अकबर अली
कानपुर । आज 22 सितंबर दिन शनिवार को अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कानपुर शहर के जिम्मेदारों ने वोटर बेदारी रैली निकालकर लोगों को संदेश दिया कि वोटर बना हर भारती का हक है और उसी जिम्मेदारी को निभाते हुए हम सब को चाहिए कि अपने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर देखें की आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी कि नहीं ज्ञात हो कि चुनाव आयोग ने चुनाव से पूर्व 1 सितंबर 2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक प्रोग्राम चला रखा है जिसके तहत पोलिंग स्टेशनों पर बीएलओ बैठ रहे हैं आप सभी लोगों से गुजारिश है कि आप अपना और अपने घर वालों का उन वोटर लिस्ट में नाम देखें नाम ना होने पर अपना और अपने रिश्तेदारों का अपने घर वालों का नाम आवश्यक दर्ज करा ले जिससे आने वाले चुनाव में आप भी वोट देने के हकदार बन सकें।
रैली में मौजूद काजी- ए -शहर कानपुर मौलाना मोहम्मद आलम रज़ा खान नूरी ने अपने संबोधन में कहा कि वोट देना और अपने वोट का सही इस्तेमाल करना हर भारतीय का हक है जब कोई शख्स वोटर बनता है तो वे अपने आने वाले भविष्य को लेकर भी सोचता है कि वो वोट देकर हिंदुस्तान की जम्हूरियत को मजबूत करें और अपने मुल्क हिंदुस्तान की तरक्की में अहम रोल अदा कर सके इसी के तहत आज हम सभी शहर के जिम्मेदारों ने वोटर बेदारी रैली निकालकर लोगों को यह संदेश दिया है कि अपने वोट की ताकत को समझे और जो बच्चे 18 साल के हो चुके हो वह अपना नाम पोलिंग स्टेशन पहुंचकर दर्ज कराएं हां यह भी ख्याल रखा जाए कि जो लोग इस दुनिया ए फानी से रुखसत हो चुके हो उनका नाम वोटर लिस्ट से कटवा दें।
इसी क्रम में शहर काजी हाफिज अब्दुल कुददूस हादी ने कहा कि वोटर बेदारी रैली का मकसद ज्यादा से ज्यादा नौजवान वोटरों को आगे लाना है , जिससे मुल्क हिंदुस्तान में नौजवान वोटर अपने देश का मुस्तकबिल संवार सकें और भारत को मजबूत लोकतांत्रिक देश की पहचान दुनिया में कायम रह सके ।
इस कार्यक्रम में मौजूद मोहम्मद सुलेमान साहब ने कहा कि हमारे ऊपर तरह-तरह की परेशानियां मुखालिफ ताकतों द्वारा डाली जा रही है और एक सोची-समझी साजिश के तहत वोटर लिस्ट से नाम गायब किए जा रहे हैं हम लोगों को होश में रहने की जरूरत है। नहीं तो हम अपनी तबाही के खुद ही जिम्मेदार होंगे आए दिन नई नई साजिशों के तहत हमको इस जम्हूरि मुल्क हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था से दूर रखने की साजिश रची जा रही है लेकिन हम अब तक सो रहे हैं। होश में आइए और अपने वोट की ताकत को समझिए और अपना नाम वोटर लिस्ट में जरूर देख लीजिए कहीं ऐसा ना हो जब आप अपना वोट डालने जाएं तो वोटर लिस्ट में आपका नाम ना होने के कारण आपको वोट डालने से महरूम होना पड़े ।।
यह रैली हलीम कॉलेज चौराहे से होते हुए रूपम गरीब नवाज चौराहा, तलाक महल ,मोहम्मदी मस्जिद, यतीम खाना, परेड ,नई सड़क, पेच बाग ,दादा मियां चौराहा होते हुए शहर भर में भ्रमण करती रही और लोगों को जागरूक किया जाता रहा।
रैली में मुख्य रूप से काजी ए शहर कानपुर मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी, शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी, मोहम्मद सुलेमान,जुबैर अहमद फारुकी(सम्पादक ) ,इफ्तिखार गुफरान अहमद ,चांद , हुसैन, महबूब आलम खान, इशतियाक , निजामी साहब, अब्दुल रज्जाक मंसूरी , मोहम्मद शफी ,बाबू भाई ,मोहम्मद फरीद समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे और इस रैली के साथ हो रहे वोटर जागरूकता अभियान को कामयाब बनाया।।
बासमण्डी में मनाया गया इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारुके आजम रजि० का जलसा
आज़म/शाह
पहले मोहर्रम को इस्लाम के दूसरे खलीफा की शहादत हुई
अदलों इंसाफ के पैकर थे हजरत उमर फारूके आज़म
कानपुर : अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना फारूक आजम रजि० के बारे में पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्ला. इरशाद फरमाते हैं कि अगर मेरे बाद कोई नबी होता तो वह उमर होते, आप इस्लाम के दूसरे खलीफा भी थे, पैग़ंबरे इस्लाम इरशाद फरमाते हैं कि मैं बिला शुबह निगाहें नबूवत से देख रहा हूं कि जिन के शैतान और इन्सान के शैतान भी मेरे उमर के खौफ (डर) से भागते हैं हजरत आयशा से रिवायत है की पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्ल इरशाद फरमाते हैं की आसमानों के सितारों के बराबर हमारे उमर की नेकियां है उक्त विचार ऑल इंडिया गरीब नवाज कैंसिल के तत्वाधान में आयोजित यौमें उमर फारुक ए आजम के जलसे को संबोधित करते हुए कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी ने मदरसा रज्जाक किया मदीनतुल उलूम बांसमंडी में व्यक्त किये।
