कानपुर । फिल्म निर्माण कंपनी वेब वुड फिल्म प्रोडक्शन हाउस के कानपुर ऑफिस का उद्घाटन मुख्य अतिथि विजय सिंह मार्तोलिया के द्वारा फीता काटकर किया गया कार्यक्रम की प्रथम कड़ी में कार्यालय में हवन पूजन किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि विजय सिंह मार्तोलिया ने कहा कि अब शहर की प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा । मैं प्रोडक्शन हाउस को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं की अच्छी और सार्थक फिल्मों का निर्माण करेंगे। इस अवसर पर पधारे अतिथि कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने प्रोडक्शन की पूरी टीम को आशीर्वाद दिया और कहां कि यह अच्छी बात है कि शहर में भी प्रोडक्शन हाउस खुला है अब अपने शहर की प्रतिभाओं के लिए प्रतिभा दिखाने का उचित प्लेटफार्म शहर में मौजूद होगा आशा करता हूं कि वेब वुड फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस शहर की प्रतिभाओं को अधिक से अधिक अवसर प्रदान करेगा इस अवसर पर प्रोडक्शन हाउस के डायरेक्टर गोविंद भारती और मोहनलाल ने कहा कि वह इस क्षेत्र में बहुत पहले से मुंबई में सक्रिय रहे हैं उनकी कंपनी ने कई फिल्मों का निर्माण किया है उनकी कंपनी की फिल्म दबंग दमाद रिलीज के लिए तैयार है उसका पोस्ट प्रोडक्शन का कार्य चल रहा है इसके अलावा दो शार्ट फिल्में और वेब सीरीज की शूटिंग चल रही है जल्दी ही दो फिल्में फ्लोर पर जाने वाली हैं हमारा प्रोडक्शन हाउस शहर की प्रतिभाओं को अधिक से अधिक मौका देगा और फिल्मों की ज्यादातर शूटिंग शहर और आसपास ही की जाएगी इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रोडक्शन हाउस के मैनेजर डायरेक्टर और शहर के गणमान्य व्यक्तियों के साथ साथ कंपनी की पूरी टीम मौजूद रहे।
जो पन्नी बनी थी काल जाना होगा उसे अब पाताल
*UNT* *News*
अकबर अली,
*जो पन्नी बनी थी काल जाना होगा उसे अब पाताल*
जब पन्नी बन्द होने का शासनादेश आया तो लगा कि अब कैसे क्या होगा जैसे जिंदगी रूक जाएगी लेकिन जैसा कहा गया है कि वक़्त हर ज़ख्म की दवा होता है जैसे शासन प्रशासन ने पन्नी की प्रतिबन्ध पर सख्ती दिखाई और लोगों को जागरूक किया वैसे-वैसे हालात सही होते गए बाज़ारो में फिर उसी तरह रौनक दिखाई देने लगी
हमारे संवादाता ने बाक़र गंज सब्ज़ी मंडी पर पन्नी प्रतिबंध का असर पे नज़र डाली
तो पाया सब कुछ पहले से बेहतर, बाज़ार में किसी भी दुकान में पन्नी नहीं पाई गई,कोई भी पन्नी में सौदा खरीदता-बेचता नज़र नहीं आया,कई दुकानों में *पन्नी बन्द है, झोला लाओ* इत्यादि के बोर्ड भी लगे मिले, और तो और दुकानदार ग्राहकों को समझते हुए नज़र आये की आप लोग झोले का इस्तेमाल करें और पन्नी से परहेज़ करें। कई स्थानों पर व कई दुकानों पर ग्रहकों के हाथों में भी झोले नज़र आये। जिससे ये साफ जाहिर है कि लोग पन्नी के प्रति काफी जागरूक हो गए हैं।
दुकानदारों से जब पूछा गया कि पन्नी बन्दी के बारे में आपकी क्या राय है तो उनके चेहरे पर चमक आगई और फहीम , रामु व आलोक ने बताया कि पन्नी बंदी से अनेक फायदे हैं, सबसे बड़ा फायदा यही है कि अब हमें पन्नी खरीदना नहीं हैं अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा हर महीने हमें पन्नी खरीदने में खर्च करने पड़ते थे, एक दिन में 40से 50 रुपये तक तो किसी दुकानदार की 70 से 80 रुपये तक की पन्नी खप जाती थी, औसतन महीने में 2000 से 2500 रुपये तक की पन्नी खरीदनी ही पड़ती थी, परन्तु अब उन्ही पैसों की बचत होगी व हमारी आय में भी व्रद्धि होगी और पर्यावरण भी सुरक्षित होगा । वैसे अभी तक तो हर सब्ज़ी व फल के लिए अलग – अलग करके एक ही ग्राहक को कई पन्नी देनी पड़ जाती थी परन्तु अब ग्राहक द्वारा लाये गए एक ही झोले में सारी सब्ज़ियां अजाएँगी। पन्नी बन्द होने से बाज़ार में भी इधर उधर पन्नी फैली नज़र नहीं आएगी जिससे हमारा पर्यावरण भी शुद्ध होगा। सरकार के इस फैसले से हम सभी दुकानदार बंधु बहुत खुश हैं, व सरकार के आभारी हैं और उन्हें धन्यवाद करते हैं।
