कानपुर । शहर के संयुक्त विपक्षी मोर्चा के तत्वाधान में सभी विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अधिकारी आलोक तिवारी से उनके निवास पर मिलकर उन्हें बताया कि दिल्ली में किए जा रहे किसान आंदोलन के समर्थन में दिनांक 14 दिसंबर 20 को किसान संगठनों एवं राजनीतिक दलों के आवाहन पर राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन के तहत कानपुर के बड़े चौराहे स्थित मुरारी लाल रोहतगी प्रतिमा स्थल भारत माता चौक पर सभी विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है । इस संबंध में जिलाधिकारी से आलोक तिवारी चर्चा करते हुए अवगत कराया गया कि विगत दिवस किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस का व्यवहार उत्पीड़ित करने वाला सामने आया है जो लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत है भविष्य में होने वाले आंदोलनों में अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो विपक्ष बर्दाश्त नहीं करेगा धरने के बाद राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा जिलाधिकारी से मिलने वालों में सर्व श्री सुभाषिनी अली पूर्व सांसद, अमिताभ बाजपेई, विधायक इरफान सोलंकी, विधायक सोहेल अंसारी विधायक ,डॉक्टर इमरान अध्यक्ष सपा,अतहर नईम कांग्रेस ,राष्ट्रीय लोक दल के प्रांतीय प्रवक्ता सुरेश गुप्ता ,राम प्रसाद कनौजिया सीपीआई, प्रदीप यादव अध्यक्ष लोकतांत्रिक जनता दल, अरविंद कटियार आप पार्टी, कुलदीप सक्सेना स्वराज इंडिया, अभिनव सिंह, फारवर्ड ब्लाक, मोहम्मद उस्मान नगर अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक दल, सहित कई नेता ट्रेड यूनियन के मौजूद थे ।
डेंगू के बढते प्रकोप को रोकने हेतू बचाव के उपाय का सन्देश एवं दवाई वितरण शिविर
कानपुर । रोटरी क्लब ऑफ़ कानपुर चेम्बर ने डेंगू के बढते प्रकोप के संदर्भ मे आज रेल बाज़ार क्षेत्र मे वृहद स्तर पर मच्छर रोधी लोशन वितरित किया और साथ ही साथ डेंगू की रोकथाम के विभिन्न उपाय के पर्चे भी बांटे गये । कार्यक्रम के मुख्य अतिथी रोटरी मंडल 3110 के मंडलाध्यक्ष रोटरीयन दिनेश चंद्र शुक्ला रहे । वितरण कार्य का आरम्भ उनके कर कलमों द्वारा किया गया । रोटरी क्लब के अध्यक्ष रोटेरियन सिद्धार्थ काशीवार ने इस अवसर पर कहा कि पिछ्ले तीन माह से डेंगू बीमारी ने विशाल स्तर पर महामारी का रूप ले लिया है । ये विशेष रूप से जमा पानी से फैल रहा है । इसमें तेज़ बुखार और संक्रमण धीरे धीरे प्राण भी ले सकता है । इसको उचित जानकारी और एहतियात से रोका जा सकता है । इसी संदर्भ में रोटरी चेम्बर ने ज़्यादा से ज़्यादा आमजन में मच्छर रोधी लोशन एवं रोकथाम उपाय के पर्चे वितरित करने का लक्ष्य तय किया है । उसी क्रम मे आज से इस कार्य का शुभारंभ किया । कार्यक्रम श्री छावनी रामलीला कमेटी के तत्वाधान मे आयोजित हुआ । कमेटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथी एवं अन्य रोटरीयन अतिथियों का स्वागत किया एवं मोमेंटो भेंट किये । इस अवसर पर रोटरीयन अरविंद गुप्ता, सूनील अग्रवाल, अनिल त्रिपाठी, मनीष त्रिपाठी आदि क्लब के सदस्य एवं क्षेत्र के विकास गुप्ता डब्बू -सभासद, आशुतोष भटनागर, इमरान शेख़, मनीष शर्मा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
किसानों के समर्थन अल्पसंख्यक बोर्ड आगे आया