श्री अशरफी ने कहा कि इस्लाम को इतना फायदा किसी के ईमान लाने से नहीं पहुंचता जितना कि उमर फारुक आजम के ईमान लाने से पहुंचा, अदल इंसफ़ पैकर है हजरत उमर फारुके आजम, हजरत उमर फारुके आजम रजि० तआला अन्हु रोतो को मदीने की गलियों में गश्त लगाकर लोगों की खबर गिरी किया करते थे, एक रोज आपका गुजर एक रास्ते से हुआ तो एक औरत रो-रोकर कह रही थी कि काश हमारा शौहर भी जंग में ना गया होता तो मैं उसके साथ आराम कर रही होती, हजरत उमर फारूके आजम उस औरत के यह जुमले सुनकर फौरन घर वापस आये अपनी अहिल्या (पत्नी) का पहले विसाल हो चुका था तो अपने अपनी बेटी हजरते हफ्सा से पूछा की औरत कितने दिनों तक अपने शौहर के बगैर रह सकती है? इस सवाल को सुनकर हजरते हफ्सा ने सिर् शर्म से झुका लिया और कोई जवाब नहीं दिया, अपने फरमाया कि अल्लाह तआला हक बात में शर्म नहीं करता तो हज़रते हफ्सा ने हाथ के इशारे से बताया की तीन महीना ज्यादा से ज्यादा चार महीना तो हज़रत उमर फारुके आजम ने हुक्त जारी फरमा दिया कि जंग में किसी सिपाही को चार महीने से ज्यादा रोका ना जाये।
श्री अशरफी ने कहा हज़रत उमर फरुके आज़म रज़ि० को दुनिया मे ही पैगम्बरे इस्लाम ने जन्नती हिने की बशारत दे दी थी, उसके बाद भी हज़रत फरुके आज़म रज़ि० तआला अन्हु अल्लहा के डर से इतना रोया करते थे की आप की दोनों आंखों के नीचे आंसूओ के निशान पड़ गये थे और आप जमीन से एक तिनका उठाकर यह कहा करते थे कि काश उमर कोई इंसान न होता एक तिनका होता जो कल बरोज़ कयामत में हिसाब देने से बच जाता। आप ने दस साल छ: माह चार दिन खिलाफत की और एक मोहर्रम 24 हिजरी को 63 साल की उम्र में इस दुनिया से रुखसत हो गए।
इससे पूर्व जलसे की शुरुआत तिलावते कुरान पाक से हाफिज शौकत अली ने की और बारगाहे रिसालत में हाफिज मो.नावेद, मोहम्मद शाहवेज, मो.तलहा, मोहम्म रेहान, हाफिज गुलाम जिलानी ने नात शरीफ का नजराना पेश किया। जलसे की सरपरस्ती हाफिज अब्दुल रहीम बहराइची व संचालन माजूर कानपुरी ने किया। जलसे के संयोजक आल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के कौमी प्रवक्ता मोहम्मद शाह आज़म बरकाती रहे।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से जलसे के संयोजक मो. शाह आज़म बरकाती, अब्दुल रहीम बहराइची ,मौलाना फिरोज़ आलम,हाफिज मो. आशिफ,मो. फहीम,हाफिज मो. दानिश,मो. मेराज,हाफिज मो. आकिब,मो. अनस,हाफिज मो. तनवीर,मो. असद,मो. अबरार,मो. परवेज़, मो. ताहिर,अब्दुल वाहिद,जाबिर अली,हफीज मो. नादिर,मो. हसनैन आदि लोग उपस्थित थे।
अवैध पान की गुमटियां : अराजक तत्व की ऐशगाह
डॉ. एस.के.वर्मा
कानपुर । शहर में इन दिनों अराजक तत्व के हौसले बुलंद हैं क्योंकि की उन का शहर भर में विचरण दिन रात निबराध रूप से हो रहा है । इन अराजक तत्वों के वाहक एक मात्र सारे शहर की सड़कों व राजमार्गों के किनारे अवैध रूप से संचालित पान की दुकान है ।इन पर ध्यान देने की ज़रूरत किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस विभाग ने कतई नही समझी । जब कि सारे शहर में अवैध रुप से संचालित ये पान शॉप और गुमटियां सामान्य नागरिकों के लिए अत्यंत कष्टकारी है । अल सुबह से ले कर देर रात तक खुली रहने वाली इन पान शाप और गुमटियो पर अराजक तत्वों का जमावड़ा लगातार बना रहता है । आये दिन इन पान शॉप गुमटियों पर झगड़ा झुंझुट होता रहता है । पुलिस कार्यवाही भी होती है परन्तु इन की अवैधता पर कोई कार्यवाही नही होती है । सूत्रों की माने तो हर पान शॉप और गुमटियों में सम्बंधित थाने का थाना प्रभारी का मुंह लगा सिपाही सेट है । यही कारण है कि इन पान शॉप और गुमटियों को पुलिस प्रशासन का वरदहस्त प्राप्त है । इसी कारण इन के हौसले बुलन्द हैं । पूरे शहर में कोई भी सड़क हो,सड़क का नुक्कड़ हो या संकरी गली सभी जगह पान की ये अवैध गुमटियां नज़र आजाएगी । इन पान की गुमटियों पर लगातार वाहन खड़े रहते हैं । जिन से जाम तो लगता ही है और निवासीगण को भी आवागमन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है यदि कोई एतराज करता है तो ये गुमटी वाले मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं एवं इस मे इन का साथ वहां रोज दरबार लगाने वाले वही अराजक तत्व देते हैं ।
