सिद्दार्थ ओमर कानपुर 21 नए मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्य उप नियंत्रक के समकक्ष पारिश्रमिक पाएंगे तथा मूल्यांकन केंद्र व्यय नवीन केंद्रों को ही मिलेगा तथा भयंकर अनियमित कार्रवाई के लिए जांच के परिणाम के आने पर कार्रवाई की जाएगी । उक्त सूचना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षणेत्तर संयुक्त मोर्चा के संयोजक हरिश्चंद्र दीक्षित ने उच्च पदस्थ अधिकारियों से वार्ता के बाद एक विज्ञप्ति में दी । विज्ञप्ति में बताया गया कि संयुक्त मोर्चे की ओर से कानपुर नगर के 6 नवीन मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्य की ओर से यह मांग की गई थी,परंतु ऐसे 21 प्रकरण प्रदेश में नवीन मूल्यांकन केंद्र बनाए जाने के मौजूद थे जो 9 जनपदों के अंतर्गत थे। 9 जनपदों में कानपुर नगर के छह, लखनऊ के चार,गोंडा के एक,उरई (जालौन) के तीन, फिरोजाबाद के एक,अलीगढ़ के एक,मुरादाबाद के दो, गौतमबुद्ध नगर के एक, हापुड़ के दो,इस प्रकार 21 नवीन मूल्यांकन केंद्र बनाए गए थे।संयुक्त मोर्चा की ओर से निर्णायक संघर्ष किया गया और नीतिगत दृष्टि से नवीन मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्य को ही उपनियंत्रक बनाए जाना था,परंतु जनपदीय प्रस्ताव की त्रुटि बस सचिव से निर्णय लेने में त्रुटि हो गयी,इस अनियमितता को लेकर मोर्चे ने आवाज उठाई थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद तथा उत्तर प्रदेश शासन के उच्च अधिकारियों को स्थिति समझने में कोई देर नहीं लगी और उन्होंने मोर्चे की शिकायत का संज्ञान लेकर नवीन मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्यो के साथ न्याय करने का भरोसा दिलाया और प्रकरण की जांच कराने के साथ-साथ नवीन मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्यो को उप नियंत्रक के समकक्ष पराश्रमिक देने तथा मूल्यांकन केंद्र व्यय नवीन मूल्यांकन केंद्रों को ही प्रदान करने की सहमति प्रदान की।संबंधित पत्रावली शिक्षा निदेशक एवं सभापति माध्यमिक शिक्षा परिषद में बोर्ड ऑफिस प्रयागराज से तलब की गई है।जो प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के समक्ष रखे जाने के बाद निस्तारण आदेश जारी किया जाएगा।मोर्चे के सभी पदाधिकारियों की ओर से अधिकारियों की सदासहता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा जनपदीय उच्चाधिकारियों को त्रुटि उत्पादित करने के लिए दोषी मानते हुए दंडित करने का आग्रह किया गया है।
उत्तर प्रदेश में जंगलराज चरम पर,कानून व्यवस्था ध्वस्त -वीरेंद्र चौधरी
●लॉकडाउन में प्रदेश में कई दर्जन हत्याये, सैकड़ो हिंसा की घटनाये- राकेश सचान
●दलित-पिछडो का नरसंहार कर रही है योगी सरकार, प्रतापगढ़ बना सामंतवाद का गढ़- मनोज यादव
●पट्टी प्रतापगढ़ में दबंगों, स्थानीय विधायक-मंत्री और पुलिस की मिलीभगत से कुर्मी किसानों पर हमला- राम सिंह पटेल
प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में घोषित लॉकडाउन में जहां एक ओर प्रदेश सरकार महामारी को रोकने में विफल रही है, मजदूरो को घरों तक पहुचाने के लिये कोई पुख्ता इन्तज़ाम नही हुये, वही दूसरी ओर प्रदेश में हत्या, जातीय हिंसा, बलात्कार की घटनाओ में बाढ़ आ गयी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। योगी सरकार का दबंगो,अपराधियो को मौन समर्थन प्राप्त है ।
चौधरी ने कहा कि जनपद प्रतापगढ़ के पट्टी थाने के गोविंदपुर-परसद गांव में दबंगों द्वारा कुर्मी परिवारों पर बरपाये गये कहर पर उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल द्वारा घटनास्थल का दौरा कर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लूजी के ऑफिस को वस्तुस्थिति की अवगत कराया है ।
