कानपुर । लाल लाजपत राय हॉस्पिटल (हैलट) में पुतली का प्रत्यारोपण हुआ,जिससे दो कार्निया के मरीजों की अंधेरी दुनिया रोशन हो सकी ।
लॉक डाउन के कारण उचित गाइडलाइन उपलब्ध ना होने के कारण कार्निया का प्रत्यारोपण एवं नेत्रदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं हो पा रही थी ।
परन्तु अब सरकार एवं आई बैंक एसोसिएशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस उपलब्ध होने के पश्चात आज से पुनः कॉर्निया का प्रत्यारोपण हैलट अस्पताल में डॉक्टर शालिनी मोहन एवं उनकी टीम द्वारा शुरू किया गया । विदित हो कि मरणोपरांत राजेंद्र प्रसाद जी जिनकी उम्र 78 वर्ष थी जो कृष्णा नगर के निवासी थे,उनका नेत्रदान 24 मई 2020 को हुआ था ।
इस नेत्रदान को संपन्न कराने में पूर्व पार्षद एवं समाजसेवी मदन लाल भाटिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा श्री भाटिया के सहयोग से नेत्र विभाग की टीम ने नेत्रदान के पश्चात कार्निया को सुरक्षित कर लिया था तथा जिन मरीजों को कॉर्निया के प्रत्यारोपण की जरूरत थी फोन के द्वारा उन्हें सूचित किया गया और उन्हें बुलाकर सभी प्रकार के टेस्ट कराए गए उन परीक्षण में मुख्यतः कोविड-19 का भी टेस्ट कराया गया ।माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ सुरैया के सहयोग से टेस्ट का रिजल्ट 24 घंटे के अंदर ही मिला तथा दोनों मरीज जिनके की कोविड टेस्ट नेगेटिव पाए गए उनको कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया गया। कार्निया प्रत्यारोपण नेत्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्निया विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी मोहन ने किया।उन दोनों लाभार्थियों के नाम श्री हरीश चंद व विनोद कुमार है जिसमे हरीश चंद्र की उम्र 36 वर्ष जरौली गांव बर्रा कानपुर के निवासी तथा विनोद कुमार की उम्र 55 वर्ष तिवारीपुर दुबौलिया जिला बस्ती के निवासी है।श्री हरीश चंद की आंख में इंफेक्शन हो जाने के कारण पुतली में घाव बन के छेद हो गया था जिसकी वजह से आंख का द्रव तथा तरल पदार्थ बाहर निकल आया था और आंखों बचाने भी मुश्किल हो रहा था ऐसे में पुतली के द्वारा प्रत्यारोपण से उनकी आंखों सुरक्षित किया गया इसी प्रकार श्री विनोद कुमार की आंखें जिनमें फंगल इंफेक्शन हो गया था और वह ठीक नहीं हो पा रहा था अतः उनकी इंफेक्शन वाली कनिया को इस नई अच्छी कॉर्निया से बदल बदल दिया गया जिससे कि उनका इंफेक्शन पूर्ण रूप से ठीक हो जाए।इस पूरी प्रक्रिया में प्रधानाचार्य एवं डीन प्रोफेसर आरती लालचंदानी का सहयोग पूर्ण रूप से रहा तथा जिस भी समय कहीं भी कोई बाधा आई उन्होंने तुरंत ही उसका निवारण किया इसके साथ नेत्र विभाग के जूनियर डॉक्टर ने कार्निया को सुरक्षित कर तथा प्रत्यारोपण में पूरा सहयोग कर बहुत ही उल्लेखनीय कार्य किया। इसमें मुख्य रूप से डॉ0 प्रियश डॉ0 लुबना,श्वेता तथा डॉ0 दिनेश रहे । तथा कोविड काल में कॉर्निया प्रत्यारोपण करने के लिए गाइडलाइंस को पूरी तरह से फॉलो किया गया।
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