हैरत की बात है कि पूरे शहर की सड़कों, राजमार्गों और गली नुक्कड़ पर कब्ज़ा किये बैठे इन पाम की गुमटी वालों पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों ,के डी ए एवं नगर निगम के अधिकारी ,कर्मचारी किसी की भी निगाह नही पड़ती एवं पुलिस का क्या कहना । सामान्य नागरिकों पर शेर की मानिंद झपटने वाली हमारी पुलिस के सिपाही,होमगार्ड इन पान की गुमटियों पर कब दृश्य मान हो जाएं गए ।
सवाल ये है कि सारे शहर की सड़कों राजमार्गों और गली नुक्कड़ से हो कर ही हम आप भी गुज़रते हैं और प्रशासन ,के डी ए,एमजीआर निगम के कर्मचारी व अधिकारी भी । निगाह सब की पड़ती है परंतु चांदी के कवर आखों पर लगने के कारण ही ये सारा गोरख धंधा जोर शोर से देर रात तक फलता फूलता है ।हर सरकारी अर्ध सरकारी प्राइवेट कार्यालय में इन की सप्लाई है । इन के मैटेरियल के बिना हर कार्यालय बैचैन रहता है । पुलिस विभाग की तो बात ही निराली है । यहां तो हर तरफ चौथा व्यक्ति इन के मैटेरियल का अभ्यस्त है । यही कारण है कि सारे शहर में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर के अवैध रूप से पान शॉप और गुमटियां बना कर ये सारा अवैध कारोबार फल फूल रहा है और शहर के सभी अराजक तत्व इन अवैध पान शॉप और गुमटियों पर अपनी सारी कारगुज़ारी को किर्यान्वीत करने के लिए अपनी तमाम गतिविधिया देर रात तक जारी रखते हैं । इन पान शॉप और गुमटियों का प्रयोग अराजक तत्व कार्यालय के रूप में कर रहे हैं । हर थाना क्षेत्र में ऐसे अवैध रूप से बने कम से कम 100 पान शॉप व गुमरियाँ मिल ही जायेगीं । जब इस सम्बंध में सर्वेक्षण किया गया तो कहीं कहीं इस से ज्यादा सख्यां मिली । इस का मतलब तो यही है कि इन के लिए कोई कानून या नियम नही है । जो कुछ भी है वो सब मात्र सामान्य नागरिक के लिये ही है
मानको कि धज्जिया उड़ा कर बनाई जा रही इमारते केडीए सादे हुए है चुप्पी
*#मानको कि धज्जिया उड़ा कर बनाई जा रही इमारते केडीए सादे हुए है चुप्पी*
*#lशहर मे धड़ल्ले हो रहा अवैध इमारतो का निर्माण*
*#मानको के विपरीत कैसे दिए विधुत कनेक्शन*
*#कानपुर विकास प्राधिकरण ने क्यो नही किया भवन सील*
*#मानको के विपरीत बनी इमारतो मे परिवार नही है सुरक्षित*
*#भूकम्प आने से कभी भी होगा दिल दहलाने वाला हादसा*
एम.एम. सिद्दीकी
कानपुर:शहर मे धड़ल्ले से अवैध इमारतो का निर्माण हो रहा है मानक के विपरीत बन रही इन इमारतो का ना तो नक़्शा पास हो रहा है नाही अन्य ज़रूरी निर्देशो पर अमल हो रहा है घनी आबादी वाले इलाको मे इनकी तादाद लगातार बड़ती जा रही है जब कि केडीए अधिकारी चुप्पी सादे हुए है अधिकारी न तो जाँच करने आते है ना ही इमारतों को सील करने कि कार्रवाई कि जा रही है अधिकारियो के इस रवैये पर सवालिया निशान उठ रहे है। शहर कि घनी बस्तियो मे कई इमारते ऐसे बन कर तैयार हो चुकी है जिनको नक़्शे के विपरीत या बिना नक़्शे के बनाया गया है कई इमारतो को 4 फुट आगे बड़ा के बनाया गया है जिन इमारतो मे चार मंज़िल का नक़्शा पास है उनको छ मंज़िल तैयार कर लिया गया है मनको कि धज्जिया उड़ाते हुए ना तो इसमे अग्नि शमन को लेकर प्रबंध किया गया है ना ही पार्किंग कि व्य्वस्था कि गई है इमरजेंसी होने पर इस तरह के इंतज़ाम भी नही किये गए है कि आप अपनी और अपने परिवार की जान बचा सके भुकम्प से बचाओ के भी कोई सादन नहीं है हद तो यह है इन इमारतो मे बिजली कनेक्शन भी दे दिए जा रहे है इसकी जवाब देही केस्को अधिकारीयो कि माने तो गौर तलब है केडीए मानचित्र के अनुसार जो इमारते पास है उन्हे ही बिजली कनेक्शन देने का प्राविधान है बॉसमंडी चमनगंज मोहदम्मद अली पार्क प्रेम नगर दलेल पुरवा हिरा मन का पुरवा पेच बाग सहित घनी आबादी वाले इलाको मे इनकी बड़ती तादाद का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है पिछले कुछ अरसे मे दर्जनो इमारते बन कर तैयार हो चुकी है और *#जो तैयार हो रही है वह ये है 90/236 इफ्तिखाराबाद पूर्व लेबर अधिकारी मुमताज़ सिद्दीकी के निवास के सामने होज़री कारोबारी किअभी चल रहा अवैध निर्माण 88/455 हुमायूँ बाग़ चमन गंज मनामा हॉस्पिटल के बगल मे बाँसमंडी मे 79/112 के बगल वाली गल्ली मे डब्बू एवं इरफ़ान कि बिल्डिंग का अवैध निर्माण अभी भी चल रहा है
