ध्रुव ओमर
कानपुर । जब मनुष्य की सेवा के लिए बनाई गई कोई भी वस्तु मनुष्य को ही नुकसान पहुचने लगे तो मनुष्य का आक्रमक होना स्वाभाविक है । जी हां हम बात कर रहे है शहर के कानपुर इलेक्ट्रिकसिटी सप्लाई कंपनी (केस्को) की इस सरकारी विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का ही नतीजा है कि शहर की शांति व्यवस्था बिगड़ने का डर बना हुआ है । केस्को की लापरवाही से करंट से चिपक कर मरने का सिलसिला अब आम आदमियों तक पहुँच गया है ।केस्को की लापरवाही का ही नतीजा है कि झुके खम्भे को सही कराने के लिए क्षेत्रीय पार्षद को वहां के निवासियों के साथ धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है । तथा क्षेत्रीय विधायक इस विभाग की लापरवाही का मुद्दा विधान सभा मे उठाने की बात कर रहा है । इतना सब होने के बाद भी इस विभाग के आला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कान में जूँ तक नही लेंगी ।
इसी माह में शास्त्री नगर पुलिस चौकी के पास खम्भे में करंट उतरने से 3 गाये की मौत हुई वही बजरिया के पास एक ही स्थान पे अलग2 दिन में दो मौतें हुई एक ही जगह पे बार बार हादसे हो रहे है उस पे कोई कार्य नही हो रहा इस से बड़ा इस विभाग की लापरवाही का उदाहरण क्या होगा ?
कुछ समय पहले बाबूपुरवा में एक गाय करंट में चिपक के मर गई थी जिस की सूचना सबस्टेशन में दी गई थी उस के बाद भी कई घण्टो तक इस विभाग का कोई भी ज़िम्मेदार नही पहुँचा ऐसे न जाने कितने उदाहरण हैं । जानवरों के साथ हो रहे हादसों से भी ये विभाग नही जागा अब इस विभाग की लापरवाही का भुगतान शहर वासियों को अपनी जान गवां के चुकानी पड़ रही है ।
इस विभाग की नींद अब भी न खुली तो शहर की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है जिस का उदाहरण बीते शनिवार को एक हादसे के बाद बजरिया में देखने को मिला घटना क्रम कुछ इस तरह था ।
शहर के बजरिया इलाके में केस्को की लापरवाही के चलते एक 50 वर्षीय आदमी की बिजली बॉक्स में चिपककर मौत हो गयी | इससे पहले भी इसी इलाके में एक महिला की करेंट की चपेट में आने से मौत हो चुकी है | दो मौतों के होने की वजह से स्थानीय लोगो का गुस्सा फूट पड़ा सैकड़ो की संख्या में स्थानीय लोगो ने मृतक के शव को बीच सड़क रखकर जाम लगा दिया | लोगो में केस्को के प्रति इतना गुस्सा था की उन्होंने आसपास की सभी दुकानों को बंद करवा दिया | मौके की नजाकत को देखते हुए भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ प्रशाशनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों समझा कर मामले को शांत कराया |
शहर में केस्को की तरफ से बिजली के तारो को अंडर ग्राउंड किया जा रहा है और बिजली कनेक्शन देने के लिए जंक्शन बॉक्स लगाया जा रहा है लेकिन बॉक्स लगाने में लापरवाही बरतने के चलते अब लोगो की जान जा रही है | कुछ ऐसा ही हुआ पान विक्रेता सुरेश सोनकर के साथ | सुरेश सुबह अपनी दुकान खोलने पहुंचे तो बगल में लगे बिजली के पोल में चिपक गए जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी | स्थानीय लोगो ने केस्को पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को बीच सड़क रखकर जाम लगा दिया | सैकड़ो की संख्या में मौजूद स्थानीय लोगो ने आसपास की सभी दुकानो को बंद करवा दिया | मौके पर पहुंचे सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी ने केस्को को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि इस इलाके में बिजली की चपेट में आकर दो मौते हो चुकी है | स्थानीय सपा विधायक का कहना है की केस्को को तीन फुट निचे बिजली की केबिल डालनी चाहिए थी लेकिन केबिल को छै इंच पर डाल दिया गया |स्थानीय सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी ने केस्को की लापरवाही से हुयी मौतों को लेकर विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात भी कही |
शनिवार की घटना के अगले दिन रविवार को थाना कर्नलगंज के अंतर्गत अंडर ग्राउंड लाइन ऊंची सड़क जनाजे वाली मस्जिद के करीब लगे बॉक्स में करंट आने से युवक करंट की चपेट में आते आते बचा जनता में बहुत ही ज्यादा आक्रोश बढ़ गया वार्ड 110 के पार्षद मोहम्मद मुरसलीन खां उर्फ भोलू ने मौके पर पहुंचकर जनता को शांत कराया और इस बात का आश्वासन दिया अगर केस्को ने अंडर ग्राउंड लाइन को जल्द से जल्द नहीं सही कराया तो तीन-चार दिन के अंदर DM साहब को इस बारे में ज्ञापन देंगे और फिर भी अगर केस्को नहीं जागा तो धरना प्रदर्शन करेंगे
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य इखलाक अहमद डेविड ने जिलाधिकारी से भूमिगत लाइने से बिजली मानसून के माह बीत जाने के बाद शुरू करने बॉक्सों को नालियों व घरों सेदूर लगाने केस्को की लापरवाही की वजह से जान गवाने वालो की मुआवजा देने व भूमिगत लाइन डालने में नियमो की अनदेखी करने व भ्र्ष्टाचार की जांच के निर्देश की मांग की ।
ऐसा नही की केस्को के कर्मचारी काम नही करते व लोगो को सुविधा नही देते काम एवं सुविधा उन ही लोगों को देते है जो इन को माहवारी देता है । ऐसा ही एक सुविधा शुल्क देने वाला परेड नई सड़क स्तिथ अवैध रुई की धुनाई का कारखाना खुला है । जिस पे सरकार द्वारा रोक लगाई गई है । परंतु केस्को के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से विधुत कनेक्शन 1किलो वाट का 2011 से दे रख्खा है जब कि इस पे मोटर 3hp की लगती है यही नही अगर खम्भे से तार निकल जाता है तो बिना शिकायत के केस्को के कर्मचारी उसी दिन ठीक कर के चले जाते हैं । ये है ना सुविधा शुल्क का कमाल ये मामला तो एक बानगी भर है । ऐसे न जाने कितने अनगिनत मामले है
सी.एस.ए.के छात्र फिर हुए रैगिंग का शिकार
कानपुर । रैगिंग नाम की बीमारी ने न जाने कितने होनहारों की जान ले ली है सीनियर छात्र जहाँ इसे अपना अधिकार मानते हैं लेकिन वो ये भूल जाते है कि वो भी कभी जूनियर थे । शायद इसीलिए ये सीनियर होने के बाद भी रैगिंग को अपना अधिकार मानते हैं रैगिंग को रोकने के लिए शासन- प्रशासन एवं संस्थान की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं । सख्त नियम कानून बनाए जा रहे हैं लेकिन रैगिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है ।कानपुर शहर के चन्द्र शेखर आज़ाद (सीएसए)कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ जमकर रैगिंग हुई । सीनियर छात्रों ने जूनियरों छात्रों को मुर्गा बनाया और उनके साथ जमकर मारपीट की । इतना ही नहीं उन्होंने जिस गेस्ट हाउस में जूनियर छात्रों को ठहराया गया है वहां पर जमकर तोड़फोड़ भी की । सिक्योरिटी गार्ड्स ने जब इस बात का विरोध किया तो सीनियर छात्रों ने सिक्योरिटी गार्डों को पीट दिया ।