*ग्राहक बोले*
राजू व भोले के अनुसार पन्नी बन्दी समाज के लिए बेहतर साबित होगी, हम लोग झोला लेके सब्ज़ी खरीदने आएंगे और पन्नी बंदी का सपोर्ट करेंगे।
वास्तव में पन्नी समाज मे गन्दगी का एक बड़ा कारण ,आये दिन खबर आती रहती है कि तमाम जानवर पन्नी खाकर मौत की नींद सो जाते हैं,कहीं न कहीं पन्नी के इस्तेमाल करने से उन बे मूँह के जानवरों की मौत के ज़िम्मेदार हम स्वमं हैं।परन्तु अब हमें मासूम जानवरों को मौत सी सौगात नहीं देंनी है बल्कि अब हमें पन्नी को इस समाज से मिटा देना है, उनका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देना है, तभी एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो सकेगी।।
ईद के उत्साह में महंगाई की मार पड़ी फीकी चाँद रात में लौटी रौनक
*ईद के उत्साह में महंगाई की मार पड़ी फीकी बाज़ारो में लौटी रौनक*
*(मो0 नदीम) के साथ एम एम सिद्दीकी की रिपोर्ट*
कानपुर-रमजान के पवित्र इबादती महीने के खत्म होने की कगार पर पहुचते ही लोगो मे ईद की तैयारियों में एक अलग ही कौतूहलता नजर आने लगती है हर किसी मे एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है बाज़ारो की रौनक देखते ही बन रही है रेडीमेड कपड़ो की दुकानों से लेकर सेवई सजावट मेवे आदि दुकानों और भीड़ उमड़ पड़ी है ईद पर घरो को सजाने व मेहमानों के सवागत की तैयारियो को लेकर महिलाए तैयारियो में व्यस्त हो गई है ईद के उत्साह में लोगो ने महंगाई को भी दरकिनार कर दिया है मुस्लिम समुदाय में ईद सबसे बड़े त्योहार व रमज़ान में ईश्वर की इबादत के फलस्वरूप मिले तोहफे के रूप में मनाया जाता है इसीलिए ईद पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है बच्चे बूढ़े सभी घुलमिलकर ईद की खुशियां बाटते है माह रमजान में रोज़े रखने के बाद रोज़ेदारों को ईद का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है इस बार फिर से वो घड़ी आ गई है शहर के प्रमुख बाज़ारो में भीड़ का आलम ये है लोगो को पैर रखने के लिए भी जगह नही मिल रही है यही शहर के छोटे इलाको में लगने वाली बाज़ारो का भी है सबसे ज्यादा भीड़ कपड़े,सेवई,सुतफेनी,चूड़ी वाली दुकानों पर लग रही है
*इस बार फिर बढ़ी बनारसी सिवई की डिमांड*
ईद में जबरदस्त दुकानदारी के मद्देनजर लगभग प्रत्येक गली में सेवइयों की दुकाने सजी हुई है अलग अलग क्वालिटी की सेवइयां व सुतफेनी दुकानदारों ने सजाई हुई है इनके मूल्य भी अलग अलग तय शुदा है वैसे तो बाजार में कई तरह की सिवइयां उपलब्ध है जैसे सादी बादामी किमामी लेकिन बनारसी सिवई इस बार भी लोगो की पहली पसंद बनी हुई है अन्य सिवइयां जहा 50 से 60 रु0 में आसानी से उपलब्ध है वही बनारसी सिवईयो की कीमत इनसे लगभग दुगुनी है 100 से 120 रु0 होने के बावजूद होने के बावजूद लोग धड़ल्ले से इसकी खरीदारी जोरो से कर रहे है दुकानदारों का कहना है अन्य सिवइयों के मुकाबले बनारसी सिवई की डिमांड कई गुना अधिक है
*युवतियो की नजर को भा रहा गाउन रूपी लहंगा*
शहर के बाज़ारो में सबसे अधिक भीड़ कही नजर आएगी तो वो है कपड़ो की दुकानों में बच्चो से लेकर बड़ो तक सभी ईद की खरीदारी में जोर शोर से लगे हुए है महंगाई के बावजूद लोग कपड़ो की खरीदारी में दिल खोलकर खर्च कर रहे है ज़्यादातर दुकानों में महिलाओं संग बच्चो की भीड़ देखी जा रही है चौड़ा पैचा सूट गाउन लहंगा युवतियो की पहली पसंद बना हुआ है हालांकि चौड़ा पैचा सूट नया लुक डिजाइन होने के कारण युवतियां कम ही हाथ रख रही है लेकिन गाउन की कई वैराइटी होने के कारण हाथोहाथ बिक्री हो रही है बच्चो को पठानी सूट भी खूब भा रहे है युवा जीन्स टी शर्ट के साथ डिजाइनर कुर्ते पाजामे खरीदारी करते काफी तादाद में देखे जा रहे है हालांकि, बाज़ारो में बढ़ती महंगाई की मार से कपड़ो की कीमत 1500 सौ से लेकर पाँच हजार से ऊपर तक है फिर भी लोग हँसी खुशी अपनी जेब के हिसाब से दिल खोलकर खर्च कर रहे है