20 साल से इंसाफ की उम्मीद में “मो. इसहाक़
20 साल से इंसाफ की उम्मीद में “मो. इसहाक़”
ध्रुव ओमर
कानपुर । शहर में आये दिन सम्पत्ति को ले कर विवाद और मर्डर आम बात है । लेकिन वर्तमान में वक्फ सम्पत्ति एवं शत्रु सम्पति को कागज़ में खेल कर हड़पने व कब्ज़ा करने की होड़ लगी हुई है। इसी तरह की एक घटना जो बिल्कुल फिल्मी स्टाइल से सम्पत्ति के वारिस को फ़र्ज़ी मुकदमे में निपटाने की कोशिश सम्पत्ति को हड़पने की नीयत से की गई है
मोहम्मद इशहाक अपने पिता अब्दुल रज़्ज़ाक द्वारा 98/51 नाज़िर बाग को “अलल औलाद” 14/12/1939 को वक्फ किया गया था जिस का वक्फ नम्बर 137A है जिस को मो. आरिफ,अब्दुल मज़ीद,हाजी अब्दुल कलाम,मो. हाशिम राहत बेग मो. सलीम उर्फ गुड्डू आदि कुछ अवैध कब्जेदारों ने कब्जा किया हुआ है। इस सम्पत्ति के मुतवल्ली अब्दुर रज़्ज़ाक के बड़े बेटे मोहम्मद इस्माइल हैं तथा वक्फ सम्पत्ति की पैरवी उन के छोटे बेटे मोहम्मद इसहाक़ द्वारा की जाती है।
लगभग 20 सालों से सम्पत्ति को पाने के लिए अवैध कब्जेदारों से लड़ रहे मो.इसहाक़ पाने के बजाए सिर्फ खोते जा रहे हैं और उस सोते हुए सिस्टम को जगाने की कोशिश कर रहे हैं जो किसी असहाय की आवाज़ से तो नही उठता हाँ चांदी के जूते (सुविधा शुल्क) या खादी के रसूख से ज़रूर उठता है जो इसहाक़ के पास वर्तमान में नही है । इस इंसाफ की लड़ाई में अपना विवाह भी न कर पाए अपनी छोटी से सिगरेट मसाले की दुकान से अपना जीवन व्यतीत करने वाले मो. इसहाक़ सिर्फ अपना सब कुछ खोते जा रहे है जेल से दोषमुक्त करार देने के बाद जब वो खुली हवा में आये तो वक़्त ने इन की माँ और बहन को लील लिया ।लेकिन इन की कोशिशें आज भी जारी है
उन की कोशिशों का ही नतीजा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और एस डी एम (सदर) को उक्त सम्पत्ति को 04/04/2011 को अवैध कब्जेदारों से खाली कराना था । अवैध कब्जेदारों ने जब सम्पत्ति को अपने हाथों से निकलती देखी तो उन्होंने मो. इसहाक़ को फर्जी तरीके से फसाने की लिए एक रचना लिखी
मूलगंज स्थित पुलिस सहायता केंद्र के पीछे जब इसहाक़ अपनी सिगरेट,मसाले की दुकान पे बैठे थे शाम का वक़्त था । तभी एक बोलैरो दुकान के सामने आ कर रुकी गाड़ी से 4,5 लोग उतरे तथा इसहाक़ को जबरदस्ती गाड़ी पे बैठाने लगे क्षेत्रीय लोगों ने विरोध भी किया तथा उस समय शहर में दंगा नियंत्रण स्कीम चल रही थी जिस कारण पुलिस सहायता केंद्र में तत्कालीन सी ओ व एस एच ओ मूलगंज मय फोर्स के साथ मौजूद थे इन लोगों ने भी मामले को उसी वक़्त सज्ञान में लिया लेकिन उन लोगों ने अपने को लखनऊ की पुलिस बता के इसहाक़ को अपने साथ ले गए इसहाक़ के अनुसार लखनऊ रोड पे गाड़ी रोकी गई तो अवैध कब्जेदार मो. हाशिम आया और मुझ से उस सम्पत्ति की पैरवी ना करने का दबाव बनाया जब मैने मना किया तो वो अंजाम भुगतने को कह कर चला गया
इसी दिन शाम की घटना दिखा कर मलवां रेलवे क्रासिंग के पास एक किलो नाजायज चरस के साथ लखनऊ के थाना वज़ीर गंज ने इसहाक़ को जेल भेज दिया
इस घटना के बाद इसहाक़ की माँ कुरसुम ने कानपुर शहर के आला अधिकारियों से अपने बेटे के लिए इंसाफ की गुहार लगाई आला अधिकारियों ने मामले को सज्ञान में लेते हुए थाना मूलगंज से रिपोर्ट मांगी तो मूलगंज पुलिस ने रिपोर्ट प्रेषित की की दिनांक 22/3/2011 को लखनऊ की पुलिस सादी वर्दी में आ कर इसहाक़ को उठा ले गई थी । 05/01/2013 न्यायालय द्वारा इसहाक़ को दोष मुक्त करार दिया गया
इसहाक़ ने इस फ़र्ज़ी मामले में फसाने में सलिप्त लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की कोशिश की परन्तु विभागीय मामला होने के कारण उन का मुकदमा आज तक दर्ज नही हुआ फ़र्ज़ी मुकदमे में फस जाने के कारण अवैध कब्जेदारों का का खाली कराने का आदेश भी पूरा नही हो पाया
इसहाक़ इंसाफ पाने के लिए आज तक वक्फ बोर्ड और आला अधिकारियों के चक्कर काट रहा है ।
शहर में इसहाक़ जैसे बहुत हैं । हम आप को इसी तरह के इंसाफ के लिए लड़ रहे और लोगो की दास्तान अपने अगले अंक में प्रकाशित करते रहें गए और इस खबर की वर्तमान स्तिथि से अवगत कराते रहें गए
ये बॉक्स में जायेगा
शत्रु सम्पत्ति व वक्फ सम्पत्ति हड़पने के लिए हो रहा खेल शासन प्रशासन बे खबर
