● उत्तर प्रदेश बार काउंसिल व उत्तर प्रदेश सरकार की उपेक्षा से अधिवक्ता बंधु बुरी तरह हताश हैं
शाह मोहम्मद/अनीस खान
कानपुर । लाकडॉन के कारण लोग आर्थिक स्थिति से टूट गए है वही लोगो को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है वही अधिवक्ताओं के बुरे हाल है और कचहरी के लगातार बंद होने के कारण उन को अपनी आजीविका चलाने में संकट में आ रही है ।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल व उत्तर प्रदेश सरकार की उपेक्षा से अधिवक्ता बंधु बुरी तरह हताश हैं । जिनकी अभी तक किसी भी प्रकार से सरकारी या गैर सरकारी मदद,आर्थिक मदद नहीं की गई है। जिसके विरोध में स्वरूप एडवोकेट मोहम्मद आरिफ ने सुबह 10:00 बजे अपने ई रिक्शा से सवारियां ढोते हुए न्यायालय परिसर में पहुंचकर अपनी मांगों को जिला अधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार एवं उत्तर प्रदेश बार काउंसिल तक पहुंचाया इसमें प्रमुख रूप से मांग की गई है कि त्वरित स्तर पर कम से कम ₹10000 की आर्थिक सहायता प्रति अधिवक्ता की जाए। सैनिटाइजेशन एवं गंदगी को लेकर भी जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया एवं उनसे मिलकर अवगत कराया इसके साथ ही यह अपील भी की अनुबंधन विभाग यानी रजिस्ट्री ऑफिस एवं तहसील के साथ-साथ न्यायालय को भी सुचारू रूप से खोला जाए
कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए यदि कंटेनमेंट जोन न्यायालय परिसर में है तो वैकल्पिक व्यवस्था के द्वारा नियमित सुनवाई की व्यवस्था की जाए।
एडवोकेट मोहम्मद आरिफ ने बताया की सवारियां बैठा शान्ति पूर्ण प्रदर्शन किया एवं सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल व उत्तर प्रदेश सरकार को संदेश पहुंचाना चाहता हूँ कि अधिवक्ता समाज की स्थिति क्या है।
इस विरोध प्रदर्शन में साथी अधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह प्रत्याशी लायर्स एसोसिएशन, मोहम्मद रिजवान, आशीष दीवान प्रत्याशी कानपुर बार एसोसिएशन, खुर्शीद आलम, देवेंद्र सरगम वरिष्ठ अधिवक्ता केके मिश्रा,एस जी हसन अनिल यादव, सर्वेश कुमार यादव एवं अन्य सम्मानित अधिवक्ताओं मौजूद रहे ।