कांग्रेस महासचिव व पूर्व सांसद राकेश सचान ने कहा कि योगी सरकार के जंगलराज के चलते कई दर्जन हत्याये और सैकड़ो हिंसा की घटनाये हुई है। एटा, आगरा प्रयागराज, चंदौली, संभल, प्रतापगढ़, अमेठी, उन्नाव सहित कई जिलों में जातीय हिंसा की घटनाये हुयी है, लेकिन अपराधियो पर अभी तक कोई कार्यवाई नही हुयी । ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों को योगी सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है ।
कांग्रेस महासचिव मनोज यादव ने कहा कि योगी सरकार दलित-पिछडो का नरसंहार कर रही है। गोविंदपुर में मामूली विवाद के चलते जिस तरह से दबंगो, पुलिस और सत्ता का कहर देखने को मिला, बहुत ही खौफनाक मंजर था। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त और गुंडाराज का बोलबाला दिखा। प्रतापगढ़ इस समय सामंतवाद का गढ़ बन गया है। प्रतापगढ़ के पट्टी थाने के गोविंदपुर-परसठ गांव में कुर्मी समाज पर दबंगो द्वारा हमला किया गया लेकिन प्रशासन अब भी मूकदर्शक बना हुआ है ।
पट्टी के पूर्व विधायक राम सिंह पटेल ने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा जहां पीड़ितों की मदद करनी चाहिए वहां खुद पीड़ितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने पटेल समुदाय के कई लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया तथा पचास से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ितों का अभी तक मेडिकल भी नही हुआ, और दबंगो के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नही हुई। स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के राजनैतिक साजिशों के चलते पुलिस प्रशासन और दबंगों ने गोविन्दपुर और परसठ गांव में आतंक कायम कर दिया है। गांव के लोग अभी भी दहशत में है। करीब 150 लोग भय के कारण गांव छोड़ दिया है ।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गोविन्दपुर गांव के पीड़ितों को फोन करके वस्तुस्थिति की जानकारी ली और उन्हें ढांढस बंधाया।इसके अलावा उक्त दोनों गांवों का पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल ने दौरा कर किसानों की पीड़ा सुनी ।
प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैधरी, महासचिव श्री मनोज यादव, प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 अनूप पटेल, प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र मिश्रा, अभिषेक पटेल और जयकरण वर्मा मौजूद रहे ।
प्रतिनिधिमंडल ने गोविन्दपुर के पीड़ितों को भरोसा दिलाया है कि कांग्रेस पार्टी उनको इंसाफ के लिए पूरी तरह खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने और हरसंभव मदद देने के लिए तत्पर है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ हो रहा है अन्याय: पीएल पुनिया
●कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों के भ्रामक आंकड़े और सामाजिक वैमनस्य फैलाने की साजिश रच रही है सरकार:पीएल पुनिया
●भ्रामक आंकड़े के जरिये दलितों-पिछड़ों के खिलाफ माहौल बना रहे हैं योगी आदित्यनाथ:पुनिया
●दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता से काम कर रही है भाजपा सरकार:पीएल पुनिया
●मुख्यमंत्री के बयान से भ्रम की स्थिति, सरकार स्पष्ट करे अपना पक्ष:आराधना मिश्रा
●सरकार बताए क्या है कोरोना से बचने की तैयारी:आराधना मिश्रा
●कोरोना महामारी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जरूरत: डॉक्टर जिया राम वर्मा
लखनऊ, 26 मई 2020। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के ऊपर कोरोना जैसे महामारी से संक्रमित लोगों के भ्रामक आंकड़े और सामाजिक वैमनस्य फैलाने के खिलाफ प्रेस वार्ता आयोजित किया ।