बाहर खडी उनकी गाडियों में तोडफोड की और जीप पलटा दी । जिसमें एक गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है । वही रैगिंग के बाद हुई मारपीट में छात्रों को भी चोटें आई हैं। आपको बता दें कि बुधवार सुबह तड़के सीनियर छात्र जूनियरों छात्रों की रैगिंग करने पहुंच गए ।सीएसए परिसर में बने फार्मर्स गेस्ट हाउस नए छात्रों को ठहराया गया है ।जहां पहुंच सीनियरों ने गेस्ट हाउस में पथराव और जमकर किया उपद्रव । सीनियर छात्रों की इस हरकत से छात्र आतंकित नजर आ रहे हैं ।रैगिंग और मारपीट की घटना से दहशत में आए छात्र अपने अपने घर वापस जाने की बात कह रहे हैं ।कुछ छात्रों के परिजन भी घटना की जानकारी होने पर अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए सीएसए पहुंच गए । वहीं जिम्मेदार कुछ बोलने को तैयार नही
हिन्दु युवा वाहिनी के गुन्डो को गिरफ्तार करो
कानपुर – कल अलीगढ़ मे जो वाक्या पेश आया उसके खिलाफ आज दादा मियां चौराहे पर संस्था मुस्लिम वैल्फेयर ऐसोसिएशन द्वारा एक विरोध प्रदशन किया गया जिसमे संस्था के लोगो ने यूपी सरकार मुर्दाबाद, अलीगढ़ पुलिस मुर्दाबाद, हिन्दु युवा वाहिनी मुर्दाबाद के नारे लगायेI संस्था के सह-अध्यछ मुहम्मद वासिक़ बेग बरकाती ने कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मे जो वाक्या हुआ है उसकी हम सख्त मज़म्मत करते है और अपने शदीद ग़मो गुस्से का इज़हार करते है और इस बात की दावत ए फिक्र देते है की हिन्दुस्तान में अब तालीमी इदारे भी फिरकापरस्त और फासिद ताकतो की ज़द में आ चुके है हमारी यूनिवर्सिटी के दाखिली निज़ाम मे भी दख्लअंदाज़ी होना शुरु हो रही है क़ौम के बावकार कायदीन की तौहीन और उनसे गुस्ताखी की जा रही है हम सब मुत्तहिद हो जायें और खुद को इल्मी और माशी तौर पर मज़बूत करे और मुल्क को तोड़ने वाली मुल्क की अमनो शान्ति को मन्फी तौर से मुतासिर करने वाली ताकतो का मुकाबला करे हमको संजीदा और सेकुलर बिराद्रान ए वतन से भी अपील करना चाहिये के इन साम्प्रदायिक और फसादी ताकतो के हौसलो को जितना हो सके पस्त करने के लिये धर्मनिरपेक्ष बलों का साथ दे
बरकाती ने आगे कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 10 -15 सालो में खुली हुई दर्सगाह का नाम नहीं है के सस्ते और लफन्गे राजनेता इसको सियासत का निशाना बना लेंगे ये मादरी इल्मी हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब का एक रोशन निशान है ये हिंदुस्तानी मुसलमानो की इल्मी कयादत का मरकज़ है जाहिल, कमज़र्फ और बे’इमान लोग इतनी अासानी से सर सैयद अहमद खां के रोशन किये हुये इस चिराग़ को बुझा ना पायेंगे अज़ीज़ो ये वक्त अाज़माइश का है हम सबको फहमो तकब्बुर के साथ अपनी शिनाख्त को कायम रखना है इंशाअल्लाह हक ही को फतह होगी क्यूकी बातिल तो अाता ही जाने को हैI इसके बाद उपस्थित लोगो ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ज़िंदाबाद के नारे लगायेI
मुख्य रूप से वासिक बेग बरकाती, अयाज़ काज़ी, शाहरूख खान, युसूफ कादरी, सलमान बेग, अदनान अहमद, अब्दुल, अरबाज़, अज़ीज़ अहमद चिश्ती, वामिक बेग, रईस, रूमान आदि लोग मौजूद रहै I
बदनाम हों गए तो क्या नाम ना होगा-हैलट अस्पताल
ध्रुव ओमर
कानपुर । जब रक्षक ही भक्षक बन जाये ,धरती के भगवान ही हैवान बन जाये तो ऐसी स्थिति में उन से उम्मीद लगाए लोगो का क्या होगा ?
