कानपुर । देश मे (31 अक्टूबर) को पहले गृहमंत्री व उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती मनाई गई । उनकी जयंती पर कानपुर स्थित मूलगंज चौराहे पर उनकी प्रतिमा को दूध से स्नान कराने के उपरांत उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम में अखिल भारतीय पीड़ित अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा निडर और उन्नाव अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुनीत तिवारी ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला । राकेश मिश्रा ने कहा कि सरदार पटेल अन्याय नहीं सहन कर पाते थे । अन्याय का विरोध करने की शुरुआत उन्होंने स्कूली दिनों से ही कर दी थी । नडियाद में उनके स्कूल के अध्यापक पुस्तकों का व्यापार करते थे और छात्रों को बाध्य करते थे कि पुस्तकें बाहर से न खरीदकर उन्हीं से खरीदें । वल्लभभाई ने इसका विरोध किया और छात्रों को अध्यापकों से पुस्तकें न खरीदने के लिए प्रेरित किया । परिणामस्वरूप अध्यापकों और विद्यार्थियों में संघर्ष छिड़ गया । 5-6 दिन स्कूल बंद रहा । 1950 में पंडित नेहरू को लिखे एक पत्र में पटेल ने चीन तथा उसकी तिब्बत के प्रति नीति से सावधान किया था और चीन का रवैया कपटपूर्ण तथा विश्वासघाती बतलाया था । अपने पत्र में चीन को अपना दुश्मन,उसके व्यवहार को अभद्रतापूर्ण और चीन के पत्रों की भाषा को किसी दोस्त की नहीं,भावी शत्रु की भाषा कहा था। लेकिन लंदन के टाइम्स ने लिखा था “बिस्मार्क की सफलताएं पटेल के सामने महत्वहीन रह जाती हैं “। यदि पटेल के कहने पर चलते तो कश्मीर,चीन,तिब्बत व नेपाल के हालात आज जैसे न होते । वहां उपस्थित नवीन अग्रवाल ने बताया कि सरदार पटेल सही मायनों में मनु के शासन की कल्पना की थी । उनमें कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी । वे केवल सरदार ही नहीं बल्कि भारतीयों के हृदय के सरदार थे । शाकिर अली उस्मानी,पंकज यादव,विकास यादव,दीपक यादव,चेतना मिश्रा,आयुष सिंह, रितिक सिंह,सुमित शुक्ला,रजत सक्सेना,लव गुप्ता,प्रदीप त्रिपाठी,संदीप त्यागी ने सरदार पटेल के विचारों से अवगत कराया । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सहयोग रहा राकेश मिश्रा,सुनीत तिवारी,नवीन अग्रवाल विवेक हिंदू,शाकिर अली उस्मानी,दीपू नागवंशी,मीनाक्षी गुप्ता,सौरभ त्रिपाठी,लक्ष्मी निषाद जितेन गुप्ता पोपी, केसी शर्मा,अधि एस के साहू,दिलीप बागी ,रामेंद्र प्रताप सिंह संजय सिंह आलोक द्विवेदी रत्नेश शुक्ला,नीतू मिश्रा इत्यादि।
Leave a Reply