
दानिश खान
कानपुर । आज अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जामा मस्जिद बांसमंडी में 15 वा यौमे आबरू अहले सुन्नत बनाम साबिक शहर काजी कानपुर कारी अब्दुल समी अलेही रहमा बड़े ही अदब और हेतराम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की सदारत शहर काजी कानपुर मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही ने कुरान खानी तिलावत करके कार्यक्रम का आगाज किया जिसके बाद मशहूर शायरो ने नात ओ मन कबत का नजराना पेश किया शहर के बड़ी संख्या में मौजूद उलेमाओं ने खिताब करते हुए मरहूम शहर काजी के द्वारा किए गए कॉम व मिलाते की खिदमत को याद किया वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि कारी अब्दुस समी साहब हमेशा शहर में अमन और शांति के लिए काम करते रहे जब भी इस शहर में शर पसंद हो कि नजर लगी और शहर का माहौल खराब हुआ तो सबसे आगे कारी अब्दुल समी साहब अपनी कौम के रहबरी के लिए नजर आते थे और उनकी बात आवाम अपनी सर आंखों पर रखती थी जिससे जिला प्रशासन भी बखूबी वाकिफ था उनके द्वारा किए गए कामों को हरगिज़ भुलाया नहीं जा सकता उन्होंने मसलक ए आला हजरत को मजबूती से थामे रखते हुए अहले सुन्नत का परचम बुलंद किया और उम्मते मुस्लिमा की खूब खिदमत की हमें उनके मिशन पर आगे चलते हुए काम करने की जरूरत है हमारे बीच उनके नवासे शहर काजी कानपुर मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही की शक्ल में कौम को सच्चा रहबर मिला है हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे और मसलक ए आला हजरत को और बुलंदियों पर पहुंचाएंगे साथ ही कौम और मिल्लत की खूब खिदमत करेंगे इस मौके पर अध्यक्षता कर रहे शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब ने कहा कि हमें अपने बुजुर्गों से मिली विरासत को आगे बढ़ाना है और ज्यादा से ज्यादा तालीम पर जोर देना है क्योंकि हमारे बुजुर्गों ने तालीम बेदारी के लिए बहुत काम किया हम भी मुसलमानों के बच्चों की तालीम को लेकर चिंतित हैं हम आधी रोटी खाएं लेकिन अपने बच्चों को आला से आला तालीम दे जिससे उसे दीन की भी समझ हो और दुनिया की भी और वे अपनी तालीम के बल पर तरक्की करें अपने मुल्क की खिदमत कर सके हम सभी लोगों से यह कहना चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा अपने बच्चों को तालीम में आगे बढ़ाएं जिससे उनका मुकद्दर सांवर सके और वह एक अच्छा नागरिक बनकर लोगों की खिदमत करें इस मौके पर मुख्य रूप से शहर काजी साकिब अदीब मौलाना मुफ्ती हनीफ बरकाती कारी मिकाइल कारी कासिम हबीबी कारी अब्दुल मुट्टलिब कारी सगीर आलम हबीबी मौलाना महमूद उल हसन नूरी अतीक बरकाती अलहाज मोहम्मद अहमद मौलाना शमीम अशरफी मौलाना उमर कादरी कारी फैसल मौलाना तहसीन रजा कारी एहसान कारी मतलूब हाफिज अब्दुल रहीम कारी कलीम नूरी मौलाना रजी अमजदी कारी अब्दुल रशीद मौलाना जकाउल्लाह महबूब आलम खान अखलाक अहमद डेविड इस्लाम खान आजाद अयाज अहमद चिश्ती यावर वारसी मजूर कानपुरी हाफिजी जहीर हाजी आमिर खान मुनव्वर गनी हाजी मोहम्मद शोएब हाफिज अब्दुल अहद मुफ्ती रफी अहमद हाफिज गुलाम जिलानी सबीह कुड्डूस निजामत शब्बीर कानपुरी ने की मोहम्मद इस्माइल हाफिज जाहिद सैयद हमयहतुल्ला फिरोज बरकाती हाफिज फुरकान कारी सफदर शमशुल हक गुलाम जिलानी रोमान वारसी मोहम्मद आरिफ अत्तारी रजवी मोहम्मद शाहिद मोहम्मद कासिम राहत शहीद जैकी अख्तर मोहम्मद इमरान अंसारी हाफिज मुशीर हाफिज दानिश आदि लोग मौजूद रहे।
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