किसी समय समाज सेवा के लिए डॉक्टर बनने के पेशे को बदनाम करने वाले लाला लाजपत राय (हैलट) अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पुरानी कहावत “बदनाम हों गए तो क्या नाम न होगा” को सटीक चरितार्थ कर रहे हैं और इस अस्पताल का नाम शहर और प्रदेश में रौशन कर रहे हैं ।
जूनियर डॉक्टरों की दबंगई से पूरा शहर अवगत है। इन की दबंगई को अस्पताल के आला अधिकारी भी नही रोक पा रहे हैं। इन की क्रूरता इतनी बढ़ चुकी है कि ये मरीजो व तीमारदारों के अलावा 100 पुलिस के सिपाहियों एवं क्षेत्रीय पुलिस थाने पे भी हमला करने से नही हिचकिचाते। ऐसे ही एक हमले में क्षेत्रीय थाने के अंदर एक सिपाही का हाथ तोड़ने का रिकार्ड भी इन जूनियर डॉक्टरों के ऊपर दर्ज है।
हमने बचपने में पढ़ा और अब देखा कि एकता से ही किसी बड़े कार्य को कराया जा सकता है लेकिन जब ये एकता किसी अच्छे कार्य के विपरीत कार्य करने लगे तो वो भयावह स्थिति का अंदाज़ा नही लगा सकते (विधायक और जूनियर डॉक्टर की लड़ाई में बेगुनाह मरीज़ों की मौत तो याद ही होगी)
जूनियर डॉक्टरों द्वारा बीमार मरीज़ और परेशान तीमारदार की छोटी छोटी बातों को अपना ईगो बना कर उन से लड़ना मारपीट करना, फिर हड़ताल पे चले जाना, ऐसा करना अपने पेशे से बेईमानी करना है।
इस अस्पताल के न जाने ऐसे कितने किस्से शहर का नाम रोशन कर रहे है और यहां आने वाले मरीजो में भय पैदा कर रहे है। इसी कड़ी में परसो एक महिला तीमारदार को जूनियर डॉक्टरों ने अपनी अभद्रता का निशाना बनाया। उस महिला का क्षेत्रीय थाने में प्रार्थना पत्र देने पे डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाना उस के बाद वहां मौजूद मरीज़ों ,और तीमारदारों के साथ अमानीय व्यवहार तथा कुछ जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपने सीनियर डॉक्टरों एवं अस्पताल के आला अधिकारियों की बात न माना एवं उन से अभद्रता करना ये एक सोचनीय विषय है
हर घटना के बाद अस्पताल प्रसाशन एक जांच टीम गठित करती है लेकिन उस का कोई हल नही निकलता इस घटना में भी यही होगा।
उन तीमारदारों से पूछो जो अपने मरीज़ को बचाने की उम्मीद से अस्पताल लाये थे लेकिन वो हड़ताल की भेंट चढ़ गए। किसी एक कि गलतीं की सज़ा किस किस को मिलेगी ऐसी स्थिति में जूनियर डॉक्टरों की एकता को सही कहा जायेगा ?
ऐसी एकता जूनियर डॉक्टर अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
ऐसी एकता मेडिकल लाइन में फैली भ्र्ष्टाचार के खिलाफ क्यों नही दिखाते ?
हैलट अस्पताल में वर्तमान समय मे कोई मरीज़ या उस का तीमारदार जूनियर डॉक्टर को छोड़िए, अस्पताल के चतुर्थ क्षेणी के कर्मचारी से अभद्रता नही कर सकते क्योंकि इन का आतंक जगजाहिर है।
फेसबुक की दोस्ती का भयानक अंजाम
फिल्म पद्मावत देखने के बहाने सिनेमा हॉल के अंदर लड़की से बलात्कार, फेसबुक पर हुई थी दोस्ती
तेलंगाना: सोशल मीडिया की दोस्ती का अंजाम इतना भयानक भी हो सकती है सोशल मीडिया से जालसाज़ी तो आम बात है । लेकिन सोशल मीडिया की दोस्ती किस हद तक नुकसान पहुँचा सकती है इस का उदहारण निजामों के शहर हैदराबाद के सिनेमा हॉल के में 19 साल की एक लड़की से बलात्कार का मामला देखने को मिला खबर के मुताबिक आरोपी से लड़की की दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई थी.
पीड़ित महिला की दोस्ती 23 साल के कंदकतला भिक्षापति से दो महीने पहले फेसबुक पर हुई थी. दोनों ने सोमवार को प्रशांत थिएटर में फिल्म पद्मावत देखने का फैसला किया.
पुलिस के मुताबकि, ‘थिएटर में बहुत कम लोग मौजूद थे और उनके आस-पास कोई भी नहीं बैठा था. आरोपी ने इसी बात का फायदा उठाया.’
पुलिस अफसर के मुताबिक पीड़ित लड़की के प्राइवट पार्ट में गंभीर चोटें आईं हैं और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं, आरोपी मजदूर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. साथ ही थिएटर मालिके के ऊपर अनदेखी करने के आरोप में कार्रवाई की जा रही है.
