आज बाल दिवस के मौके पर समाजसेवी संस्था ओम जन सेवा संस्थान के द्वारा गरीब बस्ती में रहने वाले बच्चों के लिए सर्दी से बचने के लिए कपड़े जूते चप्पल जैकेटऔर स्वेटर बांटे गए दरअसल कानपुर के सिद्धनाथ घाट के किनारे रहने वाले ऐसे बच्चे बस्ती में रहते हैं और समाज सेवी संस्था के द्वारा अक्सर कभी चिप्स बिस्किट लंच पैकेट बच्चों के खाने की चीज बाटती रहती है गर्म कपड़े पाकर बच्चे बहुत खुश हुए ओम जन सेवा संस्थान लगातार 4 सालों से काम कर रही है और गरीब परिवार को जो मदद हो सके वह संस्था द्वारा की जाती है इस कार्यक्रम में ओम जन सेवा संस्थान की संस्थापक/ अध्यक्ष शिव देवी अग्रहरि (सीमा), लक्ष्मी गुप्ता अर्पणा ,धर्मेंद्र गुप्ता, सचिन आदि लोग मौजूद रहे
मुख्यमंत्री आदित्याथ की गरिमामयी उपस्थिति में शुरू हुआ कानपुर मेट्रो का ट्रायल
दो साल से भी कम समय मेंट्रायल कर कानपुर मेट्रो ने रचा इतिहास
कानपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर-कमलों से आज कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन
(आईआईटी-मोतीझील) पर ट्रायल्स की औपचारिक शुरुआत हुई । मा. मुख्यमंत्री नेबटन दबाकर, कानपुर मेट्रो
डिपो सेट्रेन को रवाना किया । सर्वप्रथम, मा. मुख्यमंत्री नेमेट्रो डिपो (निकट गुरुदेव चौराहा) में खड़ी मेट्रो ट्रेन के अंदर भ्रमण किया, जिस दौरान यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री कु मार केशव ने उन्हें ट्रेन से जुड़ी तकनीकजानकारियों एवं यात्री सुविधाओ ंके संबंध में विस्तार से जानकारी दी। ट्रेन का भ्रमण करनेके पश्चात मा. मुख्यमंत्री
ने मंच से बटन दबाकर, मेट्रो ट्रेन के ट्रायल की औपचारिक शुरुआत की और ट्रेन को डिपो से रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री ने कानपुर मेट्रो डिपो के अंदर ट्रेन परिचालन के नियंत्रण हेतु बनाए गए ऑपरेशन्स कन्ट्रोल सेंटर
(ओसीसी) का भी जायज़ा लिया।
इस अवसर पर, सतीश महाना, मंत्री, औद्योगिक विकास, उत्तर प्रदेश; नीलिमा कटियार, मा.राज्यमंत्री, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; सत्येदव पचौरी, मा. सांसद, कानपुर तथा दुर्गाशंकर मिश्रा, सचिव, आवास और शहरी कार्यमंत्रालय, भारत सरकार समेत अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
आज ट्रायल के पहलेदिन 60 किमी./घंटा की अधिकतम गतिसीमा के साथ गीता नगर मेट्रो स्टेशन के पास बने
क्रॉसओवर और आईआईटी मेट्रो स्टेशन के बीच ट्रायल किया गया। सुबह लगभग 11 बजे सेशुरू हुआ ट्रायल शाम
4 बजेतक जारी रहा ।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की शुरुआत मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्याथ जी के कर-कमलों से
15 नवंबर, 2019 को हुई थी। दो साल सेभी कम समय में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन पर
ट्रायल शुरू कर, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) ने इतिहास रच दिया है। पूर्वमें, यूपीएमआरसी
नेलखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन को 2 साल, 2 महीनेमेंपूरा कर, उसपर ट्रायल्स शुरू किए थे,
जो उस समय सब से तेज़ था।
मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “औद्योगिक शहर कानपुर, आबादी के लिहाज़ सेही नहीं, विश्वस्तरीय
परिवहन सेवा के लिहाज़ सेभी सही मायनों मेंमेट्रो सिटी बनने जा रहा हैऔर इसके लिए मैं शहरवासियों और