बगैर नगर निगम अनुमति से इक़बाल लाइब्रेरी रोड को घोषित कर दिया आलम मार्केट
मो०नदीम एम एम सिद्दीकी कि रिपोर्ट
👉🏻बगैर नगर निगम अनुमति से इक़बाल लाइब्रेरी रोड को घोषित कर दिया आलम मार्केट
👉🏻बॉसमंडी मे आलम कि दबंगई
👉🏻आये दिन मारपीट से लोगो मे खौफ
👉🏻आलम के वर्चस्व के आगे पुलिस बेबस
👉🏻विवादो से पुराना नाता
👉🏻मिठाई कि दुकान मे कुछ वर्ष पूर्व मारपीट
👉🏻जिम मे हुई मारपीट
👉🏻आलू मंडी केस्को जे ई खालिद से हुई मार पीट
👉🏻जाम कि वजह से कई बार हो चुकी है दुकानदारो और राहगीरो मे मारपीट आलम दुकानदारो को देते है संरक्षण बताते है अपने ताल्लुकात टॉप नेताओ और अपराधियो से
👉🏻जब जब किसी विभाग ने कि कारवाई तब तब लगवाया वसूली का आरोप
👉🏻बगैर जी एस टी के बेच रहे है कपड़े टैक्स कि कर रहे है बड़ी चोरी राज्य जी एस टी अधिकारी भी मौन लाखो का हो रहा टैक्स चोरी सरकारी राजस्व को हो रहा भारी नुकसान
कानपुर:कभी जिम संचालक के नाम से मशहूर रहे आलम अब बांसमंडी मे रेडीमेड कपड़ो कि कई दुकाने है। उनकी दबंगई से पूरा ईलाका परेशान कई बार विवादो से घिर चुके आलम एक बार बिजली चोरी मे भी धरे जा चुके है जिसको लेकर हंगामा खड़ा कर दिया था और भीड़ एकत्र कर ली थी ऐसे मे जे ई खालिद को अपनी जान बचाने के लिए एक घर मे घुसना पड़ा गया था ये तो सिर्फ एक केस है इसी तरह मिलते जुलते कई मामलो मे उनका सम्बन्ध रहा है । मारपीट करना और लोगो मे खौफ पैदा करना इनके लिए आम बात है आलम कि दबंगई से पूरा इलाका खौफ खाता । यहा तक कि पुलिस भी बेबस नज़र आती है नेताओ और अपराधियो मे अच्छी पैठ होने कि वजह इनका कोई कुछ नही बिगाड़ पाता है अभी कुछ अरसे पहले कि बात है आलम और उनके भाई मिठाई दुकानदार ने एक वृद्ध को बेरहमी से पीटा था । इस दौरान इलाके के लोग एकजुट हो गये थे और इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था इसके बाद कई माह तक इनकी मिठाई कि दूकान बन्द रही तथा क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्ति ने बीच मे हस्तक्षेप कर समझौता कराया तब जा कर दुकान खुल सकी आलम मार्केट मे ज़्यादातर दुकाने आलम की है फुटपाथ तक दुकाने फेला राखी है इसके आगे गाड़िया खड़ी कर दी जाती है जिससे सड़क संकरी हो गई है। ऐसे मे रोज़ जाम कि समस्या बनी रहती है । राहगीरो के विरोध करने पर आलम और उनके कर्मचारी मारपीट पर उतारू हो जाते है और पुलिस भी इनके रुसूक कि वजह से बेबस बनी रहती है कई बार चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस से भी मुआचाओ हो चूका है । जिन विभागीय कर्मचारियो से इनकी नोक झोक हो चुकी है दबाव बनाने के लिए अधिकारियो से वसूली कि फ़र्ज़ी शिकायत कर देते है ।*
अपहरण कांड का वांछित अपराधी रेलबाजार पुलिस की गिरफ्त में
मो0 नदीम व निजामुद्दीन
*कानपुर 02 मई 2018*
रातो रात अमीर बनने के सपने को पूरा करने के लिए दिनदहाड़े सनसनीखेज अपहरण की वारदात को अंजाम दे छू मंतर हुआ वांछित आया रेलबाजार पुलिस की गिरफ्त में चार अभियुक्तो को पहले ही जेल भेजा जा चुका है
हाल ही में थाना नजीराबाद स्थित जेके टेम्पल के पास नहरिया रोड पर ई रिक्शा से स्कूल जाते समय दिन दहाड़े छात्र नन्दू का अपहरण कर लिया गया था नंदू को छोड़ने के एवज में 5 करोड़ की मांग की गई थी घटना की सूचना पुलिस को होते ही एस पी साउथ ने तत्काल एक्शन में आते हुए सभी थाने के फोर्स व बार्डर के सभी थानों को चैकिंग तलाशी अभियान में लगा दिया था साथ ही अपहरणकर्ताओं के आने जाने वाले सभी सम्बन्धित मार्गो पर चौकसी बढ़ा दी गई थी पुलिस की तेज सरगर्मी देखकर अपहरणकर्ताओं के हाथ पैर फूल गए आनन फानन उन लोगो ने छात्र नन्दू को बस में बैठाकर वहां से भाग खड़े हुए थे छात्र नंदू की सुरक्षित घर वापसी के बाद एस पी साउथ द्वारा गठित टीम ने नंदू की निशान देही पर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था उक्त घटना में शामिल फरार सोनू उर्फ मामा की खोज में तेजी लाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 25000 हजार का इनाम घोषित कर दिया था
