कानपुर । स्वतन्त्रता आन्दोलन से लेकर समाजवादी आन्दोलन को आगे बढ़ाने में अपना सारा जीवन न्योछावर करने वाले पुर अमन बगावत के अमर सेनानी प्रख्यात लोहियावादी विचारक स्व० रेवा शंकर त्रिवेदी की पुण्यतिथि के अवसर पर लोहिया प्रतिमा स्थल, फूलबाग में वृक्षारोपण व गोष्ठी का आयोजन हुआ। डा० राम मनोहर लोहिया स्मारक समिति, कानपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्यारे लाल गुप्त व संचालन अम्बर त्रिवेदी ने किया । जिसमें सबसे पहले समिति की महिला सदस्यों सहित सभी ने पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिये वृक्षारोपण किया ।
गोष्ठी में प्यारे लाल गुप्ता ने बताया कि स्व० रेवा शंकर त्रिवेदी की स्वतन्त्रता आन्दोलन की भूमिका मुलाई नहीं जा सकती। अंग्रेजों के पुलिस के कपड़ों की गाठ जो मैसा ठेला से जाती थी, उसमें स्व० त्रिवेदी जी अंग्रेजों के समय डी०ए०वी० कालेज लैब से चोरी की गई । फासफोरस अपने मुख में रखते थे क्योंकि फासफोरस गीली रहने तक सही और सूखते ही आग पकड़ लेती थी। उसे मुख से निकाल कर कपड़ों की गाँठों में रगड़ देते थे जिसके सूखते ही अंग्रेजों के मंगाये गये कपड़े जलकर राख हो जाते थे और नये-नये तरीके निकाल कर अंग्रेजों को हर वक्त देश छोड़ने पर मजबूर करते थे। इसी क्रम में अंग्रेजों ने उन्हें कड़ी सजा के लिये उस समय की सबसे खतरनाक जेल चुनार के किले में 18 माह तक कैद रखा था ।सुरेश गुप्ता ने कहा कि स्व० रेखा शंकर त्रिवेदी जी ने स्वतन्त्रता समान के रास्ते पर चलते हुए डा कभी समझौता नहीं किया। लोहिया के विचारों को अपनाया सिद्धान्तों से कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भी प्यारे लाल गुप्ता, आम्बर त्रिवेदी (महामंत्री), अनुराग वर्मा, सुरेश गुप्ता, सतीश चन्द्र शुक्ला, सी०पी० ओमर, अनिल चौबे, मानू गुप्ता, विजय गुप्ता, बिल्लू माल्मीकि, रिकू केसरवानी, आदर्श शुक्ला, अनिल राठौर (भतीजे), विक्रम अवस्थी, पीयूष दीक्षित, शशी शर्मा, अनुराग अग्रवाल (ख) गोपी बाजपेई, अशोक गुप्ता (गुरु), आशीष त्रिवेदी (अनुज निगम, मो० ताहिर, राजू, खोपड़ी, राजेश शर्मा, बब्लू पाण्डे, बन्टी शर्मा, मुमताज मसूरी, राकेश दीक्षित, मनुज निगम, राजकुमार गुप्ता, श्याम तिवारी, राजू, योगेश साहू (सोनू) प्रभात सवाल के मिश्रा, अनूप हजारिया, चन्द्र प्रकाश ओझा, रवीन्द्र तिवारी, उमाकान्त तिवारी, मो० इमरान (प्यारे), नूर आलम, सन्तोष दीपा यादव, दीपिका मिश्र, नगर अध्यक्ष इमरानी अव भन्दा सवाल, कृपाशंकर त्रिवेदी आदि लोग मौजूद रहे ।
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