कानपुर । अखिल भारतीय अल्पसंख्यक बोर्ड के तत्वावधान में आज किसान आंदोलन के समर्थन में कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, माननीय कृषि मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया ।
अब्दुल कुद्दूस हादी, सुखविंदर सिंह लार्ड, धनीराम बौद्ध, पास्टर जितेंद्र पादरी, हयात ज़फर हाशमी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा और सरकार से देश के किसानों के दर्द को समझते हुए तत्काल काले कानून को वापस लेने की मांग की गई ।
समाजिक कार्यकर्ता हयात ज़फर हाशमी ने कहा कि 14 दिसम्बर 2020 को किसानों के आंदोलन के समर्थन में बंदी के आह्वान का हम समर्थन करते हैं और लोगों से दुकानों, प्रतिष्ठानों को बन्द कर किसानों के समर्थन का ऐलान करें ।
बोर्ड के संयोजक सुखविंदर सिंह लार्ड ने कहा कि बोर्ड किसानों की इस लड़ाई में हर तरह से किसानों के साथ है यह लड़ाई सिर्फ किसानों की लड़ाई नही बल्कि देश के 1,30 करोड़ लोगों की लड़ाई है ।
ज्ञापन देने वालो मे सुखविंदर सिंह लार्ड, अब्दुल कुद्दूस हादी, धनीराम बौद्ध, हयात ज़फर हाशमी, पास्टर जितेंद्र पादरी, प्रदीप यादव, मुजीब इकराम, इश्तियाक अहमद निजामी, यूसुफ़ मंसूरी, अखिलेश कुशवाहा, सुदामा धिघाम आदि थे ।
पत्रकार पर हमले के विरोध में प्रदर्शन
कानपुर । घायल पत्रकारों पर हो रहे हमले के विरोध में फलक एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्य राकेश मिश्रा द्वारा लीलामणि हॉस्पिटल सिविल लाइन कानपुर पर प्रदर्शन किया गया । कानपुर में जिस प्रकार से क्रांतिकारी पत्रकार अश्वनी निगम पर हमला हुआ और वह जीवन व मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं । भविष्य में पुनः ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार को और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है । प्रदर्शन में शामिल रहे । राकेश मिश्रा,सुनीत तिवारीअधिवक्ता विवेक हिंदू ,मुन्ना बाबू,दीपू नागवंशी,बरखा आहूजा,आयुष पाठक, विष्णु तिवारी,इत्यादि लोग मौजूद रहे!
कानपुर की यशी साहू ने इटली मे लहराया परचम
कानपुर । बेटियां परिवार का नाम रोशन करती हैं ऐसा बुजुर्गों ने कहा है लेकिन यह सच है कानपुर की बेटी ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में जाकर अपनी कला से मिलान इटली में आयोजित दीक्षांत समारोह में कानपुर उत्तर प्रदेश भारत से यशी साहू पुत्री राजेश साहू ने अपने भारत देश का नाम स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया यशी इनकी माता संगीता साहू ने हरदम अपनी बेटी का मनोबल बढ़ाया और समय-समय पर शिक्षा और दीक्षा के लिए विश्वास दिलाया आदरणीय महोदय या पूरे भारत देश के लिए गर्व की बात है । कानपुर शहर की बालिका ने पूरे देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बेटियों का मनोबल बढ़ाया मिलान से ऐसे समाचार पत्रिका के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त इसी के साथ घर के अन्य सदस्य इस उपलब्धि पर हर्ष उल्लास के साथ बना रहे हैं इससे पहले भी यशी ने भारत देश में रहकर इससे पहले भी ऐसी ने भारत देश में रहकर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे पुरस्कार और अवार्ड जीते निफ्ट मेरिटोरियस अवार्ड बेस्ट अकैडमी बेस्ट अकादमी का अवार्ड प्राप्त कर चुकी है !