यूपीएमआरसी की टीम को अग्रिम बधाई देता हूँ। हमें निरंतर केंद्र सरकार का भी सहयोग मिलता रहा और फलस्वरूप
हम दो साल से भी कम समय मेंयह उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे। कोविड की दो लहरों के बावजूद निर्धारित
समय-सीमा से पहले प्राथमिक सेक्शन पर ट्रायल शुरू करनेके लिए यूपीएमआरसी की सराहना करता हूँ। जल्द ही,
इस परियोजना के माध्यम सेविश्वस्तरीय मेट्रो सुविधाएँजनता को उपलब्ध कराई जाएँ गी।”
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद, पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री कु मार के शव ने
कहा, “आज से हमारे ट्रायल औपचारिक रूप सेशुरू हो गए हैं। हमारी पूरी कोशिश हैकि आने वाले लगभग 1.5
महीने में हम प्राथमिक सेक्शन पर मेट्रो की यात्री सेवाओ ंकी शुरुआत करनेकी स्थिति तक पहुँचे।मेट्रो स्टेशनों की
फ़िनिशिंग का काम तेज़ी के साथ पूरा हो रहा हैऔर उक्त अवधि मेंप्राथमिक सेक्शन के सभी स्टेशन पूरी तरह से
तैयार होंगे।”
एक प्रमाणित जीएसटी प्रैक्टिशनर के रूप में अपना करियर बनाएं, बहुत ब्राइट है फ्यूचर -फैज़ुल नबी
कानपुर । हम में से हर एक व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है | परन्तु कामयाबी की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती , पर अपने जीवन में तय किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति ही सफ़लता कहलाती है | ज़्यादातर लोगो की यह समस्या होती है कि सफल होने के लिए कौन सा मार्ग अपनाया जाये | क्या कोई अच्छी सी नौकरी करके कामयाब बना जाये या फिर कोई व्यापार किया जाये | ये अक्सर देखा जाता हैं कि अगर एक रास्ते पर चलकर कोई व्यक्ति सफ़ल हुआ है तो दूसरा भी उस रास्ते पर चलकर सफ़ल ही होगा | ऐसे हजारों उदाहरण हमारे सामने हैं जहाँ पर लोगों ने अलग – अलग क्षेत्रों में सफ़लता मिली है | आपको यह भी बता दें कि लक्ष्य भी उसी को प्राप्त होता है जो उसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहता है तथा उसके प्रति त्याग दिखाता है । बहुत से छात्र-छात्राएं दसवीं की पढ़ाई के बाद से कॉमर्स की पढ़ाई की तरफ रुख कर लेते हैं। ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें मैथ्स या फिर साइंस से डर लगता है।वास्तव में यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिये | यदि हम ऐसा कर लेते हैं, तभी सही मायने में हम सफ़ल हो पायेंगे | जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स के लागू होने बाद रोजगार के मौकों पर भी इसका असर है। जीएसटी ने जॉब के मौके बढ़ाए हैं । नए परिदृश्य में टैक्स और टेक्नॉलजी से जुड़े प्रफेशनल्स की मांग में इजाफा देखा जा रहा है और जीएसटी प्रैक्टिशनर के लिए खूब मौके दिखयी दे रहे हैं ।चूंकि आज के समय में जीएसटी प्रैक्टिशनर एक बेहद डिमांडिंग फील्ड बन चुका है । हमारे देश में निजी कंपनियों के विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लगातार आगमन से जीएसटी प्रैक्टिशनर ,सीए, आइ सी डब्ल्यू ए, सी एस, कंप्यूटर एकाउंटेंसी के जानकारों की लगातार डिमांड बढ़ रही है । अगर आप भी जीएसटी प्रैक्टिशनर बनने में रुचि रखते हैं तो सबसे पहले आपको जान लेना चाहिए कि जीएसटी प्रैक्टिशनर के क्षेत्र में जाने के लिए आपको किस तरह की जानकारी और कहां तक की शिक्षा आवश्यक है । यदि आप कॉमर्स विषय से हैं तो यह आपको आगे काफी सहायता कर सकता है। इसके अलावा ऑडिटिंग, कॉमर्शियल लॉ, अकाउंटेंसी के साथ-साथ कॉमर्स