इस बारे में वार्ता करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं विधि विशेषज्ञ डॉ.एस.के.वर्मा ने बताया कि शत्रु सम्पत्ति और वक्फ सम्पत्ति की विधिक जानकारी सामान्य जनमानस को न होने से सारा खेल चलता है। दोनों ही सम्पत्तियों के लिए खेल वही करता है जो नज़दीकी होता है। विश्वास का लाभ उठा कर ही विश्वासघात करता है। रही बात शासन/प्रशासन की तो सर्वविदित है कि पैसा क्या न करवा दे परन्तु यदि सघन और विस्तृत जांच निष्पक्ष तरीके से हो तो न जाने कितनी बड़ी-बड़ी और रसूखदार मछलियां जाल में फसेंगी। सभी को जानकारी रहती है परंतु चांदी का जूता है जनाब अपने आप रास्ता बदल देता है । जैसा कि उक्त मामले में भी हुआ । शहर की मूलगंज की पुलिस ने जहां निष्पक्ष जांच की वही इस के उल्टे लखनऊ की पुलिस की कार्यशैली हास्यास्पद है । आश्चर्य है कि लखनऊ पुलिस के ऊपर अभी तक मामला दर्ज नही हुआ तथा एस.डी.एम.सदर ने भी खाली कराने के आदेश को अनदेखा किया। यही विधि की विडंबना है।
भीषण गर्मी में जनता प्यासी मर जाए कुम्भकर्णी नगर निगम पर कोई फर्क ना पड़ पाए
*भीषण गर्मी में जनता प्यासी मर जाए कुम्भकर्णी नगर निगम पर कोई फर्क ना पड़ पाए*
मो0 नदीम
बढ़ते तापमान को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार भी सूर्य देव अपने सख्त तेवर से लोगो को झुलसाने की पूरी तरह से तैयारी किए हुए है वही दूसरी तरफ नगर निगम की अभी तक कोई भी ऐसी तैयारी नजर नही आ रही है जिससे राहगीरो को भीषड़ गर्मी से राहत मिल सके नगर निगम व तमाम संस्थाओ के रहते हुए शहर में एक भी निशुल्क पियाऊ नजर नही आया है गर्मी की बढ़ती शिद्दत से डरे लोग सड़कों पर पसरा सन्नाटा ये बया कर रहा है कि लोग घरो में इसलिए दुबके हुए है कही वो भीषण गर्मी में किसी बड़ी बीमारी के शिकार ना हो जाए
अप्रैल से ही भीषण गर्मी झेल रहे शहरवासियों को माह मई में आग उगलती गर्मी से राहत के आसार नही दिख रहे है भीषण गर्मी के कारण स्कूली बच्चों से लेकर अभिभावक शिक्षक रिक्शा चालक व रोजमर्रा काम करने वाले आदि लोग दोपहरिया में झुलस रहे है जनजीवन अस्त व्यस्त होता दिख रहा है गर्मी की शिद्दत को देखते हुए अभी तक राहगीरो के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाए गए है शहर के नांमचीन स्थलों व सार्वजनिक मार्गो पर इस साल नगर निगम की ओर से कोई भी निशुल्क प्याऊ व्यवस्था नही की गई है राह चलते लोगो का प्यास के मारे बुरा हाल है ठंडा तो दूर नार्मल पानी के लिए भी लोगो को भटकना पड़ रहा है मजबुरी के कारण लोग बोतल बन्द या फिर पाउच खरीदने पर मजबूर है
शहर के प्रमुख चौराहों से रोज़ाना लाखो राहगीरो का आवागमन होता है भीषण गर्मी के प्रकोप को कम करने का पानी ही एकमात्र सहारा होता है अभी तक प्रशासन व नगर निगम की ओर से राह चलते लोगो के लिए निःशुल्क पानी की कोई भी व्यवस्था नही की गयी है सबसे व्यस्तम चौराहों में शुमार घण्टाघर से लेकर परेड तक एक भी पौशाला नही बना है और ना ही हैंडपम्प लगा है गर्मी के मौसम मे लोगों को पेयजल की व्यवस्था करने के लिए हर साल स्वंयसेवी संस्थाओ द्वारा शहर में जगह जगह चौराहो रोडवेज बस स्टैंड रेलवे सहित कई स्थानों पर निशुल्क पौशाले स्थापित किये जाते रहे है लेकिन इस बार अभी तक स्वंय सेवी संस्थाओ ने कोई भी पौशाला खुलवाने की सुध नही ली है जिस कारण मुसाफिरों और राहगीरो को प्यास बुझाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है सरकारी विभागों में भी जनता को पानी के लाले पड़े हुए है नाम वास्ते लगे फ्रीजर खराब पड़े लोगो को मुह चिढा रहे है मानो कह रहे हो हमें महसूस करो हमारी सेवाए लेने के बारे में भूल जाओ सबसे व्यस्तम कचहरी परिसर में अपनी समस्याओं को लेकर हजारो लोगो का आना जाना लगा रहता है यहां पर भी ठंडे पानी की कोई व्यवस्था नही है आग उगलती गर्म से निजात पाने के लिए लोग खरीदकर पानी पीने को मजबूर है जिनके पास पैसे नही होते है वो बेचारे घण्टो हैंड पम्प की तलाश में भटकते रहते है
