कानपुर । पैंथर धनीराम बौद्ध अध्यक्ष भारतीय दलित पैंथर उत्तर प्रदेश में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा कहां की आजादी के 74 वर्षों के बाद आज भी जातिवाद, भेदभाव, समन्तवादी प्रथा आज भी कायम है जिसका उदाहरण हाल ही में घटित महोवा की घटना से उजगार होता है कि जनपद महोवा के ग्राम माधौगंज में अनुसूचित जाति के अलखराम अहिरवार पुत्र गयादीन जिनका विवाह 18 जून 2021 को होना सुनिश्चत है वह घोड़ी पर चढकर दुल्हन के घर बारात लेकर जाना चाहते हैं परन्तु सामन्ती प्रथा व दूषित मानसिकता के चलते उन्हें यह आंशका है कि यदि घोड़ी पर चढकर बारात लेकर जायेगें तो कुछ अराजक तत्व विवाह में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं इसलिये उन्होने जिले के आला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक महोदय से बारात मे सुरक्षा व्यवस्था व बारात की अनुमति मांगी है ।दूसरी घटना भी जनपद महोवा से हैं जहां पर अनुसूचित जाति के नव निर्वाचित महिला प्रधान सविता देवी जो पंचायत नथूपुरा की प्रधान हैं जिला मुख्यालय से सी०डी०ओ० व मुख्य विकास अधिकारी डी०पी०आर०ओ और • वी०डी०ओ० के साथ ब्लाक करबई में बैठक के लिये बुलाया गया था, जहां पर रामू राजपूत ने नव र्निवाचित ग्राम प्रधान सविता देवी अहिरवार को कुर्सी पर से जबरन उठा दिया और उसको जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर उनके साथ अभद्रता की ।
तीसरी घटना जनपद सुल्तानपुर से है, जहां पर बाबूलाल कोरी उम्र 70 वर्ष अपनी पुत्री के विवाह के निमन्तत्रण कार्ड मे बाबा साहब भीम रॉव अम्बेडकर का चित्र व उनकी 22 प्रतिज्ञायें छपवाकर अपने नाते रिश्तेदारों व ईष्ट मित्रों में बटवाने पर पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया भारतीय दलित पैंथर उ०प्र० संगठन उपरोक्त तीनो घटनाओं की घोर निन्दा करता हैयहकि अलखराम अहिरवार पुत्र गयादीन निवासी ग्राम माधौगंज, अन्तर्गत थाना महोवा कन्ठ का विवाह दिनांक 18 / जून / 2021 को है, उपरोक्त निवास स्थान से विवाह स्थल तक घोड़ी पर चढकर बारात ले जाने की अनुमति प्रदान करने का प्रभावी आदेश पारित किया जाये ।
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