प्रेस कांफ्रेंस को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने संबोधित किया ।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीएल पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गरीब श्रमिकों की सेवा करने की सजा मिल रही है। उनसे किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है। योगी सरकार हमारे नेता के साथ अन्याय कर रहीं यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुनिया ने कहा कि पिछले दिन योगी आदित्यनाथ ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए इस गंभीर महामारी से संक्रमित लोगों के विषय में भ्रामक और सामाजिक वैमनस्यता फैलाने जैसा बयान दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि महाराष्ट्र से आने वाले, दिल्ली से आने वाले कामगार कोरोना से ज्यादातर संक्रमित हैं ।
कांग्रेस वरिष्ठ नेता पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से सामाजिक वैमनस्यता फैलेगी क्योंकि जो लोग बाहर से आये हैं। जो मजदूर और प्रवासी लोग हैं उनमें से ज्यादा लोग दलित और पिछड़े समाज से आते हैं। मुख्यमंत्री के इस बयान से लोगों के बीच यह संदेश गया है कि जो लोग बाहर से आये हैं वही बीमारी लेकर आएं हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार दलितों-पिछड़ों के खिलाफ साजिश रच रही है ।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से भ्रम की स्थिति बन गयी है। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार लगभग 25 लाख लोग यूपी वापस आ चुके हैं। मुख्यमंत्रीजी के बयान के आधार पर इनमें से महाराष्ट्र से लौटे हुए 75%, दिल्ली से लौटे हुए 50% और अन्य प्रदेशों से लौटे 25% लोग कोरोना से संक्रमित हैं यानि कि सूबे में 10 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हैं? मगर उनकी सरकार के आँकड़े तो संक्रमण की संख्या 6228 बता रहे हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उनके द्वारा बताये गए आंकड़े का आधार क्या है?
आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान में सच्चाई है तो सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ टेस्टिंग, संक्रमण के डेटा और अन्य तैयारियों को जनता से अवगत कराएं और यह भी बताए कि संक्रमण पर क़ाबू पाने की क्या तैयारी है?
उत्तर प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ के जियाराम बर्मा ने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा तादात में टेस्टिंग की जरूरत है। साथ ही साथ व्यापक तौर पर एक स्वास्थ्य अभियान चलाने की जरूरत है जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए तैयार किये गए सेंटरों की हालत गंभीर रूप से खराब है ।
श्रमिकों को मदद करने के लिए हमें 1000 बसों को चलाने की अनुमति दे सरकार-प्रियंका गांधी
●महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ को भेजा पत्र, बसें चलाने के लिए कांग्रेस को अनुमति दे सरकार
●राष्ट्रनिर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता, काँग्रेस पार्टी इनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है-प्रियंका गांधी
●प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया महासचिव का पत्र
लखनऊ, 16 मई 2020। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर महासचिव का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया। प्रतिनिधि मंडल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आरके चौधरी और श्याम किशोर शुक्ला शामिल थे।
पत्र में यूपी प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में अब तक क़रीब 65 मजदूरों की अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में लिखा है कि पलायन करते हुए, बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने हुए 500 बसें गाज़ीपुर बार्डर गाज़ियाबाद और 500 बसें नोएडा बार्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) वहन करेगी। महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों को चलाने की आपसे अनुमति चाहते हैं ।