यही हाल सीसामऊ स्थित चौराहों का भी है विधायक से लेकर पार्षद तक अपनी राजनीति चमकाते नजर आ जाएंगे लेकिन जनता को भीषण गर्मी में पेयजल की समस्या से निजात दिलाता कोई भी नजर नही आता है हलीम कालेज चमन गंज बेकन गंज से लेकर परेड तक एक भी पौशाला नही है और नाहि कोई हैंड पम्प ऐसा दिखाई देता है जो चलने की हालत में हो जिससे राहगीरों को पेयजल से राहत मिल सके लगभग यही दशा पूरे शहर की हो रही है गर्मी के चलते इंसानों से ज्यादा दुर्दशा जानवरो की हो रही है भीषण गर्मी से बौखलाए जानवर आस पास के घरों व दुकानों में घुसकर पानी की तलाश कर रहे है कुछ सभ्य लोग जानवरो पिला देते है लेकिन कुछ लोग धकियाकर भगा देते है कुछ जानवर पानी कमी के कारण मौत के निवाले भी बन चुके है ऐसी विकट परिस्थिति में क्यो कोई सामाजिक संगठन व पार्टी सामने नही आती है बहरहाल मामला कुछ भी हो अगर जल्द ही भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगो को राहत देने के लिए शासन प्रशासन ने पौशालो से वंचित रहे चौराहों पर पेयजल की कोई पुख्ता व्यवस्था ना की तो हजारो लोगो को रोज़ाना प्यासे ही चिलचिलाती धूप में जलना पड़ेगा इसका कौन जिम्मेदार होगा ये बताने की जरूरत नही है
डाक घर मे अनियमिताओ का बोल बाला
*#जनता त्रस्त अधिकारी मस्त*
अनीस/अकबर
कानपुर:डाक घरो मे उपभोक्ता को लगातार परेशान होना पड़ रहा है कर्मचारी एक तो सुस्त रफ़्तार से काम करते है विरोध करने पर अभद्रता करने लगते है इसको लेकर कई बार हंगामा भी हो चूका है अधिकारियो से शिकायत करने पर वह भी सुनवाई नही करते है ।शहर के प्रधान डाक घर के सहित उप डाक घर फर्राश खाना वा अन्य डाक घरो मे उपभोक्ताओ के साथ दुरवयवहार किया जा रहा है काफी लंबे समय तक लाईन मे लगने के बाद नंबर आने पर जबरन कमिया निकाली जाती है और उनको बैरंग लोटा दिया जाता है। पोस्टल आर्डर लेने पर उनसे फुटकर पैसे माँगे जाते है फुटकर ना होने पर पूरे पैसे रख लिए जाते है जरूरतमंद उपभोक्ताओ को मजबूरी मे अतिरिक्त पैसे देकर पोस्टल आर्डर लेना पड़ता है । जो उपभोक्ता विरोध करते है उनको पोस्टल ऑर्डर देने से इनकार कर दिया जाता है इसी तरह अन्य कामो मे भी कर्मचारी अपनी मनमानी करते है निर्धारित समय पर कर्मचारी डाक घर काउंटर पर आते ही नही है सबसे ज़्यादा परेशानी तब होती है जब किसी प्रतियोगिता परीक्षा का फॉर्म जमा करना होता है इस दौरान लंबी लाईने लगी होती है और कर्मचारी धीमी गति से कार्य करते है सिर्फ डाक घर कि ही बात नही कई अन्य सरकारी विभाग मे कर्मचारी कि मनमानी और सुस्त रफ़्तारो से मिनटो काम घंटो मे हो रहा है इन कार्यालयो मे डिजिटल इंडिया कार्यो मे पलीता लगाना नहीं छोड़ा जा रहा है ।
कानपुर से लाखों का माल पार कर नटवरलाल मेरठ में बाँसमण्डी प्रभारी के हत्थे चढ़ा
(मो0 नदीम) व निजामुद्दीन*
*कानपुर 30 अप्रैल 2018*
हमारे देश मे नटवर लालों की कोई कमी नही है लोगो को विश्वास में लेकर बड़ी ही चतुराई से ठगी करके निकल जाना इनके लिए कोई बड़ी बात नही है लुभावने वादों का पिटारा लेकर घूम रहे ठगों का शिकार अक्सर भोले भाले लोग ही होते है कुछ नटवरलाल ठग तो इतने शातिर होते है कि वो अपने ताम झाम के साथ ठगी की दुकान तक खोल देते है फिर मौका लगते ही लाखो करोड़ो का माल पर कर ऐसे गायब हो जाते है जैसे वो मिस्टर इंडिया हो
ऐसा ही एक मामला सामने आया है थाना अनवर गंज अंतर्गत हमराज काम्प्लेक्स में शिफा फैशन रेडीमेड गारमेंट्स के नाम से मोहसिन दानिश व चार अन्य ने मिलकर लगभग दो माह पूर्व व्यापार शुरू किया था हमराज के थोक विक्रेताओं से माल लेकर व्यापार की शुरुवात करने वाले मोहसिन दानिश ने विक्रेताओं को विश्वास में लेने के लिए शुरूआती दौर में माल का भुगतान करने लगे लेकिन माह बीतते ही अपना रंग दिखाते हुए विक्रेताओं का माल लेकर डम्प करने लगे देखते ही देखते ही विक्रेताओं का नब्बे नब्बे लाख का माल उधारी चढ़ गया था व्यापारी जब तक जागते उससे पहले ही मोहसिन दानिश अपने साथियों के साथ रातो रात नब्बे लाख का माल पार करके चम्पत हो गए इस बारे में जब व्यापारियों को पता चला तो उनमे काफी रोष व्याप्त था
उक्त मामले को लेकर व्यापारियों ने थाना अनवर गंज में मुकदमा पंजिकृत कराया इतनी बड़ी ठगी की घटना को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अनवर गंज से एक पुलिस टीम गठित की पुलिस अधीक्षक पूर्वी व क्षेत्राधिकारी के मार्ग दर्शन से गठित टीम की बागडोर संभाले बासमण्डी चौकी प्रभारी मो0 अतीफ ने बेहद ही कुशलता का परिचय देते हुए गैर जनपद मेरठ से अथक परिश्रम के उपरांत उक्त मुकदमे में नामित अभियुक्त माल सहित गिरफ्तार किया माल बरामदगी से प्रसन्न व्यापारियों ने मो0 अतीफ व टीम की भूरि भूरि प्रशंसा की साथ ही समूचे पुलिस विभाग को बधाई दी घटना के शीर्घ हुए खुलासे व पूर्ण बरामदगी होने पर पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरुस्कृत करने की घोषणा की है