पुलिस अधीक्षक (पूर्वी)अनुराग आर्य के मार्गदर्शनीय पथ पर चलकर थाना रेलबाजार अंतर्गत टाटमिल चौराहे पर प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार रघुवंशी पुलिस बल के साथ तलाशी अभियान के दौरान सोनू उर्फ मामा निवासी मनीपुर को तमंचा व एक ज़िंदा कारतूस सहित गिरफ्तार किया पूछताछ में पता चला हाल ही में हुए छात्र अपहरणकांड में वांछित है सोनू उर्फ मामा ने बताया रवि शर्मा व विक्की यादव छात्र नन्दू के पिता के सामने वाले घर मे रहकर NEET की तैयारी कर रहे थे रवि शर्मा के अमीर बनने के सपने लंबे खर्च व महंगे शौक के चलते विक्की के साथ मिलकर नन्दू के अपहरण का प्लान बनाया था रवि के मुताबिक नन्दू के पिता एक मोटी आसामी है उनके 20 से 25 हॉस्टल चलते है पाँच छै करोड़ तो आसानी से मिल ही जाएंगे फुलप्रूफ प्लानिंग के तहत घटना को अंजाम भी दे दिया गया लेकिन कहते है झूठ के पैर ज्यादा लम्बे नही होते है सारे मंसूबो पर पानी फेरते हुए पुलिस के मजबूत शिकंजे ने आखिर उन्हें दबोच ही लिया
गिरफ्तार करने वाली टीम का नाम
*थाना रेल बाज़ार* श्री मनोज कुमार रघुवंशी प्रभारी निरीक्षक वरिष्ठ उप निरीक्षक अब्दुल कलाम उप निरीक्षक अतुल कुमार सिंह उप निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह उप निरीक्षक रवि शंकर पांडे उप निरीक्षक राजेश कुमार सिंह उप निरीक्षक अनूप कुमार हमराही विपिन कुमार कांस्टेबल परवेज खान कांस्टेबल सुशील कुमार सिंह आदि
कानपुर से लाखों का माल पार कर नटवरलाल मेरठ में बाँसमण्डी प्रभारी के हत्थे चढ़ा
(मो0 नदीम) व निजामुद्दीन*
*कानपुर 30 अप्रैल 2018*
हमारे देश मे नटवर लालों की कोई कमी नही है लोगो को विश्वास में लेकर बड़ी ही चतुराई से ठगी करके निकल जाना इनके लिए कोई बड़ी बात नही है लुभावने वादों का पिटारा लेकर घूम रहे ठगों का शिकार अक्सर भोले भाले लोग ही होते है कुछ नटवरलाल ठग तो इतने शातिर होते है कि वो अपने ताम झाम के साथ ठगी की दुकान तक खोल देते है फिर मौका लगते ही लाखो करोड़ो का माल पर कर ऐसे गायब हो जाते है जैसे वो मिस्टर इंडिया हो
ऐसा ही एक मामला सामने आया है थाना अनवर गंज अंतर्गत हमराज काम्प्लेक्स में शिफा फैशन रेडीमेड गारमेंट्स के नाम से मोहसिन दानिश व चार अन्य ने मिलकर लगभग दो माह पूर्व व्यापार शुरू किया था हमराज के थोक विक्रेताओं से माल लेकर व्यापार की शुरुवात करने वाले मोहसिन दानिश ने विक्रेताओं को विश्वास में लेने के लिए शुरूआती दौर में माल का भुगतान करने लगे लेकिन माह बीतते ही अपना रंग दिखाते हुए विक्रेताओं का माल लेकर डम्प करने लगे देखते ही देखते ही विक्रेताओं का नब्बे नब्बे लाख का माल उधारी चढ़ गया था व्यापारी जब तक जागते उससे पहले ही मोहसिन दानिश अपने साथियों के साथ रातो रात नब्बे लाख का माल पार करके चम्पत हो गए इस बारे में जब व्यापारियों को पता चला तो उनमे काफी रोष व्याप्त था
उक्त मामले को लेकर व्यापारियों ने थाना अनवर गंज में मुकदमा पंजिकृत कराया इतनी बड़ी ठगी की घटना को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अनवर गंज से एक पुलिस टीम गठित की पुलिस अधीक्षक पूर्वी व क्षेत्राधिकारी के मार्ग दर्शन से गठित टीम की बागडोर संभाले बासमण्डी चौकी प्रभारी मो0 अतीफ ने बेहद ही कुशलता का परिचय देते हुए गैर जनपद मेरठ से अथक परिश्रम के उपरांत उक्त मुकदमे में नामित अभियुक्त माल सहित गिरफ्तार किया माल बरामदगी से प्रसन्न व्यापारियों ने मो0 अतीफ व टीम की भूरि भूरि प्रशंसा की साथ ही समूचे पुलिस विभाग को बधाई दी घटना के शीर्घ हुए खुलासे व पूर्ण बरामदगी होने पर पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरुस्कृत करने की घोषणा की है
पुलिस की मामले को लेकर गम्भीरता सक्रियता से इतने बड़े ठगी के मामले का खुलासा इस बात का सबूत है कि अगर पुलिस अपने पर आए तो मजाल है कोई अपराधी वारदात करने के बाद बच जाए इस प्रकरण से जनता के बीच पुलिस की एक अच्छी छवि निकलकर सामने आई है