पत्र के अंत में उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रनिर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी इनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रवासी श्रमिकों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है-अजय कुमार लल्लू
● प्रवासी श्रमिकों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है इस घोषणा के बाद अपने वादे से क्यों मुकर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ-अजय कुमार लल्लू
● भीषण गर्मी में सड़क पर चल रहे प्रवासी मजदूरों को उ0प्र0 परिवहन निगम की बसों व अन्य बसों व साधनों
से उनके गंतव्य तक पहुंचाये सरकार-अजय कुमार लल्लू
● प्रदेश के 21 जनपदों से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के भोजन-पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था कर रहे हैं उ0प्र0 कांग्रेस के सिपाही-अजय कुमार लल्लू
लखनऊ 15 मई
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि उ0प्र0 के एक-एक प्रवासी श्रमिक को उनके घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है, ऐसी घोषणा और वादा करने वाली उ0प्र0 की योगी आदित्यनाथ सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है। मुख्यमंत्री को इसी प्रदेश की महान जनता ने इतने विशाल जनादेश से चुना था कहीं उस विशाल जनादेश का बदला तो नहीं है जो प्रवासी मजदूरों से लिया जा रहा है क्योंकि वह श्रमिक हमारे इसी राज्य के निवासी एवं मतदाता हैं जो रोजी-रोटी के लिए कमाने दूसरे राज्यों में गये हुए थे।
उन्होने कहाकि समाचार पत्रों, मीडिया के माध्यम से प्रकाशित हो रही खबरें जिसमें विभिन्न प्रदेशों से पैदल व निजी वाहनों से यात्रा कर रहे परेशान हाल उ0प्र0 के प्रवासी श्रमिकों की हालत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सरकारों ने संवेदनशीलता पूरी तरह से खो दी है। उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम और निजी क्षेत्र के हजारों-हजार बसें मिलकर हमारे देश का सबसे बड़ा बसों का बेड़ा है। इसके बावजूद भी इस भीषण गर्मी में जहां एक आम आदमी के लिए सौ कदम चलना मुश्किल होता है वहां सैकड़ों-सैंकड़ों किलोमीटर अपने बच्चों एवं सामान के साथ हजारों-हजार श्रमिक सड़कों पर पदयात्रा करने को मजबूर हैं। राज्य सरकार के मुखिया जहां देश के सबसे बड़े परिवहन बेड़े का दावा तो करते हैं पर असमय आयी इस विपदा से अपने ही राज्य के दूसरे राज्यों में विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले कामगार और मजदूर की यह पीड़ा उन्हें नहीं दिख रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उ0प्र0 से लगने वाली सभी राज्य की सीमाओं पर राज्य परिवहन निगम की बसें लगायी जाएं और सीमा में प्रवेश करने वाले हमारे प्रवासी मजदूर भाइयों एवं उनके परिजनों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए। मीलों-मील चलकर थके-हारे आ रहे श्रमिकों के भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होने प्रदेश के कई जनपदों के प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर श्रमिकों के लिए भोजन, पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था करने वाले संगठनों को नोटिस जारी किया है कि अगर यह व्यवस्था करते हुए कोई दिखेगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। बुलन्दशहर इसका प्रमुख उदाहरण है। सरकार का यह रवैया हमारे प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ सबसे क्रूरतम कृत्य है।
अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कोरोना महामारी से आई इस भयानक विपदा से परेशान हाल हमारे श्रमिक और कामगार भाई दूसरे राज्यों से विभिन्न परेशानियों से त्रस्त हो करके अपने राज्य उ0प्र0 को वापस पैदल व निजी वाहनों आदि से जो राज्य की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं वह इस भीषण गर्मी में भूख, प्यास से परेशान हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सिपाही प्रदेश के 21 जनपदों के राष्ट्रीय राजमार्गों पर जगह-जगह स्टाल लगाकर यात्रियों को भोजन, पानी, ग्लूकोज, बिस्किट आदि जरूरी चीजों का इंतजाम कर रहे हैं। हमारे सिपाही जनपद गाजियाबाद,गौतमबुद्धनगर,मेरठ,आगरा, मथुरा,बुलन्दशहर,हापुड़,सहारनपुर,अमरोहा,झांसी,सीतापुर, लखीमपुर,इलाहाबाद,वाराणसी,चन्दौली,लखनऊ,बाराबंकी, बस्ती,संतकबीरनगर,सिद्धार्थनगर,गोरखपुर आदि जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजर रहे मजदूरों को मानवता के आधार पर भोजन,पानी,बिस्किट,ग्लूकोज आदि का प्रबन्ध पिछले 6 दिनों से पूरी सेवा भाव के साथ कर रहे हैं और सरकार भूखे प्यासे श्रमिक भाइयों के लिए इंतजाम कर पाने में अक्षम साबित हो रही है । मानवता सड़क पर कराह रही है, सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर है ।
योगी सरकार ट्रेनों को नही दे रही है अनुमति-अजय कुमार लल्लू
भाजपा की राजनीतिक साजिशो के चलते सूरत से उत्तर प्रदेश के 19200 मजदूर फंसे-अजय कुमार लल्लू
मजदूरो को धोखा देने बंद करे भाजपा-अजय कुमार लल्लू
लखनऊ, 14 मई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में भाजपा सरकारों द्वारा कांग्रेस द्वारा बुक की गई ट्रेनो को परमीशन न देने पर कड़ा एतराज जताते हुये कहा है कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लगभग दस लाख मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। भाजपा सरकार ने मजदूरों को मुफ्त में वापस पहुंचाने का भरोसा दिलाया था लेकिन हकीकत ये है कि भाजपा और उससे संबंधित बिचौलिए मजदूरो से तय किराया से ज्यादा वसूल रहे है। काँग्रेस द्वारा मजदूरों की लिए कई ट्रेनें चलाई जा रही है जिससे मजदूर सकुशल अपने घर वापस आ जाये। लेकिन दुख की बात है कि राजनीतिक साजिशों के ट्रेनों को परमिशन नही दी जा रही है ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सूरत में अभी तक गुजरात कांग्रेस ने 12 ट्रेनें बुक की थी लेकिन कलेक्टर फाइल दबा कर बैठ गए हैं और ट्रेनों को उत्तर प्रदेश जाने नहीं दे रहे है। प्रदेश के 19200 श्रमिक फंसे हुए हैं । सूरत से अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या,फैजाबाद,गोण्डा,फैजाबाद,गोरखपुर, प्रयागराज बलिया के लिए ट्रेन बुक की गई थी ।
सूरत के डीएम ने कहा है यदि उत्तर प्रदेश सरकार इन ट्रेनों को अपने राज्य में आने की परमिशन दे तो ट्रेन भेज देंगे। आखिर उत्तर प्रदेश सरकार को मजदूरों से इतनी एलर्जी क्यों है? क्या मजदूरों को सड़कों पर भूखे पैसे चलते हुए और रोड दुर्घटना में मरते हुए देखना चाहते हैं ? इसके पहले भी उत्तर प्रदेश कांग्रेश द्वारा योगी सरकार से प्रदेश में फंसे हुए मजदूरों का विवरण मांगा था, अभी तक कई पत्र लिखें लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं मिला है आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मजदूरों से इतनी दुश्मनी क्यों करते हैं?
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सूरत के अलावा गुजरात के वलसाड से 6 और भरूच से 5 ट्रेनों को परमीशन नही दे रही है। वहीं राजस्थान से काँग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी 13 ट्रेन से बलिया,गोरखपुर,फतेहपुर,जौनपुर,सहारनपुर, गाजीपुर,कानपुर,लखनऊ,सुल्तानपुर के हजारों श्रमिक घर वापस आये है ।
श्अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि महामारी के समय राजनैतिक प्रतिद्वंदिता को एक तरफ रखकर श्रमिको को घर वापस लाने पर विचार करे और कांग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी ट्रेनों को प्रदेश में आने से रोका न जाये। साथ ही प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरो का विवरण प्रदान करे जिससे कांग्रेस उन मजदूरो को घर वापस पहुंचाने में मदद कर सके।
गेहूं किसानो की समस्याओं पर तुरंत ध्यान दे सरकार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का मुख्य मंत्री को पत्र