गणतंत्र दिवस परेड में राहुल को पहली पंक्ति में नहीं मिली जगह, प्रदर्शन के बीच ‘पद्मावत’ रिलीज, दिन भर की 5 बड़ी खबरें
गणतंत्र दिवस परेड में राहुल को पहली पंक्ति में नहीं मिली जगह, प्रदर्शन के बीच ‘पद्मावत’ रिलीज, दिन भर की 5 बड़ी खबरें
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी के बैठने की जगह को लेकर राजनीति गरमा गई है. परेड में राहुल गांधी को चौथी पंक्ति में बेठने की जगह दी गई है. उधर, पद्मावत विवाद में हिंसा को लेकर मुंबई करणी सेना के अध्यक्ष अजय सिंह सेंगर को हिरासत में ले लिया गया है. वहीं गुरुग्राम में करणी सेना द्वारा बच्चों से भरी स्कूल बस पर हमले को लेकर दुख जताया. वहीं, अमरनाथ हमले में 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले बस ड्राइवर को देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है. उधर साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चल रहे तीसरे टेस्ट में टीम इंडिया संघर्ष करती नजर आ रही है.
1. गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी के बैठने की जगह को लेकर राजनीति गरमाई, इस पंक्ति में मिली जगह
देश में चारों तरफ गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर है. दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी 69वां गणतंत्र दिवस राजपथ में परेड की सारी तैयारियां पूरी हो गई है, मगर परेड में राहुल गांधी के बैठने को लेकर राजनीति गरमा गई है. राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस परेड में पहली पंक्ति में बैठने की जगह नहीं दी गई है. इससे कांग्रेस पार्टी नाराज है. हालांकि, राहुल गांधी ने ये साफ कर दिया है कि वह इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
2. पद्मावत हिंसा : मुबई करणी सेना का अध्यक्ष अजय सिंह सेंगर हिरासत में, उत्तराखंड में भी विरोध
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत गुरुवार को देशभर में रिलीज हो गई है लेकिन कई राज्यों में इस फिल्म को लेकर हुई हिंसा के बाद सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पद्मावत फिल्म को लेकर लगभग 75 फीसदी मल्टीप्लेक्स मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा. वहीं सुप्रीम कोर्ट में चार राज्यों के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल की गई है. इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी
3. CM अरविंद केजरीवाल बोले, गुरुग्राम की स्कूल बस पर हमले की खबर सुनकर रातभर नहीं सो पाया
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में राज्यस्तरीय गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरुग्राम के स्कूल में बस में सवार बच्चों पर हमले की खबर सुनकर रात भर मैं सो नहीं पाया, यह डूब मरने वाली बात है. आज अगर भगवान राम जिंदा होते तो ऐसे लोगों को रावण से बदतर सज़ा देते. आपको बता दें कि पद्मावत फिल्म का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने एक स्कूल बस पर हमला किया था और उस वक्त उस बस में बच्चे सवार थे.
4. अमरनाथ हमले में 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाने वाले बस ड्राइवर को मिला उत्तम जीवन रक्षक पदक -अमरनाथ यात्रा के दौरान आंतकी हमले के बीच जान पर खेलकर श्रद्धालुओं की जान बचाने वाला वो ड्राइवर तो याद ही होगा. जी हां, वही गुजरात के रहने वाले बस ड्राइवर शेख सलीम गफूर, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और धैर्य का परिचय देते हुए 52 तीर्थयात्रियों की जान बचाई थी, उन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को 13 लोगों को ‘उत्तम जीवन रक्षा पदक’ सम्मान देने की घोषणा की, जिसमें ड्राइवर शेख सलीम गफूर का नाम टॉप पर है.
5. IND vs SA दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे टेस्ट में जारी रहा. जोहानिसबर्ग टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 187 रन बनाकर आउट हो गई. कप्तान विराट कोहली (54) और चेतेश्वर पुजारा (50) ने अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन शेष बल्लेबाजों ने बुरी तरह से निराश किया.