विषय से ग्रेजुएशन पूरा करने वाले छात्र भी इसे कर सकते हैं। जीएसटी प्रैक्टिशनर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वह व्यक्ति होता हैं जिसको करदाता अपने जीएसटी सम्बंधित कार्य करने की अनुमति देता हैं | अब प्रश्न ये उठता है कि कौन व्यक्ति जीएसटी प्रैक्टिशनर हो सकता है तो अब हम आप को बता रहे है कि जीएसटी प्रैक्टिशनर बनने के लिए क्या योग्यताएं आवश्यक हैं सबसे पहले वह भारत का नागरिक हो | उसका मानसिक संतुलन सही हो | वह दिवालिया ना हो और न्यायालय द्वारा किसी भी ऐसे अपराध में दोषी न पाया जाना जिसमें कम से कम दो वर्ष की सज़ा हो तथा कॉमर्स, लॉ, बैंकिंग, ऑडिटिंग, बिज़नेस मैनेजमेंट आदि में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट हो | जीएसटी प्रैक्टिशनर और अनुभवी टैक्स कंसल्टेंट फैज़ुल नबी ने बताया कि जी एस टी क़ानून के तहत किसी भी करदाता को विभिन्न प्रकार के कार्य करने होते हैं । जैसे जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करना, जीएसटी के रिटर्न फाइल करना आदि| जीएसटी कानून के अनुसार कोई भी करदाता चाहे तो इस प्रकार के काम जीएसटी प्रैक्टिशनर के द्वारा भी करवा सकता हैं | जीएसटी प्रैक्टिशनर एक टैक्सपेयर की जीएसटी से जुडी अनिवार्यताओं को पूरा करने में मदद करता है। एक टैक्सपेयर अपनी जीएसटी से जुडी कंप्लायंस को पूरा करने के लिए किसी जीएसटी प्रैक्टिशनर की मदद ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति जीएसटी प्रैक्टिशनर बनना चाहता है, तो यह जरुरी है कि वह बेसिक कंडीशन को पूरा करे। जीएसटी प्रैक्टिशनर के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए www.gst.gov.in पर जाना होगा और इसके बाद ऑनलाइन फॉर्म पी सी टी 01 रजिस्ट्रेशन के लिए भरना होगा । जीएसटी प्रैक्टिशनर के लिए रजिस्टर होने के लिए वैलिड मोबाइल नंबर,वैलिड ईमेल आई डी,पेन नंबर ,एड्रेस प्रूफ,आपकी योग्यता के सम्बन्ध में सपोर्टिंग डाक्यूमेंट्स और एक की फोटो की आवश्यकता होगी. संवादाता दानिश खान..
16 डिग्री कॉलेजों को जल्द मिलेंगे नए प्राचार्य
कानपुर । छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के संबद्ध 16 महाविद्यालयों में नए प्रचार्यो के हाथों में कालेज की कमान होगी । शासन की ओर से जल्द ही स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति कर दी जाएगी । जिले के 23 अनुदानित महाविद्यालयों में पिछले कई वर्षों से वरिष्ठता के आधार पर कार्यवाहक प्राचार्य जिम्मेदारी निभा रहे हैं 12 अगस्त को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने प्राचार्य पद पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी थी । डी.बी.एस कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विपिन कौशिक 13 वी रैंक प्राप्त कर अव्वल रहे डीएवी कॉलेज की बीएड विभागाध्यक्ष डॉ0 गीतांजलि मौर्य 26 वीं रैंक के साथ महिला कोटेदारी में अव्वल है जबकी जुहारी देवी डिग्री पीजी कॉलेज की डॉ सुरभि मिश्रा महिला कोटेदरी में चौथे स्थान पर रही । वी.एन.डी कॉलेज के डॉ बीके कटिहार, डॉ अरविंद पांडे, डॉ महेश सिंह, डॉ अनोखेलाल पाठक, डॉ एसी पांडे डीएवी कॉलेज के डॉ अमर श्रीवास्तव, डॉ सपना वर्मा, डॉ हेमंत वर्मा, डॉ अनूप सिंह व डॉ अनिल मिश्रा का चयन हुआ डीबीएस कॉलेज की डॉ प्रीति राठौर ज्वाला देवी कॉलेज की डॉक्टर पूनम विज वीएसएसडी कॉलेज के डॉ आनंद शुक्ला, डॉ, अरुण दीक्षित का चयन हुआ इसी माह के अन्त तक इन सभी को कॉलेज अलॉट कर दिया जाएगा।
