मो0 नदीम की रिपोर्ट
कानपुर 12 अक्टूबर 2018
खाद्य पदार्थो में मिलावट एक ऐसा जहर है जो मानव जाति की मशीनरी को आहिस्ता आहिस्ता खोखला कर रहा है जिसका हमे अहसास भी नही हो रहा है आज 60 परसेंट से भी ज्यादा खाद्य पदार्थो में मिलावट का बीज बोया जा रहा है सबसे ज्यादा खान पान की वस्तुओं में घटिया क्वालिटी के पदार्थो के उपयोग के मामले सामने आ रहे है जिसमे प्रमुख रूप से घटिया सामग्री व केमिकल द्वारा बनाई गई नकली सॉस (चटनी) है जिसे लोग बड़े ही चाव से चटखारे लेकर भोजन व फास्टफूड के साथ उपयोग करते है लोगो को ये पता ही नही है जिस घटिया क्वालिटी की सॉस (चटनी) का वो उपयोग कर रहे है वो उनके बॉडी पार्ट्स के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है कई बार लोग जागरूक नागरिक का फर्ज निभाते हुए इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाते है परन्तु काले कारोबार की रोकथाम व जाँच महज एक छलावे के सिवा कुछ भी नही है
सूत्रों के अनुसार रेल बाजार स्थित मकान न0 163 कमल नारायण होमगार्ड इंस्पेक्टर के घर के सामने दिव्यांशी एन्ड कम्पनी नाम से घटिया सॉस (चटनी) की बनाने की फैक्ट्री खुली हुई है जहा रोज़ाना हजारो की तादाद में सॉस (चटनी) को बोतलों में भरकर गत्तों में पैक करके जिले की सैकड़ो दुकानों में लोडर द्वारा चोरी छुपे पहुचाया जाता है ये सारा गोरखधन्धा ग्रह स्वामी मनोज बाजपेयी की देखरेख में कई वर्षों से हो रहा है सॉस (चटनी) की गुणवत्ता की बात की जाए तो इसमें आलू ,सड़े टमाटर सड़े कद्दू सेलखड़ी विनेगर एवं रंग के अलावा मिठास लाने के लिए सिकरींन आदि का प्रयोग किया जाता हैं सभी पदार्थो को कई दिनों तक केमिकल में सड़ाया जाता है उसके बाद उसे साइट्रिक नामक केमिकल के जरिए साफ किया जाता है तैयार होने के बाद इन्हें शीशियों में पैक करके आसपास के थोक दुकानदारों को पहुचाया जाता है दुकानदार उसे 30 से 35 र0 प्रत्येक शीशी के हिसाब से फुटकर ग्राहकों को बेचता है सस्ती होने की वजह से इसकी बिक्री जोरो पर होती है ठेले खुमचे व छोटे बड़े रेस्तरां भी इसका इस्तेमाल जोरो पर कर रहे है वही नामचीन कंपनियों की सॉस (चटनी) अच्छी क्वालिटी के टमाटर शुद्ध मसालों के साथ।खांड का प्रयोग करके बनती है बाजार में इनकी कीमत 90 से 95 रु0 होती है यानि कि घटिया क्वालिटी की सॉस (चटनी) से 60 रु0 ब्रांडेड कम्पनी की कीमत ज्यादा है अब यही से गुणवत्ता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि।इतने ज्यादा फर्क से तैयार घटिया सॉस (चटनी) में प्रयोग होने वाले घातक पदार्थ स्वास्थ्य के लिए कितने हानिकारक होंगे इसका अनुमान भी लगाना मुश्किल होगा
*कार्यवाही होने के बाद भी नही बन्द हुआ घटिया सॉस (चटनी) का गोरखधंधा*