दक्षिण अफ्रीका दौरे में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन तीसरे टेस्ट में जारी रहा. जोहानिसबर्ग टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 187 रन बनाकर आउट हो गई. कप्तान विराट कोहली (54) और चेतेश्वर पुजारा (50) ने अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन शेष बल्लेबाजों ने बुरी तरह से निराश किया. निचले क्रम में भुवनेश्वर ने 30 रन की उपयोगी पारी खेलते हुए टीम को 200 रन के करीब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई..जवाब में पहले दिन स्टंप्स के समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर छह ओवर में एक विकेट पर 6 रन था. मैच के दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों पर निगाह होगी.केपटाउन में पहला टेस्ट 72 रन से और सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट 135 रन से जीतकर मेजबान टीम सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी है.दूसरे दिन चाय के बाद 62.2 ओवर में दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी का स्कोर आठ विकेट पर 175 रन है. एंडिले फेलुकवायो और मोर्ने मोर्केल क्रीज पर हैं. डीन एल्गर (4), कागिसो रबाडा (30), एबी डिविलियर्स (5), फाफ डु प्लेसिस (8), क्विंटन डिकॉक (8),हाशिम अमला (61) और वर्नोन फिलेंडर (35) दूसरे दिन आउट होने वाले बल्लेबाज हैं.हाशिम अमला 61 समेत पूरी टीम 194 पे सिमटी
हज सब्सिडी की हकीकत
आम तौर पर दिल्ली से जेद्दाह की वापसी टिकट 30,000 रूपये के आस पास होता है। और वह भी तब जब आप एक महीने के लिए बुक करें और आपने सिर्फ एक टिकट खरीदने के लिए 30,000 रूपये से सीधे सऊदी एयरवेज का टिकट मिल जाए सोचिए जब आप 6 महीने पहले 1,75,000 रूपये का टिकट बुक करेंगे तो क्या ₹ होना चाहिये? दरअस्ल रेट ₹ होना चाहिये बीस हजार के आस पास।
हज कमैटी ने पिछले साल ये टिकट एयर इंडिया से 80 हजार का खरीदा था, इसका सिंगल पार्टी टेंडर होता है। हर साल एयर इंडिया की भीड़, एक तरह से खाली सीटों को तर्क देकर 20,000 रूपये के टिकट और 80,000 में बेचती हैं। यानी एक टिकिट पर 60,000 रूपये बढ़ा दिये जाते हैं। जिसमें 700 करोड़ की सब्सिडी मिलती है। यानी 175,000) 40,000 / – प्रति हज यात्री को बीस हजार का नुकसान हुआ। और ऊपर से भारत सरकार का अहसान का बोझ भी अपने सर पर लाद लिया।
हज सब्सिडी का खत्म होना, एक छलावा, एक फ्राड का खत्म होने जैसा है. जिसका लाभ हजयात्रियों के बजाये एयर इंडिया की डूबती नैया को आक्सिजन देने जैसा रहा है. अब एयर इंडिया बिक ही जाना है तो हज सब्सिडी के छलावे की जरूरत ही क्या.
✈ हज सब्सिडी की हकीकत ✈
सब्सिडी हाजियों को या एयर इंडिया को
लेकिन क्या वाक़ई सब्सिडी हाजियों को दी जाती है ?
आइये ज़रा हिसाब देंखे।
🔻कैलकुलेशन ऑफ़ सब्सिडी🔻
फिलहाल मक्का शरीफ से इंडिया के लिये हाजियों का कोटा एक लाख छत्तीस हज़ार (1,36,000) का है । (इस साल 5000 और बढ़ गए है )
पिछले साल हमारी गवर्नमेंट ने सालाना बजट में 691 करोड़ हज सब्सिडी के तौर पर मंज़ूर किये थे ।
691 करोड़ ÷ 1.36 lakh = 50.8 हज़ार
यानी एक हाजी के लिए 50000 रुपये ।।
◀ अब ज़रा खर्च जोड़ लेते हैं ▶
एक हाजी को हज के लिए गवर्नमेंट को एक लाख अस्सी हज़ार (1,80,000) देने पड़ते हैं ।
जिसमे चौतीस हज़ार (34,000) लगभग 2100 रियाल मक्का पहुँचने के बाद खर्च के लिए वापस मिलतें हैं ।
1.8 लाख – 34000 = 1.46 लाख
यानि हमें हमारी गवर्नमेंट को एक लाख छियालीस हज़ार (1,46,000) रुपये अदा करने पडतें हैं ।।
मुम्बई से जद्दाह रिटर्न टिकट 2 महीने पहले बुक करतें हैं तो कुछ फ्लाइट का किराया 25000 रुपये से भी कम होगा । फिर भी 25000 रुपये मान लेतें हैं । (irctc पर चेक कर लीजिये)
खाना टैक्सी/बस का बंदोबस्त हाजियों को अलग से अपनी जेब से करना होता है ।
गवर्नमेंट को अदा किये एक लाख छियालीस हज़ार रुपये (1,46,000) में से होने वाला खर्च ___