दहेज़ प्रथा समाज के लिए कोरोना वायरस से भी ख़तरनाक-शहर क़ाज़ी कानपुर
कानपुर । शरई दारूल कज़ा रजबी रोड़ कानपुर में शहर क़ाज़ी कानपुर हज़रत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही की अध्यक्षता में उल्मा ए किराम ने समाज में बढ़ता दहेज़ चलन शादियों में बैंड बाजा नाच गाना आदि फुजूल खर्ची एवं समाज को शर्मसार करने वाली बुराईयों की रोकथाम कैसे हो पर विचार विमर्श करते हुए कहा कि
मुसलमानों में दहेज का बढ़ता चलन इस कदर नासूर बनता जा रहा है कि आज बेटे के लिए दुल्हन तलाशने वाले मुस्लिम वाल्देन लड़की के गुणों से ज़्यादा दहेज को प्राथमिकता दे रहे हैं । जबकि ‘इस्लाम’ में दहेज प्रथा नाम की कोई चीज़ ही नहीं है । जिस तरह से आज दहेज़ लिया और दिया जा रहा है वह कतई तौर पर इस्लाम में हराम है । अफसोस आज मुस्लिम समाज में ऐसी हज़ारों लड़कियां मिल जाएगी । जिनकी खुशियां दहेज रूपी लालच निग़ल चुकी है । शहर क़ाज़ी कानपुर हज़रत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही ने मुस्लिम समाज में बढ़ती दहेज की कुप्रथा पर चिंता ज़ाहिर करते हुए इसे रोकने हेतु मुहिम शुरू करने का फ़ैसला किया । उन्होंने कहा कि दहेज़ प्रथा शादियों पर बैंड बाजा गोला तमाशा यह इस्लामी तरीका नहीं है इसे करने वाले शरीयत का मज़ाक उड़ा रहें हैं इस पर मुहिम चलाकर समाज को जागरूक किया जाएगा । निकाह सिर्फ़ मस्जिदों में ही हो ताकि फिजूलखर्ची रोकी जा सके इसकी भी कोशिश की जाएगी साथ ही लड़के वाले अपनी हैसियत के हिसाब से वलीमें करें । साथ ही इस बात का भी ख़्याल रखा जाए कि लड़की वालों पर ख़र्च का ज़्यादा बोझ न पड़े, जिससे ग़रीब परिवारों की लड़कियों की शादी आसानी से हो सके । इस्लाह-ए-मुआशिरा (समाज सुधार) की यह मुहिम शहर के उल्मा व अइम्मा को साथ लेकर चलाई जाएगी जरूरत पड़ने पर मैं खुद हर मस्जिद में सिलसिले वार पहुंचकर इन बुराईयों के खिलाफ तकरीर करूंगा सोशल मीडिया पोस्टर बैनर तथा जगह जगह कैंप लगाकर भी लोगों को जागरूक करेंगें ।
कुल हिंद जमीअतुल आवाम के महामंत्री महबूब आलम खान ने कहा कि अगर यह समाजिक बुराईयां दूर हो जाए और फिजूलखर्ची रूक जाए तो मुसलमान भी तरक्की और खुशहाली की राह पकड़ सकता है और हर गरीब के बेटी के घर बसाने का सपना साकार हो सकता है ताकि कि दहेज की वजह से आयशा जैसी दूसरी बेटियां आत्महत्या करने पर मजबूर ना हो ।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रफी अहमद किदवई की 127 वी जयंती पर गोष्ठी का आयोजन
कानपुर । संयुक्त विपक्षी मोर्चा के तत्वाधान में महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रफी अहमद किदवई की 127वीं जयन्ती पर जन्मदिन के पूर्व संध्या पर विचार गौष्ठी एवं परिचर्चा एस०एस०पी कार्यालय के बगल में आयोजित हुई । जिसमें वक्ताओं ने बताया कि रफी अहमद किदवई का जन्म 18 फरवरी,1894 में जिला बाराबंकी के मसौली गाँव में हुआ था । प्रारम्भिक शिक्षा के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में प्रवेश लिया और वहीं से बी0ए0 आनर्स व एल0एल0बी0 की डिग्री हासिल की । छात्र जीवन के दौरान उन्होंने 1920 में खिलाफत आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । महात्मा गांधी के असहयोग आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और दर्जनों बार अंग्रेजों के खिलाफ आन्दोलन करते हुए जेल गये । मुख्य