पुलिस की मामले को लेकर गम्भीरता सक्रियता से इतने बड़े ठगी के मामले का खुलासा इस बात का सबूत है कि अगर पुलिस अपने पर आए तो मजाल है कोई अपराधी वारदात करने के बाद बच जाए इस प्रकरण से जनता के बीच पुलिस की एक अच्छी छवि निकलकर सामने आई है
स्वच्छ भारत अभियान अवैध बस्ती पर नही देता कोई ध्यान
मो0 नदीम
पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत का जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए खुद ही झाड़ू उठाकर लोगो को जागरूक करने की ठान ली थी मोदी जी की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए यूपी के सीएम योगी ने सत्ता संभालते ही सरकारी विभागों को साफ सफाई को लेकर सख्त आदेश दिए थे साथ ही आस पास के लोगो से अपील की थी वो अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखे योगी जी के आदेश के चलते सरकारी अफसरान ने खलबली मच गई थी विभागीय अधिकारी भी झाड़ू उठाने पर मजबूर हो गए थे समय बीता धीरे धीरे सभी विभाग उसी पुराने ढर्रे पर आ गए लोगो के हो हल्ला करने के बाद ही सफाई कर्मचारी जागते थे मलिन बस्तियों की सफाई भी ना के बराबर होती थी अगर कोई सफाई के लिए जोर देता था तो विभागीय अधिकारी व क्षेत्रीय पार्षद ये कहकर टाल देते थे हमारे पास अनारक्षित बस्ती का कोटा नही है इसलिए हम वहां सफाई नही करा सकते है
बताना चाहेंगे वार्ड नं0 2 के अंतर्गत मीरपुर छावनी कमेला अनारक्षित बस्ती में दो हजार से भी ज्यादा लोग पच्चीस साल से गंदगी के बीच निवास कर रहे है और अपने जीवन को कोस रहे है लोगो का कहना है पिछले पच्चीस साल से हमे किसी भी सरकार की तरफ से कोई भी सुविधाए नही मिली है बस्ती में एक भी नाली का साधन ना होने की वजह से घरों का कूड़ा व गन्दा पानी बस्ती के बीच के मैदान में ही फेका जाता है जो गन्दगी के चलते अब कूड़ा अड्डे का तालाब बन चुका है गन्दगी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि आने जाने वालों को उल्टियां तक हो जाती है तो सोचिए वहां पर रहने वाले किस तरह से अपनी ज़िंदगी गुजारते होंगे बस्ती में हैजा कालरा टाइफाइड,व मलेरिया होना कोई बड़ी बात नही है अक्सर इन बीमारियों की चपेट में आकर लोग मौत को गले लगा लेते है लोगो का आरोप है जब भी चुनाव आते है तो तमाम नेता अपने वादों का पिटारा लेकर तो आते है लेकिन जीतने के बाद कोई भी नेता अपनी शक्ल भी दिखाने बस्ती में नही आता है हाल ही कांग्रेस की सीट से विधायक बने सोहैल अंसारी से भी बस्ती वासियो ने गुहार लगाई थी उन्होंने भी अपने कदम खींच लिए उनका कहना है अपने क्षेत्र के पार्षद से बाद करो जब लोगो ने वार्ड नं0 2 के पार्षद चोखे लाल से बात की तो उन्होंने भी दो टूक सा जवाब देते हुए कहा कि ये बस्ती अवैध है यहां का विकास करा पाना मेरे बस में नही है बहरहाल मामला कुछ भी हो पार्षद और विधायक की उदासीनता की वजह से बस्ती में फैली गंदगी को छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने संज्ञान में ना लिया तो गंदगी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को पूरे क्षेत्र में पैर पसारने में ज्यादा वक़्त नही लगेगा जिसका खामियाजा गन्दगी से जूझ रहे बस्ती वासियो को ही भुगतना पड़ेगा
*त्रिवेणी नगर पर छावनी बोर्ड की कृपा बरसे-अवैध बस्ती विकास को तरसे*
छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाली त्रिवेणी नगर कालोनी का फ्री होल्ड ना होने की वजह से छावनी बोर्ड ने उसे अवैध करार दिया है अवैध होने के बावजूद त्रिवेणी नगर को वो सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है जो सरकार की तरफ से लागू की गई है छावनी बोर्ड की तरफ से नोटिस भेजने के बावजूद अभी तक किसी ने भी इस मामले को गम्भीरता से नही लिया है कारण पूर्व विधायक का संरक्षण व क्षेत्रीय सभासद का त्रिवेणी नगर में ही निवास करना है शायद इसी वजह से छावनी बोर्ड आँखे मूंदकर त्रिवेणी नगर पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए हुए है पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी वार्डो में कूड़ा रखने के लिए डसबिन बाटी जा रही है प्रत्येक घर को एक डसबिन दी जा रही है जब कि अवैध कालोनी त्रिवेणी नगर को दो डसबिन दी गई है एक में गीला कूड़ा दूसरी