कानपुर । केन्द्र सरकार से आहवान किया गया कि इस मिक्सोपैथी एक्ट को तुरंत समाप्त किया जाए तथा जो जिस पैथी का विशेषज्ञ है उसको उसी पथी में प्रक्टिस करने की अनुमति दी जाए । क्यों की डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त करने में 5 से 8 वर्ष का समय लगता है सरकार के इस एक्ट से झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और इससे आम जनमानस का बहुत ही नुकसा होगा । भारतवर्ष में 95% मरीज आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कराते हैं । सघन चिकित्सा सुविधा एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा संपादित होती है । सभी चिकित्सा पद्धतियों का अपना महत्व होता है । सभी चिकित्सा पद्धतियों को स्वतंत्र रूप से पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना चाहिए । आई0एम0ए0 कानपुर की अध्यक्ष डॉ0 नीलम मिश्रा ने आये हुए सभी प्रेस एवं मीडिया साथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मिक्सोपेी के सख्त खिलाफ है । मिक्सोपेथी के कारण हमारे देश में चिकित्सकों की गुणवता काफी कम हो जाएगी तथा चिकित्सा स्तर में काफी गिरावट आएगी । आज भारतवर्ष में चिकित्सकों की गुणवत्ता के कारण देश-विदेश में काफी संख्या में मरीज इलाज कराते हैं ।भारतीय चिकित्सकों की विदेशों में एक अच्छी छवि है गुणवत्ता कम होने से विदेशों में चिकित्सकों की मांग कम हो जाएगी तथा विदेशों से मरीज इलाज कराने भारत नहीं आएंगे । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सरकार से यह मांग करता है कि किसी भी स्थिति में मिक्सोपेथी को लागू ना किया जाए एवं हर विधा को स्वतंत्र रूप से वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए इस मिकसोपैथि की नीति के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी चिकित्सक 11 दिसंबर को पूर्ण रूप से असहयोग आंदोलन किया तथा नॉन इसेनशियल नोन कोविड -19 को छोड़कर सभी सेवाएं बंद करके विरोध जताया ।
एक्शन कमेटी के चेयरमैन व पूर्व अध्यक्ष डॉ0एस0के0 मिश्रा ने बताया कि इसी तरीके से इंडियन मेडिसिन को देश में वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जा सकता है । मॉडर्न मेडिसिन में खिचड़ी तंत्र लाने से पूरी विद्या का हास होगा और भविष्य में देश को उच्चस्तरीय इलाज मिलने में बहुत कठिनाई होगी।आपको विदित होगा कि भारतीय चिकित्सक पूरे विश्व में श्रेष्ठ चिकित्सक सावित हुए है । विदेशों में 60 प्रतिशत चिकित्सक भारतीय है । आपने सुना होगा कि एक भारतीय चिकित्सक ने पहला फेफडे का प्रत्यारोपण करने में सफलता पायी । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हर विद्या को स्वतंत्र रूप से विकसित करने की पक्षधर है । हमारी भारत सरकार से मांग है कि मॉडर्न मेडिसिन के चिकित्सा में गुणवत्तापूर्वक प्रणाली लागू हो । हमें डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देना है ताकि अच्छी क्वालिटी वाले चिकित्सक बनें । कोविड-19 के दौरान देश में कार्य का बहिष्कार किया तथा अपने प्रतिष्ठान को बन्द करके विरोध जताया तथा केन्द्र सरकार से आहवान किया गया कि इस मिक्सोपैथी एक्ट को तुरंत समाप्त किया जाए तथा जो जिस पैथी का विशेषज्ञ है उसको उसी पैथी में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाए । क्यों की डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त करने में 5 से 8 वर्ष का समय लगता है सरकार के इस एक्ट से झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और इससे आम जनमानस का बहुत ही नुकसान होगा ।
इस अवसर पर आई0 एम0 ए0 कानपुर की अध्यक्ष डॉ0नीलम मिश्रा सचिव डॉ दिनेश सिंह सचान, एक्शन कमेटी के चेयरमैन व पूर्व अध्यक्ष डॉ0 एस0 के0 मित्रा,डॉ0वी0सी0 रस्तोगी पूर्व अध्यक्ष, डॉ0ए0के0 श्रीवास्तव,डॉ0 कल्पना विजयश्री पांडेय डॉ0 सलीम अहमद डॉ0 अर्चना भदौरिया पूर्व अध्यक्ष, डॉ0 बृजेन्द्र शुक्ला उपाध्यक्ष, डॉ0पूर्णिमा दिक्षित सांस्कृतिक सचिव, डॉ0 राजीव चित्रांसी, डॉ0 पवन कौल डॉ0 देवेन्द्र लालचंदनी, डॉ0देवरथ लालचंदानी,डॉ0राजेश भदौरिया,डॉ0 ए0आर0 मिश्रा,डॉ0 गौरव दुबे, डॉ0 सविता रस्तोगी डॉ0के0 एस0 गुप्ता,डॉ0 एस0के0निगम, कर्नल राकेश दीक्षित, डॉ0 रामजी आदि लोग मौजूद रहे ।
Leave a Reply