अतिथि के रूप में चर्चा करते हुए सोशलिस्ट फाउण्डेशन के राष्ट्रीय संयोजक एवं राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव ओंकार सिंह ने कहा कि रफी अहमद किदवई जी पं0 मोती लाल नेहरू के सहायक के रूप में कार्य किया । उत्तर प्रदेश में मन्त्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला और उत्तर प्रदेश में जमींदारी प्रथा को समाप्त कराने में अहम भूमिका निभाई । मोहम्मद उस्मान ने राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष ने कहा कि 1952 में बहराइच लोकसभा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद केन्द्र में खाद्य एवं कृषि मन्त्री बनाये गये । कालाबाजारी एवं जमाखोरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाये और जनता को कालाबाजारी व जमाखोरी से मुक्ति दिलाई । सादा जीवन उच्च विचार के पालन करने वाले लोगों में थे और गरीब को न्याय दिलाने के सदैव पक्षधर रहे । हम सबको संकल्प लेना चाहिये कि रफी अहमद किदवई के विचारों पर चलकर आपसी सद्भाव गरीबों को इंसाफ एवं अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना चाहिये, यहीं उनके प्रति समर्पण होगा । 24 अक्टूबर 1954 को उन्होंने इस संसार को अलविदा कहा ।
गोष्ठी की अध्यक्षता मोहम्मद उस्मान ने की एवं संचालन प्रदीप यादव ने किया । गोष्ठी में मुख्य रूप से मो0 सुलेमान अध्यक्ष इण्डियन नेशनल लीग, कुलदीप सक्सेना अध्यक्ष स्वराज इण्डिया, शाकिर अली उस्मानी अध्यक्ष आदर्श लोकदल, आशीष चौबे अध्यक्ष प्रगतिशील समाजवादी पार्टी, मोहम्मद इरफान अध्यक्ष मुस्लिम लीग, हामिद हुसैन अध्यक्ष जनता दल सेक्युलर, रामराज भारती अध्यक्ष आम जनता पार्टी, इस्लाम खाँ आजाद अध्यक्ष मुस्लिम इत्तेहाद महासंघ, राकेश मिश्रा, मनोज वाल्मीकि, लखन सिंह, मोहम्मद मुर्तजा आर०के0सिंह, के0सी0 शर्मा, भा. अरहे गया आदि लोग प्रमुख थे ।
भारत आजाद मंच ने चंद्रशेखर आजाद को भारत रत्न दिए जाने की मांग
कानपुर । भारतीय आजाद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर मिश्रा के नेतृत्व में जिला मुख्यालय कानपुर में जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन देकर भारतीय आजाद मंच के पदाधिकारियों ने शहीद चंद्रशेखर आजाद को भारत रत्न देने के लिए ज्ञापन दिया । मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि जब देश गुलाम था तब आजाद जी ने देश को गुलामी की जंजीरों से छुटकारा दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए आज हम सभी देशवासियों का फर्ज है कि उनको भारत रत्न दिलाने में सहयोग करें । मंच के प्रदेश प्रभारी विकास त्रिपाठी ने कहा कि हम जल्द ही एक क्रांतिकारी नमन यात्रा निकालकर लोगों को जागरुक करने का कार्य करेंगे जो देश की सबसे बड़ी क्रांतिकारी नमन यात्रा होगी अभी तक 20 से अधिक जिलों में राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जा चुका है आगे भी राष्ट्रपति को ज्ञापन देने की मुहिम जारी रहेगी । भारतीय आजाद मंच के राष्ट्रीय सचिव राहुल द्विवेदी ने बताया कि 25 फरवरी से बदरका आजाद जी की (जन्मस्थली )से शहीद नमन यात्रा की शुरुआत होगी इस मौके पर सुधीर मिश्रा राहुल त्रिवेदी विकास त्रिपाठी सुरेश साहू आदित्य साहू गौरव यादव सुभाष मिश्रा शिवप्रताप परिहार अमरदीप भदौरिया रितिक साहू रवि शुक्ला शुभम त्रिपाठी अर्जुन भट्ट आदि लोग मौजूद रहे ।
तिरंगे की शान घटा कर,भोलू भय्या खड़े हैं सीना तान कर
