कानपुर । जब पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण अपने अपने घरों में कैद था,तब देश के डॉक्टर अपने मरीजों को बचाने में दिन और रात एक किए हुए थे,शायद इसीलिए डॉक्टरों को धरती के भगवान के रूप में पूजा की जाती है यह कहावत फिर एक बार सच साबित हुई ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 28 अप्रैल को मौदहा (हमीरपुर)निवासी अजय कुमार का कानपुर आते वक्त एक्सीडेंट हो गया था । एक्सीडेंट का कारण उनके सिर में गंभीर चोटें आई,कोरोना महामारी के कारण उनके परिजन उन्हें बड़े-बड़े अस्पतालों में भर्ती कराने हेतु चक्कर लगाते रहे,लेकिन अस्पतालों में जगह की कमी के कारण उनको किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया,ऐसे समय में कानपुर नगर के हैलट अस्पताल के सामने क्लीनिक चलाने वाले न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रशांक गोयल देवदूत की तरह मरीज के परिजनो के सम्पर्क में आए ।
डॉ प्रशाकं ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया तथा समय रहते उस मरीज के मस्तिष्क का सफल ऑपरेशन कर उसे नई जिंदगी दी । इस संदर्भ में मरीज के परिजनों ने डॉ प्रशांक की भूरी भूरी प्रशंशा करते हुए कहा कोरोना महामारी के इस कठिन समय में डॉ प्रशांक हमारे लिए भगवान के दूत बनकर आए और अपने चिकित्सा धर्म का पालन कर अजय कुमार की जान बचा ली ।
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