नष्ट करने वालों के बारे में कहा गया है कि काला धुआं उड़ाने वालों,जल को जहर बनाने वालों, जल्दी सोचो, समझो वरना सारा खेल बिगड़ जाएगा । प्रकृति उजड़ जाएगी, तो जीवन बहुत पिछड़ जाएगा 5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनिया भर में बनाए जाने वाले महत्वपूर्ण दिन है । इस दिन को मनाने का मुख्य कारण है कि व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना । आज हमें पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्यकता है । आज का युग आधुनिक युग है और पूरा संसार ही पर्यावरण के प्रदूषण से ग्रस्त है । अगर पर्यावरण इसी प्रकार से प्रदूषित होता रहा तो पूरी पृथ्वी प्राणी और वनस्पति इस प्रदूषण रूपी काल के शिकार हो जाएंगे । हमें समय रहते प्रदूषण से हमारी पृथ्वी और हमारी जान बचानी है इसलिए इसके संरक्षण के लिए सार्थक प्रयास की आवश्यकता है ।
मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्य राकेश मिश्रा ने कहा कि मनुष्य को जीवित रहने के लिए जरूरी संसाधनों में से एक है ऑक्सीजन, और पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती है लेकिन दुनियाभर के लोग अपनी जरूरतों के कारण पेड़ों को काट रहे हैं जिस संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं, उस संख्या में वृक्षारोपण नहीं किया जा रहा है ये पर्यावरण से खिलवाड़ करने का ही नतीजा है जो आज करोना काल में लोगों को ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते एक-एक सांस के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी । लोग अपने परिजनों को खो रहे हैं इस कोरोना दौर मे मानव जगत को ऑक्सीजन की अहमियत का पता चला है । तो आइए हम इस पर्यावरण दिवस पर ऑक्सीजन की कमी ना हो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं और स्वच्छता बनाए रखें । मिश्रा द्वारा आगे कहा गया कि जिस प्रकार से शहरों के विस्तारीकरण के कारण मेट्रो रेल एवं छतरपुर जिले के बक्सवाहा जंगलों में देश में हीरों का सबसे बड़ा भंडार मिलने का दावा किया जा रहा है । इन जंगलों में 3.42 करोड़ कैरेट हीरे दबे होने का अनुमान लगाया गया है जो पन्ना से 15 गुना बताए जा रहे हैं । लेकिन इन हीरों को पाने के लिए वहां लगे बहुमूल्य पेड़ों की बलि देनी होगी जिसके लिए 382.131 हेक्टेयर जंगल खत्म करने की तैयारी की जाने लगी है । जंगलों की कटाई आधा धुंध हो रही है उसके लिए हम लोगों को चिपको आंदोलन की भांति एक आंदोलन फिर से खड़ा करने की आवश्यकता है । उसी कड़ी में इसकी शुरुआत आगे आने वाली पीढ़ी के रूप में हृदयांश चाणक्य एवं सौंदर्य मिश्रा ने पेड़ों से चिपक कर शुरू की ।
कोरोना महामारी में डॉ प्रशांक गोयल मरीज लिए बने देवदूत
कानपुर । जब पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण अपने अपने घरों में कैद था,तब देश के डॉक्टर अपने मरीजों को बचाने में दिन और रात एक किए हुए थे,शायद इसीलिए डॉक्टरों को धरती के भगवान के रूप में पूजा की जाती है यह कहावत फिर एक बार सच साबित हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 28 अप्रैल को मौदहा (हमीरपुर)निवासी अजय कुमार का कानपुर आते वक्त एक्सीडेंट हो गया था । एक्सीडेंट का कारण उनके सिर में गंभीर चोटें आई,कोरोना महामारी के कारण उनके परिजन उन्हें बड़े-बड़े अस्पतालों में भर्ती कराने हेतु चक्कर लगाते रहे,लेकिन अस्पतालों में जगह की कमी के कारण उनको किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया,ऐसे समय में कानपुर नगर के हैलट अस्पताल के सामने क्लीनिक चलाने वाले न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रशांक गोयल देवदूत की तरह मरीज के परिजनो के सम्पर्क में आए ।
डॉ प्रशाकं ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया तथा समय रहते उस मरीज के मस्तिष्क का सफल ऑपरेशन कर उसे नई जिंदगी दी । इस संदर्भ में मरीज के परिजनों ने डॉ प्रशांक की भूरी भूरी प्रशंशा करते हुए कहा कोरोना महामारी के इस कठिन समय में डॉ प्रशांक हमारे लिए भगवान के दूत बनकर आए और अपने चिकित्सा धर्म का पालन कर अजय कुमार की जान बचा ली ।
मरियम हलीम हॉस्पिटल को सोई हुई कौम के ठेकेदारों ने उठाया किराए पर
फैसल हयात