कानपुर । कल 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस पूरे भारत वर्ष में भारत वासियों ने धूम धाम से बनाया । जिस के तहत हर जगह राष्ट्रीय ध्वज हवा में लहराता दिखा । नवजवानों ने भी मनाही के बावजूद तिरंगा रैली निकाल कर देश और झंडे के प्रति अपना प्रेम जाहिर किया । इस तिरंगे की शान के लिए हर देश प्रेमी अपनी जान देने व लेने के लिए तैयार है । परन्तु देश के दुश्मन के बजाय अपने ही इस तिरंगे की शान से खिलवाड़ करें तो ऐसे लोगो पर विधि कार्यवाही ज़रूरी है ताकि धोखे से भी भविष्य में ऐसी गलती कोई न दोहरा पाए । देश की शान तिरंगा का ऐसा ही मामला एक प्रकाश में आया है । जिस में 110 के पार्षद पति अपने मुलसलीन खान भोलू केसरी पहलवान की जीप पर अपने साथियों के साथ खड़े हैं ।
जीप के आगे राष्ट्रीय ध्वज उल्टा लगा है ये लोग फ़ोटो इतनी शान से खिंचवा रहे हैं और राष्ट्रीय ध्वज की शान कम कर रहे हैं जब इस सम्बंध में पार्षद पति से फ़ोन पर वार्ता की तो उन्होंने इस बात को बड़े ही हल्के अंदाज़ में लेते हुए बताया कि जीप खड़ी थी और हम लोग फ़ोटो खिंचवाने खड़े हो गए । किसी बच्चे ने झंडा लगा दिया होगा । पीछे और लोग झंडा लिए खड़े हैं वो ठीक हैं । अरे नेता जी आप की बात मान भी लें तो आप का क्या फ़र्ज़ बनता है । उस बच्चे की गलती को सुधारें और उस को समझाए ताकि भविष्य में ये बच्चे ऐसी गलती न करें । लेकिन नेता जी की फ़ोटो की चमक के आगे देश की शान फीकी होती हो तो हो । इतना ही नही बच्चे की गलती को आगे बढ़ाते हुए नेता जी के शागिर्द सय्यद शादाब अली ने ये फोटो अपने फेसबुक एकाउंट पर भी पोस्ट कर दिया ।
नेता जी का संदेश जन जन तक पहुचाने के लिए ‘राष्ट्र के लिए दौड़’ हुई आयोजित
कानपुर । सुभाष जयंती पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शो को बच्चों एवं जन जन तक ले जाने के उद्देश्य से सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के तत्वाधान में प्रैग्मा पब्लिक स्कूल नमक फैक्ट्री चैराहा यशोदा नगर कानपुर के 100 से अधिक स्कूली बच्चों ने नेताजी के चित्रों,राष्ट्रीय ध्वज अपने हाथों में लेकर और अपनी बुलंद आवाज के साथ ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’,‘जय हिन्द, जय भारत’, त्याग तपस्या और बलिदान की गुहार लगाई और लोगों से उनके आदर्शो एवं सिद्धांतों को अपनाने पर बल दिया ।
कार्यक्रम का आरम्भ प्रैग्मा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक रो0 सतीश चन्द्र गुप्ता ने हरी झण्डी दिखाकर “राष्ट्र के लिए दौड़” का उद्घाटन किया । साथ ही उन्होंने उपस्थित बच्चों एवं जनसमुदाय से आहवान किया कि वह नेता जी के आदर्शो व उनके सिद्धान्तों को अपनाए जिससे समाज और राष्ट्र को एक नई दिशा प्राप्त हो ।
यह रैली प्रैग्मा पब्लिक स्कूल नमक फैक्ट्री चौराहा यशोदा नगर कानपुर से देवकी नगर चैराहा होते हुए गुप्ता चैराहा होते हुए वापस प्रैग्मा पब्लिक स्कूल नमक फैक्ट्री चैराहा यशोदा नगर कानपुर में समाप्त हुई । कार्यक्रम में सैकडो स्कूली बच्चों ने भाग लिया और लोगों को नेता जी का संदेश दिया ।
रैली की समाप्ति पर बच्चों को नाश्ता, बिस्कुट, चाकलेट वितरित करने के साथ बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया तथा इस अवसर पर राष्ट्र के लिए दौड का नेतृत्व कर रहे लोगा कोें सम्मान पटिका पहनाकर उनका अभिनन्दन किया गया ।