छावनी बोर्ड चेयरमैन की मेहरबानी-झुग्गीवासियों को नही मिल रहा पानी”
मो0 नदीम
कानपुर । इसे देश की विडम्बना कहा जाए या गरीब भोली भाली जनता की बदक़िस्मती जब भी जनता किसी नेता को ये सोचकर अपने प्रतिनिधित्व की बागडोर थमाती है कि अब यही हमारी नय्या को पार कराएंगे इनसे अच्छा अब हमें कोई भी माझी मिल ही नही सकता है लेकिन होता उल्टा है नय्या का चलना तो दूर यहां डूबने के आसार तक सामने आने लगे है जिसका जीता जागता सबूत है बीजेपी सरकार सूबे के मुखिया माननीय आदित्यनाथ योगी ने सत्ता सम्भालते ही एक शिगूफा छोड़ा था सबका साथ सबका विकास लेकिन इस विकास रूपी गंगा में डुबकी लगाते गरीब झोपड़पट्टी वासियो का सिवाए सत्यानाश के कुछ भी होता नही दिख रहा है
बताना चाहेंगे छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाली लाल डिग्गी झुग्गीवासियों को पिछले पांच दिन से जल देवता ने दर्शन देने बन्द कर दिए है जिसकी वजह से पूरे क्षेत्र पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है महिलाओं और बच्चों को दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है जिसके कारण क्षेत्रवासियो में काफी रोष व्याप्त है जल संकट का कारण पता करने पर लोगो ने बताया कि छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखन ओमर ने हमारे पूरे क्षेत्र की पाइप लाइन काटकर सप्लाई शांति नगर में कर दी है क्योंकि पहले सभी झुग्गीवासी पुरानी लाइन से पानी लेते थे ज्यादा कनेक्शन हो जाने के कारण पुरानी लाइन में प्रेशर की कमी होने लगी थी जिसके कारण लोगो ने लखन ओमर के क्षेत्र में बिछाई गई नई लाइन में कनेक्शन ले लिए थे जो शांति नगर के वासियो को काफी अखर रही थी लखन ओमर के छावनी बोर्ड में रसूख के चलते ही हमारी लाइन काटी गई है जिसकी वजह से हमे पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है लोगो का ये भी कहना है समय समय पर छावनी बोर्ड की तरफ से झुग्गी ढहाने की भी धमकी दी जाती है अगर हमारी झुग्गी तोड़ दी जाती है तो हम गरीब कहा जाएंगे अगर तोड़ना ही था तो बस्ती को आबाद क्यो होने दिया क्या हम गरीब इस देश के नागरिक नही है हमे जीने का हक नही है क्या हम विकास के पथ नही आते है क्यो हमे चुनाव के दौरान गले लगाया जाता है आखिर हम गरीबो के साथ ही ये सौतेला व्यवहार क्यो ये ऐसे दिल को झंझोड़ने वाले सवाल है जिसका जवाब शायद योगी सरकार भी ना दे पाए लेकिन सबका साथ सबका विकास का जो नारा योगी सरकार लगा रही उस पर वो कितनी खरी उतर पा रही है ये तो प्रदेश के गरीब झुग्गीवासी ही बता सकते है
*क्या कहना है चेयरमैन लखन लाल ओमर का*
पिछले पाँच दिन से पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे लालडिग्गी झुग्गीवासियों के कष्ट से रूबरू होने के बाद जब हमने छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखनलाल ओमर से बात की तो उनका कहना है कि पानी की लाइन को कही और शिफ्ट किया जा रहा है जिसकी वजह से लोगो को पानी की भारी किल्लत हो रही है जिसको कनेक्शन चाहिए तो छावनी बोर्ड में सम्पर्क कर सकता है वैसे तो पूरी बस्ती में अवैध कनेक्शन है चैयरमैन की बातो से लगता है जनता के उनके ऊपर लगाए गए आरोपो में कुछ तो सत्यता है एक कटु सत्य ये भी है अगर सही से जांच की जाए तो छावनी बोर्ड के आठो वार्डो में आधे से ज्यादा कनेक्शन अवैध कनेक्शन पाए जाएंगे फिर झुग्गीवासियों पर ही क्यो कूटनीति
बहरहाल मामला कुछ भी हो अगर जल्द ही लाल डिग्गी झुग्गीवासियों पर पानी को लेकर जो संकट के बादल मंडरा रहे है उसका समाधान छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने ना निकाला तो सबका साथ सबका विकास मात्र शिगूफा ही बनकर रह जाएगा
बदनाम हों गए तो क्या नाम ना होगा-हैलट अस्पताल
ध्रुव ओमर
कानपुर । जब रक्षक ही भक्षक बन जाये ,धरती के भगवान ही हैवान बन जाये तो ऐसी स्थिति में उन से उम्मीद लगाए लोगो का क्या होगा ?
