कानपुर । चकेरी थाना क्षेत्र में रहने वाले अधिवक्ता को दो शातिर भाइयों ने केन्द्र सरकार का DFCCIL प्रोजेक्ट का फर्जी वर्क आर्डर दिखाकर दस लाख रुपये हड़प लिए और ₹ वापस माँगने पर जान से मारने की धमकी दे रहे है दबंग, अधिवक्ता ने मामले की शिकायत एसएसपी से की । जिसके बाद एसएसपी ने जाँच करवाई मामला सही पाए जाने पर नौबस्ता थाने में शातिरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया ।
आप को बताते चले कि एडवोकेट अनिल कुमार सचान ने बताया कि पिछले वर्ष 16 अक्टूबर को नौबस्ता हंसपुरम में रहने वाले राशिद अब्बास ने अपने मित्र झाँसी के जरयाई गाँव का पूर्व प्रधान रवि शंकर गौतम और उसके भाई संजय कुमार गौतम से मिलवाया और बताया की ये दोनो भाई केंद्र सरकार के अधीन DFCCIL प्रोजेक्ट में GMR इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अंतर्गत मिट्टी कटिंग एन्ड डंपिंग का कार्य कर रहे है जिस पर इनको फाइनेंसर की जरूरत है और इन के पास पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं है तभी रवि शंकर गौतम ने एक फर्जी वर्क आर्डर दिखाया जो GMR इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड तथा मेसर्स शिव कंस्ट्रक्शन के मध्य हुआ था तभी रवि शंकर गौतम ने अधिवक्ता को झांसा दिया कि आप जो भी रकम हमको देंगे तो उसका प्रति माह हम आपको 15 प्रतिशत के हिसाब से लाभ देंगे । यही नही रवि शंकर गौतम ने अधिवक्ता को उक्त वर्क आर्डर की मूल कापी विशवास दिलाने के लिए दी और कहा कि जब तक हम आपका रुपया नहीं देते आप यह वर्क आर्डर अपने पास रख लो जिस पर विशवास करके अधिवक्ता ने राशिद के घर पर ही रवि शंकर गौतम और उसके भाई संजय कुमार गौतम की फर्म शिव कंस्ट्रक्शन के HDFC बैंक चिरगांव झांसी के खाता में अपने ICICI बैंक के खाते से रुपया ट्रांसफ़र कर दिया । एक माह बीत जाने के बाद जब अधिवक्ता ने अपना रुपया माँगा तो रविशंकर और संजय ने टाला मटोली शुरू कर दी और बोले कि अभी मिट्टी का भुगतान नहीं हुआ है आप परेशान ना हों 1 माह और लगेगा आपका लाभांश और मूल रकम एक साथ वापस कर देंगे ।आप हम पर विशवास करो उसके बाद भी रुपया वापस नहीं मिला तो अधिवक्ता ने दोनों भाइयों से संपर्क किया तो दोनों ने मोबाइल नहीं उठाया तब राशिद से उक्त लोगों से संपर्क कर रुपया लौटाने को कहा तब काफी प्रयास के बाद राशिद ने दोनो से बात कराई तो जान से मारने की धमकी दी और कहा कि अब अगर रुपया माँगा तो झांसी से किसी फर्जी मुकदमें में फंसा कर जेल भिजवा देंगे । तब जानकारी की पता चला कि वर्क आर्डर फर्जी और कूटरचित है ।
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