कानपुर । राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के सरकार द्वारा लिये गए निजीकरण के फैसले के विरोध में केस्को कर्मियों द्वारा 48 घंटे का सहयोग सत्याग्रह की शुरुआत कर दी गई है । इन 48 घंटे तक कोई केस्को कर्मी अपने घर ना जाकर अपने अपने सब स्टेशन पर ही रुककर सरकार के फैसले का विरोध करेगा । इसी के साथ बिजली उपभोक्ताओं को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े उसका समाधान तुरंत करेगा । विदित हो कि कुछ समय पूर्व राज्य विद्युत इंजीनियर संगठन ने सरकार को चेतावनी दी थी के अगर सरकार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की कार्यवाही की तो समस्त बिजली कर्मचारी प्रदेश की विद्युत व्यवस्था ठप कर देंगे । जिससे सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे । सरकार द्वारा संगठन की मांगों पर कोई ध्यान नहीं देने से छुब्ध संगठन के पदाधिकारियों ने सहयोग सत्याग्रह की शुरुआत कर अपने कड़े तेवर दिखा दिए हैं । आंदोलन शुरू करने पर संगठन के अध्यक्ष इं0 देवेंद्र अग्रवाल ने कहा एक ओर पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहा था । उस समय भी बिजली कर्मचारियों ने अपने व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर जनता के हित के लिए पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया । उसके बाद भी सरकार बिजली कर्मियों के साथ-साथ आम जनता से छल कर रही है । उन्होंने विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के फैसले को जनविरोधी बताया । उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा । अगर सरकार ने निजीकरण जैसे ज्वलंत समस्याओं का जल्द निस्तारण नहीं किया तो संगठन की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा जो आंदोलन का आह्वान होगा उसके लिए संगठन बाध्य होगा । जिससे औद्योगिक अशांति भी उत्पन्न हो सकती है । जिसकी पूरी जिम्मेदार सरकार होगी । आंदोलन में प्रमुख रूप से केंद्रीय महासचिव ई0 विकास भटनागर केंद्रीय संगठन सचिव इं0 अरविंद त्रिपाठी,इं0 रमेश चंद्र गौतम,इं0 राजू पासवान,इं0 सत्य प्रकाश यादव,इं0 अमित गुप्ता,इं0 इमरान हमीदी आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
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