किसी समय समाज सेवा के लिए डॉक्टर बनने के पेशे को बदनाम करने वाले लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पुरानी कहावत “बदनाम हों गए तो क्या नाम न होगा” को सटीक चरितार्थ कर रहे हैं और इस अस्पताल का नाम शहर और प्रदेश में रौशन कर रहे हैं ।
जूनियर डॉक्टरों की दबंगई से पूरा शहर अवगत है। इन की दबंगई को अस्पताल के आला अधिकारी भी नही रोक पा रहे हैं। इन की क्रूरता इतनी बढ़ चुकी है कि ये मरीजो व तीमारदारों के अलावा 100 पुलिस के सिपाहियों एवं क्षेत्रीय पुलिस थाने पे भी हमला करने से नही हिचकिचाते। ऐसे ही एक हमले में क्षेत्रीय थाने के अंदर एक सिपाही का हाथ तोड़ने का रिकार्ड भी इन जूनियर डॉक्टरों के ऊपर दर्ज है।
हमने बचपने में पढ़ा और अब देखा कि एकता से ही किसी बड़े कार्य को कराया जा सकता है लेकिन जब ये एकता किसी अच्छे कार्य के विपरीत कार्य करने लगे तो वो भयावह स्थिति का अंदाज़ा नही लगा सकते (विधायक और जूनियर डॉक्टर की लड़ाई में बेगुनाह मरीज़ों की मौत तो याद ही होगी)
जूनियर डॉक्टरों द्वारा बीमार मरीज़ और परेशान तीमारदार की छोटी छोटी बातों को अपना ईगो बना कर उन से लड़ना मारपीट करना, फिर हड़ताल पे चले जाना, ऐसा करना अपने पेशे से बेईमानी करना है।
इस अस्पताल के न जाने ऐसे कितने किस्से शहर का नाम रोशन कर रहे है और यहां आने वाले मरीजो में भय पैदा कर रहे है। इसी कड़ी में परसो एक महिला तीमारदार को जूनियर डॉक्टरों ने अपनी अभद्रता का निशाना बनाया। उस महिला का क्षेत्रीय थाने में प्रार्थना पत्र देने पे डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाना उस के बाद वहां मौजूद मरीज़ों ,और तीमारदारों के साथ अमानीय व्यवहार तथा कुछ जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपने सीनियर डॉक्टरों एवं अस्पताल के आला अधिकारियों की बात न माना एवं उन से अभद्रता करना ये एक सोचनीय विषय है
हर घटना के बाद अस्पताल प्रसाशन एक जांच टीम गठित करती है लेकिन उस का कोई हल नही निकलता इस घटना में भी यही होगा।
उन तीमारदारों से पूछो जो अपने मरीज़ को बचाने की उम्मीद से अस्पताल लाये थे लेकिन वो हड़ताल की भेंट चढ़ गए। किसी एक कि गलतीं की सज़ा किस किस को मिलेगी ऐसी स्थिति में जूनियर डॉक्टरों की एकता को सही कहा जायेगा ?
ऐसी एकता जूनियर डॉक्टर अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
ऐसी एकता मेडिकल लाइन में फैली भ्र्ष्टाचार के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
हैलट अस्पताल में वर्तमान समय मे कोई मरीज़ या उस का तीमारदार जूनियर डॉक्टर को छोड़िए, अस्पताल के चतुर्थ क्षेणी के कर्मचारी से अभद्रता नही कर सकते क्योंकि इन का आतंक जगजाहिर है।
गणतंत्र दिवस परेड में राहुल को पहली पंक्ति में नहीं मिली जगह, प्रदर्शन के बीच ‘पद्मावत’ रिलीज, दिन भर की 5 बड़ी खबरें
गणतंत्र दिवस परेड में राहुल को पहली पंक्ति में नहीं मिली जगह, प्रदर्शन के बीच ‘पद्मावत’ रिलीज, दिन भर की 5 बड़ी खबरें
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी के बैठने की जगह को लेकर राजनीति गरमा गई है. परेड में राहुल गांधी को चौथी पंक्ति में बेठने की जगह दी गई है. उधर, पद्मावत विवाद में हिंसा को लेकर मुंबई करणी सेना के अध्यक्ष अजय सिंह सेंगर को हिरासत में ले लिया गया है. वहीं गुरुग्राम में करणी सेना द्वारा बच्चों से भरी स्कूल बस पर हमले को लेकर दुख जताया. वहीं, अमरनाथ हमले में 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले बस ड्राइवर को देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है. उधर साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चल रहे तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया संघर्ष करती नजर आ रही है.
1. गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी के बैठने की जगह को लेकर राजनीति गरमाई, इस पंक्ति में मिली जगह
देश में चारों तरफ गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर है. दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी 69वां गणतंत्र दिवस राजपथ में परेड की सारी तैयारियां पूरी हो गई है, मगर परेड में राहुल गांधी के बैठने को लेकर राजनीति गरमा गई है. राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस परेड में पहली पंक्ति में बैठने की जगह नहीं दी गई है. इससे कांग्रेस पार्टी नाराज है. हालांकि, राहुल गांधी ने ये साफ कर दिया है कि वह इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
2. पद्मावत हिंसा : मुबई करणी सेना का अध्यक्ष अजय सिंह सेंगर हिरासत में, उत्तराखंड में भी विरोध
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत गुरुवार को देशभर में रिलीज हो गई है लेकिन कई राज्यों में इस फिल्म को लेकर हुई हिंसा के बाद सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पद्मावत फिल्म को लेकर लगभग 75 फीसदी मल्टीप्लेक्स मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट में चार राज्यों के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है. इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी
3. CM अरविंद केजरीवाल बोले, गुरुग्राम की स्कूल बस पर हमले की खबर सुनकर रातभर नहीं सो पाया
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरुग्राम के स्कूल में बस में सवार बच्चों पर हमले की खबर सुनकर रात भर मैं सो नहीं पाया, यह डूब मरने वाली बात है. आज अगर भगवान राम जिंदा होते तो ऐसे लोगों को रावण से बदतर सज़ा देते. आपको बता दें कि पद्मावत फिल्म का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने एक स्कूल बस पर हमला किया था और उस वक्त उस बस में बच्चे सवार थे.
4. अमरनाथ हमले में 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले बस ड्राइवर को मिला उत्तम जीवन रक्षक पदक -अमरनाथ यात्रा के दौरान आंतकी हमले के बीच जान पर खेलकर श्रद्धालुओं की जान बचाने वाला वो ड्राइवर तो याद ही होगा. जी हां, वही गुजरात के रहने वाले बस ड्राइवर शेख सलीम गफूर, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और धैर्य का परिचय देते हुए 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी, उन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को 13 लोगों को ‘उत्तम जीवन रक्षा पदक’ सम्मान देने की घोषणा की, जिसमें ड्राइवर शेख सलीम गफूर का नाम टॉप पर है.
5. IND vs SA दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे टेस्ट में जारी रहा. जोहानिसबर्ग टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 187 रन बनाकर आउट हो गई. कप्तान विराट कोहली (54) और चेतेश्वर पुजारा (50) ने अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन शेष बल्लेबाजों ने बुरी तरह से निराश किया.
दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे टेस्ट में जारी रहा. जोहानिसबर्ग टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 187 रन बनाकर आउट हो गई. कप्तान विराट कोहली (54) और चेतेश्वर पुजारा (50) ने अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन शेष बल्लेबाजों ने बुरी तरह से निराश किया. निचले क्रम में भुवनेश्वर ने 30 रन की उपयोगी पारी खेलते हुए टीम को 200 रन के करीब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई..जवाब में पहले दिन स्टंप्स के समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर छह ओवर में एक विकेट पर 6 रन था. मैच के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों पर निगाह होगी.केपटाउन में पहला टेस्ट 72 रन से और सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट 135 रन से जीतकर मेजबान टीम सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी है.दूसरे दिन चाय के बाद 62.2 ओवर में दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी का स्कोर आठ विकेट पर 175 रन है. एंडिले फेलुकवायो और मोर्ने मोर्केल क्रीज पर हैं. डीन एल्गर (4), कागिसो रबाडा (30), एबी डिविलियर्स (5), फाफ डु प्लेसिस (8), क्विंटन डिकॉक (8),हाशिम अमला (61) और वर्नोन फिलेंडर (35) दूसरे दिन आउट होने वाले बल्लेबाज हैं.हाशिम अमला 61 समेत पूरी टीम 194 पे सिमटी
हज सब्सिडी की हकीकत
आम तौर पर दिल्ली से जेद्दाह की वापसी टिकट 30,000 रूपये के आस पास होता है। और वह भी तब जब आप एक महीने के लिए बुक करें और आपने सिर्फ एक टिकट खरीदने के लिए 30,000 रूपये से सीधे सऊदी एयरवेज का टिकट मिल जाए सोचिए जब आप 6 महीने पहले 1,75,000 रूपये का टिकट बुक करेंगे तो क्या ₹ होना चाहिये? दरअस्ल रेट ₹ होना चाहिये बीस हजार के आस पास।
हज कमैटी ने पिछले साल ये टिकट एयर इंडिया से 80 हजार का खरीदा था, इसका सिंगल पार्टी टेंडर होता है। हर साल एयर इंडिया की भीड़, एक तरह से खाली सीटों को तर्क देकर 20,000 रूपये के टिकट और 80,000 में बेचती हैं। यानी एक टिकिट पर 60,000 रूपये बढ़ा दिये जाते हैं। जिसमें 700 करोड़ की सब्सिडी मिलती है। यानी 175,000) 40,000 / – प्रति हज यात्री को बीस हजार का नुकसान हुआ। और ऊपर से भारत सरकार का अहसान का बोझ भी अपने सर पर लाद लिया।
हज सब्सिडी का खत्म होना, एक छलावा, एक फ्राड का खत्म होने जैसा है. जिसका लाभ हजयात्रियों के बजाये एयर इंडिया की डूबती नैया को आक्सिजन देने जैसा रहा है. अब एयर इंडिया बिक ही जाना है तो हज सब्सिडी के छलावे की जरूरत ही क्या.