में सुखा कूड़ा रखने के लिए इसके अलावा सुबह होते ही समय पर पहुचकर सफाई कर्मी अपना काम निपटा देते है वही दूसरी तरफ कमेला अवैध बस्ती जहां डसबिन मिलना दूर की बात है कोई भी सफाई कर्मी झाड़ू तक लगाने नही आता है लोग खुद से ही नाली व कूड़ा साफ करने पर मजबूर है आखिर ये भेद भाव क्यो किया जा रहा है ये समझ के परे है जबकि दोनो ही अवैध है इससे तो साफ जाहिर होता है कि मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान को छावनी बोर्ड पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है ईश्वर भरोसे जीवन व्यतीत कर रहे कमेला निवासियों को लेकर अगर छावनी बोर्ड ना जागा तो स्वच्छ भारत अभियान की चमक में अवैध बस्तियो की बदतर हालत चांद पर लगे ग्रहण की तरह नजर आएगी
छावनी बोर्ड चेयरमैन की मेहरबानी-झुग्गीवासियों को नही मिल रहा पानी”
मो0 नदीम
कानपुर । इसे देश की विडम्बना कहा जाए या गरीब भोली भाली जनता की बदक़िस्मती जब भी जनता किसी नेता को ये सोचकर अपने प्रतिनिधित्व की बागडोर थमाती है कि अब यही हमारी नय्या को पार कराएंगे इनसे अच्छा अब हमें कोई भी माझी मिल ही नही सकता है लेकिन होता उल्टा है नय्या का चलना तो दूर यहां डूबने के आसार तक सामने आने लगे है जिसका जीता जागता सबूत है बीजेपी सरकार सूबे के मुखिया माननीय आदित्यनाथ योगी ने सत्ता सम्भालते ही एक शिगूफा छोड़ा था सबका साथ सबका विकास लेकिन इस विकास रूपी गंगा में डुबकी लगाते गरीब झोपड़पट्टी वासियो का सिवाए सत्यानाश के कुछ भी होता नही दिख रहा है
बताना चाहेंगे छावनी बोर्ड के अंतर्गत आने वाली लाल डिग्गी झुग्गीवासियों को पिछले पांच दिन से जल देवता ने दर्शन देने बन्द कर दिए है जिसकी वजह से पूरे क्षेत्र पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है महिलाओं और बच्चों को दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है जिसके कारण क्षेत्रवासियो में काफी रोष व्याप्त है जल संकट का कारण पता करने पर लोगो ने बताया कि छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखन ओमर ने हमारे पूरे क्षेत्र की पाइप लाइन काटकर सप्लाई शांति नगर में कर दी है क्योंकि पहले सभी झुग्गीवासी पुरानी लाइन से पानी लेते थे ज्यादा कनेक्शन हो जाने के कारण पुरानी लाइन में प्रेशर की कमी होने लगी थी जिसके कारण लोगो ने लखन ओमर के क्षेत्र में बिछाई गई नई लाइन में कनेक्शन ले लिए थे जो शांति नगर के वासियो को काफी अखर रही थी लखन ओमर के छावनी बोर्ड में रसूख के चलते ही हमारी लाइन काटी गई है जिसकी वजह से हमे पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है लोगो का ये भी कहना है समय समय पर छावनी बोर्ड की तरफ से झुग्गी ढहाने की भी धमकी दी जाती है अगर हमारी झुग्गी तोड़ दी जाती है तो हम गरीब कहा जाएंगे अगर तोड़ना ही था तो बस्ती को आबाद क्यो होने दिया क्या हम गरीब इस देश के नागरिक नही है हमे जीने का हक नही है क्या हम विकास के पथ नही आते है क्यो हमे चुनाव के दौरान गले लगाया जाता है आखिर हम गरीबो के साथ ही ये सौतेला व्यवहार क्यो ये ऐसे दिल को झंझोड़ने वाले सवाल है जिसका जवाब शायद योगी सरकार भी ना दे पाए लेकिन सबका साथ सबका विकास का जो नारा योगी सरकार लगा रही उस पर वो कितनी खरी उतर पा रही है ये तो प्रदेश के गरीब झुग्गीवासी ही बता सकते है
*क्या कहना है चेयरमैन लखन लाल ओमर का*
पिछले पाँच दिन से पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे लालडिग्गी झुग्गीवासियों के कष्ट से रूबरू होने के बाद जब हमने छावनी बोर्ड के चेयरमैन लखनलाल ओमर से बात की तो उनका कहना है कि पानी की लाइन को कही और शिफ्ट किया जा रहा है जिसकी वजह से लोगो को पानी की भारी किल्लत हो रही है जिसको कनेक्शन चाहिए तो छावनी बोर्ड में सम्पर्क कर सकता है वैसे तो पूरी बस्ती में अवैध कनेक्शन है चैयरमैन की बातो से लगता है जनता के उनके ऊपर लगाए गए आरोपो में कुछ तो सत्यता है एक कटु सत्य ये भी है अगर सही से जांच की जाए तो छावनी बोर्ड के आठो वार्डो में आधे से ज्यादा कनेक्शन अवैध कनेक्शन पाए जाएंगे फिर झुग्गीवासियों पर ही क्यो कूटनीति
बहरहाल मामला कुछ भी हो अगर जल्द ही लाल डिग्गी झुग्गीवासियों पर पानी को लेकर जो संकट के बादल मंडरा रहे है उसका समाधान छावनी बोर्ड के अधिकारियों ने ना निकाला तो सबका साथ सबका विकास मात्र शिगूफा ही बनकर रह जाएगा