मेरा नाम मनोज बाजपेई है अगर किसी ने मेरे कारोबार में टांग अड़ाई तो मैंने उसे फर्जी मुकदमो में जेल की हवा खिलाई जी हां हम बात कर रहे है घटिया मिलावटी खाद्य पदार्थो से तैयार सॉस (चटनी) के संचालक मनोज बाजपेयी की जिसकी दबंगई से पूरा क्षेत्र त्रस्त है जब से क्षेत्र में।मनोज ने सॉस (चटनी) की फैक्ट्री लगाई है तब से आये रोज क्षेत्र वासियों को धमकी भरे स्वर सुनने को मिलते रहते है कारण सॉस (चटनी) से होने वाली गन्दगी युक्त कूड़े को क्षेत्र में ही पड़ा रहने देना जिसे आवारा जानवर पूरे क्षेत्र में फैला देते है जिससे पूरे क्षेत्र में गन्दगी बदबू फैली रहती है जब तक काम छोटा था तो लोगो ने बर्दाश्त किया लेकिन जब काम बड़े पैमाने पर होने लगा तो और ज्यादा गन्दगी होने लगी जो लोगो के बर्दाश्त के बाहर हो गई सभी।क्षेत्रवासियों ने मिलकर संचालक मनोज से कहा जब से तुमने सॉस की फैक्ट्री लगाई तब से सभी के घर मे कोई ना कोई बीमार पड़ रहा है तुम्हारी फैक्ट्री से जो झागनुमा केमिकल नालियों में बह रहा है उसकी चपेट में आते ही।हम लोगो को खासी और छीके आने लगती है आखिर ऐसा क्या मिलाते हो सॉस (चटनी) में इतना सुनते मनोज ने क्षेत्र वासियो को भद्दी भद्दी गालिया देते हुए वहां से जाने को कहा दोबारा आवाज उठाने पर फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दी उसके बाद से मनोज के खिलाफ कोई भी।आवाज उठाने की हिम्मत ना।जुटा सका उसके बाद से मनोज का घटिया सॉस (चटनी) का धंधा दिन दूना रात चौगुना तरक्की करने लगा देखते ही देखते कई लोडर मनोज के दरवाजे खड़ी हो गई रोज़ाना बीसियों लोडरो में माल सप्लाई होने लगा आस पास के जिलो में भी माल की खपत होने लगी रिहायशी इलाका इंडस्ट्रीयल एरिया में तब्दील सा प्रतीत होने लगा तो कुछ सभ्य व जागरूक नागरिको ने इसकी शिकायत डी0 एम0 कार्यालय में की लोगो ने बताया कि शिकायत के बाद खाद्य विभाग की टीम आई थी मनोज के सॉस (चटनी) का नमूना ले गई कुछ दिनो के लिए काम भी बंद रहा परन्तु कुछ दिन बाद फिर वही पुराने ढर्रे जैसी स्थिति हो गई अब उसने महिलाओं को काम पर रख लिया है जिससे कोई फैक्ट्री में ना घुस सके घर के आस पास कैमरे भी लगा लिए है जिससे उसे क्षेत्रवासियों व आने जाने वालों की गतिविधियों की जानकारी हो सके सूत्रों की माने तो खाद्य विभाग की टीम सॉस (चटनी) का नमूना लेकर गई थी वो नमूना फेल होने पर मनोज पर फ़ूड एक्ट के तहत मुकदमा लिखा गया था जिसके कारण हाल ही में मनोज के खिलाफ़ वारंट भी इशू हुआ था इतना सब होने बाद भी सॉस (चटनी) संचालक मनोज की दबंगई का आलम ये है कि अभी भी बेधड़क होकर धड़ल्ले से सॉस (चटनी) का उत्पादन जोरो से कर रहा है मजे की बात तो ये है पूरी जानकारी होने के बाद भी खाद्य विभाग खामोशी की चादर लपेटे पड़ा है जबकि डी0 एम0 विश्वास पंत का आदेश है मिलावट खोरो के खिलाफ तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए परन्तु खाद्य विभाग है कि त्योहारो।को छोड़कर किसी और मामले में जागने को तैयार ही नही है शायद इसी कारण मिलावट खोरो के हौसले बुलंद है इससे तो यही लगता है ये सारा प्रोपागंडा खाद्य विभाग की दरिया दिली की वजह से फैला हुआ है जिसके कारण रोज़ाना सैकड़ो लोग घटिया मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन करके घातक बीमारियों की चपेट में आ रहे है