कानपुर । वो कौन हैं ? जो स्व. हलीम साहब की दी प्रॉपर्टी की हिफ़ाज़त नहीं करते,सुनते हैं जो कौम से मोहब्बत नहीं करते स्व. हलीम साहब द्वारा कौम की भलाई के लिए दी गई लगभग 17 एकड़ जमीन जो कौम की भलाई के लिए कम उस की हिफाज़त के जिम्मेदाराननो के ज्यादा काम आ रही है । हलीम साहब द्वारा दी गई जमीन पर कौम की भलाई दिखा कर काम शुरू किया जाता है और कुछ समय बाद कौम को फायदा कम इस को संचालित करने वाली एसोशिएशन के कुछ पदाधिकारियों को ज्यादा हो जाता है ।
ऐसे ही कुछ साल पहले कौम का दर्द दिखा कर सियासत रोड भन्नानपुरवा पर स्व. हलीम की पत्नी के नाम से मरियम हलीम चेरिटेबिल अस्पताल खोला गया । खोलने से पहले एसोशिएशन के महामंत्री ने खूब प्रचार किया कि इस हॉस्पिटल में कौम के लोगों को हर सुविधा दी जायेगी । एक्सरे,अल्ट्रा साउंड और खून की जांचे भी बहुत सस्ते दामो में की जायेगीं डाइलिसिस की दो मशीनें अभी चालू ही नही हो पाई वैसे ही पैक रख्खी हैं । लगभग 150ग़ज़ पर बने इस अस्पताल को कानपुर के तीनों शाहरकाज़ियों (अब तीनो मरहूम) ने फीता काट कर शुरू किया था । कुछ समय तो कौम के लोगों को इस अस्पताल का फायदा मिला लेकिन कुछ ही समय बाद इस अस्पताल को एव हलीम साहब की प्रॉपर्टी को अपनी प्रॉपर्टी समझने वालों ने कौम का दर्द भूल कर जो उन में कभी था ही नही इस अस्पताल को 5साल के एग्रीमेंट पर लगभग 50000₹ महीने के हिसाब से डॉक्टर सेवेंद्र पांडेय को किराए पर दे दिया सूत्रों की माने तो इन डॉक्टर साहब का रामादेवी में खुद का एक अस्पताल है कोविड19 कि दूसरी लहर में मरियम अस्पताल को डॉक्टर साहब ने इस लिए बंद कर दिया क्योंकि यहां के निवासी बदतमीज़ हैं और बात करनी नही आती सूत्रों की माने तो इस अस्पताल की बेड आदि सामान डॉक्टर ने अपने रामदेवी वाले महादेवा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है । डॉक्टर साहब से बात करने पर उन्होंने बताया कि कोविड19 की लहर कम होने के बाद इस को फिर से चालू कर देगें । अब सवाल ये उठता है कि इस अस्पताल को जिस मक़सद से बनाया गया था जब इस मकसद में काम न आये तो ऐसे अस्पताल से क्या फायदा ? डॉक्टर साहब की जब कौम और क्षेत्र के लोगों की ज़रूरत है तब वो अस्पताल में ताला डालकर रामदेवी में बैठें हैं ।
एसोशिएशन का इस अस्पताल को बनाने का जो मक़सद था वो शायद उन के लिए कामयाब हो गया क्योंकि 50000₹ महीने के हिसाब से अब तक 3 साल का किराया जोड़ा जाए तो 36×50000=1800000₹ ये रकम किसे के खाते में गई और इस से क्या काम लिया गया । हलीम साहब की प्रॉपर्टी के साथ साथ अब उन की मरहूम पत्नी के नाम के साथ भी अब खिलवाड़ (धोखा) किया जा रहा है ।
हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस के केसेस का सफ़ल ऑपरेशन
कानपुर । हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस के केसेस का सफ़ल ऑपरेशन हैलट अस्पताल में भर्ती दो (Mucormycosis) ब्लैक फंगस के मरीज़ों का सफल ऑपरेशन ई एन टी तथा नेत्र विभाग की डॉक्टरो की टीम द्वारा किया गया । डॉक्टर आर बी कमल, प्रिंसिपल सी0इस0जे0एम0 मेडिकल कॉलेज ने बताया कि एक मरीज़ जिसकी की आँख में और साइनस में फंगल इन्फेक्शन बहुत ज़्यादा फैल गया था उसका डॉक्टरों की टीम ने दोनों स्थानों से पूरी तरह से सफ़ाई कर दी और दूसरी मरीज़ जिसकी आँख में कम संक्रमण फैला हुआ था और नाक में संक्रमण उसका सफ़ाई करके इंजेक्शन अम्फोटेरिसिन भी लगा दिया गया है ।
नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम में मुख्य रूप से डॉक्टर शालिनी मोहन, डॉक्टर नम्रता पटेल तथा डॉक्टर प्रियेश रहे और उन्होंने बताया कि यदि शुरुआती दौर में ही काली फंगस का इलाज कर दिया जाए तो वह आँख में या मस्तिष्क में नहीं जाता है और इससे फिर और बीमारी बढ़ने का ख़तरा नहीं रहता है ।
नाक कान गला विभाग की टीम में मुख्य रूप से डॉक्टर एस0 के0 कनौजिया, डॉक्टर निशान सक्सेना और डॉक्टर अमृत श्रीवास्तव रही और उन लोगों ने उन्होंने बताया कि सभी मरीज़ों को कोविड या जिसमें डायबिटीज़ कंट्रोल में न रहे ऐसी स्थिति में अपनी नाक का जाँच ज़रूर करा लें जिससे कि यदि फंगस शुरुआती दौर में ही डायग्नोसिस किया जा सके जा सके और इलाज़ जल्दी हो सके।इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य डॉक्टर रिचा गिरी, एस ई सी डॉक्टर ज्योति सक्सैना तथा अन्य लोग रहे हैं ।
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