✈ हज सब्सिडी की हकीकत ✈
सब्सिडी हाजियों को या एयर इंडिया को
लेकिन क्या वाक़ई सब्सिडी हाजियों को दी जाती है ?
आइये ज़रा हिसाब देंखे।
🔻कैलकुलेशन ऑफ़ सब्सिडी🔻
फिलहाल मक्का शरीफ से इंडिया के लिये हाजियों का कोटा एक लाख छत्तीस हज़ार (1,36,000) का है । (इस साल 5000 और बढ़ गए है )
पिछले साल हमारी गवर्नमेंट ने सालाना बजट में 691 करोड़ हज सब्सिडी के तौर पर मंज़ूर किये थे ।
691 करोड़ ÷ 1.36 lakh = 50.8 हज़ार
यानी एक हाजी के लिए 50000 रुपये ।।
◀ अब ज़रा खर्च जोड़ लेते हैं ▶
एक हाजी को हज के लिए गवर्नमेंट को एक लाख अस्सी हज़ार (1,80,000) देने पड़ते हैं ।
जिसमे चौतीस हज़ार (34,000) लगभग 2100 रियाल मक्का पहुँचने के बाद खर्च के लिए वापस मिलतें हैं ।
1.8 लाख – 34000 = 1.46 लाख
यानि हमें हमारी गवर्नमेंट को एक लाख छियालीस हज़ार (1,46,000) रुपये अदा करने पडतें हैं ।।
मुम्बई से जद्दाह रिटर्न टिकट 2 महीने पहले बुक करतें हैं तो कुछ फ्लाइट का किराया 25000 रुपये से भी कम होगा । फिर भी 25000 रुपये मान लेतें हैं । (irctc पर चेक कर लीजिये)
खाना टैक्सी/बस का बंदोबस्त हाजियों को अलग से अपनी जेब से करना होता है ।
गवर्नमेंट को अदा किये एक लाख छियालीस हज़ार रुपये (1,46,000) में से होने वाला खर्च ___
फ्लाइट = 25,000
मक्का में रहना(25दिन) = 50,000
मदीना में रहना(15दिन) = 20,000
अन्य खर्चे = 25,000
कुल खर्च हुआ =1,20,000
मतलब एक हाजी से लिये 1,46,000 रुपये और खर्च आया 1,20,000 रुपये मतलब एक हाजी अपनी जेब से गवर्नमेंट 26,000 देता है ।
अब असल मुद्दा ये है की जब हाजी सारा रुपया अपनी जेब से खर्च करता है और उसके ऊपर भी 26,000 रुपये और गवर्नमेंट के पास चला जाता है मतलब लगभग एक हाजी से सब्सिडी मिला कर गवर्नमेंट के पास 76,000 हज़ार हो जाता है तो ये पैसा जाता कहाँ है ।।
26,000+50,000 × 1,36,000= 10,33,60,00,000 (दस अरब तेतीस करोड़ साठ लाख रुपया)
याद रहे की एयर इंडिया कंपनी फिलहाल 2100 करोड़ के घाटे में चल है ।।
कोई शक नही की ये रुपया एयर इंडिया कंपनी और पॉलिटिशियन के जेब में जाता है । I
इस के बाद सब से बड़ी रकम सरकार को हज फार्म के ₹ से आती है हज फार्म की कीमत 300₹ है जो वापस नही होती इस साल 2018 हज के लिए 3,55000 लोगो ने हज फार्म भरे इस से सरकार को 10 करोड़ 65 लाख ₹ की आमदनी हुई
और रही बात हज की तो याद रखिये, एक हाजी को सब्सिडी ले कर भी जितना खर्च करना पड़ता है उससे ज्यादा खर्च हजयात्रियों को नहीं पड़ने जा रहा. लिहाजा स्वागत कीजिए. सुप्रीम कोर्ट का, जिसने इस फरेब के मक्कड़ जाल से मुसलमानों को निकाल दिया.
हज सब्सिडी की हकीकत