● रजिस्ट्रेशन का नियम सरल किया जाय
●अविलम्ब भुगतान किया जाय
●ओला वृष्ट और बारीश से तबाह किसानो को मुआवज़ा और मृतक किसानो के परिजनों को राहत अनुदान दिया जाय
लखनऊ 13 मई उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्य मंत्री आदित्य नाथ को एक पत्र भेज कर प्रदेश में किसानो की समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए उनके तुरंत निदान की मांग की है। अपने पत्र में प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा है की कोरोना महामारी के इस दौर में किसानो के गेहूं की अभी तक पूरी खरीदारी नहीं हुई और खरीदारी के लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन की शर्त से किसानो को बहुत दिक़्क़त का सामना करना पड़ रहा है इसका सरली कारण किया जाय क्योंकि मोबाइल द्वारा रजिस्ट्रेशन करा पाना हर किसान के लिए सम्भव नहीं है ।
उन्होंने कहा की किसानो को भुगतान भी नहीं किया जा रहा है जो की उन के साथ अन्याय और धोखा है अतः प्राथमिकता के आधार पर उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाय ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में यह भी मांग की कि ओला वृष्ट और असमय बारिश से बर्बाद हुए किसानों को उचित मुआवज़ा दिया जाय और दैविक आपदा से जिन किसानो की मृत्यु हो गयी है उनके परिजनों को यथा शीघ्र उचित राहत व् अनुदान दिया जाए ।
डॉ. ज़ीशान अंसारी डॉक्टर विंग का प्रदेश सचिव नियुक्त किये गए
शाह मोहम्मद
मदर टेरेसा फाउंडेशन के नेशनल चेयरमैन डॉ. मो. नासिर खान ने डॉ. ज़ीशान अंसारी को उ.प्र. के डॉक्टर विंग का प्रदेश सचिव नियुक्त किया
कानपुर । मदर टेरेसा फाउंडेशन नेशनल स्तर से लोगो के बीच मे हमेशा किसी ना किसी रूप में कार्य करती नजर आती है कभी लोगो के बीच हेल्थ के विषय मे जागरूक करते हुए, तो लाकडॉन जैसी मुसीबत की घड़ी में जरूररतमंदो को राशन वा जरूरी सामान मुहैय्या कराते हुए इसी संस्था में समाज के प्रति खिदमत का जज़्बा रखने वाले कानपुर के मशहूर समाजसेवी और पेशे से डॉ. ज़ीशान अंसारी की काबिलियत को देखते हुए। मदर टेरेसा फाउंडेशन के नेशनल चेयरमैन डॉ. मो. नासिर खान ने उ.प्र. के डॉक्टर विंग का “प्रदेश सचिव” नियुक्त किया।
डॉ. जीशान से बात करने पर बताया कि उनकी संस्था द्वारा Cmo से बात करके जँहा पर लोगो को जरूरत है वँहा पर फ्री हेल्थ चेकप लगाया जाएगा और लोगो को उनकी बीमारी के अनुसार फ्री दवाइयां भी दी जाएंगी तथा उनके कार्यो को देखते हुए उन्हें आयुष का विंग प्रदेश सचिव बनाया गया है
आयुष आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होमीओपैथी विभाग संक्षिप्त में आयुष (en:Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy), भारत सरकार का एक सरकारी अंग है।
डॉक्टर विंग के प्रदेश सचिव बनाये जाने पे लोगो ने दिली मुबारकबाद पेश किया जिसमें डॉ. वकारुल इस्लाम,अबरार ,एडवोकेट सैफ,उज़्मा सोलंकी,कवलजीत,संजीव मिश्रा, अरमान खान,रईस अहमद,महबूब आलम अंसारी,मिराज सिद्दीकी,डॉ. नफीस,डॉ. दानिश अंसारी,और प्रदेश के लोगो ने डॉ साहब को अपनी दुआओ से नवाजा सभी लोगो ने डॉ. जीशान के उज्जवल भविष्य की कामना किया।
52 वें दिन भी नये जोश के साथ जौहर एसोसिएशन ने बाँटा खाना
कानपुर । आज एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी की अगुवाई आज 52 दिनों से लगातार दोनों वक्त का खाना 2 हजार लोगों को वितरण किया जा रहा है । शुक्लागंज,काशीराम कालोनी फेस-2, जाजमऊ,कोपरगंज तलव्वामंडी,बकरमंडी कमेले वाला कब्रिस्तान,इफ्तिखाराबाद,सुजातगंज,बेगमपुरवा,कंघी मोहाल, रावतपुर गांव,कल्याणपुर बस्ती आदि क्षेत्रों में निरंतर खाना पहुंचाकर किसी को भी भूखा ना सोने का संकल्प लिया है ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी ने बताया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन होटलों के बाहर बैठने वालों,ठेले वालों, सड़क पर रहने वाले के लिए खाने की शुरुआत की थी जो आज तक जारी है 200 लोगों के लिए पहले दिन खाना बना था 23 मार्च से निरन्तर 2 हजार से अधिक लोगों के लिए बन रहा है अल्लाह जौहर एसोसिएशन से काम ले रहा है। आज तक एसोसिएशन 1 लाख 20 हजार लोगों को खाना खिला चुकी है और 4500 से अधिक लोगों को कच्चा राशन बाटा जा चुका है। 88 लोगों को दवा, 49 लोगों को उनके घर पहुंचानें की कोशिश जारी है ।
