बॉडी पर 577 शहीदों के नाम गुदवाकर यह इंटीरियर डिजाइनर बन गया चलता-फिरता शहीद स्मारक पढ़े
जोधपुर। पेशे से इंटीरियर डिजाइनर अभिषेक गौतम ने शरीर पर बेटे के नाम का टैटू गुदवाया। 30 वर्षीय गौतम को एक दिन महसूस हुआ कि जवान मातृभूमि से इतना प्यार करते हैं कि इसके लिए जान न्यौछावर करने में भी पीछे नहीं रहते। यह सोचकर गौतम ने देश की रक्षा के लिए जान देने वाले शहीदों के नाम के टैटू बनवाने की ठानी। गौतम ने 8 दिन तक रोजाना 6 घंटे बैठकर अपनी पीठ पर कारगिल के 577 शहीदों के नाम गुदवाए। इस दौरान उन्हें काफी दर्द भी हुआ, यहां तक की बुखार भी आ गया। इसके बावजूद उन्होंने शहीदों के साथ ही कई महापुरुषों के नाम, चित्र, इंडिया गेट एवं शहीद स्मारक भी अपने शरीर पर गुदवाए।
खुद चलते-फिरते शहीद स्मारक बन गए
मूलतया मेरठ के हापुड़ निवासी अभिषेक गौतम खुद चलते-फिरते शहीद स्मारक बन गए। गौतम का शहीदों के प्रति लगाव और जुनून यहीं खत्म नहीं हुआ। इसके बाद वे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के और शहीदों के परिवारों से मिलने निकल गए। इसके लिए वे अपनी बाइक पर ही सैकड़ों किमी की यात्रा कर देश के कोने-कोने में पहुंचे और वहां शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसी सिलसिले में गौतम सालवा व बुड़किया गांव पहुंचे। यहां उन्होंने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की।
स्टूडेंट्स को टैटू दिखाए, कहा- देश के लिए तत्पर रहें
गौतम गुरुवार को डांगियावास स्थित केएमएमपी स्कूल पहुंचे। वहां बच्चों को अपने टैटू दिखाए। साथ ही स्टूडेंट्स को देशप्रेम की भावना के प्रति जागरूक करते हुए कई शहीदों की कहानियां भी सुनाई। बनाड़ गांव में अमर शहीद सेवा समिति की ओर से अभिषेक गौतम को सम्मानित भी किया गया।