कानपुर । भारत की पहचान एक कृषि क्षेत्र वाला किसान देश है देश की आजादी के पहले से और अब तक किसानों की बहुत बड़ी भूमिका रही है । आज कानपुर रामादेवी चौराहे पर पूर्व राष्ट्रीय सचिव युवजन सभा फतेह बहादुर गिल ने कृषि बिल कानून के तीनों विधेयकों को सरकार से वापस लेने की मांग कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया एवं महामहिम रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा । फतेह बहादुर गिल ने कहा कि किसानों की बदहाली के पीछे केंद्र सरकार का हाथ देश दोही कंधो पर चलता है । एक जवान एक किसान लेकिन भाजपा सरकार ने इन शब्दों का अर्थ ही बदल दिया तानाशाही से सरकार चलाकर गरीबों पर अत्याचार कर रही आगे कहा कि युद्ध का समय हो चाहे कोविड-19 की माहामारी बीमारी का समय हो किसान ने हमेशा बहुत बड़ी भूमिका निभाई और बराबर निभा रहा है । मगर राष्ट्रपति केंद्र सरकार द्वारा किसी भी संशोधन विधेयक 2020 तीनों विधेयक हैं वह किसानों के हित की नहीं है तीनों विधेयक उद्योगपति बड़े व्यापारी के हित का कार्य भाजपा सरकार चल रही है । आवश्यक वस्तु अधिनियम भंडारण इस विधेयक में कालाबाजारी बढेगी और उद्योगपति भंडारण मुंह मांगे दामों में बेचेंगे । मतलब सीधा सीधा उद्योगपतियों का जाल व्यापारी ने किसान से एग्रीमेंट किया तो किसान कहीं नहीं भेज सकता किसान लिखा पढ़ी करके बंद जाएगा । व्यापारी लिखा पढ़ी करने के बाद भी फसल नहीं उठा तो किसान किसके दरवाजे जाएगा । विरोध प्रदर्शन में महाराजपुर विधानसभा अध्यक्ष संतोष यादव, महिला अध्यक्ष आशा सिंह, लोहिया वाहिनी ग्रामीण अध्यक्ष विजय यादव, रफीक अहमद गाजी डॉक्टर सी0एस यादव, अजीत सिंह, इरफान गाजी, ऋषि पाल टीपू, साहिल श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे ।
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