हाथ पैरों में बेड़िया पहनकर घंटाघर भारत माता मूर्ति पर प्रदर्शन किया
कानपुर । शिक्षा सब का अधिकार मौलिक अधिकार है । शिक्षा का अधिकार की धारा 12 (1) ग के तहत अलाभित एवं दुर्बल वर्ग के बालकों का चयन शासन द्वारा ड्रा उपरांत लॉटरी के माध्यम से निजी विद्यालयों में होना था परन्तु रसूखदार निजी विद्यालयों जैसे सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, विरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर श्याम नगर एवं किदवई नगर, वीरेन स्वरूप पब्लिक स्कूल कैंट, सीलिंग हाउस स्कूल सिविल लाइंस व अमान्य विद्यालय बिल्लाबांग कंगारू किड्स सिविल लाइंस एवं द कंगारू किड्स किदवई नगर आज दिनांक तक गरीब व अलाभित अभिभावकों को टहला रहे है। दिसंबर माह में भी बच्चों का प्रवेश संभव नहीं हो सका ।जिला अधिकारी आलोक तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार तिवारी से आख्या मांगते हैं और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी निजी विद्यालयों को नोटिस के रूप में झुनझुना थमा देते हैं । मिश्रा ने व्यथित होकर आगे कहा कि जिलाधिकारी कार्यालय का नाम जिला आख्या कार्यालय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का नाम जिला नोटिस सिंह अधिकारी कर दिया जाना चाहिए।सुनीत तिवारी, प्रज्ञात राजन द्विवेदी एवं शबाब हुसैन द्वारा अपने संयुक्त वक्तव्य में बताया कि मानवाधिकार एवं मानवाधिकार आयोग ,राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि यह आयोग दंत नख विहीन संस्थाएं हैं यह जनता को धोखा देने के लिए बने हुए हैं जनता के कर से इन संस्थाओं में कार्यरत अध्यक्ष एवं कर्मचारी केवल मात्र अपने बच्चों को पाल रहे हैं और किसी भी गरीब व अलाभित को रसूखदार निजी विद्यालयों से उसका अधिकार दिला पाने में अक्षम रहे हैं । नरेश सिंह चौहान ने आगे कहा कि यदि सरकारी लोकसेवक न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के उस आदेश का अनुपालन करें जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोकसेवक अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ाएं जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके उन्होंने आगे कहा कि यदि जिला अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के बच्चे सरकारी प्राइमरी विद्यालय में पढ़ेगे तो स्कूल के अध्यापकों में भय होगा कि जिला अधिकारी कहीं औचक निरीक्षण ना करें एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का नैतिक कर्तव्य भी है कि वह अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ाये यदि वह अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में नहीं पढ़ाते तो यह राजद्रोह की श्रेणी में आना चाहिए एवं प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि क्या सरकारी लोक सेवकों को अपनी ही संस्थाओं पर विश्वास नहीं है ।
किसानों की आवाज़ को सिरे से नकारा नहीं जा सकता क्योंकि देश उन्हें अन्नदाता मानता है
माँ की गोद बच्चे की प्रथम पाठशाला है मौलाना हाशिम अशरफी
कानपुर । माँ की गोद बच्चे की प्रथम पाठशाला है । अगर यह पढ़ी लिखी,उच्च विचारों वाली, रौशन ख्याल और व्यवहार कुशल होगी तो वह न केवल अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षिका होगी बल्कि दो परिवारों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करने का माध्यम बनती है । उक्त विचार ऑल इण्डिया गरीब नवाज़ कौन्सिल के तत्वधान में परेड में आयोजित ताजदारे बगदाद के जलसे से कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हाशिम अपरफी ने व्यक्त किया । अशरफी ने कहा कि लोकतन्त्र में नागरिक को मतदान करना उनका मताधिकार और प्रमुख जिम्मेदारी है मगर इसके लिए मतदाता सूची में नाम की प्रविष्टी अनिवार्य है । इसके बिना देश का नागरिक होते हुए भी अपना मतदान न कर सकेगा । मतदाता सूची में नाम बढ़ाने, घटाने और संशोधन का कार्य चल रहा है । मतदाता सूची में नाम न होने या किसी प्रकार की त्रुटि को शुद्ध कराने को मुख्य जिम्मेदारी समझें।अशरफी ने कहा कि किसानों का आन्दोलन तूल पकड़ता जा रहा है। समय रहते हुए इसके समाधान की ओर ध्यान देना चाहिए । किसानों की आवाज़ को सिरे से नकारा नहीं जा सकता क्योंकि देश उन्हें अन्नदाता मानता है । मौलाना मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही उक्त कौन्सिल के शहरी अध्यक्ष ने कहा कि अल्लाह के वलियों की शिक्षा और उनके बताये हुए रास्ते पर चलना ही उनसे सच्चा प्रेम है । इससे पूर्व जलसे का प्रारम्भ कुरआने पाक की तिलावत से कारी इश्तियाक अहमद ने किया । कारी इकबाल बेग कादरी ने नात शरीफ का नज़राना पेश किया। जलसे की अध्यक्षता मौलाना मो0 महताब आलम कादरी मिस्बाही ने और संचालन शब्बीर अशरफी ने किया । अन्त में देश की अमन व शान्ति और कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए दुआ की गयी। इस अवसर पर मौलाना गुलाम हसन, मौलाना जुनेद, हाफिज़ कोनैन, हाफिज़ फैजान, बब्लू भाई, खालिद भाई, फैसल भाई आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।