हाशमी ने कहा कि टीम जौहर एसोसिएशन आखरी दिन तक जनता सेवा करने के लिए तैयार है हाशमी ने आगे कहा कि किसी को भी भूखा नही रहने दूंगा हाशमी ने कहा कि रमज़ान शरीफ मे रोज़दारों को चिन्हित किया गया है 2 हजार लोगों को खाना दिया जा रहा है 600 लोग रोज़ा रखेंगें जिन्हे सहरी व अफ्तार किट निरंतर वितरण की जा रही है ।
प्रेमनगर मे इंसानियत का किचन बनाया गया है जिसमे राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी अपने हाथों से 2 हजार लोगों के लिये खाना और अफ्तारी बनाते हैं स्वादिष्ट एंव उम्दा भोजन तैयार किया जाता है । यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी,हाफिज़ मोहम्मद फैसल जाफरी,अजीज़ अहमद चिश्ती, डॉ मोहम्मद शाहिद,डॉ जमाल,सैय्यद सुहेल,मोहम्मद इलियास गोपी,सैफी अन्सारी,एहतेशाम बरकाती,मोहम्मद फैसल, मोहम्मद राहिल,हसीन ज़फर हाशमी आदि की मेहनतों से खाना बनाया जा रहा है ।
योगी सरकार द्वारा राजकोषीय प्रबंधन हुआ ध्वस्त मुख्यमंत्री सहायता कोष का दे विवरण-अजय कुमार लल्लू
योगी सरकार द्वारा राजकोषीय प्रबंधन हुआ ध्वस्त मुख्यमंत्री सहायता कोष का दे विवरण-अजय कुमार लल्लू
कोरोना की आड़ में सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियो के भत्ते खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण सरकार अपने फैसले पर करे पुनर्विचार-अजय कुमार लल्लू
प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित,3000 रुपया तक कम होगा वेतन
लखनऊ, 12 मई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना की आड़ में कर्मचारियों के भत्ते खत्म करने पर कड़ा एतराज जताया है। इस महामारी में कर्मचारी विशेषकर डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, पुलिस, खुफिया विभाग, शिक्षक आदि अपना योगदान दे रहे है, वही दूसरी ओर प्रदेश सरकार इनके हितो और जीविका को लूटने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्ते खत्म करने जा रही है। इसके पहले सरकार ने ये घोषणा की थी कि भत्तो को सिर्फ स्थगित किया गया है। प्रदेश के कर्मचारियों के भत्ते को खत्म करना अमानवीय, अव्यवहारिक और तुगलकी फरमान है। प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। प्रदेश सरकार अपने इस फैसले को वापस लेने का पुनर्विचार करे।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार निजी कंपनियों व उद्योगों के मालिकों से ये अपील करती है कि अपने कर्मचारियो का वेतन न काटे और समय से पहले वेतन दे, वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा खुद के कर्मचारियों का हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। लॉकडाउन महामारी के समय प्रदेश के कर्मचारियों पर दो गुना काम का बोझ है। ऐसे समय में उनके भत्तो को खत्म करना उन्हें हतोत्साहित करना होगा।
अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री सहायता कोष को सार्वजनिक करने की मांग की। प्रदेश के आम नागरिकों, विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिये स्वेच्छा से सरकार को हजारो करोड़ रुपये दान दिये है। बावजूद इसके सरकार ने कर्मचारियों के भत्तो को खत्म कर दिया। लल्लू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने फण्ड का विवरण प्रदेश की जनता के समक्ष रखा है। राज्य के मुख्यमंत्री से उम्मीद करता हूँ कि वे भी ऐसी ही पारदर्शिता दिखायेंगे।
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