माँ की गोद बच्चे की प्रथम पाठशाला है मौलाना हाशिम अशरफी
कानपुर । माँ की गोद बच्चे की प्रथम पाठशाला है । अगर यह पढ़ी लिखी,उच्च विचारों वाली, रौशन ख्याल और व्यवहार कुशल होगी तो वह न केवल अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षिका होगी बल्कि दो परिवारों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करने का माध्यम बनती है । उक्त विचार ऑल इण्डिया गरीब नवाज़ कौन्सिल के तत्वधान में परेड में आयोजित ताजदारे बगदाद के जलसे से कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हाशिम अपरफी ने व्यक्त किया । अशरफी ने कहा कि लोकतन्त्र में नागरिक को मतदान करना उनका मताधिकार और प्रमुख जिम्मेदारी है मगर इसके लिए मतदाता सूची में नाम की प्रविष्टी अनिवार्य है । इसके बिना देश का नागरिक होते हुए भी अपना मतदान न कर सकेगा । मतदाता सूची में नाम बढ़ाने, घटाने और संशोधन का कार्य चल रहा है । मतदाता सूची में नाम न होने या किसी प्रकार की त्रुटि को शुद्ध कराने को मुख्य जिम्मेदारी समझें।अशरफी ने कहा कि किसानों का आन्दोलन तूल पकड़ता जा रहा है। समय रहते हुए इसके समाधान की ओर ध्यान देना चाहिए । किसानों की आवाज़ को सिरे से नकारा नहीं जा सकता क्योंकि देश उन्हें अन्नदाता मानता है । मौलाना मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही उक्त कौन्सिल के शहरी अध्यक्ष ने कहा कि अल्लाह के वलियों की शिक्षा और उनके बताये हुए रास्ते पर चलना ही उनसे सच्चा प्रेम है । इससे पूर्व जलसे का प्रारम्भ कुरआने पाक की तिलावत से कारी इश्तियाक अहमद ने किया । कारी इकबाल बेग कादरी ने नात शरीफ का नज़राना पेश किया। जलसे की अध्यक्षता मौलाना मो0 महताब आलम कादरी मिस्बाही ने और संचालन शब्बीर अशरफी ने किया । अन्त में देश की अमन व शान्ति और कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए दुआ की गयी। इस अवसर पर मौलाना गुलाम हसन, मौलाना जुनेद, हाफिज़ कोनैन, हाफिज़ फैजान, बब्लू भाई, खालिद भाई, फैसल भाई आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।
Leave a Reply