चकेरी चौकी इंचार्ज की तानाशाही,कोर्ट के स्टे के बाद भी बाहर सामान फेका
कानपुर । चकेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकेरी चौकी इंचार्ज की तानाशाही से आम नागरिकों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा ने चकेरी थानाध्यक्ष को अवगत कराया तब जाकर उनके आदेश पर कार्रवाई रोक दिया ।
जानकारी के अनुसार 365 एन टू रोड़ में रहने वाली मंजू देवी अपनी पुत्री ज्योति के साथ करीब 30 वर्ष से राजकुमार मिश्रा के मकान पर किराये पर रह रही थी, मकान खाली कराने को लेकर मकान मालिक से विवाद चल रहा था ।
मंजू सिंह भदौरिया ने बताया कि आज चकेरी चौकी इंचार्ज तरूण पाण्डेय अपने आधा दर्जन से अधिक सिपाहियों के साथ आकर जबरन घर का सामान बाहर फेकने लगे, जबकि सिविल जज मनोज कुमार ने मकान खाली न करने का स्टे हो गया था । जिसकी कापी भी चकेरी चौकी इंचार्ज को दिखाई, लेकिन उसने मानने से इंकार कर दिया, हमारे लिये यह रद्दी है, चकेरी चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने हमको व हमारी पुत्री को गंदी गंदी गालियां दिया। जिसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा को हुई तो उन्होंने तत्काल चकेरी थानाध्यक्ष से बातचीत किया ।
चकेरी थानाध्यक्ष ने तत्काल चकेरी चौकी इंचार्ज को फोन करके कोर्ट का आदेश मानने का आदेश दिया, बड़ी मुश्किलों के बाद चकेरी चौकी इंचार्ज व सिपाही वापस लौट गये ।
इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश ओझा, पंकज कुमार, सनी शर्मा, नीलेश गौतम, आलोक पाण्डेय आदि ने बताया कि चकेरी चौकी इंचार्ज मकान मालिक से मिलकर जबरन मकान खाली करा रहे हैं, कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं के साथ अभद्रता किया है, जबकि सिविल जज मनोज कुमार ने मकान खाली कराने पर रोक लगा दिया है। चकेरी थानाध्यक्ष ने कोर्ट का आदेश मानने का आदेश दिया। पीड़ित परिवार ने बताया कि चकेरी चौकी इंचार्ज तरूण पाण्डेय ने कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के लिये भी अभद्रत भाषा का प्रयोग कर रहे थे ।
राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने दिया किसान आन्दोलन को समर्थन, 8 दिसंबर को देगी धरना
कानपुर । राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने किसान आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुये 8 दिसम्बर को भारत बन्द के समर्थन में शास्त्री नगर सेन्टर पार्क में धरना देगी । पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने कहा की सरकार को किसान विरोधी कानून को वापस लेकर किसानो की मांग मान लेनी चाहिए । वीरेन्द्र कुमार ने कहा की राष्ट्रीय विकलांग पार्टी किसानों की मांग पुरी होने तक उनके हर आन्दोलन में उनके साथ है । उन्होंने कहा की किसान हमारे अन्नदाता हैं । उनके साथ अन्याय राष्ट्रीय विकलांग पार्टी बर्दास्त नहीं करेगी ।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन खिचड़ी मेडिकल शिक्षा के खिलाफ
कानपुर । इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा द्वारा एक पत्रकार वार्ता का आयोजन आई.एम ए. परिसर परेड कानपुर में किया गया । आई. एमए.कानपुर की अध्यक्षा डॉ० डॉ० नीलम मिश्रा अध्यक्ष, आई०एम०ए० कानपुर के सचिव, डॉ0 दिनेश सिंह सचान तथा आई०एम०ए० कामपुर के पूर्व अध्यक्ष डॉ० एस०को0 मिश्रा, डॉ0 आर0एन0 चौरसिया, डॉ0 अर्चना भदौरिया एवं डॉ0 प्रवीन कटियार ने सम्बोधित किया तथा बताया कि भारतवर्ष आयुर्वेद पद्धति की जननी है । यूनानी भी यहीं से शुरू हुआ, जब पर्सियन यही आये और शुरू किये । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चिकित्सा शिक्षा में खिचड़ी तंत्र का विरोध करता है । चिकित्सा शिक्षा एक गुणवत्तापूर्वक शिक्षा होती है जिसमें चिकित्सक को अच्छा हुनर दिया जाता है एवं हर छोटी से छोटी विद्या को विज्ञान सम्मत तरीके से विकसित की जाती है । हमें डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देना है ताकि अच्छी क्वालिटी वाले चिकित्सक बने । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,मेडिकल शिक्षा में खिचडी तंत्र लाने का पूर्ण विरोध करती है तथा सरकार से अनुरोध करती है कि इस प्रकार की शिक्षा से चिकित्सकों की गुणवत्ता काफी कम हो जाएगी ।
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