कानपुर । मुसलमानों के तीसरे सबसे पवित्र धार्मिक स्थल क़िबला ए अव्वलीन मस्जिद ए अक्सा में बीती रात को इस्राइली बलों के फिलिस्तीनी मुसलमानों पर किए गए ज़ुल्म की मुस्लिम स्टूडेंट ओर्गेनाईज़ेशन (एम.एस.ओ.) कानपुर यूनिट ने कड़ी आलोचना की और सयुंक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) और इस्लामिक मुल्कों की खामोशी को शर्मनाक बताया ।
एम.एस.ओ. कानपुर यूनिट के पदाधिकारी वासिक बेग बरकाती ने कहा कि फिलिस्तीन की ज़मीन पर इस्राइल ने अवैध कब्ज़ा जमाया हुआ है । फिलिस्तीनीयों को उनकी ज़मीन से बेदखल कर दिया गया । ज़ुल्म और अत्याचार के दम पर फिलिस्तीनीयों की ज़मीन पर यहूदी बस्तियों को बसाया जा रहा है । जिस पर सयुंक्त राष्ट्र सहित जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन आदि मुल्कों ने विरोध किया । लेकिन मुस्लिम देशों ने बेशर्मी के साथ चुप्पी साध रखी है और तमाशाई बने हुए है ।
बरकाती ने कहा कि इस्राइलियो और जायोनियों को मजलूम फिलिस्तीनीयों के खून के एक-एक कतरे का जवाब देना होगा । जल्द ही एक नए दौर का आगाज़ होग जब लहू पुकारेगा और बुजुर्ग, बच्चों नौजवानों का बहने वाला खून राएगा नहीं जाएगा ।
उन्होने बताया कि फिलिस्तीनी मुस्लिम शेख जराह में इस्राइल के द्वारा अपनी ज़मीनों के अवैध कब्जे के विरोध और मस्जिद ए अक्सा में अपने अधिकारों की बहाली के लिए एकत्रित हुए थे । इस दौरान वह दुआ कर रहे थे कि इस्राइली बलों ने गोलियों की बौछार कर दी। जिसमे 180 के करीब लोग ज़ख्मी हुए और कई के शहीद होने की भी अफसोसनाक खबर है ।
बरकाती ने बताया कि इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया है और भारत सरकार से भी अपील करते हुए कहा हैं कि वह इस्राइली राजदूत को तलब कर विरोध जताए साथ ही सयुंक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) और इस्लामिक मुल्कों को फिलिस्तीनीयों के लिए मदद भेजने और इस्राइल के ज़ुल्म को रोकने के लिए कदम उठाए । इस दौरान अदनान बरकाती, अब्दुल, युसुफ नवाब, सुहैल, फहद, आमिर, मोहसिन मौजूद रहे ।
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