फ्लाइट = 25,000
मक्का में रहना(25दिन) = 50,000
मदीना में रहना(15दिन) = 20,000
अन्य खर्चे = 25,000
कुल खर्च हुआ =1,20,000
मतलब एक हाजी से लिये 1,46,000 रुपये और खर्च आया 1,20,000 रुपये मतलब एक हाजी अपनी जेब से गवर्नमेंट 26,000 देता है ।
अब असल मुद्दा ये है की जब हाजी सारा रुपया अपनी जेब से खर्च करता है और उसके ऊपर भी 26,000 रुपये और गवर्नमेंट के पास चला जाता है मतलब लगभग एक हाजी से सब्सिडी मिला कर गवर्नमेंट के पास 76,000 हज़ार हो जाता है तो ये पैसा जाता कहाँ है ।।
26,000+50,000 × 1,36,000= 10,33,60,00,000 (दस अरब तेतीस करोड़ साठ लाख रुपया)
याद रहे की एयर इंडिया कंपनी फिलहाल 2100 करोड़ के घाटे में चल है ।।
कोई शक नही की ये रुपया एयर इंडिया कंपनी और पॉलिटिशियन के जेब में जाता है । I
इस के बाद सब से बड़ी रकम सरकार को हज फार्म के ₹ से आती है हज फार्म की कीमत 300₹ है जो वापस नही होती इस साल 2018 हज के लिए 3,55000 लोगो ने हज फार्म भरे इस से सरकार को 10 करोड़ 65 लाख ₹ की आमदनी हुई
और रही बात हज की तो याद रखिये, एक हाजी को सब्सिडी ले कर भी जितना खर्च करना पड़ता है उससे ज्यादा खर्च हजयात्रियों को नहीं पड़ने जा रहा. लिहाजा स्वागत कीजिए. सुप्रीम कोर्ट का, जिसने इस फरेब के मक्कड़ जाल से मुसलमानों को निकाल दिया.
हज सब्सिडी की हकीकत
ईश्वरीगंज के क्षेत्रीय लोगो का गुस्सा फूटा
अनीस/सिद्धार्थ
कानपुर:-ईश्वरीगंज गांव जहाँ की ज़मीन से देश के एक बड़े अभियान “स्वछता ही सेवा” की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करने जा रहे हैं । तथा देश भर में स्वछता के लिए काम करने वाली सात विभूतियां अपने अनुभव बताएंगी राष्ट्रपति ,राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मंत्री कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगये
देश के प्रधानमंत्री देश मे स्वछता अभियान पे काफी समय से कार्य कर रहे है
राष्ट्रपति के इस कार्यक्रम के मद्दे नज़र नगर निगम ने ईष्वरी गंज और उस के आस पास 500 सफाई कर्मचारी लगाए गए ।
शासन प्रशासन ने चिराग तले अंधेरा कहावत को चरितार्थ किया है क्योंकि कर्यक्रम स्थल को तो स्वछता अभियान से जोड़ते हुए चकाचक कर दिया पर कार्यक्रम स्थल से चंद कदमो दूरी पर ही गांव की गलियों मे जल भराव काफी समय से है।जो इन अधिकारियों को नही दिखा क्षेत्रीय लोगों की शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई न हुई तो उन्होंने ने मोके की नजाकत को देखते हुए आज स्थानीय जनता ने जल भराव की समस्या को लेकर बवाल कर दिया।स्थिति को देख प्रशासन की पोल खुल गयी।जो प्रशासन कई दिनो से कार्यक्रम स्थल पर उचित व्यवस्था की बात कह रही थी आज गांव के लोगो ने हंगामा कर दिया।गांव वालो ने इसका कारण शासन प्रशासन की और गांव के प्रधान की नाकामी बताई ।गाँव वालो ने बताया की गांव का प्रधान आकाश वर्मा कभी गांव की ओर ध्यान नही देता।और गांव के विकास के लिये आने वाली सरकारी राशि का बंटवारा अधिकारी और प्रधान मिल कर लेते है।विकास के नाम पर केवल सरकारी फाईलों मे ही लिखा पढी की जाती है।आज तक प्रधान गांव के किसी भी व्यक्ति से मिलने नही आता और जो भी उनके पास समस्या लेकर जाता है उसे भगा दिया जाता है।
समस्या लेकर जब गांव वाले राष्ट्रपति से मिलने जा रहे थे तो अधिकारियों ने उन्हे वही रोक लिया और जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।ये समस्या ऐसे गांव की है जहां से ईंट बड़ा अभियान का आगाज़ हो रहा है ।आज भी कई गांव ऐसे है जो ऐसी अनेकों समस्याओं से पटे पड़े है और शासन प्रशासन शिकायतकरने के बाद भी कोई कार्यवाही नही करता।
लोहिया अस्पताल(लखनऊ)में महिला की लाश को नोचते रहे कुत्ते
राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां पड़े एक महिला के शव को कुत्ते नोच रहे थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। तीमारदारों ने जब ये नजारा देखा तो उनके होश उड़ गए। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और आगे की कार्रवाई की।