इस कार्यक्रम के अवसर पर सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के अध्यक्ष व चाइल्डलाइन कानपुर के निदेशक कमल कान्त तिवारी ने नेता जी के सिद्धांतों और आदर्शंो के बारे बताया। साथ ही यह भी अपील की जिस तरह नेता जी का व्यक्तिव था, उसी तरह हमें भी उनके आदर्शो को अपनाकर समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को निभाने का प्रयत्न करना चाहिए ।
कार्य्रकम के अंत में चाइल्डलाइन कानुपर द्वारा लकी कूपन के माध्यम से लकी कूपन निकालकर विजेता बच्चों को पुरूस्कृत भी किया गया ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य अतिथि रोटरी क्लब कानपुर त्रिमूति के अध्यक्ष सतीश चन्द्र गुप्ता, संस्था के अध्यक्ष व चाइल्डलाइन कानपुर के निदेशक कमल कान्त तिवारी, प्रैग्मा पब्लिल स्कूल की प्रधानाचार्या प्रियंका वाजपेयी, अध्यापक- अध्यापिकाओं में दुर्गेश गुप्ता,धनंजय गुप्ता,रचना शुक्ला,दीप्ती गुप्ता,अरूणा गुप्ता,शशी बाल गुप्ता,आकाश राजपूत जे0 एन0 भरद्ववाज,मोहित द्विवेदी,आर0बी0मिश्रा, समन्वयक प्रतीक धवन,रेलवे चाइल्डलाइन कानपुर के समन्वयक गौरव सचान,अंजु वर्मा,सोनाली धुसिया,शांतनु द्विवेदी,आलोक चन्द्र वाजपेयी,ज्योति अगिन्होत्री आदि प्रमुख लोगो ने राष्ट्र के लिए दौड़ में हिस्सा लिया ।
न कोइ लावारिस पैदा हुआ हैं और न कोइ लावारिस मरेगा-धनीराम पैंथर
चादर दें,पन्नी दें,बांस दें अगर ये न दें सकें तो आकर लावारिस शवों क़ो कन्धा दें
शावेज़ आलम✍✍✍
कानपुर । समाज कल्याण सेवा सीमिति के तत्वाधान मे कानपुर नगर मे चलाए ज़ा रहें अभियान न कोइ लावारिस पैदा हुआ हैं और न कोइ लावारिस मरेगा इस मुहिम के आगाज़ के तहत 15मार्च 2009 सें कानपुर नगर मे लावारिस शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार कराया जा रहा हैं ।
सिमिति के द्वारा अभी तक लगभग 9800 सौ लावारिस शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार कराया ज़ा चुका हैं । आज़ दिनांक 06/01/2021 क़ो प्रतिवर्ष की भाँति ईसाई समुदाय द्वारा कन्धा दान का कार्यक्रम आयोजित हुआ । जिसमें शहर के अनेकों गणमान्य लोगो ने शिरकत की सर्वप्रथम मृतक शरीर की आत्म शान्ति के लिए प्रभु इशू सें प्रार्थना की गयीं तदोपरांत फ़ूल मालाओ सें लदी शव यात्रा का मौजूदा महिलाओं व पुरुषो द्वारा फूलो की वर्षा करते हुए दिवंगत क़ो श्रधांजलि दी गयीं । शव यात्रा का मार्ग फूलो सें पट गया यह नज़ारा देख राहगीरों ने भी रुककर जानकारीं ली व इस मानवतापूर्ण कार्य की सराहना की ।
सिमिति के महासचिव धनीराम पैंथर ने कहा दुनिया मे जन्म लेने वालो के माता पिता, भाई बहन व नाते रिश्तेदार होते हैं किन्तु दुर्घटना आदि कारणो सें अज्ञात स्थल पर मृत्यु हो जाने के कारण तथा अपनी पहचान मिटने की वज़ह सें वह लावारिस हो जाता हैं और उनके शवों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव हुआ करता था । शवों क़ो नदी मे कुत्ते, कउवे व जंगली जानवर नोंच नोंच के खाते थे । यह देख कर दिल सहम जाता था तब मन मे मानवता की सेवा का प्रण लिया और एक नज़ीर पेश की सभी लावारिस शवों का परिवार की भांति उनके धर्मानुसार अन्तिम संस्कार कराया ज़ा रहा हैं ।जिससे कानपुर नगर मे एक भी लावारिस शव गंगा नदी मे नहीं बहाया गया ।
कन्धादान कार्यक्रम मे पूर्ण रूप सें पूर्व विधायक सतीश निगम, पास्टर जितेन्द्र सिंह,पास्टर सैमुअल सिंह, पास्टर पप्पू यादव आदि सैकड़ो लोग उपस्तिथ रहें ।
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