कानपुर । मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम जशन ए ताजे विलायत मौला अली व शहादत उस्मान गनी खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए अकीदत एहतिराम व सादगी के साथ मनाया गया । ज़ोहर की नमाज़ के बाद जशन ए ताजे विलायत मौला अली व शहादत उस्मान गनी का आगाज़ हाफिज़ रेहान अहमद ने कुरान पाक की तिलावत से शुरु किया। शोरा ए कराम ने नात मनकबत पढ़ी “बस अली का साथ हमको दो जहां से प्यारा है वो है तो सब हमारा है, मुनाफिक और मोमिन में अगर पहचान करनी हो लगाओ मिलकर सब नारा अली मौला अली मौला, पुकारु मैं अली मौला, तुझे क्यों दर्द उठता है नबी ने खुद पुकारा है अली मौला अली मौला” नात मनकबत सुनकर सभी सुबहान अल्लाह सुबहान अल्लाह नारे हैदरी या अली या अली की सदाएं बुलंद हुई।
जशने ताजे विलायत को खिताब करते हुए उलेमा ए दीन ने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) जब हिज्जातुल विदा से वापस मदीने शरीफ जा रहे थे तो रास्ते मे एक मुकाम आया जिसे गदीर ए खुम कहा जाता है हुज़ूर ने अपने सहाबियों से पड़ाव डालने का हुक्म फरमाया ज़ोहर की नमाज़ के बाद रसूले खुदा ने खिताब फरमाया व हज़रत अली का हाथ उठाकर कहा जिस जिस का मै मौला उनका अली मौला यह बात हज़ारो सहाबियों की मौजूदगी मे हुज़ूर ने कही। उलेमा ए दीन ने ईदे गदीर ए खुम की पूरे आलम के मुसलमानों को मुबारकबाद दी।
खानकाहे हुसैनी के सज्जादानशीन एवं मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने कहा कि हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) फरमाते है खुदा मेरा मौला है, मै हर मोमीन का मौला हूँ मनकुंतो मौला जिसका मै मौला हूँ उसका अली मौला है व हज़रत उस्मान ग़नी रज़ि अल्लाह तआला अन्हु को खिराज ए अकीदत पेश कर कहा कि ज़माना ए खिलाफत में बैत उल माल से मोअज़्ज़िन के लिए तनख्वाह मुकर्रर की गई, ईदैन की नमाज़ से क़ब्ल खुतबा का आगाज़ हुआ ।
जशन ताजे विलायत मे खानकाहे हुसैनी के सज्जादानशीन एवं मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, परवेज़ आलम वारसी, हाजी मोहम्मद शाबान, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, मोहम्मद हफीज़, एजाज़ रशीद, आफताब वारसी, शादाब अहमद, मोहम्मद मोहसिन, परवेज़ सिद्दीकी,अफजाल अहमद आदि लोग मौजूद थे।
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