पुलिस के मुताबिक, चिनहट थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर की रहने वाली ऊषा तिवारी (40) नाम की महिला ने बीती रात घरेलू विवाद के चलते कीटनाशक पी लिया था।इसके बाद उसे परिजनों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था।यहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। मौत के बाद महिला को पोस्टमार्टम हॉउस में रखवा दिया था। देर रात पीएम हॉउस का चैनल बंद कर दिया गया था।लोहे के चैनल का कुछ हिस्सा खुला था, इसी के रास्ते से कुत्तों ने प्रवेश किया।कुत्तों ने मृत महिला के मुंह को नोच कर खा लिया।खून से लथपथ महिला के शव को कुत्तों ने खूब घसीटा।कुत्तों के खून से सने पैरों के निशान फर्श पर देख वहां परिजनों के होश उड़ गए।
बता दे अभी पिछले दिनों डॉक्टरों की लापरवाही ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना से पूरे देश में यूपी को शर्मसार किया था।इसके कुछ दिन बाद ही लोहिया अस्पताल में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को शर्मासर कर दिया है।महिला के शव को कुत्तों ने नोच नोंच कर खाया।इसमें अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों तथा अस्पताल के कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आ रही है।डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिल के डायरेक्टर का बयान…..
डॉ देवेंद्र सिंह नेगी है हास्पिटल के डायरेक्टर…..
हास्पिटल ने 3 लोगों को लापरवाही के लिए दोषी माना सुक्योरिटी गार्ड, वार्ड ब्याय, सुपरवाइजर
सविदा पर तैनात थे तीनो कर्मचारी समाचार लिखे जाने तक अस्पताल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तीनों को हटा दिया है
लोहिया अस्पताल(लखनऊ) में महिला की लाश को नोचते रहे कुत्ते
राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां पड़े एक महिला के शव को कुत्ते नोच रहे थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। तीमारदारों ने जब ये नजारा देखा तो उनके होश उड़ गए। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और आगे की कार्रवाई की।
पुलिस के मुताबिक, चिनहट थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर की रहने वाली ऊषा तिवारी (40) नाम की महिला ने बीती रात घरेलू विवाद के चलते कीटनाशक पी लिया था।इसके बाद उसे परिजनों ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था।यहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। मौत के बाद महिला को पोस्टमार्टम हॉउस में रखवा दिया था। देर रात पीएम हॉउस का चैनल बंद कर दिया गया था।लोहे के चैनल का कुछ हिस्सा खुला था, इसी के रास्ते से कुत्तों ने प्रवेश किया।कुत्तों ने मृत महिला के मुंह को नोच कर खा लिया।खून से लथपथ महिला के शव को कुत्तों ने खूब घसीटा।कुत्तों के खून से सने पैरों के निशान फर्श पर देख वहां परिजनों के होश उड़ गए।
बता दे अभी पिछले दिनों डॉक्टरों की लापरवाही ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना से पूरे देश में यूपी को शर्मसार किया था।इसके कुछ दिन बाद ही लोहिया अस्पताल में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को शर्मासर कर दिया है।महिला के शव को कुत्तों ने नोच नोंच कर खाया।इसमें अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों तथा अस्पताल के कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आ रही है।डॉ राम मनोहर लोहिया हॉस्पिल के डायरेक्टर का बयान…..
डॉ देवेंद्र सिंह नेगी है हास्पिटल के डायरेक्टर…..
हास्पिटल ने 3 लोगों को लापरवाही के लिए दोषी माना सुक्योरिटी गार्ड, वार्ड ब्याय, सुपरवाइजर
सविदा पर तैनात थे तीनो कर्मचारी समाचार लिखे जाने तक अस्पताल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तीनों को हटा दिया है